सेक्सी नीतू कि चुदाई
दोस्तों, मैं राज हूँ और आज फिर से अपनी जिंदगी की एक और सच्ची, पहली सेक्सी नीतू और मैं चुदाई की कहानी लेकर आया हूँ। यह घटना पिछले महीने ही मेरे साथ घटी है, इसलिए सोचा क्यों न इसे आप लोगों के साथ शेयर कर दूं।
मेरे एक दोस्त मनीष हैं, जो मेरा बहुत अच्छा दोस्त है। मैं ज्यादातर उसके घर रहता हूँ क्योंकि हम दोनों एक साथ पढ़ते हैं और कॉलेज के प्रोजेक्ट भी वहीं बनाते हैं क्योंकि उसके घर के पास ही बाजार है, इसलिए हमें जो कुछ चाहिए वह जल्दी से मिल जाता है।
उसके घर में उसके माँ-बाप और एक छोटी बहन है जिसने अभी 12वीं के बाद हमारे ही कॉलेज में एडमिशन लिया है। अभी उसका पहला साल चल रहा है। दोस्तों, अगर मैं आपको उसके बारे में थोड़ा बताऊँ तो आप उसकी तस्वीर अपने दिमाग में बनाएँ और देखें कि क्या आपके लंड खड़े हो जाते हैं या नहीं।
उसका रंग गोरा है, उसकी आँखें तीखी और बहुत ही नशेली हैं, उसके होंठ गुलाबी हैं और ऊपर वाले होंठ पर राइट साइड में एक ब्लैक कलर का बहुत सुंदर टिल है जो बहुत सेक्सी लगता है।
उसके गाल गोरे-गोरे हैं जिसे छूने का दिल करता है। अगर थोड़ा नीचे चलें तो उसकी गर्दन एक सरहरी की तरह लंबी और उसके ब्रेस्ट तो क्या कहना, न तो ज्यादा बड़े और न ही ज्यादा छोटे, कितने कमाल के ब्रेस्ट हैं!
और उसकी कमर तो जीरो साइज वाली है, एकदम पतली। और थोड़ा नीचे जाएं तो उसके मोटे-मोटे पैरों में उसकी फुल हुई चूत सफेद दिखती थी जब वह टाइट जीन्स पहनती थी। उसके झिलमिलाते चुत तो लंड का पानी ही निकाल देते हैं।
जब मैं अपने दोस्त के घर जाता हूँ और जिस दिन उसकी बहन घर पर होती है, तो मैं उसका नाम लेकर बाथरूम में मुथ जरूर करता हूँ।
मैं उसे चोदने के बहुत से प्लान बना चुका हूँ लेकिन अभी तक सब फेल हो चुके हैं। पर एक दिन भगवान ने मेरी सुन ली। मनीष के माँ-बाप शादी में दिल्ली जाना चाहते थे इसलिए वो चले गए और अगले 4 दिनों में ही वापस आने वाले थे। जब मैं मनीष के घर आया तो उसने मुझे कहा कि यार, मुझे जाना था लेकिन नीतू के एग्जाम चल रहे हैं इसलिए मुझे यहाँ रहना पड़ेगा।
मैं बोला – हां ये तो चल कोई बात नहीं।
मनीष ने मेरी तरफ देखते हुए कहा – हाँ यार एक काम हो सकता है।
मैं हैरानी से बोला – क्या हो सकता है अब?
मनीष – देख यार अगर तुम मेरे घर 4 दिन के लिए रह जाओ और साले वैसे भी ये भी तुम्हारा ही घर है और मैं दिल्ली चला जाऊंगा इसी बहाने।
यह सुनते ही मेरा लंड फड़फड़ाने लगा लेकिन मैंने खुद पर कंट्रोल करते हुए कहा – नहीं नहीं यार ये ठीक नहीं है, प्लीज।
लेकिन वो मुझ पर ज़ोर देने लगा फिर काफी नखरे करने के बाद मैं मान गया और वो चल अब मेरे साथ मेरी पैकिंग करवा फिर मुझे स्टेशन तक छोड़कर आया। ट्रेन 6 बजे है, जल्दी करने में भी 2 घंटे लगेंगे।
मैं तो ये चाहता था फिर मैंने उसे स्टेशन तक छोड़ दिया और ट्रेन में बिठाकर आया ताकि मैं पूरा शकूर हो जाऊँ कि ये साला चला गया अब वापस नहीं आएगा। मैं जल्दी से वहाँ निकला और यह सोचने लगा कि आज तो साली नीतू की चूत चूदाई करूंगा जैसे ही पहुँचूँ।
मुझे वापस घर आते-आते 8 बजे गए। जैसे ही मैं अंदर गया तो नीतू ने मेरे लिए डिनर तैयार कर रखा था। मैंने जल्दी से डिनर किया और बेडरूम में सोने के लिए चला गया। उसके घर में 2 कमरे हैं, एक कमरे में एसी है और दूसरे में नहीं।
इसलिए नीतू ने कहा – राज आप भी मेरे साथ ही एसी वाले कमरे में सो जाओ, वहाँ बहुत गर्मी है।
मैं तो यह सुनने के लिए बेताब था, मैंने जल्दी से वहाँ चला गया। उसने एक खुला टॉप और नीचे एक खुला पजामा पहना हुआ था जो कि उसके घुटनों तक ही था। उसकी गोरी और चिकनी टांगें देखकर मेरा लंड खड़ा हो गया। मैं भी जानकर धोती और बनीयान डाल लिया ताकि सब कुछ जल्दी से हो जाए।
फिर उसने लाइट बंद कर दी और बिस्तर पर आ गई। मैं और वो दोनों बिस्तर एक अलग-अलग किनारों पर थे। कुछ देर बाद मैं उसके पास गया तो देखा वो मेरी तरफ कमर कर के लेती हुई है। मैंने हिम्मत करके उसकी कमर पर हाथ रख लिया।
वो कुछ नहीं बोली फिर मैंने उसे एकदम चिपका दिया। फिर उसने कहा – राज ये तुम क्या कर रहे हो?
मैंने अपने हाथ उसके पेट के ऊपर घुमाते हुए कहा – मैं वो ही कर रहा हूँ जो एक लड़के को करना चाहिए तुम्हारे साथ।
वो मेरे हाथ हटाते हुए बोली – मतलब क्या है तुम्हारा?
मैं फिर अपने हाथ उसके सॉफ्ट-सॉफ्ट गांड पर रखता हुआ बोला – मतलब जो एक जवान लड़का एक जवान और खूबसूरत लड़की से अकेले में करता है, मैं वो ही कर रहा हूँ।
वो बोली – नहीं नहीं ये गलत है तुम मेरे भाई जैसे हो।
मैं – भाई जैसा हूँ पर भाई नहीं हूँ समझी अब चुपचाप करा दो जो मैं कर रहा हूँ अब ज्यादा नाटक मत करो मुझे पता है कि तुम्हारा भी दिल करता है ये सब करना।
वो बोली – नहीं जी ऐसा कुछ नहीं है, प्लीज मुझे छोड़ दो तुम अब।
मैं – कैसे छोडू जान आज कितने समय बाद तो मेरे हाथ में आई हो आज तो अपनी पूरी तसल्ली कर ही चोदूंगा तुम्हें।
अब वो कुछ नहीं बोली मैं समझ गया कि लड़की अब मान गई है। मैंने धीरे से उसका पजामा उतार दिया और अपना लंड धोती में से निकालकर उसकी गांड की दरार में लगा दिया फिर मैंने उसके गोरे-गोरे गांड को धीरे से खोला और अपना लंड उसकी गांड की चेद पर लगाकर थोड़ा सा जोर लगाया और थोड़ा सा लंड अंदर चला गया। उससे आह्ह आह्ह मर गई, आह्ह निकालो इसे प्लीज।
मैं – कुछ नहीं हुआ, चुपचाप कर दो अब थोड़ी देर में तुम्हें मजा आना शुरू हो जाएगा।
फिर मैंने धीरे-धीरे लंड को ऊपर-नीचे करता रहा और धीरे-धीरे अपना पूरा लंड उसकी गांड में डाल दिया। अब वो अपने हाथों से अपने चुटारों को खोल रही थी ताकि लंड पूरी तरह अंदर चला जाए। मैं ऐसे ही उसके पीछे लेटकर अपनी कमर को जोर-जोर से हिला रहा था और उसकी गांड मार रहा था। मुझे बहुत मजा आ रहा था और उसके मुंह से लगातार आह्ह आह्ह आह्ह उई माँ आह्ह की आवाज़ें निकल रही थीं
मैं करीब 20 मिनट तक उसकी गांड की चुदाई करता रहा और अंत में मेरे लंड ने अपना सारा पानी उसकी गांड में ही भर दिया। मैंने जब अपना लंड उसकी गांड से बाहर निकाला तो उसकी गांड से मेरा लंड का पानी बहने लगा।
मैं खड़ा होकर बाथरूम गया और अपना लंड साफ़ कर के फिर से वापस बिस्तर पर आया। मैंने देखा कि नीतू अब भी अपनी गांड मेरी तरफ कर के लेती हुई है तो बोला – चल अब तुम उठो और खुद को साफ़ करके आ जल्दी से।
मैं पूरा नंगा लेटकर उसका इंतज़ार कर रहा था। जब वह वापस आई तो मेरे खड़े लंड को देखकर बोली – अभी और भी चोड़ोगे क्या?
मैंने अपना लंड हिलाते हुए कहा – मेरी जान अब तुमने सिर्फ ट्रेलर ही देखा है, अब फिल्म बाकी है।
यह कहते ही मैंने उसे अपनी ओर खींच लिया और उसको अपने हाथों में ले कर उसके होंठों को चूसने लगा। कुछ देर में मैंने उसे पूरा नंगा कर दिया और फिर उसे सीधा लेटकर खुद उसके ऊपर आ गया और उसके ब्रेस्ट को एक-एक करके अपने मुंह में लेकर अच्छे से चूसा। मेरा एक हाथ उसके ब्रेस्ट को मसल रहा था और एक हाथ उसकी चुत को फिर मैं उस पर 69 की पोजीशन में आ गया और उसकी चुत को अपनी जीभ से चाटने लगा।
उसकी चुत पर एक भी बाल नहीं था जिसे देख मेरी जीभ और भी पागल हो गई और जोर-जोर से उसकी चुत को चाटना शुरू कर दिया। और वो मेरे लंड को अपने मुंह में लेकर ऊपर-नीचे कर रही थी। क्या कमाल का सीन रहा जैसे ही उसकी चुत का रस बाहर आना शुरू हुआ मैं समझ गया कि अब ये तैयार है लंड लेने के लिए।
मैं जल्दी से उससे ऊपर उठा और उसकी दोनों टांगों को अपने कंधों पर रखकर अपना लंड उसकी चुत पर सेट करके जोरदार धक्का मारा और मेरा लंड आधा उसकी चुत में घुस चुका था वो एकदम जोर से चिल्लाई, अह्ह अह्ह धीरे से करो दर्द होता है।
पर मैंने उसकी एक न सुनी और उसकी टांगों को बिस्तर पर फिलाकर उसपर आकर उसके गुलाबी होंठ अपने होंठों में डालकर चूसने लगा फिर एक धीरे धीरे धक्का मारा इस बार वो एक सिहर उठी और मेरे नीचे सिसकियां लेने लगी। अब मैं नहीं रुका, मैंने धीरे धीरे करके स्पीड बढ़ाई और उसकी चुत को मारता रहा वो करीब 10 मिनट तक ऐसे ही वो शांत थी फिर और चुदाई के मजे लेना शुरू कर दिया। अब वो भी गांड उठा-उठाकर मेरा साथ दे रही थी। मुझे बहुत मजा आ रहा था उसकी चुत में मेरा लंड अच्छे से अंदर-बाहर हो रहा था।
करीब 30 मिनट की चुदाई के बाद नीतू ने मुझे अपने हाथों में जोर से पकड़ लिया और अपनी गांड को खिंच-खिंच कर ऊपर-नीचे करनें लगी और 2 मिनट बाद ही वो शांत हो गई। वो ऐसे हो गई थी मानो वो निढाल हो गई हो। मैं समझ गया कि मेरे लंड पर उसका पानी की बारिश हो गई है अब मैंने भी थोड़ा थोड़ा करके धक्के मारने शुरू कर दिए ताकि वो खुद ही जोश में आ जाए और फिर मेरा लंड ने भी उसकी चुत में अपना पानी निकाल दिया और फिर हम दोनों ऐसे एक दूसरे के ऊपर सो गए।
जब हम उठे तो उस समय 9 बजे थे। मुझे कॉलेज जाना था इसलिए मैंने जल्दी से उठा और उसे पूछा – तो नीतू रानी कैसी रही मेरे साथ तुम्हारी पहली रात?
वो शरमाते हुए बोली – बहुत ही शानदार रात थी वैसे तुम्हारे लंड का जवाब नहीं।
फिर मैंने उसे एक जोरदार लिप्स किस किया और कहा कि तैयार रहो मैं 3 बजे तक आ जाऊंगा और अगले 3 दिनों तक तुमहारी दिन-रात इसी तरह चुदाई चलेगी।
वो बोली – जो मर्जी करो अब तुम मेरे साथ मैं तुम्हारी हो बस।
फिर मैं चला गया और अगले 3 दिनों तक उसकी चुदाई करता रहा।