दोस्त ने बीबी को जमकर चोदा-2
उस्मान बहुत खुश हुआ पर वो अपनी ख़ुशी दबाते हुए बोला – जगत भाई, इसमें बोलने की क्या बात है, मालिनी जैसी आपकी अपनी है तो वैसे मेरी भी अपनी ही है, आप आराम से अपना काम करके आओ कोई दिक्कत नहीं है, मै कल से आपके आने तक यही मेरा घर है. मैंने गौर किया की उसके लंड में धीरे धीरे तनाव आ रहा था शायद वो मालिनी के साथ रहने को लेकर एक्साइट हो गया था.
मैंने मालिनी को भी ये बात बता दी की उस्मान कल से यही रहेगा, उसने कुछ खास रीऐक्ट नहीं किया. उस रात मैंने किचन, बाथरूम, हाल और बेडरूम में एच डी हिडन कैमरे लगा दिया जो क्लियर साउंड भी सुनते थे, मैंने उन्हें नेट से कनेक्ट कर दिया जिससे मै कभी भी वो एक्सेस कर सकता था.
दूसरे दिन तड़के ही मै दिल्ली के लिए रवाना हो गया, रात में मैंने अपने लैपटॉप में रिकॉर्डिंग देखना चालू की सुबह से शाम तक तो कुछ खास नहीं दिखा पर रात को करीब ८.३० पर मैंने देखा की दोनों बच्चे सो चुके थे और किचन में मालिनी खाना बना रही थी इधर उस्मान बेडरूम में बेड पर बैठ कर अपने लैपटॉप पर https://hotsexstory.xyz/ पर कोई सेक्सी कहानी पढ़ रहा था बेडरूम से किचन में काम करती मालिनी उसे साफ दिखाई दे रही थी, उस वक्त उसने एक छोटी सी मैक्सी पहनी हुयी थी उसमे उसकी गांड और छातिया बहार की ओर निकल कर उस्मान की नियत ख़राब कर रही थी, उस्मान कनखियों से किचन में काम करती हुयी मालिनी को देख रहा था, मालिनी की बड़ी गांड मैक्सी में से बहार को निकल आयी थी, मैक्सी टाइट और झीनी होने के कारन मालिनी की नंगी पीठ (बेबी होने के कारन मालिनी ब्रा नहीं पहनती थी )और वाइट कलर की पेंटी साफ दिखाई दे रही थी उस्मान एक हाथ को अपने शॉर्ट्स में डाल कर अपने लवड़े को मसल रहा था वो अपने ओठों पर अपनी जीभ फेर रहा था और काफी ललचाई नजरो से मालिनी को देख रहा था, इस समय वो तेज तेज सांसे ले रहा था और मालिनी को आँखों ही आँखों से चोद रहा था.
थोड़ी देर तक तो वो ऐसे ही आंखे सकता रहा जब बर्दाश्त से बहार हो गया तो वो उठकर बाथरूम में चला गया, मैंने बाथरूम का कैमरा ज़ूम किया उसने अन्दर जाते ही अपनी टी शर्ट, अपना शोर्ट और अपनी फ्रेंची को उतार कर वो पूरा नंगा हो गया, मालिनी के बारे में सोच सोच कर उसका लंड रॉड की तरह तन चूका था जो करीब करीब १ फिट से भी ज्यादा लग रहा था शायद ये लवड़ा तो मनुज भाई के लंड से भी थोडा बड़ा ही था, उसने अपने लंड को हाथ में लेकर उसकी चमड़ी को पीछे किया उसका ३ इंच मोटा और २.५ इंच लम्बा सेब के जैसे लाल सुपाड़ा खुल कर सामने आ गया.
उस्मान का जितना लंबा सिर्फ सुपाड़ा था उतना तो पूरा खड़ा होने पर मेरे लंड का साइज़ था और मोटाई के मामले में भी उस्मान का लंड मेरे लंड से करीब ६ गुना ज्यादा था उसके सुपाड़े के छेद पर मालिनी के नाम का प्रिकम था, फर्श पर मालिनी की चड्डी रखी थी जिसे देखते ही उस्मान ने उसे झपट लिया, उसने पहले चड्डी की उस जगह को चाटने लगा जहा मालिनी की चुत टच होती थी, फिर उसने उस चड्डी को अपने लंड पर फंसा लिया और जोर जोर से मुठ लगाने लगा. वो जोर जोर से बुदबुदाते भी जा रहा था.
उस्मान – ओह्ह्ह्हह मेरी जान मीनऊउउउ, मेरी राआआआंड तेरी गांड में अपना लंड घुसा दू, तेरा पेशाब पि लू, तेरी गांड चाट लू, आई लव यू एसससस ऐसा कहते हुए वो जोर जोर से मुठ मारने लगा.
बाथरूम किचन से लगा हुआ था जहा मालिनी खाना बना रही थी, मैं लैपटॉप पर किचन का कैमरा भी चालू किया अब मैं दोनों की हरकते देख सकता था और मेरा डॉउट सही था मालिनी बाथरूम में कान लगाकर उस्मान की मुठ मारते हुए उत्तेजक आवाजे सुनने लगी, जैसे ही मालिनी को पता चला की उसके नाम की मुठ चल रही है तो खुद ब खुद उसका हाथ अपनी चड्डी में चला गया वो हल्की सिसकारी लेते हुए अपनी चुत में फिंगरिंग करने लगी वो अपने ओठो को दांतों से काटने लगी. करीब आधे घंटे बाद अचानक उस्मान के लंड ने माल निकलने का संकेत दे दिया उसने मालिनी की चड्डी में जहा चुत चिपकी रहती है, उस जगह को टारगेट कर के अपनी वीर्य की पिचकारी मारने लगा दो चार झटके देते हुए उसके लंड ने करीब १०० ग्राम वीर्य से मालिनी की चड्डी को सरोबार कर दिया.
मुझे समझ नहीं आता की कैसे लोगो का इतना ज्यादा और इतना गाढ़ा वीर्यपात होता है मेरा तो मुश्किल से आधा चम्मच निकलता है वो भी पानी जैसा पतला, कुछ भी कहो मालिनी के तो मजे थे मनुज भाई के बाद उसे वैसा ही दमदार लौड़ा मिलने वाला था. दो मिनट तक उस्मान ऐसे ही खड़ा रहा और फिर अपने कपड़े पहन कर बहार आने लगा, इधर मालिनी भी तुरंत दरवाजे से हट गयी और अपने काम लग गयी.
दरवाजे से निकल कर उस्मान ने एक नजर मालिनी पर डाली और बोला की मैं थोडा मेडिकल जा कर आता हूँ और वो वहा से तेजी से निकल गया, मुझे पक्का शक हो गया की ये कॉन्डोम लेने ही गया होगा.
इधर जैसे ही उस्मान घर से बहार निकला मालिनी ने बहार का दरवाजा लगाया और वो तुरंत बाथरूम में घुस गयी और अब वो सारे कपड़े उतार कर नंगी हो गयी, उसने चारो तरफ नजर डाली, जो चीज वो ढूंड रही थी वो उसे उसकी पुरानी उतरी चड्डी पर मिल गयी, मालिनी ने लपक कर लेकिन सावधानी से अपनी चड्डी उठाई ताकि उस्मान का बेशकीमती माल गिर ना जाये और उसने जब गाढ़ा, ताजा और चिपचिपा वीर्य को देखा तो वो अपने होश खो बैठी, उसने तुरंत ही किचन से एक कटोरी लाई और उस गाढे वीर्य को कटोरी में आहिस्ता आहिता सारा का सारा निकाल किया, १००ग्राम की कटोरी करीब करीब भर चुकी थी, मालिनी ने फिर पास ही पड़े एक कपड़े पीटने के डंडे को कटोरी में डुबाकर उसने डंडे को उस्मान के वीर्य से सरोबर कर लिया फिर उसने अपने दुसरे हाथ से अपनी चुत को फैलाया और डंडे को चुत के अन्दर डालने लगी और उसने अपनी आँखे बंद कर ली.
मालिनी (बडबडाते हुए) – आहहह उफ्फ्फ, उस्मान धीरे डालो न अपना ये बांका लंड, वो डंडे को अपनी चुत में अन्दर बहार करने लगी और जोर जोर से बुदबुदाने लगी – आआआआह उफ्फ्फफ्फ्फ़ यीईईईई येस्सस्स्स्सस्स्स्स, प्लिज्ज्ज्जज्ज्ज्जज उस्मान चोद लो न अपनी जान को, क्यों सिर्फ मेरे नाम की मुठ लगा रहे हो, मैंने ककब तुम्हे मन किया है, मार दो मेरी गांड, फाड़ दो मेरी चुत उफ्फ्फफ्फ्फ़, बना दो मुझे अपनी रंडी. वो हाथ से डंडे को अपनी चुत में अन्दर बहार कर रही थी जबकि दुसरे हाथ से वो कटोरी से वीर्य निकालते हुए अपनी चूची और गांड में भी लगा रही थी, करीब १५ मिनट बाद उसका बदन अकड़ने लगा और वो भी झड़ने लगी.
झड़ने के बाद वो निढाल होकर वही बैठ गयी और बचे हए वीर्य को अपनी उंगलियों से चटकारे लेते हुए चाटने लगी.
मालिनी और उस्मान दोनों खाना खाने बैठ गए मालिनी उस्मान के सामने बैठी, उसके बड़ी बड़ी चूचिया मैक्सी फाड़ कर बहार आने को हो रही थी, वो जानबूझकर अपनी झुक कर बैठी थी ताकि उस्मान उसकी चूचियों का दीदार कर सके, उस्मान भी आंखे फाड़ फाड़ कर मालिनी की छातियों को देख रहा था वो मालिनी को अपनी आँखों से चोदने लगा, मालिनी अपनी तरफ से उस्मान को उसे चोदने के लिए उकसाने में कोई कसर नहीं छोड़ रही थी, पता नहीं क्यों उस्मान कुछ कर नहीं रहा था, उस्मान का लंड तन जाने के कारन उसके पैजामे में तम्बू सा बन गया था उस्मान अपलक मालिनी की चूचियों को अपनी आँखों से चोदे जा रहा था, अचानक मालिनी बोली – क्यों जी आपका ध्यान कहा है खाना ठंडा हो रहा है. मालिनी की बात सुनकर उस्मान की तन्द्रा टूटी और वो निचे सर करके खाना खाने लगा, शायद वो कन्फुज था की पता नहीं मालिनी उससे चुदवाये या नहीं, लेकिन मालिनी को किसी भी तरह उस्मान का लंड अपनी चुत और गांड में चाहिए था.
दोनों ने खाना खा लिया फिर करीब १० बजे दोनों सोने के तयारी करने लगे तब उस्मान बोला – मालिनी मै बहार हॉल में सो जाता हूँ आप यहाँ बच्चो के साथ सो जाओ. तब मालिनी बोली- ये आप कैसी बात कर रहे हो बेड दो लोगो के लिए काफी है, वैसे भी इतना बड़ा तो बेड है, आप और मैं यहाँ आसानी से सो सकते हो, वैसे भी सौम्या (मेरी बड़ी बेटी) तो अपने किड्स बेड पर ही सोती है, आप एक साइड सो जाओ मै एक साइड सो जाती हूँ बिच में छुटकी (मेरी छोटी बेटी जो मनुज के लंड से पैदा हुयी थी) को सुला देती हूँ.
उस्मान बोला – मालिनी बात दरअसल ये है की मै रात में अपने शरीर पर कोई कपडा नहीं रखता सिवाय अपनी अंडरवियर के अब मैं बेड पर तुम्हारे साथ इस तरह तो नहीं सो सकता ना? साथ ही मुझे लाइट छोटा (कम रौशनी वाला) जला कर सोने की आदत है.
मालिनी बोली – तुम को बस इनती सी बात का टेंशन है क्या? अब मै १६ साल की कुंवारी कन्या तो नहीं हूँ जो किसी मर्द को इस हालत में देखने वाली है, वैसे भी तुम कम से कम अपनी अंडरवियर तो पहने रहोगे, इनके पापा ( बच्चो को देखते हुए) तो वो भी नहीं पहनते. तुम आराम से अपने हिसाब से यहाँ सो सकते हो, इतनी सी बात से मुझे कोई फर्क नहीं पड़ेगा इस प्रकार की आदत तो सभी की होती है, तुम तो फिर भी मर्द हो अब क्या बताऊ मैं भी सोने समय अपने शरीर पर से ये फालतू कपड़े हटा कर ही सिर्फ ब्रा और पेंटी में ही सोती हो, वो तो बार बार छुटकी को दूध पिलाना पड़ता है, इसलिए आजकल ब्रा नहीं पहनती और तुम कौन से गैर व्यक्ति हो तुम भी तो मेरे अपने… मेरा मतलब मेरे पति के दोस्त और मेरे भी दोस्त ही हो तुम्हे मुझसे बिलकुल शर्म करने की जरूरत नहीं है.