जीजू को मेरी चूत चाटने में मजा आया – प्रतिभा की हॉट सेक्स स्टोरी
प्रतिभा यादव की सच्ची और सुपर सेक्सी कहानी। पढ़ें कैसे जीजू ने उसकी प्यासी चूत को चाटा और चोदा। चूचियाँ मसलना, लंड चूसना और ताबड़तोड़ चुदाई की ये हॉट स्टोरी आपकी रातें गर्म कर देगी!
मैं प्रतिभा यादव आप सबको नमस्ते कहती हूँ। आज मैं अपनी एक नई और सुपर सेक्सी कहानी लेकर आई हूँ, जो मेरे जीवन का सबसे हॉट और मस्त अनुभव है। ये मेरी सच्ची स्टोरी है, और मुझे पूरा यकीन है कि ये आप सबके दिल को धक-धक कर देगी। तो चलिए, शुरू करते हैं— “जीजू को मेरी चूत चाटने में बहुत मजा आया।”
मैं एक अच्छे खानदान से हूँ, और मेरा परिवार बहुत सभ्य और प्यारा है। लेकिन मेरी जवानी ने मुझे थोड़ा बेकाबू कर दिया था। मेरी प्यासी चूत की आग को शांत करने के लिए मैंने अपने जीजू के साथ ही फिजिकल रिलेशन बना लिया। जीजू तो मुझे पहले दिन से ही चोदना चाहते थे। ये बात उन्होंने मुझे चोदते वक्त कही थी कि जब उन्होंने मुझे पहली बार देखा, तभी से वो मेरे हुस्न के दीवाने हो गए थे।
मेरी दीदी थोड़ी सीधी-सादी और घरेलू टाइप की हैं। पहले मैं भी ऐसी ही थी, लेकिन जब से मेरी चूत ने लंड का स्वाद चखा, मैं बदल गई। मैं अकेले अपने रूम में रहना पसंद करने लगी, किसी से ज्यादा बात नहीं करती थी। मुझे अब चुदाई की सख्त जरूरत थी। जब भी मौका मिलता, मैं अपनी चूत को किसी न किसी के लंड से ठंडा कर लेती थी। मेरे दो बॉयफ्रेंड भी थे, लेकिन फैमिली की वजह से उनसे मिलना मुश्किल था। कभी-कभार जो सेक्स होता, वो भी फुल मस्ती वाला नहीं था। फिर भी, मैं अपनी जिंदगी और अपनी प्यासी चूत को किसी तरह संभाल रही थी।
इसी बीच दीदी की शादी हो गई, और उन्हें उनका लंड मिल गया। मुझे जीजू शुरू से पसंद थे, लेकिन ये कभी नहीं सोचा था कि मैं उनके साथ सेक्स करूंगी। दीदी शादी के बाद ससुराल चली गईं, और मुझे अपने रूम में अकेले सोने का मौका मिल गया। पहले दीदी के साथ रूम शेयर करना पड़ता था, तो बॉयफ्रेंड से बात करने में भी डर लगता था। अब मैं रात को अपने बॉयफ्रेंड से खुलकर बात करती थी। मौका देखकर मैंने दो बार होटल में जाकर चुदाई भी करवाई, लेकिन घरवालों को शक हो गया, और मेरा बाहर आना-जाना बंद हो गया। फिर बॉयफ्रेंड से ब्रेकअप हो गया, और वो किसी और लड़की के साथ सेट हो गया। मैं अकेली रह गई।
कुछ दिनों बाद दीदी और जीजू घर आए। सब बहुत खुश थे। दीदी शादी के बाद पहली बार आई थीं, और इसी दौरान मेरी जीजू से बातचीत शुरू हुई। जीजू को देखते ही लगता था कि वो थोड़े फ्लर्टी टाइप हैं। वो मुझे छेड़ते थे, और धीरे-धीरे हम दोनों करीब आ गए। मैं अपने ब्रेकअप का गम भूल गई। जीजू कुछ दिन हमारे घर रुके, तो हम एक-दूसरे को अच्छे से समझ गए। उनकी पसंद-नापसंद का भी पता चल गया। मुझे उनसे बात करना अच्छा लगता था, और मैं भी उन्हें पसंद करने लगी थी, लेकिन सेक्स का ख्याल नहीं आया था।
मैं जवान थी, मेरा फिगर ऐसा कि लोग मुझे देखते ही लट्टू हो जाते। मेरी गोल-मटोल गांड जब हिलती थी, तो सबकी नजरें वहीं अटक जाती थीं। जीजू को भी मेरी गांड बहुत पसंद थी। कभी-कभी वो उसे जोर से दबा देते थे। हम दोनों ओपन माइंडेड थे, लेकिन दीदी के सामने मैं जीजू से मजाक नहीं करती थी। दीदी पुराने ख्यालों वाली थीं, और जीजू भी उनके सामने मुझे नहीं छूते थे। हम दोनों दीदी के सामने नॉर्मल रहते थे।
जीजू और मैं साथ में खाना खाते, टहलने जाते। दीदी बाहर कम निकलती थीं, तो बाजार का सामान लाने के लिए मैं और जीजू स्कूटी पर साथ जाते। एक बार जीजू ने बताया कि दीदी उनके साथ सेक्स में खुलकर मजा नहीं देतीं। उन्हें सेक्स में इंटरेस्ट कम था, और वो हमेशा घर के कामों में बिजी रहती थीं। हमारे घर आने के बाद भी दीदी वही रूटीन फॉलो करती थीं।
धीरे-धीरे मेरे और जीजू के बीच सब क्लियर हो गया। हम सेक्स के बारे में भी बात करने लगे। एक दिन मैंने पूछ ही लिया, “जीजू, अगर दीदी आपको सेक्स में मजा नहीं देतीं, तो आप क्या करते हैं?” वो चुप रहे, लेकिन मेरे जोर देने पर बोले, “ये बात किसी को मत बताना। जब दीदी नहीं देतीं, तो मैं अपनी भाभी को चोदता हूँ।” ये सुनकर मैं शॉक्ड हो गई कि जीजू दीदी से ज्यादा अपनी भाभी के साथ मस्ती करते हैं।
फिर एक दिन बात करते-करते जीजू ने मुझे किस कर लिया और बोले, “प्रतिभा, तुम अपनी दीदी से कहीं ज्यादा सेक्सी हो। तुम मुझे वो मजा दे सकती हो जो दीदी नहीं देतीं।” उन्होंने किस करते हुए मेरा हाथ अपनी कमीज में डाल दिया और मेरी चूचियों को दबाने लगे। मैंने मना किया और अपने रूम में चली गई। लेकिन सच कहूँ, मैं गर्म हो गई थी। उनकी छुअन से मेरी चूत गीली हो गई थी, और मुझे अपने बॉयफ्रेंड की याद आ गई।
जीजू मेरे पीछे रूम में आए और माफी मांगने लगे। मैंने कहा, “कोई बात नहीं।” उस शाम घर में कोई नहीं था। दीदी और मम्मी शॉपिंग के लिए गए थे। मेरी चूत को लंड की सख्त जरूरत थी, और जीजू मुझे चोदने के लिए तैयार थे। वो मेरे रूम में आए, मुझे अपनी बांहों में लिया और बोले, “प्रतिभा, मैं तुम्हारे बिना नहीं रह सकता। आज मैं तुम्हें अपना बनाना चाहता हूँ।” मैं भी उनकी चाहत में बह गई। हम दोनों एक-दूसरे को पागलों की तरह किस करने लगे। जीजू मेरे होंठ चूस रहे थे, और उनका एक हाथ मेरी चूचियों को मसल रहा था।
किस करते-करते हम अलग हुए। हमारी सांसें तेज थीं, और हम दोनों सेक्स के लिए तैयार थे। जीजू ने मेरी शर्ट उतारी, फिर मेरी ब्लैक ब्रा भी निकाल दी। वो मेरी चूचियों को चूसने लगे, उन्हें जोर-जोर से दबाने लगे। मैं पूरी तरह उनके हवाले हो गई थी। मेरे जिस्म की खुशबू से वो पागल हो रहे थे। फिर उन्होंने मुझे बांहों में उठाया और बेड पर लिटा दिया। मेरी जींस का बटन खोलकर उसे मेरी स्मूद जांघों से उतार दिया। अब मैं सिर्फ पैंटी में थी।
जीजू का लंड टाइट हो गया था। वो उसे हाथ में लेकर हिलाने लगे और बोले, “प्र Wतिभा, अपनी पैंटी उतारो, मुझे अपनी चूत दिखाओ।” मुझे शर्मिंदगी हुई, और मैंने मना कर दिया। फिर जीजू ने खुद मेरी पैंटी उतार दी। मेरी चिकनी चूत देखकर वो पागल हो गए। उन्होंने अपनी जीभ से मेरी चूत को चाटना शुरू कर दिया। चाटते-चाटते हल्के से काट भी रहे थे, और मैं सिहर उठती थी। “जीजू को मेरी चूत चाटने में बहुत मजा आ रहा था।” मेरी चूत गीली हो चुकी थी, और जीजू उसे चाट-चाटकर साफ कर रहे थे।
फिर जीजू ने अपना लंड मेरी चूत की दरार पर रखा और रगड़ने लगे। उनका टोपा मेरी चूत में हल्का-हल्का अंदर-बाहर हो रहा था। फिर उन्होंने कहा, “प्रतिभा, मेरा लंड चूसो।” मेरी कामुकता अपने पीक पर थी। मैंने उनका मोटा लंड मुंह में लिया और चूसने लगी। कुछ देर चूसने के बाद जीजू ने अपना लंड मेरी चूत में डाल दिया। धीरे-धीरे उनका पूरा लंड अंदर चला गया। अब वो मुझे जोर-जोर से चोदने लगे। मैं भी उनका साथ दे रही थी, उन्हें किस कर रही थी, उनके बालों में हाथ फेर रही थी।
जीजू ने स्पीड बढ़ाई और पूरे जोश में मुझे चोदने लगे। उनके झटकों से मेरी चूचियाँ उछल रही थीं। उनका लंड मेरी चूत में अंदर-बाहर हो रहा था। हम दोनों जीजा-साली मस्ती में डूब गए थे। मेरी चूत उनके लंड को पूरा निगल रही थी, और मुझे सुकून मिल रहा था। बहुत दिनों बाद मेरी प्यासी चूत को लंड मिला था। जीजू को भी मेरी टाइट चूत चोदने में गजब का मजा आ रहा था। मेरे मुंह से सिसकारियाँ निकल रही थीं— “आह्ह… उम्म्ह… हाय… जीजू… आह्ह…”।
हम दोनों का जोश चरम पर था। कुछ देर बाद हम अकड़ गए, और हमारा पानी निकल गया। चुदाई के बाद हम एक-दूसरे से चिपककर लेट गए। जीजू ने मुझे अपनी बांहों में लिया। थोड़ी देर बाद हम फिर से किस करने लगे। जीजू बोले, “प्रतिभा डार्लिंग, तुम्हारी कातिल अदाएं और हॉट जिस्म ने मुझे तुम्हारा दीवाना बना दिया।”
जब तक जीजू हमारे घर रुके, हमने कई बार सेक्स किया। दीदी के सामने पूरा सेक्स नहीं कर पाते थे, तो ओरल सेक्स से काम चला लेते थे। जीजू को मेरी चूत चाटना बहुत पसंद था। वो मेरी गीली चूत को चाट-चाटकर चमका देते थे। मैं भी उनका लंड चूस लेती थी। वो मेरी ब्रा-पैंटी सूंघते, मेरी चूचियाँ चूसते। अब जब भी जीजू घर आते हैं, हम मौका देखकर चुदाई का मजा लेते हैं। “जीजू को मेरी चूत चाटने में बहुत मजा आया।”