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वासना के रंग में रंगा मेरा लण्ड 2

Vasna ke rang me ranga mera lund-2

मैं फिर उसके पीछे चल पडा, गली के अंत में जाकर वह एक शानदार मकान के सामने रूकी और गेट का ताला खोलने लगी और हाथ मे लिया सामान मुझे पकडा दिया।

मैं जादु के गुडडे की तरह उसका हुक्म बजा रहा था और मैंने समान को हाथ में ले लिया। इतने में उसने गेट खोल लिया और मुझे अंदर बुलाया!!…

मैंने कहा – वो मेरा पता?? तो उसने कहा – जो काम अधुरा छोडा, पहले वो तो पूरा कर लो। फिर नए काम पर जाना!!!

मैं समझ गया की रास्ता साफ है!! !!!

मैं अंदर चला गया…

उसने मकान के भीतर का दरवाजा खोला और मुझे ड्राईंग रूम में ले आई और सोफे पर बैठने को कहा। मैंने समान रखा और स्वीटी को बाहों में भर लिया और उसे चूमने लगा!!!

उसके पतले होठों को अपने होंठों से लोक कर दिया और एक हाथ उसके मस्त टाईट चुचों पर रख कर उन्हें दबाने लगा।

वह भी इस तरह मस्त हो गर्ई और मुझे चूमने लगी और अपने ऊपर दबाने लगी। इस वक्त हम दोनों ज्वार भाटे की तरह वासना से तप चुके थे।

मैंने उसकी कमीज में नीचे हाथ डाल दिया और उसके चुचों को पकड लिया और दबाने लगा… उसने मेरा हाथ पकडा और मुझे अलग करते हुए मेरे लण्ड के ऊपर हाथ रखा और उसे पकडकर घर के अंदर की और चल पडी और बैड रूम में जाकर रूकी।

बैड रूम में जाते ही मैंने पुन: उसे दबोच लिया और उसके कपडे उसके जिस्म से अलग करने लगा!! उसकी कमीज उतारते ही सफेद ब्रा में उसका दूधिया जिस्म सोने की तरह चमक रहा था!! !!!

उसके जिस्म पर बने मेरे हाथों के निशान साफ दिख रहे थे।

अब मैंने उसकी ब्रा उसके जिस्म से अलग की तो उसके मस्त मोटे मोटे चुचे मेरे सामने कुदकर आ गए!! मैंने उन्हे हाथों में लेकर दबाना शुरू कर दिया…, फिर लाल कत्थेई निप्पल को चुटकी में लेकर मसला तो वह चिहूँक उठी और उसने मेरे लिंग को पैंट के ऊपर से मसल दिया!!

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अब चिहुकनें की मेरी बारी थी…

मैंने उसके चुचों को दबाया और निप्पल को मुँह मे ले लिया और चूसने लगा। वह अपने हाथों को मेरे बालों मे फिराने लगी।

कुछ देर बाद मैंने उन्हें छोडकर उसकी चूत पर सलवार पर से हाथ फेरा, तो वह गीली हो चुकी थी!! !!!

मैंने बिना देरी किए उसकी सलवार का नाडा तोड दिया। उसकी सलवार बिना रूकावट के फर्श पर थी, और उसकी नंगी चूत मेरे सामने थी!!…

मैंने उसे पलंग पर धक्का देकर गिरा दिया और उसकी चूत को देखने लगा। उसने शर्माते हुए अपनी चूत को छुपा लिया…

मैंने उसकी टाँगों को अलग किया और कहा – जानेमन!! इस खजाने का तो आज लुटने का दिन है और इसे छुपा रही हो।

तो उसने कहा – मेरे खजाने को क्या आँखों से ही लुटोगे?? इसका असली खिलाडी तो निकालो…

मैंने उसकी बात पर सहमती जताते हुए अपने सारे कपडे उतार दिए और हम दोनों आदम जात नगें हो गए!!!

उसने मेरे तने हुए लण्ड को देखा तो वह एक दम पलंग से उठी और मेरे लिंग को हाथों मे ले लिया और उसकी मोटाई व लम्बाई नापने लगी और अपने सीने पर हाथ रख कर बोली – हाय माँ!! मर गई ख़मखा पगां ले लिया… आज तो मैं मर ही जाऊँगी!!

मैंने सोचा, कहीं खडे लण्ड पर धोखा ना हो जाए!! !!!

मैंने तपाक से उसके ऊपर गिरते हुए उसके होठों पर होंठ रख दिए और चूसना शुरू कर दिया। साथ ही हाथ से लण्ड को उसकी चूत पर रगडना शुरू कर दिया और मौका देखते ही उसकी चूत मे दबाव बना कर लण्ड का टोपा अंदर कर दिया!!…

लण्ड अंदर जाते ही वह चीख पडी और मुझे कस के पकड कर बोली – मार दिया मादर चोद… फाड़ दी मेरी कुँवारी चूत… लुट लिया मेरा खजाना… हरामी निकाल इसे बाहर… तेरी बहन की चूत, निकाल इसे… अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह…

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इससे पहले वह कुछ हिलती, मैंने अपने जिस्म का सारा वजन उसके कोमल बदन पर डाल दिया ताकी वह हिल ना सके और उसे अपने हाथों से सहलाने लगा। जैसे ही वह कुछ शांत हुई मैंने उसकी चूत से लण्ड निकालकर, एक झटका मारा इस बार आधा लण्ड उसकी चूत में था!!!

लेकिन इस बार उसकी आँखों में आँसू थे।

लेकिन उसने मुझे पकड कर अपने आप को सभांला, जिसका मैंने फायदा उठाते हुए दूसरे झटके में उसकी कुँवारी चूत में अपना आठ इंच लम्बा व तीन इंच मोटा लण्ड पूरा अंदर कर दिया…

इस बार वह फिर मचली लेकिन मैंने उसे सहलाते हुए व लण्ड को अंदर बाहर करते हुए उसे तैयार कर लिया और धीरे धीरे अपनी गति तेज कर दी!!

अब वह भी मेरा सहयोग कर रही थी।

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खून के लाल रंग व वासना के रंग में रंगा मेरा लण्ड “आग का गोला” लग रहा था!!

लगभग 20-25 मिनट में उसकी चूत ने दो बार पानी छोडा!!

इसके बाद आह… आहह… उम्म… उफ़… आ आ आ आ आ आ आ आ आ… च चा चा चो द द द द… मादार चोद… तेरी बहन की चू त त त त… रंडी साली… ले ले ले ले… व चूत के पानी की छप छप की आवाज़ और उसकी भिन्नी भिन्नी खुसबू ने कमरे को महका दिया!! !!!

फिर लगभग तुरंत ही वह झड़ गई, मैंने भी अपना पहला लण्ड का अनमोल खजाना उसकी चूत में झाड दिया और उसके ऊपर गिर कर साँसें लेने लगा!!

उसके बाद स्वीटी ने मेरे लण्ड को साफ किया और मुँह मे लेकर चूसा। उसके चूसने से मैं पुन: तैयार हो गया और फिर मैंने स्वीटी को बाहों मे लेकर लम्बी दौड शुरू कर दी।

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दूसरी बार झडने के बाद, मुझे ध्यान आया मैंने इंटरव्यु पर जाना है!! तो मैं कपडे पहनने लगा पर स्वीटी ने रोक दिया और कहा – बाथरूम में जाकर नहा लो, जब तक मैं तुम्हारे लिए कुछ लाती हूँ।

यह कह कर वह किचन में चली गई और मैं कमरे के अटैच बाथरूम में।

मैं नहाकर बाहर आया तो वह मेरे लिए जूस लेकर आई थी। मैंने जूस पिया और उससे वह पता पूछा तो उसने मुझे पीछे वाले घर का पता बताया।

मैंने जाने से पूर्व स्वीटी को बाहों मे भरा और एक लम्बा किस उसके होठों पर किया।

स्वीटी ने मुझसे अलग होकर मेरा नम्बर लिया और फिर दुबारा आने को कहा…

इस प्रकार स्वीटी की कुँवारी चूत चोद कर मेरे लण्ड की सील टूटी।

उसके बाद मैंने स्वीटी की तीन कुँवारी बहनों को चोदा जो की अगली कहानी में आपसे श्येर करूँगा…