19 साल के लड़के और पड़ोस की हॉट आंटी सरला की चुदाई की कहानी
हैल्लो दोस्तों, ये कहानी उन दिनों की है जब मैं 19 साल का था और एच.एल. साइंस कॉलेज में पढ़ता था। उस टाइम मेरा लंड बहुत उफान पर रहता था, और मैं हर वक्त किसी ना किसी को चोदने के मौके तलाशता था। मेरे पड़ोस में एक आंटी रहती थी, नाम था सरला। उनकी खूबसूरती उनके हॉट बदन से झलकती थी, मानो सेक्स की देवी मेरे सामने खड़ी हो। मुझे हर पल लगता था कि वही मेरी सेक्स की प्यास बुझा सकती है। हाँ, उनकी एक छोटी लड़की भी थी, और वो दोनों अकेले ही घर में रहती थीं।
अब आप सोच रहे होंगे कि उनके हसबैंड कहाँ थे? वो एक ट्रक ड्राइवर थे, महीनों घर नहीं आते थे। उनके घर की बात करूँ तो वो मेरे घर के ठीक बगल में था। मेरा बाथरूम उनके बाथरूम के पास था, जो कच्ची ईंटों से बना था और उनके घर के पीछे की साइड में था। एक दोपहर मैं अपने बेड पर सो रहा था, मोबाइल पर किसी से बात कर रहा था। तभी आंटी शक्कर माँगने आईं। घर में कोई नहीं था, तो वो सीधे मेरे बेडरूम में आ गईं और मेरे बेड पर बैठ गईं। वो मेरे बालों पर हाथ फेरने लगीं। मैंने आँखें खोलीं तो देखा उनकी मोटी, रसीली गांड मेरे मुँह के सामने थी। मैंने चुपके से उनकी गांड को चूम लिया, उन्हें पता भी नहीं चला।
फिर मैं उठा, उन्हें शक्कर दी। उन्होंने मेरे गाल पर एक किस किया, थैंक्स बोला और चली गईं। मेरे लंड ने अंदर ही अंदर उन्हें सलामी ठोक दी। उस रात मैंने एक प्लान बनाया। अगले दिन मैंने उनके बाथरूम की एक ईंट निकाल दी। जब वो नहाने गईं, तो मैंने उस छेद पर आँखें टिका दीं। वो धीरे-धीरे अपने कपड़े उतार रही थीं। अब वो सिर्फ ब्रा और पैंटी में थीं। उनके गोरे, भरे हुए बूब्स देखकर मेरा लंड तन गया। फिर जो हुआ, वो देखकर मैं दंग रह गया।
उन्होंने अपनी ब्रा खोली और दोनों हाथों से अपने बूब्स को मसलने लगीं, “आहह… उहह…” की सिसकारियाँ भरने लगीं। फिर पैंटी उतारी तो उनकी गुलाबी चूत मेरे सामने थी। मेरा हाल ऐसा था जैसे भूखे शेर को शिकार मिल गया हो। उन्होंने दो उंगलियाँ अपनी चूत में डाल दीं और अंदर-बाहर करने लगीं, साथ ही एक हाथ से बूब्स दबाती रहीं। ये नजारा देखकर मुझे लगा कि शायद वो भी कब से सेक्स की भूखी थीं। मैंने ठान लिया कि उनकी मदद करूँगा। उस रात बादल गरज रहे थे, बिजलियाँ चमक रही थीं, हल्की बारिश हो रही थी। वो डर गईं और मुझे अपने घर सोने के लिए बुलाया।
मैं खुशी-खुशी उनके घर चला गया। वो मूवी देख रही थीं। मैं भी कुर्सी पर बैठकर मूवी देखने लगा। तभी उनकी दो साल की बेटी रोने लगी। उन्होंने उसे गोद में लिया और दूध पिलाने के लिए अपना बूब बाहर निकाला। मैं बस देखता रह गया। ऊपर देखते ही मैंने नजरें हटा लीं। थोड़ी देर बाद उन्होंने बेटी को सुला दिया और एक गोली खाई। मैंने पूछा तो बोलीं, “ये नींद की गोली है, इसके बिना नींद नहीं आती।” वो बेटी के साथ बेड पर सो गईं, और मैं सोफे पर लेट गया। लेकिन नींद कहाँ आने वाली थी? मेरे दिमाग में बस बाथरूम वाली सरला घूम रही थी।
हिम्मत जुटाकर मैं उनके पास गया, बेड पर बैठा। उनके ब्लाउज के ऊपर से बूब्स को सहलाया, कोई रिएक्शन नहीं आया। अब मैं बेफिक्र हो गया। उनके पेट को चूमने लगा, साड़ी ऊपर की और उनकी गोरी जाँघों को सहलाने और चूमने लगा। फिर उनकी पैंटी में हाथ डाला, उसे नीचे सरकाया। सामने वही चूत थी जो सुबह मैंने दूर से देखी थी। मैंने उसे चाटना शुरू किया—उसका टेस्ट लाजवाब था। दो उंगलियाँ अंदर डालीं, अंदर-बाहर करने लगा और उनके ब्लाउज के बटन खोलकर बूब्स मसलने लगा।
10 मिनट तक ये चला, तभी लगा कि वो जागने वाली हैं। मैं फट से सोफे पर जाकर सो गया। सुबह उठा तो उन्होंने मेरे बालों पर हाथ फेरा और हल्की सी स्माइल दी। मैं कन्फ्यूज हो गया—क्या उन्हें पता था? उनकी स्माइल से लग रहा था कि वो भी मुझसे चुदवाना चाहती थीं। मेरी हिम्मत बढ़ गई। मैंने सोच लिया कि आज रात उनकी जमकर चुदाई करूँगा।
रात को फिर उनके घर गया। वो टीवी देख रही थीं, मैं उनके बगल में बैठ गया। उनकी बेटी सो रही थी। रात के 11 बज रहे थे, बारिश तेज थी। अचानक बिजली चमकी और वो डरकर मुझसे लिपट गईं। फिर उन्होंने पूछा, “विक्की, कल रात मेरे ब्लाउज के बटन तुमने खोले थे ना?” मैंने कहा, “हाँ आंटी, और मुझे पता है आप भी सेक्स की भूखी हैं। प्लीज, मुझसे चुदवा लो।” ये सुनते ही उन्होंने मुझे जोरदार लिप किस किया, 5 मिनट तक मेरे होंठ चूसती रहीं।
फिर बोलीं, “मुझे सिर्फ सरला कहो।” मुझे बेड पर धक्का देकर गिराया, मेरी शर्ट उतारी और छाती चूमने लगीं। मेरे लंड को पैंट के ऊपर से चूमने लगीं। मैं गर्म हो गया। मैंने कहा, “क्या मेरे लंड के दर्शन नहीं करोगी?” वो शरमा गईं। मैंने पैंट उतारी। मेरा 8 इंच का लंड देखकर बोलीं, “इतना बड़ा तो मेरे पति का भी नहीं है।” फिर उसे जोर-जोर से हिलाने और चूसने लगीं।
मैं पूरा नंगा था, पर वो कपड़ों में थीं। मैंने उनकी साड़ी उतारी, पीठ के पीछे से बूब्स दबाए, ब्लाउज फेंक दिया। उन्हें उल्टा लिटाया, ऊपर चढ़ गया। उनकी पीठ चूमने लगा, मेरा लंड उनकी गांड में घुसने को बेताब था। उनका पेटीकोट उतारा—गुलाबी पैंटी और काली ब्रा में वो कयामत लग रही थीं। मैंने उनकी ब्रा और पैंटी फाड़ दी, चूत चूमने लगा। वो गीली और गर्म थी। बोलीं, “अब देर मत करो, मैं तुम्हारी रंडी बनने को तैयार हूँ।”
मैंने लंड उनकी गांड पर रगड़ा। वो बोलीं, “मेरी गांड आज तक किसी ने नहीं मारी, तुम इसका उद्घाटन कर दो।” हम डॉगी स्टाइल में आए। मैंने उनकी गांड जमकर मारी। 15 मिनट बाद उनकी गांड लाल हो गई। वो चिल्लाईं, “आहह… उईई… माँ, फाड़ दी मेरी गांड!” मैंने कहा, “बस थोड़ा रुक जाओ, झड़ने वाला हूँ।” उन्होंने मेरा लंड मुँह में लिया और सारा रस पी लिया।
हम दोनों थककर लेट गए। मैंने उनके बूब्स मसले, कहा, “सरला, मुझे तुम्हारे आम चूसने हैं।” वो बोलीं, “चूसो मेरे राजा।” चूसते वक्त उनके बूब्स से दूध निकला। मैंने पूछा, “इसका क्या करूँ?” बोलीं, “लंड पर लगा दो और मेरी चूत में डाल दो।” हम 69 में आए। मैं उनकी चूत चाटने लगा, वो मेरा लंड चूसने लगीं। फिर मैंने उनकी टाँगें कंधों पर रखीं और लंड चूत में डाला। वो चिल्लाईं, “उईई माँ, मर गई!” 20 मिनट की चुदाई के बाद हम झड़ गए।
सुबह वो चाय बना रही थीं। मैंने उनका गाउन उठाया, लंड उनकी गांड में डाला और चूत में उंगलियाँ डालीं। अब जब भी मौका मिलता है, हम चुदाई का मजा लेते हैं।