दिल्ली वॉटर पार्क में पूनम की चुदाई – हॉट रूम सेक्स कहानी
पढ़ें एक तड़पते हुए लड़के की हॉट सेक्स कहानी, जो दिल्ली के वॉटर पार्क में पूनम को लेकर AC रूम में चुदाई का मज़ा लेता है। होंठ चूसने से लेकर चूत चाटने और लंड से चुदाई तक, 24 घंटे का पैकेज बना जन्नत का सफर।
हैल्लो दोस्तों, मेरी ये दूसरी कहानी है और अब मुझे चुदाई किए हुए काफ़ी लंबा वक़्त हो गया था। सच कहूँ तो मैं अब चुदाई के लिए बुरी तरह तड़प रहा था, मन में एक अजीब सी बेचैनी थी। फिर मैंने सोचा कि क्यों ना कुछ अलग किया जाए। दिल्ली में एक वॉटर पार्क है, जहाँ कपल्स के लिए एक खास पैकेज मिलता है – सिर्फ़ 2000 रुपए में वॉटर पार्क की एंट्री, लंच और एक AC रूम पूरे 24 घंटों के लिए। मैंने फटाफट वो पैकेज बुक कर लिया। लेकिन मेरा इरादा वॉटर पार्क में नहाने का बिल्कुल भी नहीं था, मैं तो सीधे पूनम को लेकर रूम की ओर चल पड़ा।
रूम में पहुँचते ही मैंने पहले चारों तरफ नज़र दौड़ाई, सब कुछ चेक किया कि कहीं कोई दिक्कत तो नहीं। सब ठीक देखकर मैं पूनम को बेड पर ले गया। उसे बेड पर लिटाते ही मैंने बिना वक़्त गँवाए उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिए और उन्हें चूसना शुरू कर दिया। दोस्तों, एक तो मैं कई दिनों से प्यासा था, ऊपर से पूनम के होंठ इतने मुलायम और रसीले थे कि मैं खुद को रोक ही नहीं पाया। मैं पागलों की तरह उसके होंठ चूस रहा था, और अब वो भी मेरा पूरा साथ दे रही थी। उसकी साँसें तेज़ हो गई थीं और वो भी मेरे होंठों को उसी शिद्दत से चूम रही थी।
फिर मैंने धीरे-धीरे उसके कपड़े उतारने शुरू किए। पहले उसका सूट उतारा, और जैसे ही सूट हटा, उसके 36 इंच के बूब्स उसकी टाइट ब्रा में से बाहर आने को बेताब दिख रहे थे। मैंने पहले तो ब्रा के ऊपर से ही उन्हें हल्के-हल्के दबाया, मसला और साथ में उसके होंठ चूसता रहा। फिर मैंने उसकी ब्रा के हुक खोले और उसके भरे हुए बूब्स को आज़ाद कर दिया। दोस्तों, क्या बताऊँ, वो इतने बड़े और सॉफ्ट थे कि मेरे एक हाथ में समा ही नहीं रहे थे। मैंने दोनों हाथों से उन्हें मसलना शुरू किया, कभी दबाया, कभी हल्के से खींचा। फिर मैंने उसके बूब्स को मुँह में ले लिया और चूसना शुरू कर दिया। उसके बूब्स इतने रसीले थे कि मेरा मन ही नहीं भर रहा था। मैं उन्हें पागलों की तरह चूस रहा था, कभी एक को तो कभी दूसरे को, और वो सिसकियाँ ले रही थी – “आहह… उम्म्म…”
फिर मैंने उसकी सलवार का नाड़ा खोला और नीचे सरकाया। उसकी पैंटी पूरी तरह गीली हो चुकी थी, उसकी चूत की गर्मी और उत्तेजना साफ झलक रही थी। मैंने उसकी पैंटी भी उतार फेंकी और पहले उसकी मोटी, रसीली जाँघों को चाटना शुरू किया। एक जाँघ को चाटता तो दूसरी को अपने हाथों से मसलता। वो अब पूरी तरह तड़प रही थी, उसके मुँह से सिसकियाँ निकल रही थीं – “उईई… आहह…” मैंने फिर उसकी चूत पर अपनी जीभ रखी और चाटना शुरू किया। दोस्तों, वो तो जैसे पागल हो गई। उसके सारे बाल खुल गए थे और वो अपनी कमर उठा-उठाकर मेरे मुँह को अपनी चूत पर दबा रही थी। मैंने एक बार मुँह हटाने की कोशिश की, लेकिन उसने मेरे सिर को ज़ोर से पकड़ लिया और फिर से अपनी चूत पर दबा दिया। अब वो जोर-जोर से आवाज़ें निकाल रही थी – “उम्म्मम… आहह… उईईई… माआआ…”
उसकी चूत ने दो बार पानी छोड़ दिया, लेकिन मेरा मन अभी भरा नहीं था। वो थक चुकी थी और गिड़गिड़ाने लगी, “प्लीज़, थोड़ी देर रुक जाओ…” लेकिन मैं कहाँ रुकने वाला था? मैं उठा और अपने कपड़े उतारने लगा। उसने भी कमज़ोर हालत में मेरी मदद की। फिर उसने मेरी गर्दन चाटी, मेरे होंठ चूमे, मेरी छाती पर अपनी जीभ फिराई। मैंने अपना लंड उसके मुँह में दे दिया और कमर हिलाने लगा। मैं इतना गर्म हो चुका था कि सिर्फ़ 5 मिनट में ही मेरा माल निकल गया, और वो उसे चाट गई।
हम दोनों अटैच्ड बाथरूम में गए, अब हम पूरी तरह नंगे थे। मैंने साबुन लिया और नीचे से उसके शरीर पर लगाना शुरू किया। पहले उसके पैरों पर, फिर घुटनों पर, जाँघों पर और आखिर में उसकी चूत पर। मैंने अपनी दो उंगलियाँ उसकी चूत में डाल दीं और उसे मसलने लगा। वो फिर से सिसकने लगी। मेरा लंड दोबारा खड़ा हो गया था। मैंने शॉवर बंद किया और उसे दीवार के सहारे खड़ा कर दिया। उसने अपने हाथ दीवार पर रखे और एक टाँग उठा दी, जिससे उसकी चूत का मुँह साफ-साफ दिखने लगा।
मैंने पीछे से अपना लंड उसकी चूत पर सेट किया और एक ज़ोरदार धक्का मारा। साबुन की वजह से मेरा लंड फिसलता हुआ पूरा अंदर घुस गया। उसके मुँह से चीख निकली, “आहह… में मर गई… बाहर निकालो!” लेकिन मैं अब रुकने वाला नहीं था। मैंने पीछे से उसके बूब्स पकड़ लिए और उन्हें मसलने लगा। साबुन की चिकनाहट से बूब्स मसलने का मज़ा दोगुना हो गया था। मैं धक्के मारता रहा और थोड़ी देर बाद वो भी मेरे साथ कमर हिलाने लगी। उसकी चूत को मैंने खूब तसल्ली से चोदा।
फिर हम बेडरूम में आए। मैंने पहले उसके गुलाबी निप्पल्स को चूसा, उन्हें हल्के से काटा। फिर उसे नीचे लिटाया, उसकी दोनों टाँगें फैलाईं और उसकी चूत में अपना लंड डाल दिया। मैं उसके ऊपर चढ़ गया और कूदने लगा। आधे घंटे तक मैं उसे लगातार चोदता रहा। आखिर में मैं झड़ गया और सारा माल उसकी चूत के अंदर ही डाल दिया। हम दोनों थक कर बेड पर पड़े रहे, साँसें तेज़ चल रही थीं, लेकिन मन में एक अजीब सा सुकून था।