बुआ की वासना: भतीजे के साथ हॉट चुदाई की कहानी
प्यारे दोस्तों, मेरा नाम रोहन है। मैं एक नॉर्मल सा लड़का हूँ, मेरी उम्र 23 साल है। ये मेरी और मेरी बुआ की real sex story है, जिनका एक साल पहले तलाक हो गया था। मेरी बुआ गोरी, उठे हुए चूतड़ों वाली, और थोड़ी मोटी हैं, पर दिखने में बहुत sexy और स्मार्ट हैं। उस वक्त उनकी उम्र करीब 32 साल रही होगी। आज मैं आपको HotSexStory.xyz पर बताने जा रहा हूँ कि कैसे मेरी बुआ की वासना ने मुझे उनके साथ chudai की आग में झोंक दिया। दोस्तों, ये कहानी hot है, तो इसे पूरा पढ़ें और मजा लें।
बुआ के साथ शुरूआती रिश्ता
मेरी बुआ मेरे पापा की छोटी बहन हैं। बचपन से वो मुझे बहुत प्यार करती थीं। कभी मेरे गालों पर चुम्बन देतीं, कभी मेरी गर्दन पर दाँत से हल्का सा काट लेतीं। मुझे ये सब नॉर्मल लगता था, कोई lust नहीं थी। पर जैसे-जैसे मैं बड़ा हुआ, बुआ की हरकतें मुझे अजीब लगने लगीं। वो अक्सर मेरे करीब आतीं, मेरे कंधों पर हाथ रखतीं, और उनकी आँखों में एक अलग सी चमक दिखती। फिर भी, मैं इसे परिवार का प्यार समझता रहा। बुआ का तलाक एक साल पहले हुआ था। उनके पति ने उन्हें और उनके दो साल के बेटे को छोड़ दिया। वो अकेली रहती थीं, और शायद इस अकेलेपन ने उनकी वासना को जगा दिया था।
जब मैं 23 का हुआ, एक दिन मैं बुआ से मिलने उनके घर गया। वो छोटे से शहर में रहती थीं, जहाँ उनका एक छोटा सा घर था। मैं छुट्टियों में वहाँ पहुँचा। बुआ ने मुझे देखते ही गले लगाया, उनकी गर्म साँसें मेरी गर्दन पर लगीं। उस दिन वो हल्की गुलाबी साड़ी में थीं, जो उनके गोरे बदन पर चमक रही थी। उनकी चूचियाँ साड़ी में उभरी हुई थीं, और चूतड़ों का शेप हर कदम पर मटक रहा था। मैंने मन में सोचा, “बुआ तो सच में hot aunty हैं।”
बाजार की सैर और अजीब एहसास
उस दिन बुआ बोलीं, “रोहन, चलो बाजार चलते हैं, कुछ सामान लेना है।” मैंने बाइक निकाली। बुआ पीछे बैठीं। उन्होंने मेरी कमर पर हाथ रखा और इतने टाइट पकड़ा कि उनका बदन मेरी पीठ से चिपक गया। रास्ते में वो बार-बार मेरी गर्दन पर दाँत से काट रही थीं। कभी मेरे कानों को हल्का सा चूम लेतीं। मुझे बहुत अजीब लग रहा था, पर एक अजीब सा thrill भी था। मेरा दिल धक-धक कर रहा था। बाजार में हमने शॉपिंग की—कपड़े, घर का सामान, और कुछ खाने का सामान लिया। बुआ मेरे साथ हँस-हँसकर बातें कर रही थीं। उनकी हर हरकत में कुछ नया सा लग रहा था।
घर लौटते वक्त वो फिर मेरे करीब बैठीं। उनकी चूचियाँ मेरी पीठ से टकरा रही थीं। मैं सोच रहा था, “ये क्या हो रहा है? बुआ के साथ ऐसा फील क्यों हो रहा है?” पर ये सब इतना exciting था कि मैं कुछ कह नहीं पाया। घर पहुँचते ही थकान हो रही थी। बुआ का घर छोटा था, जगह कम थी। वो अपने दो साल के बेटे के साथ बेड पर सोती थीं। रात को मैं उनके बेड पर ही लेट गया। बुआ बोलीं, “रोहन, यहाँ लेट जाओ, जगह तो बन ही जाएगी।” हम बातें करने लगे—बचपन की बातें, उनकी जिंदगी, तलाक की वजह। बात करते-करते हम सो गए।
रात की वासना और जोश का आगाज
रात करीब 3 बजे मेरी नींद खुली। मैंने देखा, बुआ का मुँह मेरी ओर था। उनकी गर्म साँसें मेरी साँसों से टकरा रही थीं। उनका गोरा चेहरा चाँदनी में चमक रहा था। मेरा दिल जोर-जोर से धड़कने लगा। मेरे दिमाग पर lust हावी हो रही थी। मैं समझ नहीं पा रहा था कि क्या करूँ। फिर हिम्मत करके मैंने उनका हाथ पकड़ा। वो सोती हुई लग रही थीं। मैंने धीरे से उनकी कमर पर हाथ रखा। सोचा, अगर वो उठीं तो कह दूँगा, “नींद में हाथ चला गया।”
पर बुआ मेरे और करीब आ गईं। उनका बदन मेरे बदन से सट गया। मेरा लंड ना चाहते हुए भी खड़ा हो गया। अब मेरा सब्र टूट रहा था। दिल की धड़कनें बेकाबू थीं। मैंने हिम्मत बढ़ाई और उनका सूट ऊपर किया। उनकी नंगी कमर को सहलाने लगा। एक हाथ उनकी चूचियों पर रखा, धीरे-धीरे मसलने लगा। उनकी चूचियाँ नरम थीं, पर निप्पल सख्त हो गए। मुझे लगा, शायद वो भी जाग रही हैं और ये चाहती हैं। मैं उनके और करीब आया। मेरा लंड उनके पेट से टकरा रहा था। उनकी साँसें तेज हो गईं।
मैंने हिम्मत करके उनकी पजामी का नाड़ा ढीला किया। धीरे से पैंटी में हाथ डाला। उनकी चूत के घने बालों को छुआ। बुआ कसमसाईं, उनकी कमर ऊपर-नीचे होने लगी। वो मेरे हाथ को रोकने की कोशिश करने लगीं। मैं समझ गया—आग दोनों तरफ लगी है। मैंने उनका हाथ हटाया और चूत में उंगली डाल दी। अंदर-बाहर करने लगा। वो तड़पने लगीं, कमर हिलाने लगीं। मैं उठकर बैठ गया। उनकी पैंटी नीचे की और जीभ उनकी चूत पर लगाई। वो उछल पड़ीं, मेरे सिर को चूत पर दबा दिया। मैं पागलों की तरह चाटने लगा। उनका पानी निकला, मेरे होंठों से टकराया। मैंने चाट लिया। फिर बुआ ने मुझे खींचा, मेरे साथ चिपककर सो गईं। उस रात चुदाई नहीं हुई, पर उनकी चूत का पहला रस मैंने चख लिया।
दूसरी रात की जंगली चुदाई
अगले दिन हम दोनों में अजीब सी बेचैनी थी। बुआ मुझे प्यासी नजरों से देखतीं, मैं उन्हें भूखी नजरों से। पर हमने कुछ कहा नहीं। दिनभर उनके बच्चे की देखभाल, खाना-पीना, और घर के काम में बीता। पर शाम से समय कट नहीं रहा था। रात हुई। मैं खुद उनके बेड पर गया। उनका बच्चा सो गया। बुआ मेरी ओर घूमीं। मुझे इसी का इंतजार था। मैंने उन्हें बाँहों में भरा। वो मेरी महबूबा की तरह मेरे आगोश में खो गईं।
धीरे-धीरे कपड़ों ने हमारा साथ छोड़ दिया। वासना का तूफान अपने चरम पर था। मैंने उनकी चूचियाँ चूसीं, उनकी चूत को सहलाया। मेरा 7 इंच का लंड उनकी चिकनी चूत में घुस गया। कब घुसा, पता ही नहीं चला। दो जंगली साँडों की तरह हमारी chudai चली। मैं जोर-जोर से धक्के मार रहा था। बुआ सिसकियाँ ले रही थीं—आह, ऊह, और तेज। करीब 45 मिनट तक ये सिलसिला चला। हम एक साथ झड़ गए। मेरा पानी उनकी चूत में, और उनका पानी मेरे लंड पर। थककर हम नंगे ही चिपककर सो गए।
नया रिश्ता और चुदाई का सिलसिला
उस रात के बाद दिन में हम बुआ-भतीजे की तरह नॉर्मल रहते। पर रात को हमारा रिश्ता बदल जाता। मैंने बुआ से कभी गंदी बातें नहीं की, पर जब भी उनके पास जाता, नंगे सोता। रात में 3-4 बार sex होता। उनकी चूत की आग और मेरे लंड की प्यास कभी नहीं बुझती। दोस्तों, ये थी मेरी और बुआ की hot kahani।