Family Sex Storiesभाई-बहन की चुदाई

बहन की ननद की चुदाई

मैंने आपको अपनी बहन की ननद की चुदाई की कहानी पहले ही बता दी थी। मेरी बहन ने मेरे 18 साल के होने पर मेरे लिंग को अपने योनि में रखना बंद कर दिया था और मुंह से चूसना शुरू कर दिया था। लेकिन शादी के बाद उसने फिर से मेरे लिंग को योनि में रखना शुरू कर दिया था और कारण भी बताया था कि लिंग से पानी निकलने के बाद बच्चा होने का खतरा होता है इसलिए मैंने लिंग को योनि में रखना बंद कर दिया था।

उसने यह भी कहा था कि उसके पति का लिंग बहुत छोटा है और उससे बच्चा नहीं हो सकता इसलिए उसे मेरे लिंग की बहुत जरूरत है। मैं अपनी प्यारी बहन को कैसे नाराज कर सकता था जिसने मुझे यह खेल सिखाकर जीवन का असली मजा दिया था। शादी के बाद वह हमारे घर, यानी अपने मामा के घर आने लगी थी, लेकिन सब ने इसे गलत नहीं समझा बल्कि मामा से प्यार समझा।

एक बार उसने संदेश भेजा कि उसका पति कुछ दिनों के लिए बाहर जा रहा है और घर में वह और उसकी छोटी ननद अकेले रहेंगी इसलिए मुझे कुछ दिनों के लिए भेज दो। आँखों का क्या, मेरी खुशी का कोई ठिकाना नहीं था। जीजा भी घर में नहीं होगा इसलिए खुलकर चुदाई का मौका मिलेगा। मैं अगले ही दिन उसके घर पहुँच गया। मुझे इतनी जल्दी अपने ग़हरे देखकर वह खुशी से फूल कर कुपट हो गई। घर में वह और उसकी ननद जो 18 साल की लगभग होगी दोनों थीं। मुझे गले लगाते हुए उसने मेरे कान में कहा ‘तुम्हारे जीजा ने हम दोनों को प्यार करने का सुनहरा मौका दिया है अब जब तक वो वापस नहीं आएंगे तुम यहीं रहोगे।’ मैंने हाँ कर दी क्योंकि करना ही था और मैं चाहता भी था कि हमें खुले में चुदाई का मौका मिले, जो अब मिल गया था।

रात को खाना खाने के बाद मुझको वह कमरा दिया जो मेरी बहन के कमरे से सटा हुआ था जिसमें अटैच बाथरूम था। बाथरूम का दरवाजा दोनों कमरों में खुला रहता था। बहन ने कमरा दिखाते हुए ही कहा कि रात को मेरे कमरे में आ जाओ या मैं तुम्हारे कमरे में आ जाऊंगी। रात को उसकी ननद के सो जाने के बाद मैं उसके कमरे में चला गया। मैंने सिर्फ लुंगी पहनी थी लेकिन हैरानी की बात यह थी कि बहन बिलकुल नंगी बिस्तर पर लेटी मेरे इंतजार कर रही थी। मैंने पूछा कि क्या बात है पहले ही सब कपड़े उतार दिए हैं, जल्दी हो रही है।

उसने कहा ‘नानी, शादी के बाद तुम्हारे जीजा ने इस तरह सोने की आदत डाल दी है क्योंकि वो ज्यादा देर नहीं रह सकते। कभी-कभी तो योनि पर ही अपना पानी निकाल देते हैं और मुझे तड़पाकर सो जाते हैं।’ मैंने कहा ‘बहन आज मैं तुझे भरपूर मजा दूंगा और सारी प्यास बुझा दूंगा।’ उसने कहा ‘मेरे प्यारे भाई अगर मुझे तेरा लिंग न मिले तो मैं तो तड़प-तड़प कर मर जाऊंगी। बचपन से ही तेरे लिंग के सहारे जी रही हूँ और लगता है कि जीवन इसी के सहारे कटेगा अगर तुम्हारी शादी के बाद तुम्हारी पत्नी ने तुमको रोका नहीं होता।’ मैंने कहा ‘पत्नी को क्या बताऊं और तुझे मजा दूंगा। यह तो पहले से ही तुम्हारा है और तुम्हारा रहेगा। इसने तुमने पहली बार लिया था तो यह छोटा सा था, तुमने तेल मालिश करके और अपनी प्यारी योनि का रस पिलाकर इसे इतना बड़ा और मोटा बनाया है।’

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‘अच्छा अब समय बर्बाद न कर और योनि को जल्दी से अपने लिंग दे दो, बहुत तड़प रही है।’
‘मैंने कहा क्या आज मुंह में डालकर चूसोगी नानी, उसने कहा ‘पहले योनि की प्यास बुझाओ फिर सारी रात चूसने के लिए है।’

मैंने भी जल्दी से उसकी टांगों को अपने कंधों पर रखकर अपना लिंग उसकी योनि पर लगा दिया। लिंग को योनि ने तुरंत अंदर ले लिया। १५-२० मिनट तक बहुत मजेदार चुदाई के बाद लिंग बाहर निकलने लगा तो उसने कहा ‘आज इसे अंदर ही रहने दो अब बाहर न निकालो।’ मैंने कहा ‘जो हुक्म मेरी जान’ और लिंग को उसकी योनि में डालते ही उसके ऊपर लेटकर उसके होंठों का रस पीना शुरू कर दिया और उसके ममनों को लेकर उनको सहलाया।

अचानक दरवाजा खोलने की आवाज आई और हमे देखने का मौका दिए बिना वो वापस चला गया, जिसने दरवाजा खुला था। हम सोचने लगे कि कौन हो सकता है। मेरी बहन ने कहा बाहर का तो कोई नहीं होगा शायद मेरे ननद ‘बेबी’ हो। मैंने कहा यह बहुत बुरी बात होगी आज तक जो भेद रहा वो खुल जाएगा। मेरी बहन ने कहा चिंता मत कर मैं इस का रास्ता भी जानती हूँ लेकिन तुम्हें मेरा साथ देना पड़ेगा। मैंने कहा कैसे तो उसने कहा कि अब तो एक ही रास्ता है कि उसे भी छोड़ना पड़ेगा। मैंने कहा अगर उसने विरोध किया और किसी को बताया तो और भी गड़बड़ हो जाएगी। उसने कहा इस चिंता मत कर मैं पहले उसे तैयार कर लूंगी फिर तुझे उसे चोदने में मदद करूंगी।

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वो उठी और बेबी के कमरे में गई। बेबी ने सोने का नाटक जरूर किया लेकिन जल्दी ही मान गई कि वह हमारे कमरे में आई थी। दीदी ने पूछा तो फिर वापस बिना बताए क्यूँ आई हमने समझा कोई चोर नहीं होगा इसलिए तुम्हारे कमरे में तुमसे पूछने आई हूँ। उसने कुछ न कहकर कहा कि वैसे ही नींद नहीं आ रही थी तो मैंने सोचा तुम्हारे कमरे में चलती हुई देखूंगी। दीदी ने पूछा तो फिर वापस क्यूँ आई। इस पर वो चुप हो गई, लेकिन दीदी के बार-बार पूछने के बाद उसने बताया कि भाभी तुम अपने भाई के साथ सो रहे थे।’ ‘तो क्या हुआ तुम भी एक तरफ सो जाओ।’ भाभी मुझे शर्म आ रही थी।’ किससे अपनी भैभी से या भाई से?’ बहुत मुश्किल से उसने बताया कि तुम दोनों नंगे सो रहे थे इसलिए। दीदी बोली इस में क्या बात है मैं तुम्हारे भाई के साथ भी नंगी सोती हूँ और ये आदत तो मुझे ही उन्होंने डाल दी है।’ भाभी मैंने आज तक किसी को नंगा नहीं देखा इसलिए शर्म आ गई।’ दीदी ने कहा ‘कोई बात नहीं आज तुम्हारी शर्म भी उतार देती हूँ।

अच्छा बताओ क्या तुम कभी चुदाई करवाना चाहती हो?’ वो झिझकते हुए बोली ‘मन तो करता है लेकिन डर लगता है।’ ‘ किस बात का डर लगता है?’ दीदी ने पूछा। ‘यह की अगर किसी को पता चल गया तो बदनाम भी हो जाऊंगी और भाई से डांट भी पड़ेगी।’ ‘अरे ऐसा था तो अपनी भाभी से कहती मैं सारा इंतजाम भी कर देती और किसी को कुछ नहीं पता चलता ना कोई और किसम का डर।’ भाभी एक बात बताओ क्या तुमने शादी से पहले चुदाई करवाई थी?’ ‘मेरी प्यारी बेबी अब हम एक दूसरे के राजदूत हो गए हैं तो तुम्हें सच ही बता दूंगी। मैंने अपने इस भाई से पहले तो बहुत चुदाई करवाई थी और जीवन का भरपूर मजा लिया था। अब बोली तुम भी यह मजा लेना चाहती हो या नहीं, उसका मन अब चुदाई के लिए करने लगा था।’ उसने कहा भाभी मैं किससे चुदाई करवाऊं?’ ‘अरे तुम्हारे पास कुआं है और पानी की तलाश कर रही हो। चल मेरे साथ आज मैं तुझे भी चुदाई का मजा दिलवा ही दूंगी।’ और फिर वो उसे लेकर कमरे में आई।

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‘कपड़े उतारो बेबी,’ दीदी ने कहा।
‘मुझे शर्म आती है भैभी,’
‘अरे जब चुदाई करनी है तो फिर शर्म करने से काम थोड़े चलते हैं।’
‘चल देर न कर जल्दी से उतर देख मेरे भाई का लिंग खड़ा होकर तेरी योनि में जाने को उत्सुक हो रहा है।’

भाभी पहले मेरे सामने तुम चुदाई करवाओ मैं देखकर मजा लूंगी।’ दीदी ने मेरा लिंग पकड़कर चूसना शुरू कर दिया, जिसे बेबी बड़े ध्यान से देख रही थी। अभी दीदी ने लिंग को चूसना ही शुरू किया था कि बेबी ने कहा ले लो भैभी मैं चुसती हूँ। और उसने मेरा लिंग अपने मुंह में डालकर चूसना शुरू कर दिया। दीदी ने मेरे आंखों पर इशारा करके कहा कि अब कोई डर नहीं। थोड़ी देर चूसने के बाद वो अपनी योनि को खोलने लगी। दीदी ने पूछा क्या हो रहा है? उसने कहा इसमे कुछ कुछ हो रहा है। दीदी बोली ‘इसमें अब लिंग की जरूरत महसूस हो रही है। चल लेट जा इस की प्यास का इंतजाम भी कर देती हूँ।’ वो पलंग पर ले गई और दीदी ने मुझे कहा कि चल इसकी प्यास मिटा लेकिन ध्यान से नया पक्षी है। मैंने कहा क्या हुआ यह नया खिलाड़ी है लेकिन मुझे तुमने पूरा खिलाड़ी बना दिया चिंता मत कर इसको इतना मजा से चोदूंगा कि दर्द भूलकर बार-बार चुदाई के लिए खुद ही उत्सुक हो जाएगी।

मेरा लिंग पहले से ही तैयार था। मैं भी अब देर करना नहीं चाहता था। सोचते हुए उसकी टांगों को अपने कंधों पर रखकर अपना लिंग उसकी योनि में डाल दिया और धीरे-धीरे अंदर जाता गया और धीरे-धीरे झटके मारने लगा। तीन इंच अंदर जाते ही उसे दर्द महसूस हुआ मैंने जल्दी उसके होंठों पर अपने होठ रखकर उन्हें चूसना शुरू कर दिया और अपने हाथों से उसके ममनों को मालिश करना शुरू कर दिया। जल्दी ही उसके चेहरे से लगा कि अब उसे दर्द कम हो गया है और उसकी योनि और लिंग लेने के लिए उत्सुक हो रही है। मैंने मौका देखकर अपना पूरा लिंग उसकी योनि में डाल दिया। थोड़ी सी दर्द के बाद वो उछल-उछल कर मेरे साथ सहयोग करने लगी और उसके मुंह से मजेदार सिसकी निकलने लगी। मैंने पूछा बेबी कैसा लग रहा है? उसने कहा ‘करते रहो बड़ा मजा आ रहा है।’

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लगभग २० मिनट की चुदाई के बाद जब मैंने अपना लिंग उसकी योनि से निकाला तो उसने मेरा और मेरी बहन (अपनी भैभी) का बहुत शुक्रिया किया। भाभी तुमने आज मुझे जीवन का सच्चा मजा दिया जिसके लिए मैं बहुत दिनों से तड़प रही थी।’ दीदी ने कहा अब तुम जब चाहो लिंग ले सकती हो और एक गोली खाकर भी। उसने पूछा यह क्या है तो दीदी ने बताया कि इससे बच्चा होने का डर खत्म हो जाएगा। मुझे तो यह नहीं मिली थी जिस कारण मैंने भाई के 18 साल के होने पर इसका लिंग रखना बंद कर दिया था, लेकिन तुम्हारी भैभी के होने के साथ तुमको किसी भी तरह का डर नहीं है। जितना चाहो लिंग ले और खुब मजे से चुदाई करवा। मेरा भाई कभी तुम्हें नहीं मनाएगा।

‘लेकिन भैभी यह तो कुछ दिनों में वापस चले जाएगा फिर क्या करूंगी?’
‘चिंता मत कर उसके काम का भी इंतजाम हो जाएगा। मैं तेरे भाई से कहकर उसके कम का कोई इंतजाम कर दूंगी ताकि यह यहाँ हमारे पास रहे और हम दोनों इसका लिंग का मजा लेते रहें।’

भाभी तुम कितनी अच्छी हो, मेरा कितना ख्याल रखती हो।’
‘अरे इसमे एहसान क्या है यह तो मेरा फर्ज है कि अपनी प्यारी ननद का ख्याल रखूँ।’

उसके बाद हम रोज़ रात को ही नहीं दिन में भी खुब चुदाई का मजा लेते रहे। जब जीजा आता तो दीदी ने उनसे भी मेरे काम का इंतजाम करवा दिया और अपने और अपनी ननद की चुदाई का भी इंतजाम कर दिया। उसके बाद तो मैं रात को बेबी के कमरे में बेबी के साथ चुदाई के लिए उसका कमरा जाता और दीदी भी उस कमरे में आ जाती और हम तीनों चुदाई का भरपूर आनंद लेते हैं जो आज तक बिना रुकावट के चल रहा है और चलता रहेगा।

मेरी यह कहानी आपको कैसी लगी आपकी राय दें और अगर कोई महिला को चुदाई की जरूरत हो तो मुझे बेझिझक लिखे मैं सेवा के लिए तैयार हूँ, क्योंकि मेरा मानना है कि जरूरतमंद की जरूरत पूरी करना इंसान का फर्ज है जिसे मैं निभाता रहूंगा।