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जीजू के साथ चुदाई की रात

मैं नीतू हूँ, मैं एमबीए की दूसरी साल की छात्रा हूँ और मेरी उम्र अभी 21 साल है। यह कहानी तीन साल पहले की है जब मेरे जीजा ने मुझे पहली बार चोदा था। मैं दो बहनों में छोटी हूँ और उस समय कोलकाता में अपने माता-पिता के साथ रहती थी। मेरा शरीर उस समय काफी पतला था, मेरी चुत भी बहुत बड़ी थीं और मैं किसी मजबूत बाहों में समा जाना चाहती थी। मेरे ब्रा से मेरी चुत मुश्किल से संभाल पा रही थीं।

मेरे जीजा दिल्ली में एक आईटी फर्म में काम करते थे और अक्सर कोलकाता आते थे। उनकी उम्र लगभग 29 साल की थी, हम दोनों बहुत करीब थे और हमारे बीच बहुत हँसी-मजाक चलता था। कुछ अच्छा और कुछ बुरा भी।

एक दिन शाम को वे आए और सुबह ही निकलने वाले थे। वे कोलकाता अपने ऑफिस के काम से आए थे। माँ-पिताजी दोनों खाना खाने के बाद ग्राउंड फ्लोर पर सो गए थे, और मैं और जीजा पहले फ्लोर के कमरे में बातें कर रहे थे।

वे मुझसे काफी सेक्सी सवाल पूछने लगे। “तुम्हारा साइज क्या है? शादी से पहले आपके साथ किसने संबंध बनाया है? क्या तुमने कभी सेक्स का अनुभव किया है?” ऐसे बहुत सारे सवाल उन्होंने पूछे।

मैंने भी सोचा कि आज इनके लंड को शांत कर दूंगी। मेरी चुत भी काफी गीली हो रही थीं। मैंने भी सवाल करना शुरू कर दिया, जैसे “तुम्हारा पेनिस का साइज क्या है?”

वे हँसते हुए और देखने लगे। मैंने उनसे कहा, “क्या तुमने कभी लड़की नहीं देखी है?” वे मुस्कुराए और बोले, “बहुत देखे हैं पर आपके जैसे नहीं। जो भी तुम्हें चोदेगा वो कितना खुश होगा!”

मैंने चंचलता से कहा, “चलिए आज मैं तुम्हें लकी बना दूंगी।”

मैंने देखा कि उनके पजामा टाइट हो गए थे और वे मेरी पूरी तरह से भरे हुए चूचियों को निहार रहे थे। मेरी चुत कि प्यास तेज हो रही थीं और मेरे ब्रेस्ट मसलने के लिए तैयार हो रहे थे।

मैं जानबूझकर एक बड़ी अंगड़ाई ली और उनके बिस्तर से उठने का नाटक किया। तभी उन्होंने मेरा हाथ पकड़ लिया और अपनी तरफ खींच लिया। वे बिस्तर पर लेटे हुए थे और मैं जानबूझकर उनपर गिर गई।

मेरे बड़े-बड़े ब्रेस्ट उनके मजबूत कंधों पर दबा दिए गए और उन्होंने मुझे ऊपर से जकड़ लिया और अपने होठों को मेरे नाजुक होठों पर लगाकर रसपान करने लगे।

मैंने उनकी मजबूत बाहों में गले लगाते हुए कहा, “मैं तुम्हारी पत्नी नहीं बल्कि बहन हूँ!” वे बोले, “साली तो आधी घरवाली होती है और साली पर अधिकार जीजा का होता है।”

मैंने हंसते हुए पूछा, “ऊपर या नीचे?”

मैं भी गरम हो रही थी और उनके ऊपर अपना पूरा भार डाल रही थी।

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उनका लंड मेरे दोनों जांघों के बीच था। मैंने अपनी दोनों चूचियों को उनके सीने पर रगड़ना शुरू कर दिया। मुझे खुमारी आ रही थी और मेरी दोनों चुच्चियाँ कठोर हो रही थीं। मैंने कहा, “जीजा आज रात भर मुझे जी भरकर चोद दो। मेरी चुत बहुत दिनों से तड़प रही हैं, लंड का दीदार कर के इस तड़प को शांत कर दो।”

मैंने पूछा, “क्या तुम दीदी को रोज़ चोदते हो?” तो उन्होंने कहा, “क्यों न करूं? मेरा लंड शांत ही नहीं होता है। किसी भी तरह से मैं उसे शांत करता हूँ। कभी-कभी तो मैं रात भर तुम्हारी दीदी को चोदता हूँ जब मौका मिलता है। मुझे नहाते समय चोदने में सबसे ज्यादा मजा आता है लेकिन एक ही चुत में पेलते-पेलते बुर हो गया हूँ और फिर भी आपसे तुलना में तुम्हारी दीदी कुछ नहीं है। तुम तो जवाबदार हो!”

और मैंने अपनी पूरी तरह से भरी हुई बड़ी बड़ी चूचियों को उनके सीने पर रगड़ना शुरू कर दिया। मैंने कहा, “जीजा आज मुझे इतना चोदो कि मुझे तुम्हारी चुदाई हमेशा याद रहे!”

वे बोले, “आपकी गदराई हुई जिस्म को मैं कभी भूल नहीं पाऊंगा। आपसे कोई मर्द क्यों नहीं चोदना चाहेगा? तुम्हें चोदकर मैं निहाल हो जाऊँगा।”

उन्होंने अपने हाथों का दबाव और बढ़ाया और मुझे ऊपर खींच लिया। अब हम दोनों अपना नियंत्रण खो चुके थे। उन्होंने मेरी ड्रेस और फिर ब्रा को भी उतार दिया और फिर मेरी दोनों चूचियों को अपने हाथों में लेकर मसलने लगे और मसलते-मसलते कहने लगे, “साली जी, तुम्हारी चूची तो तुम्हारी दीदी की चूची से दोगुनी है। कितनी मुलायम है! आज मैं इसे पूरी तरह से प्यार दूंगा।”

उन्होंने कहा कि मैं हमेशा आपसे चोदना चाहता था और आज मैं तुम्हें चोदकर उसे पूरा कर लूँगा। मैंने कहा कि मैं भी पूरी चुदक्कड हूँ, आज आपको पता चल जाएगा। वे मेरे ऊपर चढ़ गए और मेरी चूचियों को अपने मुंह में डालकर चूसने लगे।

मेरी मुलायम चूचियों में उनके दांतों ने जगह बना ली। उन्होंने मेरी पजामा भी उतार दिया और मेरे शरीर पर केवल एक पैंटी थी। मैंने भी उनके शरीर का सारा कपड़ा उतार दिया और नक़्का अंडरवियर भी उतारकर उनके काले फनफनाते लंड को आजाद कर दिया।

बाहर आते ही उनका मोटा लंड तन करके खड़ा हो गया। मैंने अपने दोनों हाथों से पकड़कर सहलाने लगी और उनके मुंह से सिसकी निकलने लगी। लगभग दो मिनट तक सहलाने के बाद मैंने उनके लंड को अपने मुंह में लेकर चूसना शुरू कर दिया।

उनका लंड बहुत बड़ा था और शायद सबसे बड़ा जो मैं अब तक चुदवा चुकी हूँ। मैंने कहा, “ऐसे बड़े लंड को मेरी मुलायम चुत कैसे झेलेंगी? पता नहीं दीदी की चुत का क्या हाल होगा!”

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तो उन्होंने कहा, “जरा धैर्य रखो एक बार चुदवाने के बाद तुम्हें कोई दूसरा लंड पसंद नहीं आएगा।”

कई देर तक लंड चूसने के बाद मैंने अपनी चूचियों को उनके मुंह में डाल दिया और वे बेकरार होकर उसे हसने लगे और धीरे-धीरे बाइट करने लगे। और उंगलियों से मेरी पैंटी के अंदर हाथ डालकर ऊपर नीचे कर रहे थे।

मैं बहुत गरम हो चुकी थी। उन्हें चोदने के लिए मैंने कहा, “मैं उनके नीचे आ गई हूँ” और वे मेरे ऊपर और फिर मेरी पैंटी उतार दी।

मैंने उनके लंड को पकड़कर अपनी चुत पर लगाया और उन्होंने एक झटका दिया और मेरे चुभती हुई चुत में उन्होंने अपने बड़े लंड को डाल दिया और धक्के देने शुरू कर दिये।

मुझे ज्यादा दर्द नहीं हुआ क्योंकि मेरी चुत पहले से ही काफी फ़ैल चुकी थीं। उन्होंने मेरी दोनों जांघों को उठाकर चोदना शुरू कर दिया। उनका काला मोटा लंड मेरे बुर में घुसने लगा और मुझे अद्भुत आनंद की अनुभूति हुई। सचमुच चुदवाने में कितना आनंद आता है मैं बता नहीं सकती और अगर आपको एक मोटा ताजा लंबा और टाइट लंड मिल जाए तो आपका आनंद दोगुना हो जाता है।

उनके लंड में ये सभी खूबियाँ थीं, मुझे इतना मज़ा आ रहा था कि मैं इसे शब्दों में नहीं बता सकती। अगर मेरी कोई दोस्त मेरी कहानी पढ़ रही हो तो मैं विशेष रूप से कहना चाहती हूँ कि कम से कम एक बार चुदवाकर देखो फिर तो बिना चुदवाये रहा नहीं जायेगा।

मैंने उनसे कहा, “जीजा आपके इस मोटे काले लंड का सचमुच कोई जवाब नहीं है!”

उन्होंने मुझे नए-नए पोज़ में चोदना शुरू कर दिया और मैं आनंद के मारे उफ़्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ कहने लगी। एक साथ बुर और चूचियों का मज़ा लेने के लिए वे मेरे ऊपर लेट गए।

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उनका लंड मेरे बुर में घुस गया था। एक हाथ मेरी एक चूची को नोच रहा था और दूसरे चूची को मुंह में लेकर चूस रहा था। साथ ही अपने चुड़े को उछाल-उछाल कर बुर को भी पेल रहे थे।

मैंने कहा, “वाह जीजा! आपको लड़की चोदने का पूरा अनुभव है! मैं तो कायल हो गई हूँ तुम्हारी चुदाई से!” उन्होंने कहा, “मैं आपके बुर और इन मुलायम और रसभरी चूचियों का दीवाना हो चुका हूँ। अब मैं आपसे कैसे दूर रहूँगा?”

तो मैंने कहा, “दीदी को यहाँ छोड़ दो और मुझे अपने साथ ले चलो और फिर से रात भर चोदते रहो!”

और फिर हम दोनों हंसने लगे।

मैंने पूछा, “अगर मैं आज गर्भवती हो जाऊँ तो क्या होगा?” उन्होंने कहा, “मैं आपके साथ शादी कर दूंगा और दोनों बहनों को एक ही बिस्तर पर सुलाऊंगा और बारी-बारी दोनों को चोदुंगा।”

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मुझे भी बदले में बुर का मज़ा मिलेगा। फिर से मेरी चुदाई शुरू हो गई। मैंने कहा, “जोर से चोदो जीजा जी! मेरा बुर बहुत प्यासी है और इस तरह शांत नहीं होगी!”

और उन्होंने अपनी स्पीड बढ़ा दी और जोर से अपने लंड को मेरी प्यासी चूचियों में डालने लगे। मैं चीखने लगी, “हाँ यही हाँ हाए मर गई! हाए मर गई! चोदते रहो!”

मैंने कहा कि मुझे जोर से चोदो और मैंने अपने हाथों से अपनी चूचियों को मसलना शुरू कर दिया और वे मेरी चुदाई करते रहे। मुझे चुदवाने में इतना मज़ा आया था जैसा पहले कभी नहीं हुआ था। उन्होंने मुझे मन भर चोदा और अंत में अपना वीर्य मेरे बुर के अंदर डाल दिया।

और बोले, “शायद आज मेरा लंड इतनी मस्त-मस्त बुर को चोदकर पहली बार संतुष्ट हुआ है!”

मैंने भी कहा, “मेरी चुत आज पहली बार पूरी तरह से तृप्त हुई हैं! तुम्हारा लंड सचमुच कमाल का है लेकिन अगली बार तुम मुझे कंडोम लगाकर चोदना। नहीं तो मैं सचमुच गर्भवती हो जाऊंगी।”

अब भी हम दोनों गरम हो रहे थे और इस सुंदर रात को पूरी तरह रंगीन बनाना चाहते थे। एक बार फिर तैयार होकर हम दोनों ने चुदाई का खेल शुरू कर दिया।

इस तरह मेरा जीजा ने मुझे पहली बार चोदा और उसके बाद हम जब भी मिलते थे रात भर बिताते थे। मैं अभी भी कभी-कभी छुट्टियों में दीदी के यहाँ जाती हूँ और बिना चुदाये नहीं लौटती।

मेरी कहानी कैसी लगी? कृपया कमेंट जरूर करें! मैं जल्द ही एक नई कहानी लेकर आऊंगी। आप फिर से HotSexStory.xyz पर विजिट कर सकते हैं, धन्यवाद।