हॉट सेक्स स्टोरी: निहारिका की वासना की आग और दूधवाले जाट की चुदाई
निहारिका की अधूरी शादीशुदा जिंदगी और वासना की प्यास बुझाने की हॉट कहानी। दूधवाले जाट के साथ चूत और गांड की ठुकाई की सच्ची सेक्स स्टोरी। अभी पढ़ें!
हेलो, मैं निहारिका गुप्ता, एक पढ़ी-लिखी, मॉडर्न औरत, जिसके दिल में आग और जिस्म में तूफान सा उठता है। मेरी शादी को अभी छह महीने ही हुए हैं, लेकिन मेरे पति की बेरुखी ने मुझे उस मोड़ पर ला खड़ा किया, जहां मेरी वासना की प्यास बुझाने के लिए मैं कुछ भी कर सकती हूँ। मैं गोरी, लंबी, और इतनी सुंदर हूँ कि जब मैं सड़कों पर निकलती हूँ, तो हर नजर मुझ पर ठहर जाती है। मेरे भरे-पूरे बूब्स और मस्तानी चूतड़ों की थिरकन हर मर्द के दिल में हलचल मचा देती है। सामने से देखने वालों की आँखें मेरे टाइट बूब्स पर अटक जाती हैं, और पीछे से देखने वालों की नजरें मेरे हिलते-डुलते चूतड़ों पर टिकी रहती हैं। लेकिन अफसोस, इन सबको भोगने वाला कोई मर्द मेरी जिंदगी में नहीं है।
मैं थोड़ी बिंदास और बहकी-बहकी बातें कर रही हूँ, लेकिन मुझसे सती-सावित्री बनकर और कितने दिन जिया जाए? मेरे तन-बदन में वासना की आग धधक रही है, और अब मुझे चाहिए एक ऐसा मर्द, जिसका लंड मोटा, काला, लंबा और ताकतवर हो। वो मुझे रात भर ठोकता रहे, चाहे मेरी चूत को रगड़े या मेरी गांड को फाड़े, मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता। बस चाहिए एक लंबी रेस का घोड़ा, जो थके नहीं। अगर मेरे पति जैसा निकला, तो उसकी गांड पर लात मारकर भगा दूँगी।
मेरी जिंदगी की अधूरी कहानी
पहले मैं अपनी पूरी कहानी सुनाती हूँ, फिर आप कमेंट करना। जिसका कमेंट सबसे हॉट होगा, समझो उसकी लॉटरी लग गई। मैं दिल्ली यूनिवर्सिटी से ग्रैजुएट हूँ, और मेरी शादी एक अच्छे घराने में हुई है। मेरे पति का बिजनेस है, लेकिन वो मुझे टाइम नहीं दे पाते। रात को 12 बजे घर आते हैं, खाना खाते हैं, और सोने की कोशिश करते हैं। मैं चुदाई के लिए तड़पती रहती हूँ, और वो मुझे यूँ ही तड़पता छोड़ देते हैं। कभी-कभार छुट्टी के दिन जब वो घर पर होते हैं, तो मैं उन्हें रिझाने की पूरी कोशिश करती हूँ। सेक्सी ड्रेस पहनती हूँ, अपनी चूचियों को उभारती हूँ, लेकिन अगर वो तैयार भी हो जाते हैं, तो उनकी पकड़ में वो दम नहीं। उनकी बाहें मुझे कसकर जकड़ नहीं पातीं, और मैं अंगड़ाइयाँ लेती रहती हूँ।
सबसे बड़ी दिक्कत? उनका लंड! मादरचोद, सिर्फ दो इंच का! भला दो इंच के लंड से क्या होगा? कम से कम छह इंच का तो होना चाहिए, जो मेरी चूत की गहराइयों को छू सके। उस पर से उनका लंड मरा हुआ सा, छोटा चूहा जैसा। मेरे जिस्म में आग लग जाती है, और गुस्से में मैं उन्हें धक्के मारकर हटा देती हूँ। फिर तकिए के सहारे अपनी रात काटती हूँ, लेकिन अब ये सब बर्दाश्त के बाहर हो गया है।
दूधवाले जाट ने बुझाई थी मेरी प्यास
मेरी जिंदगी में एक बार बहार आई थी, जब मैंने अपने दूधवाले भैया से चुदवाया था। वो हरियाणा का जाट था, कसरती जिस्म, काला-कलूटा, और आँखों में वासना की चमक। मेरे पति सूरत गए थे बिजनेस के सिलसिले में, और मैं घर पर अकेली थी। सुबह बेल बजी, मैं नाइटी में बाहर निकली। ब्रा नहीं पहनी थी, मेरी चूचियाँ नाइटी के ऊपर से हिलोरे ले रही थीं, और मेरे निप्पल साफ दिख रहे थे। दूधवाला भैया मुझे देखता ही रह गया, उसकी नजरें मेरी चूचियों से हटने का नाम नहीं ले रही थीं।
पहले तो मुझे गुस्सा आया कि कोई औरत को ऐसे कैसे देख सकता है? लेकिन अगले ही पल मेरे दिमाग में ख्याल आया कि शायद ये भी मेरे जैसा प्यासा हो। मैंने उससे पूछा, “क्या बात है भैया, ऐसे क्यों देख रहे हो?” वो हड़बड़ा गया, “जी मैडम, कुछ नहीं, बस…” मैंने उसकी पजामे की तरफ देखा, उसने अंडरवियर नहीं पहना था, और उसका औज़ार खड़ा होकर सलामी दे रहा था। मेरे जिस्म में करंट सा दौड़ गया। मैंने सोचा, यही मौका है। पति घर पर नहीं है, क्यों ना अपनी वासना की आग को शांत कर लूँ?
मैंने उसे अंदर बुलाया और पूछा, “तुम्हारी शादी हुई है?” उसने बताया कि उसकी बीवी उसे छोड़कर चली गई क्योंकि उसका लंड बहुत बड़ा था, और वो दिन में तीन-चार बार चुदाई करता था। उसकी बीवी बर्दाश्त नहीं कर पाई और चली गई। उसने बताया कि पांच महीने से उसने किसी के साथ सेक्स नहीं किया। मेरी चूत में खुजली होने लगी। मैंने उससे साफ-साफ कहा, “अगर तुम किसी को नहीं बताओगे, तो मैं तुम्हारे साथ सेक्स करना चाहती हूँ।” ये सुनते ही उसने दूध की डोली नीचे रख दी और बोला, “मैडम, माँ कसम, किसी को नहीं बताऊँगा।”
बेडरूम में जलता खेल
मैं उसे अपने बेडरूम में ले गई। मैंने पजामे के ऊपर से ही उसका लंड पकड़ लिया। मोटा, गर्म, और ताकतवर। मेरी चूत गीली होने लगी। मैंने उसका नाड़ा खोला और लंड बाहर निकाला। ओह्ह, वैसा ही लंड जैसा मैंने अपने सपनों में देखा था – काला, लंबा, मोटा, और रसीला। मैं बिस्तर पर लेट गई, वो मेरे ऊपर चढ़ गया। उसने मेरी नाइटी उतार दी और मेरी चूचियों को मसलने लगा। फिर उसने मेरे निप्पल्स को मुँह में लिया और चूसने लगा। मेरी सिसकारियाँ निकलने लगीं, “आह्ह… और चूसो… जोर से…”
उसने मुझे पेट के बल लेटने को कहा और बोला, “मैडम, मैं आपकी गांड चाटना चाहता हूँ।” उसने मेरी गांड को चाटना शुरू किया। उसकी गर्म जीभ मेरी गांड के छेद पर फिसल रही थी, और मैं पागल हो रही थी। करीब दस मिनट तक उसने मेरी गांड चाटी, मेरी चूत टपकने लगी थी। फिर मैं घुटनों के बल हो गई, और उसने मेरी चूत को चाटना शुरू किया। उसकी जीभ मेरी चूत के दाने को रगड़ रही थी, और मैं सिसकार रही थी, “आह्ह… भैया… और चाटो… मेरी चूत को खा जाओ…”
चूत की ठुकाई और गांड की मस्ती
उसने मुझे फिर से लेटाया, मेरी टाँगें ऊपर उठाईं, और अपना मोटा लंड मेरी चूत पर सेट किया। उसने मेरी चूचियों को दोनों हाथों से पकड़ा और एक ही झटके में अपना पूरा लंड मेरी चूत में पेल दिया। मैं चीख पड़ी, “आह्ह… मर गई…” पहली बार किसी मर्द का लंड मेरी चूत को फाड़ रहा था। वो भद्दी-भद्दी गालियाँ देने लगा, “ले रंडी, साली, क्या चूत है तेरी… आज तुझे चोद-चोदकर संतुष्ट कर दूँगा… ले मेरा लंड…”
वो जोर-जोर से धक्के मारने लगा। उसका लंड मेरी चूत की गहराइयों को छू रहा था। मैं तीन बार झड़ चुकी थी, और मेरी चूत से रस टपक रहा था। करीब चालीस मिनट की चुदाई के बाद वो भी झड़ गया। उसने मुझे कसकर जकड़ लिया, जैसे उसकी बरसों की प्यास बुझ गई हो। मैं भी पूरी तरह संतुष्ट थी।
अगले दिन उसने फिर से मुझे चोदा। उस दिन उसने मेरी गांड भी मारी। उसका मोटा लंड मेरी गांड में घुसा, तो मैं दर्द से चीख पड़ी, लेकिन धीरे-धीरे मजा आने लगा। तीसरे दिन मैं उसका इंतजार करती रही, लेकिन वो नहीं आया। अब एक महीना हो गया है, और वो दूध देने नहीं आता। मैं फिर से प्यासी हूँ, मेरी चूत में आग लगी है, और मेरी गांड खुजली कर रही है।
तुम मेरी प्यास बुझाओगे?
अगर कोई मर्द मेरी इस प्यास को बुझा सकता है, तो नीचे कमेंट करो। मैं खुद रिप्लाई करूँगी। जिसका कमेंट सबसे हॉट होगा, उसे मैं मौका दूँगी। और हाँ, इस कहानी को स्टार रेटिंग देना न भूलें। मेरी चूत और गांड का इंतजार है… जल्दी करो!