सास की चूत और गांड की चुदाई – रोशन की हॉट और मसालेदार कहानी
सास की चूत के साथ गांड का स्वाद
हाय दोस्तों, मैं आप सभी को अपनी आज की सच्ची कहानी सुनाने से पहले अपना परिचय दे देता हूँ। मेरा नाम रोशन है और मैं मुंबई का रहने वाला हूँ। मेरी उम्र 32 साल है। मैं शादीशुदा हूँ और मेरी एक बच्ची भी है। दोस्तों, मेरे साथ जो कुछ हुआ, वो सब सच है। ये कहानी मेरी अपनी है, जिसमें मैंने अपनी प्यासी और कामुक सास की चुदाई करके उसे वो मज़े दिए, जिसके लिए उसने मुझसे अपनी चुदाई करवाने का सोचा था। मैंने उसकी प्यास बुझाकर उसे पूरी तरह संतुष्ट किया और उसकी चुदाई के मज़े लेते हुए मैंने अपना पुराना बदला भी उससे ले लिया।
दोस्तों, मेरी शादी मेरी मम्मी की बहन की लड़की के बेटी से हुई थी। इस रिश्ते में मैं उसका मामा लगता था और मेरी सास का पति मेरे दूर के रिश्ते में मामा था। खैर, हमारी शादी हो गई। शादी को एक साल पूरा हो चुका था और मेरी पत्नी साइमा उस वक्त प्रेग्नेंट थी। हमारी शादी में मेरी पत्नी के परिवार से कुछ गलतफहमी की वजह से झगड़ा हो गया था। मैंने फैसला किया कि अब मैं अपनी पत्नी को अलग घर में रखूँगा और अपने मम्मी-पापा से अलग रहूँगा। इसके लिए मुझे पुलिस स्टेशन और कोर्ट तक जाना पड़ा। लेकिन आखिरकार वो मेरे पास ही मेरे घर में मेरे मम्मी, पापा और भाई-बहनों के बीच रहने आ गई।
मेरी पत्नी ने मेरे सेक्स के बारे में अपनी माँ, यानी मेरी सास, को बताया था। दोस्तों, मैं कितना सेक्सी और चुदक्कड़ इंसान हूँ, ये मेरी सास को पता था। मेरी सास की उम्र 40 से 45 के बीच होगी। उसका फिगर 36-32-38 अभी भी कमाल का है। वो गोरी और दिखने में एकदम सेक्सी है। एक बार मैं उनके घर एक दिन के लिए रुकने गया, क्योंकि वो बार-बार मुझे बुलाते थे कि “आप आते क्यों नहीं?”
मेरे घरवालों ने कहा, “एक दिन रुककर आ जाओ।” लेकिन मेरा मन वहाँ जाने का बिल्कुल नहीं था। जिससे मेरा झगड़ा हो जाता है, मुझे वहाँ कुछ भी अच्छा नहीं लगता। फिर भी, मैं अपनी पत्नी और बच्ची के साथ उनके घर पहुँच गया। वहाँ पता चला कि मेरे ससुर और साला उसी दिन पुणे जा रहे थे, क्योंकि उनकी दादी बहुत बीमार थी। उन्होंने मुझसे कहा कि जब तक वो वापस न आएँ, मैं वहाँ रुक जाऊँ। मैंने उनकी परेशानी समझकर हाँ कह दिया।
दोस्तों, मेरी सास हॉट और सेक्सी थी। उन्हें मेरे सेक्स करने का स्टाइल पहले से पता था। मेरी चुदाई की बातें सुनकर वो कब से मौके के इंतज़ार में थी कि कब वो मुझसे अपनी चुदाई का मज़ा ले। आज उन्हें वो मौका मिल ही गया।
रात को सोने का वक्त हुआ। सास ने कहा, “हम सब ड्रॉइंग रूम में एक साथ सोते हैं।” हमने हाँ कह दिया। सोने से पहले सास ने मेरी पत्नी को कॉफी दी, जिसमें उसने नींद की गोली मिला दी थी। मेरी बच्ची छोटी थी और सो रही थी, तो सास को कोई टेंशन नहीं था। मुझे ये सब पहले नहीं पता था। मैं अपनी पत्नी के पास सो गया। मेरी पत्नी मेरी एक तरफ थी, दूसरी तरफ जगह खाली थी। बच्ची पत्नी के पास और सास बच्ची के पास लेटी थी।
आधी रात के बाद सास उठकर मेरे पास आकर लेट गई। मैं सफर की वजह से बहुत थका हुआ था और गहरी नींद में था। मुझे लगा कि मेरे पास मेरी पत्नी है। मैंने नींद में उस पर हाथ रख दिया। थोड़ी देर बाद सास ने मेरा हाथ पकड़कर अपने बूब्स पर रखा और सहलाने लगी। मैं जाग गया। देखा कि मेरा हाथ सास के बूब्स पर है और वो मेरे हाथ से अपनी छाती मसल रही है। मैंने कहा, “शहनाज़ आपा, ये क्या कर रही हो?” उसने कहा, “मुझसे अब बर्दाश्त नहीं होता। जब से साइमा ने मुझे तुम्हारी चुदाई की बातें बताईं, तब से मेरा दिल तुमसे चुदवाने को कर रहा है। मैंने साइमा की कॉफी में नींद की गोली डाल दी है। आज हमारे बीच कोई नहीं आएगा।”
उसकी बात सुनकर मैं सोचने लगा कि उसका ये आइडिया बुरा नहीं है। इससे मैं उसकी चुदाई करके अपना पुराना बदला भी ले सकता हूँ। मैं मान गया।
हम ड्रॉइंग रूम से उठकर पास वाले रूम में बेड पर गए। वहाँ मैंने उसे किस करना शुरू किया—कभी होंठों पर, कभी गालों पर, कभी गले पर। साथ में मैं उसके बूब्स ज़ोर-ज़ोर से मसल रहा था। वो मेरे लंड को पैंट के ऊपर से सहला रही थी। उसने कहा, “ये लंड बहुत बड़ा लगता है। मुझे चोदते वक्त संभलकर करना।” मैंने झूठ में हाँ कह दिया। मुझे तो उसे जोरदार तरीके से चोदकर बदला लेना था।
मैंने धीरे-धीरे उसके कपड़े उतारे। पहले साड़ी, फिर ब्लाउज़। ब्रा का हुक खोलकर मैंने उसके बूब्स पर टूट पड़ा। कभी बूब्स मसलता, कभी निप्पल चूसता। मैं इतनी ज़ोर से मसल रहा था कि वो दर्द से चिल्लाई, “आह्ह्ह, प्लीज़, दर्द होता है, ऐसे मत करो।” मैंने उसका पेटीकोट और पैंटी भी उतार दी। उसने मेरी पैंट उतारी। अब हम दोनों नंगे थे। मैंने कहा, “शहनाज़ आपा, मेरा लंड चूसो।” उसने कहा कि उसने कभी लंड नहीं चूसा।
मैंने पूछा, “क्या ससुर ने कभी अपना लंड नहीं चुसवाया?” उसने ना कहा। मैंने पूछा, “क्या उन्होंने तुम्हारी चूत चाटी?” उसने फिर मना किया। ये सुनकर मैंने उसे बेड पर लेटने को कहा। उसकी चूत पहले से साफ और चिकनी थी। हम 69 पोज़िशन में आ गए। मैंने कहा, “तुम मेरा लंड चूसो और जो निकले उसे पी जाना। मैं तुम्हारी चूत चाटता हूँ।” पहले उसने मना किया, फिर हाँ कह दिया।
मैंने उसकी चूत पर हाथ फेरा। वो गर्म और गीली थी। हम एक-दूसरे को चूसने लगे। वो “उफ्फ्फ, आह्ह, ऊऊऊ” की आवाज़ें निकालने लगी। मुझे डर लगा कि कहीं पत्नी जाग न जाए, पर वो नींद की गोली से गहरी नींद में थी। कुछ देर बाद मैं झड़ गया। उसने मेरा वीर्य पी लिया। मैंने उसकी चूत का रस चाटकर पी लिया। उसने कहा, “रोशन, आज से पहले मुझे इतना मज़ा कभी नहीं मिला। चूसने में इतना मज़ा आता है, ये मुझे आज पता चला।”
मैं उसके गोरे जिस्म से खेल रहा था। वो मेरा लंड सहला रही थी। मेरा लंड फिर खड़ा हो गया। मैंने कहा, “सासू माँ, अब मेरे लंड के फटके खाने को तैयार हो जाओ।” पहले मैंने दो उंगलियाँ उसकी चूत में डाली। वो टाइट थी, क्योंकि उसने महीनों से सेक्स नहीं किया था। मैंने सोचा, “ये तो मेरे लिए अच्छा है। टाइट चूत चोदने में मज़ा आएगा।”
मैंने उसके पैर फैलाकर ऊपर किए और गांड के नीचे तकिया रख दिया। मेरा 6 इंच का लंड उसकी चूत पर घिसने लगा। वो मदहोश होकर बोली, “उफ्फ्फ, आह्ह, प्लीज़ जल्दी डालकर चोद दो। तेरा लंड मुझे दीवाना बना रहा है। मेरी चूत फाड़ दो।” उसकी जोश भरी बातें सुनकर मैंने एक झटके में पूरा लंड उसकी चूत में डाल दिया। वो दर्द से चीख पड़ी, “आईईईई, कुत्ते, बाहर निकाल। आह्ह्ह, मर गई। मेरी बेटी की बातों में आकर अपनी चूत चुदवाने आ गई। मादरचोद, निकाल।” वो रोने लगी।
मैंने उसके बूब्स मसलने शुरू किए। वो थोड़ी देर में ठीक हुई। मैंने धीरे-धीरे लंड अंदर-बाहर करना शुरू किया। अब उसे मज़ा आने लगा। वो गांड उछालकर मेरा साथ देने लगी। मैंने ज़ोर-ज़ोर से धक्के देने शुरू किए। वो बोली, “हाँ, और ज़ोर से। फाड़ दो मेरी चूत। रगड़ डाल। दिखा अपने लंड का दम।” मैंने कहा, “रंडी, आज तेरी चूत फाड़ दूँगा। सूजा दूँगा कि मूतते वक्त भी मुझे याद करेगी।”
कुछ देर बाद मैंने कहा, “घोड़ी बन जा।” वो बन गई। मैंने लंड उसकी चूत में डाला और ज़ोर-ज़ोर से चोदने लगा। कमरा “फच-फच” की आवाज़ से गूंज उठा। वो दो बार झड़ चुकी थी। उसकी चूत का पानी जाँघों से बह रहा था। मैं भी झड़ने वाला था। मैंने पूछा, “माल कहाँ निकालूँ?” उसने कहा, “चूत में डाल दे।” मैंने उसके बूब्स पकड़े और ज़ोरदार धक्कों के साथ चूत में झड़ गया। वो तड़प उठी, “आईईईई, जलन हो रही है। निकालो।”
मैंने लंड निकाला। वो खून, स्पर्म और चूत के पानी से तर था। हम बाथरूम गए। एक-दूसरे को साफ किया। 15-20 मिनट बाद मेरा लंड फिर खड़ा हो गया। मैंने उसकी चूत में उंगली की और उसे गरम किया। फिर कहा, “शहनाज़ आपा, अब गांड मारूँगा।” उसने मना किया, “मैंने सिर्फ 2-3 बार ऐसा किया। बहुत दर्द होता है। तेरा लंड मोटा और लंबा है।” मैंने प्यार से मनाया। वो मान गई। उसने मेरा लंड चूसा।
मैंने कहा, “घोड़ी बन। सर नीचे रख। गांड फैला।” उसने वैसा किया। मैंने ज़ोर से लंड उसकी गांड में डाल दिया। वो चीख पड़ी। मैंने उसका मुँह दबाया। वो बोली, “इतना ज़ोर से क्यों डाला? मेरी जान निकाल दी।” मैंने ज़ोर-ज़ोर से चोदना शुरू किया। 20 मिनट बाद मैं उसकी गांड में झड़ गया। उसकी गांड खून से भर गई। मेरे गरम वीर्य से जल रही थी।
उस रात मैंने उसकी चूत में 3 बार और गांड में 2 बार चोदा। सुबह तक उसकी चूत और गांड सूज गई थीं। वो ठीक से चल नहीं पा रही थी। पत्नी ने पूछा तो उसने कहा, “गांड के पास फोड़ा हो गया है।”