बारिश की रात में मम्मी पापा की मस्त चुदाई
मेरा नाम अमन है, और आज मैं आपको अपनी मम्मी और पापा की उस रात की तूफानी चुदाई की कहानी सुनाने जा रहा हूँ, जिसे मैंने अपनी आँखों से देखा। ये बात तब की है जब मैं कक्षा 12 में पढ़ता था और एक बार बीमार पड़ गया था। मैंने उनकी चुदाई कई बार देखी थी, लेकिन उस बारिश वाली रात की चुदाई इतनी हॉट और सेक्सी थी कि मैं उसे आज तक भूल नहीं पाया। तो चलिए, आपको उस रात की पूरी कहानी सुनाता हूँ, जिसमें मौसम की सर्दी और चुदाई की गर्मी ने कमाल कर दिया।
उस दिन मैं बारिश में भीग गया था, जिसके चलते मुझे तेज बुखार हो गया। डॉक्टर ने मुझे दो दिन की छुट्टी लेने को कहा, और मैं घर पर ही आराम कर रहा था। दूसरे दिन हल्की-हल्की बारिश हो रही थी। मौसम इतना रोमांटिक था कि हवा में ठंडक और बारिश की बूँदों की फुहार ने सब कुछ कामुक सा बना दिया था। रात को भी बूंदाबांदी जारी थी, और मैं अपनी दवाई खाकर चारपाई पर सो गया। मेरी चारपाई मम्मी-पापा के बेड के ठीक बगल में थी, और ये बात मेरे लिए उस रात जन्नत का दरवाजा खोलने वाली साबित हुई।
रात को करीब 11 बजे मुझे ठंड लगी, तो चादर ओढ़ने के लिए मैं उठा। जैसे ही मैंने आँखें खोलीं, मेरे होश उड़ गए। मम्मी और पापा दोनों बिल्कुल नंगे थे, और ऐसा हॉट सीन मेरे सामने था कि मैं सन्न रह गया। पापा की बालों वाली गांड मेरे चेहरे के बिल्कुल पास थी, और उनका एक पैर मेरी चारपाई पर रखा हुआ था। उधर मम्मी के पैर हवा में उठे हुए थे, और उनकी पायल की छनछन आवाज़ कमरे में गूंज रही थी। मेरी आँखों के सामने पापा का मोटा, हिलता हुआ लंड मम्मी की रसीली चूत में बार-बार अंदर-बाहर हो रहा था। दोनों पूरी तरह चुदाई के नशे में डूबे हुए थे।
पापा अपनी कमर को मस्त अंदाज़ में हिला-हिलाकर मम्मी को चोद रहे थे, और मम्मी “आह्ह… उह्ह… स्स्स…” की सिसकारियां लेते हुए मदहोश हो रही थीं। मैं सब कुछ साफ-साफ देख रहा था, जैसे कोई लाइव X-rated मूवी चल रही हो। पापा कभी मम्मी के रसीले होंठों को चूम रहे थे, कभी उनके बड़े-बड़े दूध को चूस रहे थे, तो कभी उन्हें ज़ोर-ज़ोर से दबाते हुए उनकी टांगें ऊपर उठाकर और गहरे धक्के मार रहे थे। मम्मी की चूत इतनी गीली थी कि हर धक्के के साथ “पच-पच” की आवाज़ पूरे कमरे में गूंज रही थी, और पायल की छनछन ने तो माहौल को और सेक्सी बना दिया था।
थोड़ी देर बाद पापा ने मम्मी के दूध के बीच में अपना लंड रखा और उसे मसलने लगे। वो मम्मी से कह रहे थे, “वाह रे मेरी रानी, क्या मज़ा दे रही है तू!” फिर उन्होंने मम्मी के बाल पकड़े, उनका सिर उठाया, और अपना लंड उनके मुंह में डाल दिया। पापा मम्मी के मुंह को ऐसे चोद रहे थे जैसे कोई पॉर्न स्टार, और मम्मी भी पूरे मज़े से उनका लंड चूस रही थीं। इस बीच, मम्मी की मुलायम, गीली चूत मेरे सामने थी। इतनी खूबसूरत और रसीली चूत देखकर मैं तो जैसे पागल हो गया। मन कर रहा था कि बस अभी उसे चाट लूं।
फिर पापा पीछे आए और मम्मी की चूत को दोनों हाथों से फैलाकर चाटने लगे। वो इतने मज़े से चाट रहे थे जैसे कोई स्वादिष्ट मिठाई खा रहे हों। मम्मी पापा का सिर दबाते हुए सिसकारियां ले रही थीं, “आह्ह… और ज़ोर से… उफ्फ…!” थोड़ी देर चूत चाटने के बाद पापा ने मम्मी की दोनों टांगें अपने कंधों पर रखीं और फिर से लंड डालकर ज़ोर-ज़ोर से चोदने लगे। हर धक्के के साथ मम्मी की चूत से “पच-पच” और पायल की “छन-छन” की आवाज़ कमरे में एक कामुक संगीत बजा रही थी।
कुछ देर बाद मम्मी कुत्तिया बन गईं। उनकी गोल-मटोल गांड और चूत मेरे मुंह के इतने पास थी कि मैं उनकी खुशबू तक महसूस कर रहा था। पापा ने पहले मम्मी की गांड को नीचे से ऊपर तक जीभ से चाटा, और फिर अपना लंड उनकी चूत में पेल दिया। मम्मी ने हल्की सी चीख मारी, और ये सुनकर पापा को और जोश आ गया। उन्होंने मम्मी की कमर पकड़ी और ताबड़तोड़ चुदाई शुरू कर दी। पापा की हिलती हुई गांड और मम्मी की चूत में उनका लंड अंदर-बाहर होता हुआ देखकर मुझे गज़ब का मज़ा आ रहा था। फिर पापा खड़े हो गए और मम्मी को और ज़ोर से चोदने लगे। अब मुझे मम्मी की पूरी गांड और पापा का लंड उनकी चूत को चीरता हुआ साफ दिख रहा था।
थोड़ी देर बाद पापा ने मम्मी की गांड पर दो-तीन थप्पड़ मारे, जिससे मम्मी की गांड लाल हो गई। फिर मम्मी लेट गईं, और पापा उनके ऊपर चढ़ गए। उन्होंने मम्मी के दोनों पैर अपने कंधों पर रखे और फिर से चुदाई शुरू कर दी। इस बार धक्के इतने ज़ोरदार थे कि बेड हिल रहा था। मम्मी की सिसकारियां और पायल की आवाज़ ने माहौल को और गर्म कर दिया। कुछ देर बाद पापा शांत हो गए और मम्मी के ऊपर से हटकर बगल में लेट गए। उनका लंड अभी भी ऊपर की तरफ तना हुआ था, लेकिन धीरे-धीरे ढीला पड़ रहा था। मेरी आँखों के सामने मम्मी की चूत से सफेद पानी बह रहा था, और वो अपने हाथ से अपनी चूत को सहला रही थीं। फिर दोनों एक-दूसरे को चूमते हुए चिपककर सो गए।
सुबह जब मैं उठा, तो मम्मी-पापा पहले ही उठ चुके थे और घर के कामों में बिज़ी थे। उनके चेहरों पर एक अजीब सी संतुष्टि और हल्की मुस्कान थी, जैसे रात की चुदाई ने उनकी सारी टेंशन खत्म कर दी हो। ये थी मेरे मम्मी-पापा की वो मस्त चुदाई की रात, जिसने बारिश के मौसम को और भी हॉट बना दिया।