मेरी सेक्सी चाची मेरी दुल्हन बन गई सेक्स के बाद
मेरा नाम नितेश है और मैं गोपालगंज का रहने वाला हूँ। गोपालगंज में ही एक कंपनी में मेरी नौकरी है, जहाँ मैं सर्वे का काम करता हूँ। काफी समय से मैं इसी काम में लगा हुआ हूँ लेकिन फिर भी मुझे उचित वेतन नहीं मिल पा रहा था। इतनी मेहनत करने के बाद भी जब अच्छा पैसा नहीं मिल रहा था तो मैंने सोचा कि यहाँ नौकरी छोड़ ही दूं। परंतु मेरे पास कोई दूसरा विकल्प नहीं था। अगर मैं यहां से नौकरी छोड़ दूँगा तो आगे क्या करूंगा? घर की स्थिति भी ठीक नहीं थी।
मेरे पिताजी भी एक प्राइवेट कंपनी में काम करते हैं और वे अपने कमाई से घर का खर्च चलाते हैं। लेकिन अब मैं नहीं चाहता कि उनके ऊपर कोई बोझ हो, क्योंकि उनकी उम्र भी काफी बढ़ चुकी है और मैं बिलकुल भी नहीं चाहता कि मैं उन पर बोझ बनूँ।
मेरे चाचा अक्सर मुझे फोन करते रहते हैं। वे सूरत में रहते हैं और मुझे अक्सर कहते हैं कि अगर तुम काम नहीं कर रहे हो तो यहाँ आ जाओ। लेकिन मैं उन्हें बताता हूँ कि मैं तो नौकरी कर रहा हूँ, परंतु मेरी नौकरी से मैं खुश नहीं हूँ क्योंकि मेरी तनख्वाह बढ़ नहीं रही है और इतना काम करने के बाद भी मेरी तनख्वाह उतनी ही है।
मेरे चाचा का नाम बिल्लू है। उनके बच्चे भी उनके साथ रहते हैं। उनकी नौकरियाँ बहुत अच्छी हैं और मेरी चाची भी उनके साथ ही रहती है। वे काफी समय से सूरत में रह रहे हैं। पहले वे गोपालगंज में ही काम करते थे लेकिन उन्हें पता था कि गोपालगंज में उन्हें इतनी तनख्वाह नहीं मिल पा रही थी इसलिए उन्होंने सूरत जाने का फैसला किया था। एक दोस्त ने उन्हें साथ ले जाया था।
मैंने अपने चाचा से कहा कि ठीक है, मैं आपको अपना रिज्यूम भेज देता हूँ और आपके पास ही आ जाता हूँ। मैंने अपने पिताजी और माँ से इस बारे में बात की कि मैं चाचा के साथ सूरत जा रहा हूँ। उन्होंने पूछा कि तुम कितने समय के लिए सूरत जाओगे?
मैंने उन्हें कहा कि इसका तो मुझे पता नहीं है, पर अब मैं वहाँ काम करने वाला हूँ क्योंकि सूरत में तनख्वाह अच्छी मिल जाती है इसलिए मैंने वहाँ जाने का फैसला कर लिया है। मेरे माता-पिता ने भी मुझे मन नही किया और कहने लगे ठीक है यदि तुम्हें यही उचित लगता है तो तुम अपने चाचा के पास चलो जाओ।
मैंने अपनी ट्रेन का रिज़र्वेशन करवा लिया और उसके बाद मैं अपने चाचा के पास चला गया। जब मैं सूरत पहुंचा तो मैंने अपने चाचा को फोन किया। उन्होंने मुझे अपना एड्रेस भेज दिया और मैं उनके बताए हुए एड्रेस पर पहुँच गया।
जब मैं उनके बताए हुए एड्रेस पर पहुँचा तो मैंने चाचा से कहा कि मैं यहां पर पहुँच चुका हूँ, परंतु मुझे आपका घर नहीं मिल रहा है। उन्होंने मुझे कहा कि तुम कॉलोनी के बाहर वाली दुकान पर ही खड़े रहो। मैं वही दुकान के बाहर खड़ा था, कुछ देर बाद मेरे चाचा आ गए और मैं उनके साथ उनके घर पर गया तो मैंने देखा कि उनका बहुत ही बड़ा घर है।
मैं पहली बार ही चाचा के पास आया था। उससे पहले मैं कभी भी सूरत नहीं आया क्योंकि मैं अपनी नौकरी में इतना व्यस्त था कि मुझे सूरत आने का समय ही नहीं था। मेरे चाचा के दो बच्चे हैं जो कॉलेज में पढ़ते हैं, वे दोनों मुझसे मिलकर बहुत खुश हो गए और कहने लगे भैया आप तो हमें काफी समय बाद मिल रहे हैं। मैंने उन्हें कहा कि अब मैं यहीं पर काम करने वाला हूँ तो वह लोग भी खुश हो गए।
जब मेरी चाची मुझे मिली तो मेरी चाची भी बहुत खुश थी। मेरी चाची का नाम निहारिका है और मेरी माँ मेरी चाची की बहुत ज्यादा तारीफ करती हैं। वे हमेशा ही कहते हैं कि तुम्हारी चाची बहुत ही अच्छी महिला है। मेरी चाची जब भी घर आती है तो वह मेरी माँ के लिए हमेशा ही साड़ियां लेकर आती हैं और वह मेरी माँ को कुछ ना कुछ देती है। इस बार मैं भी अपनी चाची के लिए साड़ी लेकर आया था, मैंने उन्हें कहा कि वो मेरी माँ ने आपके लिए भिजवाई है।
मेरी चाची बहुत खुश हो गई और कहने लगी कि मुझे तुम्हारी माँ को देखे हुए काफी समय हो चुका है। मेरे चाचा ने मुझे कहा कि मैंने तुम्हारे लिए एक जगह पर नौकरी की बात की है, तुम कल वहाँ इंटरव्यू देने के लिए चलो जाओ। मैं अब वहाँ इंटरव्यू देने के लिए चला गया। मेरा उस जगह पर सलेक्शन हो गया और मुझे बहुत अच्छी तनख्वाह मिल रही थी जिससे मैं बहुत ही खुश हुआ और मैंने अपने चाचा को कहा कि यहां पर तो बहुत अच्छा है। मेरे चाचा ने कहा कि तुम मेरे साथ ही रहोगे, मैंने कहा कि मैं कुछ समय बाद अपने लिए अलग व्यवस्था कर लूंगा लेकिन मेरी चाची भी मुझे कहने लगी कि तुम हमारे साथ ही रहो, वैसे भी हमारा इतना बड़ा घर है उसमें तुम रहे ही सकते हो।
अब मैं उनके साथ ही रहने लगा लेकिन मुझे नहीं पता था कि मेरे चाचा का व्यवहार मेरी चाची के प्रति बिलकुल भी अच्छा नहीं है, उन दोनों के बीच झगड़े होते थे। वे आपस में बहुत झगड़ा करते हैं लेकिन जब यह लोग घर पर आते हैं तो यह बहुत ही अच्छे से रहते हैं। मैंने जब चाची से पूछा तो चाची कहने लगी कि इनका किसी अन्य महिला के साथ चक्कर चल रहा है इसीलिए वह मुझसे झगड़ा करते रहते हैं। मैंने अपनी चाची को कहा चाचा तो बिलकुल भी ऐसे नहीं है जैसा आप उनके बारे में बता रहे हैं, मेरी चाची कहने लगी कि मैंने इनन्हें एक दिन एक अन्य महिला के साथ देखा था। मेरी चाची बहुत ही दुखी थी और वह मुझसे कह रहे थे कि मैं बहुत परेशान हो गई हूँ।
मेरी चाची बहुत ज्यादा रो रही थी और मैंने उन्हें अपने गल में लगा लिया। जब मैंने उन्हें अपने गल में लगाया तो उनके बड़े बड़े स्तन मेरे से टच हो रहे थे और उनका हाथ मेरे लंड पर लग रहा था। उनका हाथ मेरे लंड पर लगता तो मेरा लंड पूरा खड़ा हो जाता। उन्हें भी अब समझ आ गया कि मेरा लंड पूरा खड़ा हो चुका है तो उन्होंने मेरी पैंट की चैन खोलते हुए मेरे लंड को बाहर निकाल लिया। उन्होंने मेरे 9 इंच मोटे लंड को अपने मुंह में लिया। मैंने भी उनके गलें तक अपने लंड को धक्का देना शुरू किया। मैं बहुत ही मजे में आ गया और वह भी पूरे मूड में आ गई। मैंने अपनी चाची के सारे कपड़े खोल दिए और उन्हें नंगा कर दिया। मैंने उन्हें उन्हीं के बिस्तर पर लेटा दिया और कुछ देर उन्होंने मेरे लंड को ऐसे ही चूसने का जारी रखा, उसके बाद मैंने भी उनके स्तनों को अपने मुंह में लेकर चूसना शुरू कर दिया। मुझे बहुत अच्छा लग रहा था। मैंने उनकी योनि को काफी देर तक चाटना जारी रखा। उनकी चुत से बहुत पानी गिरने लगा। मुझे भी बहुत अच्छा महसूस हो रहा था। मैंने उनकी योनि के अंदर अपने लंड को डाल दिया। उन्होंने अपनी योनि को बहुत ज्यादा टाइट कर रखा था।
मैंने उन्हें बड़ी तेजी से धक्के देना शुरू किया और उन्हें बहुत मजा आ रहा था। जब मैं उन्हें चोड रहा था वह मेरा पूरा साथ दे रही थी और अपने मुंह से बड़ी तेज़ आवाज में सिस्कियां निकाल रही थी। मैंने उनके दोनों पैरो को कसकर पकड़ लिया। मैंने उन्हें इतनी तेजी से झटक दिया कि उनका शरीर दर्द होने लगा। मैं उनके चुत को मुंह में लेकर चूसता जा रहा था। उन्हें बहुत अच्छा महसूस हो रहा था जब मैं उनके चुचे चूस रहा था। वह मुझे कहने लगी कि तुमहारे चाचा की तो बस की बात रह नहीं गई, वह मुझसे बहुत झगड़ा करते रहते हैं और ना ही वह मेरे यौवन का रसपान करते हैं। मैंने अपनी चाची से कहा आपका यौवन तो आज भी पहले जैसा ही है बचपन में तो हम आपकी पैंटी सुंघकर ही काम चला लिया करते थे परंतु आज मुझे आपने अपनी चुत मारने दी तो मुझे बड़ा मजा आ गया।
कुछ देर बाद उन झटक के बीच मेरा वीर्य गिर गया। मेरी चाची भी बहुत खुश थी और उन्होंने मुझे गल में लगा लिया। वह कहने लगी कि तुम ही आज से मेरी चुत मरोगे। मैंने उन्हें कहा कि आप जैसी माल को कौन छोड़ सकता है।