प्यासी आंटी की चूत और गांड को चोदा
मैं आज आपको मेरी एक सच्ची कहानी बताने जा रहा हूँ… मैं मुंबई में रहता हूँ। मेरा नाम अखिलेश है… मेरी उम्र 26 साल है… 5.7″ ऊंचा और अच्छे दिखने वाला हूँ। मैं मार्केटिंग का काम करता हूँ। और मेरा काम मुंबई के बाहर ही है। एक दिन काम की वजह से दिल्ली गया था। वहाँ मुझे दो महीने का काम था। मैं अपने एक दोस्त के रिश्तेदार के यहाँ पेइंग गेस्ट बनकर रहता था। उनके घर में एक अंकल थे, श्री यादवेंद्र सिंह जो 52 साल के थे।
उनकी बीवी श्रीमती सुचित्रा सिंह जो 46 साल की थीं। उनके दो बच्चे थे। एक लड़का श्री विजय कुमार सिंह जो पढ़ाई के लिए अमेरिका गया था और एक लड़की मिस रूपाली सिंह जो कॉलेज में पढ़ रही थी। असल में रूपाली चंडीगढ़ के किसी हॉस्टल में रहती थी। छुट्टियों में ही घर आती थी। जब मैं वहाँ पहुँचा तो सिर्फ़ अंकल और अंटी ही थे। मुझे एक कमरा दिया गया था जहाँ मेरा सारा सामान रखा रहता था और एक कपबोर्ड भी था। पहले मैं बहुत शर्माता था। फिर धीरे-धीरे बातचीत करते हुए मैं उन लोगों में घुल-मिल गया। अंटी बहुत ही अच्छा खाना पकाती थी। बिल्कुल घर जैसा। और अंकल का भी स्वभाव काफी अच्छा था। मैं रोज सुबह 10 बजे ऑफिस चला जाता था और शाम को 7 बजे घर आता था।
फिर हम सब लोग साथ में खाना खाते थे। फिर मैं सोने चला जाता था। रोज मेरा यही रूटीन रहता था। मुझे एक ही बात कभी-कभी खटकती थी… अंटी मुझसे कभी-कभी ऐसी नज़रों से देखती थी कि मेरे तन-बदन में आग लग जाती थी। वैसे उसे देखकर कोई नहीं कह सकता था कि वो 46 साल की है और वो भी दो बच्चों की माँ। फिगर में वो थोड़ी से मोटी थी… लेकिन फिर भी एकदम टाइट फिगर था। मुझे पहले बहुत शर्म आती थी… वो जैसे मेरे तरफ देखने लगती… मैं अपना मुंह नीचे कर देता… क्योंकि वो उम्र में काफी बड़ी थी… कभी-कभी तो वो अंकल के सामने ही मुझे देखती रहती… मैं डर जाता था। वैसे वो बात बहुत प्यारी-प्यारी करती थी। दोनों बहुत प्यार से मुझे रखते थे… मुझे वहाँ कोई पबंदी नहीं थी… कभी भी किचन में जाओ… कुछ भी खाओ… कोई बोलने वाला नहीं होता था। स्वभाव में दोनों बहुत अच्छे थे।
एक दिन शाम को मैं ऑफिस से घर आया तो अंटी ने दरवाजा खोला। फिर मैं फ्रेश होकर सोफे पर बैठ गया। अंकल घर पर नहीं थे। मैंने अंटी से पूछा “अंकल कहाँ गए हैं?” तो वो मुस्कुराकर बोली “आज वो अपने दोस्त के बेटे को देखने अस्पताल गए हैं और रात भर वहीं रहेंगे” और मुझे बताया कि मैं वहाँ अंकल को खाना देके फिर आऊं।
मैं जल्दी से अस्पताल पहुँचा। वहाँ काफी भीड़ थी। अंकल को खाना दिया। फिर थोड़ी देर वहाँ रुका और खाली टिफ़िन लेकर घर पहुँचा… बहुत तेज़ भूख लगी थी…. घर जाकर सबसे पहले मैंने और अंटी ने खाना खाया। फिर मैं TV देखने लगा और अंटी अपना काम करने लगी…… वो काम करते हुए बार-बार मेरी तरफ प्यासी नज़रों से देख रही थी…..मैं एकदम डर गया था…..अचानक वो मेरे पास आकर TV देखने बैठ गई…मैं कुछ नहीं बोला। उसने सलवार पहनी हुई थी और दुपट्टा नहीं पहना था…. थोड़ी देर के बाद वो बोली…”बेटा, दूध पिएंगे?” मैंने कहा “हाँ अंटी” तो वो हँसकर किचन में चली गई……मुझे रुकने नहीं दिया…मैं भी पीछे-पीछे किचन में गया…..वो मेरे लिए दूध गरम कर रही थी….
मुझे किचन में देखकर वो मुस्कुराई और अपनी जीभ को होठों पर लगाई….मैं भी हिम्मत करके उसके पास गया और धीरे से अपने दोनों हाथ उसके गोल-गोल गांड पर रख दिए और उसे ज़ोर से खींच लिया….वो शर्मिंदा होकर बोली…”बेटा क्या कर रहे हो?” मैंने कहा “कुछ नहीं कर रहा हूँ”….अंटी ने धक्का देकर मुझे अपने से अलग किया और बोली “बेटा शर्म करो, मैं तुम्हारी माँ की उम्र की हूँ”। मैंने भी कहा “तो मेरी तरफ रोज़ देखते हुए आपको शर्म नहीं आती?” तो वो कुछ नहीं बोली…. फिर मैं धीरे-धीरे उसके पास गया और उसे ज़ोर से पकड़कर चूमने लगा….वो धीरे-धीरे मेरी बाहों में पिघलने लगी….फिर मैंने उसके कपड़े उतारना शुरू कर दिया….पहले वो ना-ना करती रही… फिर वो खुद ही अपने कपड़े उतारने लगी…
.मैंने कहा…”चुदावना है तो ना कहो क्यों करते हो”…..वो बोली “आज से पहले मैं अंकल के सिवाय किसी और से नहीं छूया”। मैंने कहा “एक बार मेरा लंड ले लो तो किसी और की मांग नहीं होगी”….ये सुनकर उसने अपने दोनों हाथों से मेरी पैंट उतारना शुरू कर दिया। जैसे ही मेरा लंबा सा लंड दिखाई दिया…वो पागल हो गई….दोनों हाथों से लंड को हाथ में लेकर चूमने लगी….वो बोली “बारसो से इसी लंड का मुझे इंतज़ार था” और फिर से मुंह में लेकर पागलों की तरह चूसने लगी….मुझे भी मजा आया….एक बड़ी उम्र की औरत जब पागलों की तरह मेरा लंड मुंह में लेकर चूसती है…और वो चूसती ही रही…..
फिर मैंने धीरे से उसे पकड़कर सोफे पर लेटाया और अपनी फिगर को उसकी चूत में डालकर हिलाना शुरू कर दिया….वो तो मानो किसी छोटी सी बच्ची हो…मानो हवा में उछल रही हो….बार-बार अपनी गांड को ऊपर उठाती थी….उसे बहुत मज़ा आ रहा था… अब वो एक पल के लिए भी नहीं रह सकती थी…. उसने ज़ोर से चिल्लाकर कहा “अभी डाल दो मेरी चूत में ये तेरा लंड और फाड़ दे आज इसको…ये सुनकर मैं भी पागल हो गया….और मेरा लंड उसकी चूत पर रख दिया और हिलाना शुरू कर दिया….वो तो मानो स्वर्ग के मज़े ले रही थी…अपनी गांड को ऊपर उठाकर मेरा लंड डालवा रही थी….और कह रही थी “चोदो…ज़ोर से चोदो…फाड़ दो मेरे चूत को….बहुत मज़ा आ रहा है…..आज जी भर के चोदो मुझे…..सारी रात चोदो” मैं ज़ोर-ज़ोर से जकड़ते हुए मारता रहा…कुछ देर बाद वो शांत हो गई…
तो मैंने कहा “क्या हुआ?” तो उसने बोली “बस थक गई” तो मैंने कहा “इतनी में थक गई?” तो उसने बोली “बेटा, उम्र भी हो चुकी है” तो मैंने कहा “थोड़ी देर पहले तो सारी रात चूदवाने की बात कर रही थी” तो बोली “वो तो मैं जोश में थी” मैंने कहा “मैं अभी भी जोश में हूँ…चलो आज तेरी गांड भी मार लूं…बहुत अच्छी है तुम्हारी गांड…” तो उसने बोली “नहीं बेटा, बहुत दर्द होगा” तो मैंने कहा एक बार गांड मारवाओगी तो बहुत मज़ा आएगा…और मैंने उसे ज़ोर से पकड़कर उल्टा लेटा दिया और उसकी गांड मारने लगा….पहले वो चिल्लाई….फिर उसको भी मज़ा आने लगा….
वो अब अपनी गांड ऊपर कर कर मारवा रही थी….मैंने कहा “देखा कितना मज़ा आ रहा है” तो बोली “हाँ बेटा…तेरे अंकल ने आज तक मेरी गांड नहीं मारी….तु ही पहला है जिसे मेरी ये गांड नसीब हुई है” और मेरी गांड को तेरा ये लंड….ये सुनकर मेरा लंड मानो हथौड़ा बन गया और उसकी गांड में घुसने लगा… थोड़ी देर बाद मेरा पानी उसकी गांड में निकल गया….सारी गांड उसकी मेरे पानी से भर गई…और मैं थोड़ी देर शांत होकर उसकी गांड पर ही सो गया….वह रात हम ऐसे ही नंगे एक दूसरे से चिपक कर सो गए….सुबह जब जागे तब साथ में नहाया….मैंने बाथरूम में भी एक बार उसे चोदा…वो अब भी तृप्त थी ही…..ये 2 महीनों में मैंने बहुत बार चोदा…जब जब अंकल मार्केट जाते या बाहर जाते…वो नंगी होकर मेरे पास आ जाती…मैं बोलता भी…इतनी बड़ी होकर घर में नंगी घूमती हो…तो कहती है…बड़े बच्चे नंगे ही घूमते हैं