Bhabhi Sex

मेरी प्यारी मीनू भाभी-1

Pyari Bhabhi Meenu-1

Sex video bhabhi devar, हेल्लो दोस्तो… मेरा नाम रंजन है, मैं दिल्ली से हूँ, एक प्राइवेट कंपनी में जॉब करता हूँ। मैं यहाँ अपने चचरे भाई के साथ कालकाजी में रहता हूँ।
दोस्तो, मैं यहाँ कोई उत्तेजक कहानी या मनगढ़ंत कहानी नहीं लिख रहा हूँ। जो यकीन नहीं करना चाहे तो मुझे उससे कोई परेशानी नहीं।

मेरे भैया का नाम नीलेश है, भाभी का नाम मीनू है। हम तीनों यहाँ इकट्ठे बड़े आराम से रहते हैं। कालकाजी में हमने एक बड़ा तीन बेड रूम वाला फ्लैट ले रखा है। भैया का मार्केटिंग का जॉब था और उनका अक्सर बाहर आना-जाना लगा रहता था।

बात पिछले दिसम्बर की है, भैया कोलकाता गए थे। मैं और भाभी अकेले घर में थे। अब दिल्ली की ठंड के बारे में क्या बताऊँ। मैं घर पर ही टीवी देख रहा था। सुबह से भाभी की आवाज़ नहीं आ रही थी। तो मैं उनके बेडरूम में गया, देखा तो भाभी को बहुत तेज़ बुखार थी। मैं उन्हें हॉस्पिटल लेकर गया और दवाई लाया। शाम तक भाभी का बुखार उतर गया था।

रात को खाना खाने के बाद मैं भाभी के पास रुका और बोला- रात को फिर तबीयत खराब हो सकती है, आप बेड पर सो जाओ, मैं यहाँ सोफे पर लेटा हूँ। ज़रूरत पड़े तो आवाज़ लगाना।

भाभी ने हाँ कगा और सोने गई। तक़रीबन 11 बजे भाभी थोड़ी कांपने लगी। मैंने एक कम्बल लाकर दिया। फिर भी भाभी कांप रही थी। मुझसे सहा नहीं गया और मैंने भाभी को कम्बल के ऊपर से जोरो से पकड़ लिया। धीरे धीरे भाभी सो गई। सवेरे उठ कर देखा तो कब हम दोनों कम्बल के अन्दर एक दूसरे को पकड़ कर सोये हुए थे।

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मैं उठा तो मेरे होश उड़ गए। मैं भाभी से सॉरी बोला और निकल गया। भाभी कुछ नहीं बोली।

सुबह भाभी ने नाश्ता बनाया और मैं खाकर ऑफिस चला गया। ऑफिस में मेरा काम में मन नहीं लगा, अपने आप पर गुस्सा आ रहा था कि यह कैसे हो गया। मुझे दो बजे के करीब भाभी का कॉल आया।

मैं डर गया और फ़ोन उठाया तो भाभी बोली- रंजन, रात को जो हुआ उसे भूल जाओ। गलती से हो गया और उसे जाने दो।

मैं कुछ बोला नहीं.. थोड़ी देर बाद भाभी का दुबारा फ़ोन आया और वो रोने लगी.. मैंने डर कर पूछा- क्या हुआ..?

तो वो बोली- कोई मुझे नहीं समझता है.. सब अपने काम में लगे हैं !

मैंने पूछा- आखिर क्या हुआ?

तो बोली- तुम्हारे भैया तो हमेशा बाहर रहते हैं… मेरे अरमानों को कौन समझेगा..

मैं कुछ नहीं बोला और कुछ देर बाद बोला- भाभी, आखिर क्या चाहिए?

तो वो बोली- रंजन, मुझे वो ख़ुशी चाहिए जो तुम्हारे भैया से बहुत कम मिलती है..

मैंने फ़ोन काट कर दिया.. थोड़ी देर बाद मेरे मन में भी हलचल होने लगी… दोस्तो, बता दूँ कि मेरे मीनू भाभी कमाल की दिखती हैं, रंग गोरा, शरीर भरा-भरा.. जो भी देखे, मुँह में पानी आ जाये… साड़ी पहनती हैं तो क़यामत ढाती हैं…

मैंने दुबारा कॉल किया, बोला- मीनू भाभी, आज तुम्हें वो ख़ुशी दूँगा जो तुम ज़िन्दगी भर भूल नहीं पाओगी..

भाभी ने खुशी में फ़ोन पर ही मुझे चुम्बन दे दिया।

मैं ऑफिस से सात बजे निकला और साथ में आइसक्रीम और कुछ फूल लेकर गया।

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मैं घर पहुंचा, मेरे पास घर की डुप्लीकेट चाबी थी तो मैंने धीरे से दरवाज़ा खोला… मेरे आने का भाभी को पता चल गया था, वो मुझे कातिल नज़र से देख रही थी और मुस्कान बिखेर रही थी…

वो मेरे पास आई…

मैंने कहा- भाभी क्या बात है…/

उन्होंने कहा- पहले तो रंजन, तुम मुझे भाभी कहना छोड़ दो और मुझे मीनू बुलाओ…

मैं हामी भरी… मीनू ने प्यारी सी मुस्कान दी और मेरा हाथ पकड़ कर मुझे गले लगा लिया और मेरे होंठों को चूम लिया।

मैंने भी उसको बाहों में ले लिया, मेरा तो मन किया की मेज पर लेटा कर वहीं चोद डालूँ पर फिर सोचा कि इतनी जल्दी नहीं, आराम से सब करूँगा।

मैंने कुछ नहीं किया।

फिर हमने खाना खाया और साथ में बीयर भी पी.. वो थोड़ा बहकने लगी थी बीयर के नशे में। मैं भाभी को पकड़ कर बेडरूम में ले गया। जैसे ही कमरे में पहुँचे तो मैंने दरवाज़ा बन्द कर दिया और भाभी बेड पर लेटा दिया, अपना शर्ट निकाल कर उसकी ज़ांघों के पास बैठ गया और उसको चूमने लगा।

वो थोड़ी नशे में थी तो भाभी का पूरा बदन मचल रहा था, भाभी का मचलता बदन को देख मेरा लंड और तनने लगा था।

वो बोल रही थी- रंजन, आज मुझे पूरा मज़ा दे दो, जो आज तक तुम्हारे भैया ने मुझे कभी नहीं दिया।

फिर मैंने उसके पूरे बदन को चूमा और उसकी पोशाक बदन से अलग कर दी, उसने लाल रंग की ब्रा-पैंटी पहनी थी, उसके गोरे बदन और बड़ी बड़ी चूचियों की वजह से कमाल दिख रही थी।

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मैंने ब्रा के ऊपर से ही उनकी चूची को मसलना शुरू किया और एक तरफ उनके होंठों पर होंठ रख कर रसीला जाम पीने लगा।

वो मेरा पूरा साथ दे रही थी, वो मेरी पीठ सहला रही थी। मैंने उसकी पीठ के नीचे हाथ डाला और ब्रा का हुक खोल दिया तो उनकी चूचियाँ आजाद हो गई और उनकी चूची को मुँह में लेकर चूसने लगा, एक हाथ से दूसरी चूची दबाने लगा।

वो बोल रही थी- और जोर से चूसो ! और जोर से !

मुझे जोश आ रहा था, मैं जोर जोर से चूसने लगा।

अगले भाग में कहानी समाप्त-