पड़ोसी की चुदाई

दिल्ली वाली सेक्सी आंटी को फुल टाइम सेक्स का मज़ा दिया

Indian Lady Sex Kahani

इंडियन लेडी सेक्स कहानी में मैं कामरान हूँ, लुधियाना, पंजाब का रहने वाला। मेरी उम्र 25 साल है, लंड का साइज़ 6 इंच है, और मुझे सेक्स में प्यार और जुनून का मिक्स सबसे ज़्यादा पसंद है। ये कहानी मेरी ज़िंदगी का एक ऐसा सच है, जिसे याद करके आज भी दिल की धड़कनें तेज़ हो जाती हैं। बात कुछ महीने पहले की है, जब मैं MCA के आखिरी सेमेस्टर में था। ट्रेनिंग के लिए मैंने दिल्ली को चुना, क्योंकि वहाँ का माहौल और मौके मुझे हमेशा से आकर्षित करते थे। दिल्ली में किराए का एक छोटा-सा रूम लिया, जो एक शांत मोहल्ले में था। मेरे रूम के पास ही एक घर था, जहाँ सविता आंटी रहती थीं। उसकी उम्र करीब 32 साल होगी, फिगर 34-32-36—एकदम परफेक्ट। पहली बार उसे देखा तो लगा, जैसे कोई फिल्म की हिरोइन मेरे सामने खड़ी हो। हमारी नज़रें अक्सर टकराती थीं, और वो हल्की-सी मुस्कान के साथ इशारों में “हाय” कह देती थी। मैं भी जवाब में स्माइल देता, लेकिन बात आगे बढ़ाने की हिम्मत नहीं हुई थी—शुरुआत में।

एक दिन दोपहर को मैं बाहर चाय की दुकान पर बैठा था। आसमान में हल्के बादल थे, और ठंडी हवा चल रही थी। तभी सविता उधर से गुज़री। उसने मुझे देखा, और मैंने मौका नहीं छोड़ा। “सविता जी, इधर आइए न, चाय पी लीजिए,” मैंने हल्के मज़ाकिया लहज़े में कहा। वो मुस्कुराई और मेरे पास आकर बैठ गई। हमारी बातें शुरू हुईं—साधारण सी, जैसे मौसम, दिल्ली की भागदौड़, वगैरह। उसने बताया कि वो पार्ट-टाइम पढ़ाई करती है और घर से कुछ काम करना चाहती है। “कोई ऐसा काम सिखा दो, जो मैं घर बैठे कर सकूँ,” उसने कहा। उसकी आवाज़ में एक अजीब-सी मिठास थी, जो मुझे अंदर तक छू गई। मैंने सोचा, ये सही मौका है करीब आने का। मैंने हँसते हुए कहा, “कोई काम सिखाने के लिए तो आपके पास थोड़ा वक्त बिताना पड़ेगा।” उसने भी मज़ाक में जवाब दिया, “वक्त तो है, बस सिखाने वाला चाहिए।” उसी दिन हमने नंबर एक्सचेंज कर लिए।

रात को करीब 10 बजे मेरा फोन बजा। उसका मैसेज था:
सविता: क्या कर रहे हो?
मैं: बस लैपटॉप पर कुछ काम कर रहा हूँ। तुम?
सविता: नींद नहीं आ रही। मुझे वो काम सिखाने का प्लान कब बन रहा है?
मैं: इतनी जल्दी क्यों?
सविता: जल्दी इसलिए, क्योंकि मन बेचैन है।
मैं: बेचैन? किसलिए?
सविता: आपसे मिलने का मन कर रहा है।

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ये पढ़ते ही मेरे दिल की धड़कनें तेज़ हो गईं। मैंने टाइप किया, “तो अभी आ जाओ, रूम पास ही तो है।” उसका जवाब आया, “देख लो, आ गई तो भागना मत।” मैंने लिखा, “तुम भी तो मत भागना मुझे देखकर।” वो बोली, “मैं तो एक्सपीरियंस्ड हूँ, डरने की बारी तुम्हारी है।” मैंने हँसते हुए रिप्लाई किया, “तो अपना एक्सपीरियंस दिखाने का टाइम आ गया है।” उस रात हमारी चैटिंग देर तक चली। बातों-बातों में एक अजीब-सा کشश पैदा हो गया था। उसने कहा, “जब फ्री हो, घर आ जाना काम सिखाने।” मैंने सोचा, ये तो बस बहाना है—असली खेल तो कुछ और है।

अगले दिन सुबह मैंने मैसेज किया, “आज फ्री हूँ।” उसका जवाब तुरंत आया, “तो आ जाओ, कब से वेट कर रही हूँ।” मैं तैयार हुआ। हल्की-सी परफ्यूम लगाई, शर्ट-पैंट पहनी, और उसके घर की तरफ चल पड़ा। दरवाजे की घंटी बजाई। उसने दरवाजा खोला। वो ब्लैक साड़ी में थी—पतली कमर, गहरी नाभि, और साड़ी का पल्लू ऐसा कि उसकी क्लीवेज हल्की-हल्की झाँक रही थी। मैं उसे देखता रह गया। मेरे मुँह से बस इतना निकला, “सविता, ये क्या? मार डालोगी क्या इतना सेक्सी बनकर?” वो हँस पड़ी और बोली, “अंदर तो आओ, बाहर ही देखते रहोगे?” हम अंदर गए। उसने मुझे सोफे पर बिठाया और चाय लाकर दी।

चाय पीते वक्त मेरी नज़र बार-बार उसकी कमर और बूब्स पर जा रही थी। उसने नोटिस किया और बोली, “क्या देख रहे हो इतना?” मैंने हिम्मत करके कहा, “जो दिख रहा है, उसे कैसे न देखूँ?” वो पास आई, मेरा हाथ पकड़ा, और बोली, “बड़ी जल्दी है तुम्हें मज़े लेने की।” मैंने उसकी आँखों में देखते हुए कहा, “और तुम्हें देने की जल्दी नहीं है? मैं इतना मज़ा दूँगा कि सोच भी नहीं सकती।” फिर मैंने उसका चेहरा अपने हाथों में लिया और धीरे से किस करना शुरू किया। पहले होंठों को हल्के से छुआ, फिर धीरे-धीरे गहराई बढ़ाई। वो भी मेरे साथ बहने लगी। हम पागलों की तरह स्मूच करने लगे। मेरा लंड जींस में सख्त हो गया था। मैंने उसके बूब्स पर हाथ रखा और हल्के से दबाया। वो सिसकारी भरने लगी।

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मैंने उसे गोद में उठाया और बेडरूम में ले गया। वहाँ माहौल गर्म हो चुका था। मैंने उसका ब्लाउज़ उतारा। ब्रा के ऊपर से उसके 34D बूब्स को ज़ोर-ज़ोर से दबाया। वो “आह्ह… कामरान…” कहकर मोनिंग करने लगी। फिर मैंने ब्रा की हुक खोली। उसके गोरे, भरे हुए बूब्स मेरे सामने थे। निप्पल्स हल्के भूरे और सख्त। मैंने 20 मिनट तक उन्हें चूसा, काटा, और खेला। वो मेरे बालों में उंगलियाँ फेर रही थी। फिर साड़ी उतारी, पेटीकोट खोला, और उसे पूरा नंगा कर दिया। मैं कुर्सी पर बैठ गया और उसे देखने लगा। उसका बदन चाँद की तरह चमक रहा था। वो शर्माते हुए बोली, “ऐसे क्या देख रहे हो?” मैंने कहा, “तुमसे खूबसूरत कुछ देखा ही नहीं।”

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फिर मैं बेड पर आया। उसने मेरी शर्ट उतारी, पैंट खोली, और मेरा लंड हाथ में लिया। पहले हल्के से सहलाया, फिर मुँह में लेकर चूसने लगी। उसकी गर्म साँसें मुझे पागल कर रही थीं। हम 69 पोज़िशन में आ गए। मैं उसकी चूत चाटने लगा—गीली, मुलायम, और एकदम स्वादिष्ट। 10 मिनट बाद उसका शरीर अकड़ गया, और वो झड़ गई। उसका पानी मेरे मुँह पर था। मैंने उसे चाटा और मुस्कुराया। वो हाँफते हुए बोली, “बस इतना ही?” मैंने कहा, “अभी तो शुरूआत है।” उसने फिर मेरा लंड मुँह में लिया। इस बार ज़ोर-ज़ोर से चूसा। 10 मिनट बाद मैं झड़ा। मैंने लंड निकाला और उसके बूब्स पर सारा पानी छोड़ दिया। वो हँसते हुए बोली, “ये क्या कर दिया?” मैंने उसे फिर किस किया और बूब्स दबाते हुए कहा, “अभी और करना है।”

मेरा लंड फिर खड़ा हो गया। मैंने पूछा, “रेडी हो?” वो बोली, “कब से रेडी हूँ।” उसे बेड पर लिटाया। उसकी टाँगें फैलाईं, लंड उसकी चूत पर सेट किया, और ऊपर से उसके बूब्स पकड़ लिए। फिर एक गहरी किस के साथ ज़ोरदार धक्का मारा। वो चीख पड़ी और मेरे होंठ काट लिए। उसे दर्द हुआ, तो मैं 2 मिनट रुका। उसकी साँसें धीमी हुईं, फिर मैंने धक्के शुरू किए। 5 मिनट तक उसी पोज़िशन में चोदा। फिर उसकी टाँगें कंधों पर रखीं और ज़ोर-ज़ोर से पेला। कमरे में पच-पच की आवाज़ गूँज रही थी। वो “आह्ह… ओह्ह…” करती रही। फिर डॉगी स्टाइल में लिया। वो दो बार झड़ चुकी थी। मेरा भी निकलने वाला था। मैंने पूछा, “कहाँ निकालूँ?” बोली, “चूत में ही।” मैंने उसकी चूत को स्पर्म से भर दिया।

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हम बेड पर लेट गए। पसीने से तर थे। मैंने पूछा, “कैसा रहा?” उसने मेरे सीने पर सर रखते हुए कहा, “लाइफ का बेस्ट सेक्स। तुम कमाल हो।” उस दिन दो बार और सेक्स किया। शाम 5:30 बजे मैं अपने रूम पर लौट आया, क्योंकि उसके हसबैंड का आने का टाइम हो गया था। दिल्ली में रहते वक्त हम हफ्ते में 2-3 बार मिलते और मज़े करते। एक बार पूरी रात सेक्स किया—उसकी गांड भी मारी। वो कहानी किसी और दिन। अब मैं महीने में 15 दिन दिल्ली, 15 दिन पंजाब रहता हूँ। सविता जब चाहती है, कॉल कर लेती है, और हम फिर वही जुनून दोहराते हैं।