Bhabhi Sex

उस दिन के बाद से भाभी की चुदाई-5

Us din ke baad bhabhi ki chudai-5

मई शावर के नीचे खड़ा हुआ ही था की दरवाजा खुला मैने देखा तो भाभी आ रही थी वो उस समय भी निघट्य ही पहने थी. बोली- मुझे भी नहाना है चलो साथ मे ही नहाते हैं. उन्होने अपनी निघट्य उतार कर कील पर तंग दी, बात-टब मे शॅमपू डाला ओर उसे भरने के लिए टंकी चालू करके खुद भी शावर के नीच आ कर खड़ी हो गयी. पानी उनके सर से बहता हुआ उनकी ब्रा ओर पेंटी पर आ गया ओर उनमे से सब कुछ दिखने लगा. मई उनके आयेज दीवार से ही लगा खड़ा था ओर पानी मुझ पर भी गिर रहा था. अचानक वो नीचे झुकी ओर जब तक मई कुछ समझ पता उन्होने मेरा अंडरवेर नीचे खिच दिया. अब मई एकदम नंगा खड़ा था. मैने अपना अंडरवेर उपेर करना चाहा पर उन्होने मुझे अपने ओर दीवार के बीच मे दबा लिया. उनके बूब्स मेरे मूह एक एकदम सामने थे ओर वो अपने हाथ से मेरा लॅंड पकड़ रही थी.

अचानक मैने उंकीक बूब पर काट लिया. वो सिसकारी ले कर ज़रा सा पीछे हटी ओर जब तक वो कुछ बोलती मैने उनकी पेंटी पकड़ कर नीचे खिचनी शुरू कर दी. उन्होने मुझे रोका ओर खुद ही पेंटी उतार दी ओर ब्रा की स्ट्रीप खोलने लगी उनके हाथ पीछे पीठ पर थे ओर ब्रा मे उनके बूब्स ताने हुए थे मैने फॉरन हाथ मे उनके बूब्स पकड़ कर दबाने शुरू कर दिए. “अया”- वो बोली तुम तो एक ही दिन मे मर्द हो गये. उन्होने ब्रा उतार कर वही दल दी ओर बोली चलो टब मे आ जाओ. फिर हम दोनो टब मे जेया कर बेत गये. मैने कहा अब बताओ मेरा लॅंड आपकी छूट मे कैसे जाएगा. वो बोली- बताऊगी सबर करो. वो बहुत देर तक मेरे लॅंड को अपने हाथों मे ले कर सहलाती रही ओर मई उनके बूब्स पर हाथ फेरता रहा. फिर वो उठी ओर टब से बाहर निकल गयी मैने देखा तो मुझे भी बाहर आने का इशारा किया. मई भी उठ कर बाहर आ गया. वो झुक कर टब की साइड को पकड़ने लगी, मैने पूचछा भाभी क्या कर रही हो. वो बोली मेरे पीछे आओ. मई पीछे आ गया. वो बहुत झुक गयी थी. उनके चूटर मेरे लॅंड के अब सामने ही थे. बोली- अब तुम दल सकते हो. पीछे से उनकी गांद भी दिख रही थी. सॉफ ओर चिकनी. उनके पुर शरीर पर कोई बॉल नही था ओर मेरे तो उस समय बॉल होने का सवाल ही नही उठता था.

मई उनके पीछे आ गया ओर पूचछा भाभी कॉआन से छेड़द मे डालना है. वो बोली नीचे वाले मे. वही उनकी छूट का छेड़ था. अब मैने ध्यान से देखा उनकी छूट मे 2 छेड़ दिख रहे थे मैने हाथ से उनकी छूट को छुआ ओर बोला भाभी यहाँ तो 2 छेड़ हैं. एक नन्हा सा ओर एक बड़ा सा. उन्होने अपना हाथ अपनी छूट पर रखा ओर छेड़ दिखाते हुए बोली इसमे डालो. मैने पीछे से अपना ताना हुआ लॅंड पकड़ कर उसमे डालने की कोशिश की पर लॅंड था की जा ही नही रहा था. एक-दो बार गया भी पर फॉरन ही बाहर भी आ गया. भाभी बोली यहाँ नही हो पाएगा चलो कमरे मे चलते हैं. ओर हम नंगे भीगे हुए ही रूम मे आ गये. वहाँ भाभी बोली पहले तुम्हारे लॅंड से माल निकलना होगा तब ये जेया पाएगा. कह कर उन्होने मुझे चेर पर बिताया ओर खुद नीचे बात कर मेरे लॅंड को मुट्ठी मे ले कर उपेर-नीचे करते हुए रगार्ने लगी. बहुत देर तक वो रगर्ति रही मेरे लॅंड मे जलन होने लगी मैने उन्हे रोका भाभी जलन हो रही है अब रहने दो. पर वो बोली माल तो निकलना ही पड़ेगा. उन्होने मेरे लॅंड पर 4-5 ठंडी फ़ूके मारी ओर मेरे लॅंड को मूह मे ले कर चूसना शुरू कर दिया. वो मेरे सामने नंगी बती थी पर मई चाह कर भी उन्हे चू नही पा रहा था क्योकि मई चेर पर था ओर वो नीचे. पर वो मेरा लॅंड चूस रही थी तो मज़ा बहुत आ रहा था.

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मेरा लॅंड बुरी तरह से ताना हुआ था ओर गर्मी से जल रहा था. उनकी पूरी कोशिश के बाद भी जब मेरे लॅंड से कुछ नही निकला तो वो मुझे बेड पर लेटने को कह कर आल्मिराह की ओर बढ़ गयी, उन्होने कोई क्रीम निकली ओर मेरे पास आ कर मेरे लॅंड पर रगार्ने लगी. ये क्या है भाभी मैने पूचछा तो बोली मई तुम्हारे लिए कुछ ओर लाई थी पर जब तुम्हारे लॅंड से कुछ निकल ही नही रहा है तो इस क्रीम से ही काम चल जाएगा. क्रीम लगाने के बाद वो बेड पर बेत गयी ओर अपने पेर फेला कर मेरे पेर अपने पेर से फसा लिए इस तरह से मई सरक कर उनके पास हो गया ओर मेरा लॅंड उनकी छूट के दरवाजे पर पहुच गया ओर मेरे मूह के सामने उनके बूब्स आ गये. उन्होने मेरा लॅंड पकड़ कर अपनी छूट मे घुसेड लिया ओर मुझे वैसे ही रोक कर अपने चूटर धीरे-धीरे हिलने लगी. अब मेरा लॅंड उनकी छूट मे अंदर बाहर हो रहा था. काफ़ी देर तक वो ऐसे ही करती रही ओर फिर उनकी छूट से जैसे ज्वालामुखी फूट कर बाहर आ गया. वो बोली ऐसे निकलता है माल. पर मेरा तो नही निकला आप तो कह रही थी की तुम्हारा माल निकलेगा. उन्होने कहा तुम अभी छोटे हो शायद इसलिए अभी तुम्हारा माल नही निकल रहा है. कुछ दिन बाद निकालने लगेगा. फिर हमने पुर दिन ऐसे ही मज़ा लिया भाभी ओर मई पुर दिन नंगे ही रहे.

ओर दिन मे कम से कम 7-8 बार भाभी का माल निकल गया. हुँने शहद लगा कर एक-दूसरे को चटा. भाभी ने मुझे कांडों भी दिया जो वो मेरे लिए लाई थी. उसे देख कर मई समझा की वो बूब्स पर पहनते हैं. पर भाभी ने बताया की इसे आदमी अपने लॅंड पर पहनते हैं जिससे औरतों के बच्चा नही होता. फिर मैने उससे बहुत मज़ा किया, जब भाभी कित्चान मे खाना बना रही थी मैने उसका एक सिरा उंगली दल कर भाभी की छूट मे घुसेड दिया वो कहती ही रह गयी ये क्या कर्रहे हो ओर मैने उसके दूसरे सिरे से फूक मार कर उसे उनकी छूट के अंदर ही फूला दिया. भाभी को भी बहुत मज़ा आया. फिर खाना खाने के बाद भाभी बेड पर लेट गयी ओर मई उनके उपेर उल्टा लेट गया वो मेरे लॅंड मे शहद लगा कर चूस रही थी ओर मई बार बार कांडों को उंगली से उनकी छूट मे दल कर हवा भरता ओर फिर उसे बाहर निकलता. भाभी खुशी से सिसकारी भर रही थी ओर मेरे लॅंड को ज़ोर-ज़ोर से चूज़ रही थी पर मेरे लॅंड से कुछ निकल ही नही रहा था. उनकी छूट से कई बार माल निकल चुका था. उस दिन से हम लोग बहुत मज़े करने लगे हम साथ-साथ नंगे ही सोने लगे. साथ मे ही सू-सू करने जाते भाभी मेरा लॅंड पकड़ कर ही मुझे पेशाब करती ओर धार को इधर उधर उछालती रहती.

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मई भी जब वो पेशाब कर रही होती उनकी छूट मे कभी उंगली घुसेड देता ओर कभी पूरा हाथ लगा कर बंद कर देता. फिर उनकी सस्यू एक साथ नीचे गिरती. उसके बाद हम एक दूसरे को पानी से सॉफ करते ओर फिर बेड पर फूक मार कर सुखाते. एक रत भाभी मे मेरा लॅंड का माप लिया बोली लगभग 4′ का हो गया है ओर अभी तो तुम 13 साल के हो जब तुम 20 साल के होगे ये 7-8 इंच का हो जाएगा तब बहुत मज़ा आएगा. मैने भी एक बार जब वो सो रही थी एक सीक उनकी छूट मे दल दो वो अचानक जाग गयी बोली ऐसा नही करते चोट लग जाती है अंदर. मैने कहा मई तो गहराई माप रहा था. वो हास पड़ी बोली इसमे मापा नही जाता इसमे सब तरह का लॅंड आ जाता है. ऐसे ही कुछ दिन निकले की एक दिन भैसाहब आ गये. भाभी को पता था की भैसाहब आने वेल हैं इसलिए उस दिन हम कपड़े पहन कर सोए. रात मे बाहिसहब आए उन्होने मुझे गोड मे उठाया ओर ड्रॉयिंग रूम मे सोफे पर लिटा दिया.

मई जाग चुका था ड्रॉयिंग रूम की लाइट बंद थी मैने उठ कर विंडो कर्टन तोड़ा सा सरकया ओर दूसरी तरफ देखने लगा. भैसाहब बेड पर बेते थे ओर भाभी उनकी गोड मे वो भाभी को किस कर रहे थे उनके लिप्स ओर चिक्स पर. भाभी भी जवाब दे रही थी. फिर उन्होने अपना हाथ भाभी की निघट्य मे दल दिया ओर उनके बूब्स सहलाने लगे. फिर उन्होने भाभी की निघट्य उतार दी ओर खड़े हो कर अपनी बनियान उतरने लगे भाभी ने उनके सीने पर थोड़े किस किए. उन्होने बनियान उतार कर भाभी की ब्रा खोल दी भाभी के बूब्स आज़ाद थे. फिर उन्होने भाभी की पेंटी भी उतार दी. वो दोनो धीरे-धीरे कुछ बातें भी कर रहे थे. मेरा सारा ढयन उन्ही पर था. भाभी ने अंडरवेर के उपेर से ही भैसाहब का लॅंड सहलाना शुरू कर दिया था. बहासाहब ने अचानक उन्हे गोड मे उठाया ओर रूम से बाहर चले गये. मई समझ गया शायद बातरूम मे ही गये होंगे. मान तो बहुत था फिर भी मई बाहर नही निकला ओर सोफे पर वापस लेट गया. पर नींद नही आई.

थोड़ी देर के बाद मुझे उनकी आहत फिर से सुनाई दी तो मई फिर खीरकी पर जाम गया. भैसाहब अभी भी भाभी को गोड मे लिए थे ओर उनके लिप्स ओर नेक पर किस कर रहे थे. इस समय वो भी नंगे थे शायद अपना अंडरवेर बातरूम मे ही छोड़ड़ आए थे. उनका लॅंड लगभग 6′ लंबा था. उन्होने भाभी को बेड पर लिटाया उनके पेर अपने कंधो पर रख लिए ओर फिर मुझे आयेज का धिकना बंद हो गया अब मुझे भैसाहब की पीठ ओर चूटर नज़ा आ रहे थे ओर भाभी का चेहरा. मैने परदा तोड़ा सा ओर सरकया तो भाभी ने एकद्ूम से आख मारी ओर आख से ही परदा बंद करने को कहा. मैने परदा तोड़ा सा वापस सरकया पर उदार देखते रहने का लोभ नही छोड़ड़ सका. भाभी के मूह से आहें निकल रही थी ओर भैसाहब के चूटर ज़ोर-ज़ोर से हिल रहे थे, थोड़ी देर बाद उन्होने लॅंड बाहर निकाला ओर भाभी तो उल्टा करके आधा बेड पर ओर आधा फर्श पर लटका दिया, उनकी टाँगे पकड़ी ओर उपेर उठा कर अपनी कमर पर टीका ली ओर फिर धक्के मरने लगे.

हलकी उधर निगठलंप ही ओं था पर मुझे सब सॉफ दिख रहा था क्योंकि मेरी साइड मे बिल्कुल अंधेरा था. थोड़ी देर तक धक्के मरने के बाद वो भाभी के उपेर ही गिर गये. फिर कुछ देर बाद उठ कर उन्होने अपने लॅंड पर से कांडों निकाला ओर भाभी के मूह मे रख दिया जिसे भाभी ने थोड़ी देर चूस कर थूक दिया. अब भाभी उनका लॅंड छत कर सॉफ कर रही थी. उन्होने एक बार फिर विंडो की ओर देख कर आख मारी थी मई समझ नही पा रहा था की वो मुझे डेक्ज़ कैसे रही है क्योकि निगठलंप विंडो के ठीक उपेर लगा था ओर मेरी तरफ सिर्फ़ अंधेरा ही दिख सकता था ओर कुछ नही. फिर भैसाहब ने एक बॉटल ली ओर भाभी के बूब्स ओर छूट पर कुछ माला ओर फिर उनका दूध पीने लगे. मई समझ गया की उन्होने शहद ही लगाया होगा.

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दोनो बूब्स को काफ़ी देर तक चूसने के बाद उन्होने भाभी की छूट को चाटना शुरू कर दिया. भाभी ने भी उसी बॉटल से शहद हाथ मे ले कर भैसाहब का लॅंड पकड़ लिया फिर भैसाहब बेड पर लेट गये भाभी उनके उपेर उलट कर आ गयी अब भैसाहब का लॅंड ओर भाभी का मूह खीरकी की तरफ था पर मई भैसाहब का मूह ओर भाभी की छूट नही देख सकता था. भाभी जल्दी-जल्दी उनका लॅंड चूस रही थी ओर बार- बार खीरकी की ओर देख कर मुस्कुरा रही थी. बाहिसहब का लॅंड फिर से टन चुका था ओर फिर कुछ देर के बाद उन्होने अपना हाथ अपने लॅंड पर रख कर शायद भाभी को ओर चूसने से रोकना चाहा पर भाभी ने उनका हाथ हटा दिया ओर चूस्टी रही.

मेरा लॅंड भी ताना हुआ था ओर मई अपने एक हाथ से उसे सहला रहा था. भाभी ने कुछ देर ओर चूसा ओर फिर भैसाहब बड़ी ज़ोर से हीले भाभी ने खीरकी की तरफ देख कर मूह खोला ओर अपने मूह मे भैसाहब का माल धीखाया. ओर फिर से भैसाहब का लॅंड चाटने लगी. थोड़ी देर बाद दोनो बेड पर लेट गये. फिर मई भी लेट कर सो गया. सुबह भाभी ने मुझे जगाया ओर बोली बड़े मज़े आ रहे थे रात ओर अब 8 बजे तक सो रहे हो. मई दर गया कहीं भैसाहब ना सुन ले. पर वो बोली की भैसाहब नहा रहे हैं. तो मैने भी पूच लिया आपको कैसे पता चला की मई देख रहा हून जो आप बार-बार आख मार रही थी.

वो बोली अंदाज़ा लगाया ओर अब तुम घर जाओ एक हफ्ते के बाद सोने के लिए आना. एक हफ़्ता? मैने कहा. हाँ जी एक हफ़्ता वो मुस्कुरई. फिर मई घर आ गया. बाहिसहब पुर एक हफ्ते तक रहे ओर मई अपने घर पर. अब मुझे अपना लॅंड रगार्ने की आदत सी हो गयी थी. पर अभी तक उसमे से कुछ नही निकला थंऐ समय मिलते ही कई-कई घंटो तक रग्रा करता की शायद कुछ निकले पर कुछ नही आता था. खेर एक हफ़्ता बिता भाभी-बाहिसहब घर आए बाहिसहब ने चलते समय मुझसे कहा भाई वीनू मई जेया रहा हून आज रात से तुम्हे अपनी भाभी के पास सोना है. मई कुछ घबराया ओर कुछ मुस्कुराया. फिर वो चले गये.

दोस्तों यह कहानी का अंतिम भाग था, आगे पड़ते रहिये सिर्फ hotsexstory.xyz धन्यवाद।