Family Sex Stories

मौसा जी को चूत का दीवाना बनाया

पढ़ें पूजा की सच्ची कहानी, कैसे उसने 19 साल की उम्र में अपनी कच्ची जवानी से मौसा जी को अपनी चूत का दीवाना बनाया। गोरे जिस्म, भरे हुए बूब्स और उभरी गांड के साथ शुरू हुआ एक हवस भरा खेल, जो उंगलियों से लेकर लंड तक पहुँचा। जानें कैसे मौसा जी ने उसकी चूत को चोदा और आज भी उसकी प्यास बुझाते हैं।

हाय दोस्तों, मेरा नाम पूजा है। उम्र 29 साल, एक नौकरीपेशा औरत, जिसकी जिंदगी में जवानी के रंग बिखरे हुए हैं। मेरी हाइट 5 फीट 3 इंच है, और मेरा फिगर 34-28-40—गोरी चट्टी, भरे हुए बूब्स और उभरी हुई गांड, जो किसी का भी ध्यान खींच ले। आज मैं आपको अपनी जिंदगी की एक सच्ची कहानी सुनाने जा रही हूँ, जो तब शुरू हुई जब मैं 19 साल की थी—जवानी की दहलीज पर कदम रखती एक लड़की, जिसके अंदर उमंगें कुलांचे मार रही थीं।

उस वक्त मेरे घर में मम्मी-पापा के साथ मौसा जी और मौसी भी रहा करते थे। मौसा जी की उम्र तब करीब 35 साल रही होगी। दिखने में बिल्कुल सीधे-सादे, शांत मिजाज, लेकिन उनकी आँखों में छुपी वो चमक मैंने बाद में देखी। मैं उस उम्र में थी जब मेरी बॉडी धीरे-धीरे खिल रही थी। मेरे बूब्स बढ़ते जा रहे थे, गोल और सख्त, और मेरे पुराने कपड़े अब मुझे फिट नहीं होते थे। स्कूल की ड्रेस—नीली स्कर्ट और सफेद शर्ट—मेरे जिस्म को ढकने की बजाय और उभार देती थी। मुझे ब्रा पहनने की आदत नहीं थी, तो मेरे निप्पल्स शर्ट के ऊपर से साफ झलकते। मम्मी कई बार टोकतीं, “पूजा, कुछ अंदर पहन लिया कर!” पर मैं हँसकर टाल देती।

मेरी बॉडी सचमुच मस्त थी—गोरी जाँघें, पतली कमर, और भरे हुए बूब्स—लेकिन चेहरा कुछ खास नहीं था। स्कूल में लड़कियाँ अपने बॉयफ्रेंड्स के साथ घूमतीं, और मैं मन मसोसकर रह जाती। कोई मुझे प्रपोज तक नहीं करता था। पर घर पर एक नजर मेरे पीछे थी—मौसा जी की। वो मुझे बड़े गौर से देखते, उनकी आँखों में कुछ ऐसा था जो मुझे अंदर तक गुदगुदाता।

Hot Sex Story :  पापा का मोटा लंड

एक दिन स्कूल से लौटी। ठंड का मौसम था, और मेरी शर्ट के नीचे ब्रा नहीं थी। मेरे बूब्स सख्त होकर उभर रहे थे, और निप्पल्स ठंड से टाइट होकर शर्ट से साफ दिख रहे थे। मैंने देखा कि मौसा जी मुझे घूर रहे हैं। उनकी नजर मेरे बूब्स पर टिकी थी, जैसे कोई भूखा शिकारी अपने शिकार को निहार रहा हो। मुझे कुछ सूझा नहीं, और न जाने क्यों, मैंने उनके सामने उछल-उछलकर चलना शुरू कर दिया। मेरे बूब्स हवा में लहरा रहे थे, ऊपर-नीचे हो रहे थे, और मौसा जी की आँखें उनसे हटने का नाम नहीं ले रही थीं। मैं करीब 10 मिनट तक ऐसे ही टहलती रही, और वो बस देखते रहे। फिर मैंने गौर किया—वो अपने होंठों पर जीभ फेर रहे थे, जैसे उनकी प्यास बढ़ रही हो।

मैं उनके पास गई, जानबूझकर अपनी शर्ट को थोड़ा टाइट किया ताकि मेरे बूब्स और उभरें। “मौसा जी, क्या हुआ? प्यास लगी है क्या? पानी लाऊँ?” मैंने मासूमियत से पूछा। वो मेरे बूब्स को देखते हुए बोले, “हाँ, पानी पिला दे… बहुत प्यास लगी है।” उनकी आवाज में एक अजीब-सी कशिश थी। मैं समझ गई—मौसा जी मेरे जिस्म के दीवाने हो चुके थे।

उस दिन से एक खेल शुरू हुआ। मैं मौका देखकर उनके सामने टाइट कुर्ती पहनती, जिसमें मेरे बूब्स गोल-गोल और भरे हुए लगते। कभी छोटी स्कर्ट डालकर उनके सामने झुकती, ताकि मेरी गोरी जाँघें और गांड का उभार उनकी नजरों के सामने आए। वो मुझे बड़े प्यार से निहारते, उनकी आँखों में हवस और बेबसी का मिश्रण साफ दिखता। मुझे मजा आने लगा था—उनकी प्यास को बढ़ाना, उनके होंठों से लार टपकते देखना, और ये जानना कि वो कुछ कर नहीं सकते। पर मैंने ठान लिया कि अब इसे अगले स्तर पर ले जाना है।

Hot Sex Story :  Jungle Mein Kunwari Bua Ki Jabardast Chudai Ki

एक दिन घर पर कोई नहीं था। मैं और मौसा जी टीवी रूम में अकेले थे। मैं सोफे पर लेटी थी, एक बड़े गले की पतली टी-शर्ट पहने हुए, जिसके नीचे कुछ नहीं था। मैंने रजाई ओढ़ रखी थी, और मौसा जी मेरे पैरों के पास बैठे टीवी देख रहे थे। मौका परफेक्ट था। मैंने धीरे से टी-शर्ट का गला नीचे खींचा, इतना कि मेरे बूब्स का ऊपरी हिस्सा बाहर आ जाए—बस निप्पल छुपा रहा। फिर मैंने पीछे से उन्हें हिलाया, “मौसा जी, क्या देख रहे हो?” उन्होंने मुड़कर देखा, और उनकी नजर मेरे बूब्स पर अटक गई। वो गोल, गोरे उभार देखकर उनकी साँसें थम-सी गईं।

वो मेरे चेहरे की तरफ हाथ बढ़ाकर मेरे गाल सहलाने लगे और बोले, “प्यास लग रही है।” फिर उनका हाथ धीरे-धीरे नीचे सरका और मेरे बूब्स के उभार पर टिक गया। मेरे जिस्म में सिहरन दौड़ गई। पहली बार किसी मर्द का हाथ वहाँ था, और वो एहसास मुझे डर के साथ-साथ उत्तेजित कर रहा था। मैं चुप रही। फिर मौसा जी ने हिम्मत बढ़ाई—उनकी उंगली ने टी-शर्ट को और नीचे खींचा, और मेरा काला, सख्त निप्पल बाहर आ गया। वो उसे देखते रहे, जैसे कोई खजाना मिल गया हो।

यह कहानी आप Hotsexstory.xyz में पढ़ रहे।

तभी रजाई के नीचे हलचल हुई। उनका दूसरा हाथ मेरी स्कर्ट की तरफ बढ़ रहा था। मैंने अपनी जाँघें खोल दीं, और उनका हाथ मेरी छोटी-सी चड्डी तक पहुँच गया। मेरी चूत चिकनी थी, मखमली और फूली हुई, जिसे बस एक पतली-सी स्ट्रिप ढक रही थी। मौसा जी ने चड्डी के अंदर हाथ डाला और मेरी चूत को सहलाने लगे। उनकी उंगलियाँ मेरी नरम चूत पर फिसल रही थीं, और मेरे अंदर आग भड़क उठी। मैंने आँखें बंद कर लीं। फिर उनकी बीच की उंगली मेरी चूत की दरार में घुसी और मेरे दाने को रगड़ने लगी। मेरी चूत गीली हो गई, पानी छोड़ने लगी, और मैं सिसकियाँ लेने लगी।

Hot Sex Story :  बरसात में भाई के साथ

“मौसा जी…” मैंने कराहते हुए कहा, पर वो रुके नहीं। उनकी उंगली मेरी चूत के दाने को तेजी से सहला रही थी, और मैं पागल हो रही थी। मेरी जाँघें और चौड़ी हो गईं, और मेरी चूत से पानी की धार बहने लगी। वो मेरे बूब्स को एक हाथ से दबा रहे थे, और दूसरा हाथ मेरी चूत को चोद रहा था। मेरे लिए ये पहला अनुभव था—कच्ची जवानी में एक मर्द का ऐसा स्पर्श। मैं झड़ गई, मेरी साँसें तेज थीं, और मौसा जी की आँखों में विजयी चमक थी।

उस दिन के बाद मैं मौसा जी की हो गई। जब भी मौका मिलता, वो मुझे चोदते। कभी रसोई में, कभी बाथरूम में, कभी रात के अंधेरे में। उनकी उंगलियाँ, उनका लंड—सब मेरी चूत का दीवाना बन गया। मैंने अपनी पूरी जवानी उन पर लुटा दी। आज मैं शादीशुदा हूँ। मेरा पति मुझे रात-दिन चोदता है, मेरी चूत को कभी प्यासा नहीं छोड़ता। वो चुदक्कड़ है, और मुझे उससे कोई शिकायत नहीं। पर जब भी मायके जाती हूँ, मौसा जी से चुदवाती हूँ। अलग-अलग लंड का मजा ही कुछ और है। मौसा जी आज भी मेरी चूत देखकर पागल हो जाते हैं, और मैं उनकी प्यास बुझाती हूँ—हर बार, हर दफा।