भाभी की चूत फट जाएगी
यह मेरी पहली कहानी है, जो पिछले साल की है। मैं दिल्ली में रहता हूँ, मेरी उम्र 22 साल है। हमारे दो घर हैं: एक में हमारी परिवार रहती है और दूसरे में हमारे किरायेदार, एक भाई और उसकी भाभी। भाभी बेहद खूबसूरत है। उनका फिगर 36-28-38 है और उम्र 23 साल। वो गोरी रंग की हैं, जो भी उन्हें देखे बस उसे छोड़ना नहीं चाहता। भाई सेना में है और वे यहाँ नए थे, इसलिए उन्हें यहाँ का ज्यादा कुछ पता नहीं था। किसी भी काम के लिए वो हमसे ही पूछते थे।
एक दिन भाई ने कहा, “सैंडी, कल अपनी भाभी को अक्षरधाम घुमा लाओ। मेरे पास समय नहीं है।” मैंने कहा, “ठीक है, कल मैं भाभी को बाइक पर ले जाऊंगा।” अगले दिन मैं भाभी को बाइक पर लेकर गया। उस दिन बारिश का मौसम था। बार-बार बारिश हुई। भाभी ने व्हाइट रंग का सूट पहना हुआ था। बारिश की वजह से उसके सूट और पैंटी के बीच दिखाई दे रहा था। बाइक पर भाभी के ब्रेस्ट मेरी कमर पर कई बार टच हुए। मैं ऐसा कर रहा था कि उन्हें यहीं पकड़ लूं।
जब हम अक्षरधाम पहुँचे, तो हम दोनों भीग चुके थे। बारिश से भाभी बहुत सेक्सी लग रही थी। हम वहाँ घूमने और दोपहर का भोजन करने गए। मैं वहाँ पर भाभी को देखकर बार-बार टच हो जाता था। कभी उनके हिप्स को, कभी उनकी कमर को। शाम को हम घर लौट आए। भाई रात में देर से आते हैं, लगभग 11 बजे। मैं भाभी को घर छोड़कर जा रहा था तो भाभी ने कहा, “चाय पीकर जाओ।” हम दोनों भीगे हुए थे। भाभी इतनी सेक्सी लग रही थी कि मैं उसे अभी चोद दूं।
भाभी बाथरूम जाने लगी। मैं उसके पीछे से उसकी गांड देख रहा था। भाभी ने मुझे देखा और मेरे पैंट को फाड़कर बाहर निकाल दिया। मैंने अपना लिंग पैंट के ऊपर से ही मसलना शुरू कर दिया जो 7 इंच का है और 3 इंच चौड़ा है। जब भाभी बाथरूम गई तो मैं उसके पीछे चला गया और उसे पूरी तरह से देखने लगा। भाभी कपड़े उतार रही थी। उनके गोरे ब्रेस्ट और गांड को देखकर मैं पागल हो रहा था। उनकी चूत पर एक भी बाल नहीं था। उसने सावधानी बरती थी। वहीं मैंने अपना लिंग निकालकर मूठ मारना शुरू कर दिया। तभी भाभी ने अपने पैर हिलाए और अपनी चूत को मसलने लगी और अंगुलियां डालने लगी। यह देखकर मैं हैरान हो गया और खुश भी। तभी मैंने सोचा कि आज भाभी को चोदकर ही मन होगा। भाभी ने अपनी प्यास अंगुलियों से बुझाई लेकिन मेरी तो और बढ़ गई थी।
भाभी बाथरूम से बाहर आई और मुझसे कहा, “सैंडी जाओ नहा लो। तुम्हारे भी कपड़े भीगे हुए हैं। हम तुम्हें तुम्हारे भाई के कपड़े देंगे।” भाभी ने अब पिंक कलर का सूट पहना था। मैं सोच रहा था कि भाभी को कैसे चोदूं और मैं बाथरूम में चला गया। वहाँ मैंने मुथ मारना शुरू किया और सारा काम भाभी के पैंटी में निकाल दिया लेकिन मेरी प्यास अभी भी बुझी नहीं थी। मुझे भाभी की गांड देख रही थी। तभी मैंने भाभी से आवाज लगाई, “भाभी कपड़े दो।”
फिर भाभी कपड़े देने आई। मैंने दरवाजा खोला। जैसे ही भाभी ने अपना हाथ आगे बढ़ाया, मैंने उसका हाथ पकड़कर बाथरूम में खींच लिया। भाभी बोली, “सैंडी तुम क्या कर रहे हो? मैंने कुछ भी नहीं पहना है।” मैंने कहा, “भाभी मुझे आप बहुत अच्छी लगती हैं। मैं आपको चाहता हूँ।” भाभी ने कहा, “यह गलत है। छोड़ दो नहीं तो मैं तुम्हारे भाई और पापा को बता दूंगी।” वो बहुत ही नखरेबाज़ हो रही थी। तभी मैंने कहा, “अब जो आप अपनी चूत में अंगुली डाल रही हैं वह सही था।” उसने कुछ नहीं बोला और मैंने उसके होंठों को चुंबन करना शुरू कर दिया।
भाभी ने काफी कोशिश की कि मुझे छुड़ा दे लेकिन मैंने उसे नहीं छोड़ा और उसे चुंबन करते रहा। जब वो थोड़ी देर बाद शांत हो गई और मेरे चुंबन का जवाब देने लगी तो उसने कहा, “सैंडी, मेरी भाभी बहुत प्यासी है आज उसकी प्यास बुझा दो।” और भाभी ने मेरे होंठों को अपने मुंह में डाल दिया। हम ऐसे ही 10 मिनट तक चुंबन करते रहे। फिर मैंने भाभी के सूट उतार दिया और उसके स्तनों को चूसा और एक हाथ से दूसरे को दबाया। भाभी के मुंह से सिसकी निकलने लगी। फिर चूसते हुए मैंने उसकी साड़ी में हाथ डाल दिया और उसकी चूत को रगड़ना शुरू कर दिया। थोड़ी देर बाद मैंने भाभी को पूरी तरह नग्न कर दिया और उसे बाथरूम के फर्श पर लेटाया और उसके पूरे शरीर को चुंबन करना शुरू कर दिया। भाभी ने मेरे लिंग को पकड़ा और कहा, “तुमारा लिंग इतना बड़ा है, इतना तो तुम्हारे भाई का भी नहीं है।” यह कहते हुए वो उसे रगड़ने लगी। मैंने उसके ऊपर लेटकर उसके होंठों को चूसना शुरू कर दिया।
फिर मैंने भाभी के पैर उठाए और थोड़ा चुंबन किया और अपना लिंग उसकी चूत पर रखा और जोर से झटका मारा। लिंग फिसल गया। तभी भाभी ने मेरे लिंग को पकड़कर अपनी चूत पर रखा और बोली, “अब करो।” फिर मैंने जोर से झटका मारा। इस बार पूरा लिंग एक ही बार में भाभी की चूत में चला गया। भाभी को दर्द हुआ। उसने कहा, “आराम से सैंडी नहीं तो मेरी भाभी की चूत फट जाएगी।” फिर मैंने आराम से झटके मारने लगे। भाभी के मुंह से आवाज निकलने लगी, “आह्ह्ह्ह्ह…मर गई….आह्ह्ह्ह….” और नीचे से पच-पच की आवाज आ रही थी। वो बुरी तरह से सिसकी लेने लगी। ऐसे में मैंने 20 मिनट तक चोदा। फिर मैंने भाभी को घोडी बनने को कहा। उसने कहा, “बन गई।”
फिर मैंने उसे गोद में लेकर चोदा। इस तरह मैंने भाभी को 20-25 मिनट तक चोदा। भाभी दो बार झड़ चुकी थी। फिर मैंने कहा, “मेरी जान अब तुम मेरे ऊपर आकर बैठो।” और मैं लेट गया। भाभी मेरे ऊपर मेरे लिंग पर बैठी और बोली, “आज अपनी भाभी की सारी प्यास बुझा दो।” तभी मैंने कहा, “भाभी लिंग को मुंह में लो।” वो उठा और मेरे मुंह की तरफ अपनी गांड लेकर लिंग को मुंह में लेकर चूसने लगी। उसकी गांड मेरे मुंह की तरफ थी तो मैंने उसे जोर से चाटना शुरू कर दिया। पट्ट…पट्ट…चाटों से उसकी गांड लाल हो गई थी। बहुत मजा आ रहा था। फिर मैंने भाभी को शिद्दत से लिया और उसकी चूत चोदना शुरू कर दिया। मैं जल्दी से झाड़ने वाला था। मैंने कहा, “मैं जल्दी से झड़ने वाला हूँ।” भाभी ने कहा, “अपना सारा कम अपनी चूत में ही निकाल दो।” और मैंने जोर से झटके मारना शुरू कर दिया। 5 मिनट बाद मैं झड़ गया और भाभी भी मेरे ऊपर ही लेट गया।