दोनों बहनों को 1 जनवरी पार्टी के बाद चोदा अंकल ने
हाय दोस्तों, मेरा नाम दीक्षा है और मेरी छोटी बहन का नाम अनुष्का है। मेरी उम्र 21 साल है और अनुष्का मुझसे दो साल छोटी, यानी 19 की है। आज मैं आपको HotSexStory.xyz पर अपनी और अपनी बहन की एक सच्ची और hot कहानी सुनाने जा रही हूँ। ये कहानी नए साल की रात की है, जब पापा के दोस्त—जिन्हें हम अंकल कहते हैं—ने हम दोनों बहनों को चोदा। दोस्तों, कई बार रिश्ते कुछ आगे बढ़ जाते हैं। जिस अंकल ने हमें चोदा, वो पापा के दोस्त हैं और मम्मी के दीवाने भी। मैंने कई बार देखा है, जब पापा घर पर नहीं होते, वो हमारे घर आते हैं। क्यों आते हैं, ये आप खुद समझ सकते हैं। आज मैं आपको बताऊँगी कि कैसे अंकल ने नए साल की पार्टी के बाद हम दोनों बहनों को पटाया, चुदने को राजी किया, और फिर हमने भी खूब mazaa लिया।
हमारी जिंदगी और रात की मस्ती
मैं और अनुष्का बहनें हैं, पर दोस्तों से बढ़कर। हम दोनों एक ही कमरे में सोते हैं। हमारे पास अपने-अपने मोबाइल हैं, और रात 10 बजे हम HotSexStory.xyz खोलकर sexy stories पढ़ते हैं। कहानियाँ पढ़ते-पढ़ते हम एक-दूसरे को सहलाते हैं—चूचियाँ दबाते हैं, चूत से खेलते हैं, kiss करते हैं। हम हसबैंड-वाइफ का रोमांचक खेल खेलते हैं। बस एक-दूसरे की चूत में लंड नहीं डालते, पर उंगलियाँ, चुम्मा-चाटी, और सहलाने से एक-दूसरे को खुश कर देते हैं। रोल-प्ले करते हुए कभी मैं पति बनती, कभी वो। ये हमारा सीक्रेट था। हमारी जिंदगी में ये मस्ती तब तक चलती रही, जब तक वो रात नहीं आई।
मम्मी-पापा हमें आजादी देते हैं। पापा बिजनेसमैन हैं, और मम्मी हाउसवाइफ। अंकल—जिनका नाम राकेश है—पापा के पुराने दोस्त हैं। उनकी पत्नी उन्हें छोड़कर चली गई, एक बच्चा भी ले गई। अंकल अकेले रहते हैं, और पापा उन्हें अक्सर घर बुलाते हैं। मुझे शक था कि अंकल और मम्मी के बीच कुछ चलता है। कई बार पापा के ऑफिस जाने पर अंकल घर आते, और मम्मी के साथ घंटों बंद कमरे में रहते। मैं समझती थी, पर कुछ कहती नहीं।
नए साल की पार्टी और शुरुआत
31 दिसंबर की रात थी। पापा ने नए साल का जश्न मनाने के लिए छत पर पार्टी रखी। मम्मी-पापा और अंकल ने खूब तैयारियाँ कीं—खाना, म्यूजिक, और ढेर सारी शराब। हम दोनों बहनें भी पार्टी में शामिल हुईं। मैंने ब्लैक ड्रेस पहनी, अनुष्का ने रेड टॉप और जींस। हमने डांस किया, खाना खाया, और मम्मी-पापा के साथ हँसी-मजाक किया। रात 12 बजे नए साल की बधाइयाँ दीं। फिर शराब का दौर शुरू हुआ। मम्मी-पापा और अंकल ने खूब पी। हम दोनों बहनें शराब नहीं पीतीं, सो करीब 12:30 बजे छत से अपने कमरे में आ गए।
तीनों छत पर पीते रहे। करीब 1 बजे वो नीचे आए। मम्मी-पापा बाँहों में बाँह डाले अपने कमरे में गए। नशे में थे, और जल्द ही उनकी चुदाई की आवाजें आने लगीं। मम्मी की सिसकियाँ—आह, चूत चाट, गांड में लंड घुसा, तेज करो—हमारे कमरे तक आ रही थीं। शायद नशे में उन्हें ख्याल नहीं था कि घर में दो बेटियाँ और एक गैर मर्द है। उनकी आवाजें सुनकर हम दोनों बहनों में भी आग लग गई। हमने रजाई में कपड़े उतारे। अनुष्का मेरी चूचियाँ मसलने लगी, मैं उसकी। हम एक-दूसरे को चूम रहे थे, सहला रहे थे। कभी वो नीचे, कभी मैं—हमारी मस्ती पूरे जोश में थी। ऐसा लग रहा था जैसे हम सच में चुद रहे हों।
अंकल का आगमन और बहनों की मस्ती
अचानक मम्मी-पापा की आवाजें बंद हुईं, वो सो गए। पर हम दोनों बहनें अभी भी एक-दूसरे को खुश कर रही थीं। तभी हमें लगा कि कमरे में कोई है। रजाई हटाई तो अंकल बेड के पास खड़े थे। वो अपना लंड हाथ में लिए हिला रहे थे। हम दोनों रजाई में नंगी थीं। अनुष्का ने अंकल का लंड देखा, बेड से उतरी और उसे पकड़ लिया। वो लंड को अपनी जाँघों और पेट पर रगड़ने लगी। अंकल ने उसे बाँहों में भरा और उसके होंठों पर दाँत गड़ाने लगे। अनुष्का मजे लेने लगी। अंकल फुल जोश में आ गए।
मैं भी बेड से उतरी। अंकल का लंड पकड़ लिया। दोनों बहनों में होड़ लग गई कि कौन लंड पकड़ेगा। अंकल ने मुझे चूमना शुरू किया। उनकी जीभ मेरे होंठों पर फिर रही थी, मेरे मुँह में जा रही थी। वो अनुष्का की चूचियाँ दबाने लगे। मेरी चूचियाँ टाइट हैं, पर अनुष्का की बड़ी-बड़ी। अंकल ने अनुष्का को बेड पर लिटाया, उसकी चूत चाटने लगे। मेरी चूचियाँ दबाते हुए वो उसकी चूत में जीभ डाल रहे थे। हम दोनों कामुक हो गए। अंकल ने अनुष्का की चूत पर लंड सेट किया और जोर से घुसा दिया। वो चीखी, “आह!” दर्द से कराह उठी, फिर शांत हो गई। मैं उसकी चूचियाँ सहला रही थी। अंकल जोर-जोर से चोदने लगे। मैं देख रही थी कि लंड उसकी चूत में कैसे अंदर-बाहर जा रहा है। मेरा मन भी चुदने को करने लगा।
दोनों बहनों की चुदाई और जोश
मैं बोली, “अब मेरी बारी।” अनुष्का हटी। मैंने पैर फैलाए। अंकल ने मेरी चूत पर लंड सेट किया। मेरी चूत पहले से गीली थी। लंड सटाक से अंदर चला गया। दर्द हुआ, पर दो-तीन धक्कों में मैं पागल हो गई। मेरे रोम-रोम में आग लग गई। मैं गांड उठा-उठाकर चुदवाने लगी—कभी ऊपर-नीचे, कभी गोल-गोल। अंकल जोर-जोर से पेल रहे थे। अनुष्का मेरी चूचियाँ सहला रही थी, निप्पल दाँतों से काट रही थी। फिर अंकल ने अनुष्का को चोदा। हमें एक साथ लिटाया। चार-पाँच बार मेरी चूत में लंड घुसाते, फिर अनुष्का की चूत में। हम दोनों बहनें एक-दूसरे को चूम रही थीं, चूचियाँ दबा रही थीं। अंकल बारी-बारी दोनों की चूत चोद रहे थे।
करीब एक घंटे बाद अनुष्का झड़ गई। अंकल भी उसके साथ झड़ गए। पर मेरी आग अभी बुझी नहीं थी। अनुष्का कपड़े पहनकर सो गई। अंकल दूसरे कमरे में चले गए। पर मेरी वासना भड़क रही थी। मैं अंकल के कमरे में गई। उनका लंड हिलाया। वो फिर तैयार हो गए। मुझे चोदना शुरू किया। इस बार मेरी तसल्ली हुई। मैं संतुष्ट हो गई। मैंने पूछा, “अंकल, इतनी ताकत कहाँ से?” उन्होंने टैबलेट दिखाया, बोले, “ये लाया था। तुम्हारी माँ को चोदने आया था, पर वो पापा के साथ चली गई।”
नए साल की रंगरेलियाँ
उस रात हमने खूब रंगरेलियाँ मनाईं। अंकल का लंड हम दोनों बहनों के लिए नए साल का तोहफा बन गया। सुबह वो चले गए। मम्मी-पापा को कुछ पता नहीं चला। दोस्तों, ये थी मेरी और अनुष्का की chudai की कहानी। मैं जल्द ही दूसरी कहानी HotSexStory.xyz पर लाऊँगी।