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दीदी की विधवा ननद की चुदाई

Didi ki vidhwa nanad ki chudai

ये बात आज से कुछ साल पुरानी है, जब मैं अपनी दीदी के पास पढ़ने के लिए गया था। मेरे जीजा जी एक बड़े बिजनेसमैन हैं, उनके पास एक बड़ा सा घर है। उस घर में जीजा जी, दीदी, और उनकी एक विधवा बहन रहती थी। वह एक सरकारी शिक्षिका थी और जालंधर के पास एक पिंड में पढ़ाने जाती थी। उसकी उम्र कोई 52 साल की होगी। उसका नाम सुरजीत था।

उसके शक्ल से पता ही नहीं चलता था कि वह 52 साल की है। शादी के कुछ साल बाद ही उसके पति की मौत हो गई एक एक्सीडेंट में। उसका कोई बच्चा भी नहीं था। वह मेरी दीदी और जीजा जी के साथ रहती थी। उसका कद तक़रीबन 5.4 फ़ीट था, रंग साफ, वजन 70, और उसका शरीर का साइज़ 40 32 38 होगा।

दिखने में वह बहुत सुंदर और सेक्सी लगती थी। मैं दीदी के पास पढ़ने गया था। सुरजीत का नेचर काफी अलग था, वह बोलती भी कम थी और गुस्से वाली भी थी। मेरे मन में उसके बारे में कुछ भी नहीं था। जब मेरा कॉलेज शुरू हुआ तो मेरे नए दोस्त बन गए। हम फ्री टाइम में कैंटीन में बैठकर बातें करते थे।

यह सब देख-देख कर मेरा मन भी किसी को चोदने को करने लगा। हमारा कॉलेज सिर्फ लड़कों का कॉलेज था। मेरी नजर में दो ही औरतें थीं, एक दीदी पर जो मेरी बहन थी और एक दीदी की नानद सुरजीत।

पर उसके साथ सेक्स करना तो बिल्ली के गले में घंटी बाँधने वाली बात थी। दिन बा दिन सुरजीत मेरे जहान में बसती चली गई। उसका कमरा मेरे कमरे के साथ ही था। एक दिन अचानक मेरे जीजा जी ने मेरा कमरा अपने मैनेजर को दे दिया और मेरा सामान सुरजीत के कमरे में शिफ़्ट कर दिया।

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मुझे एक उम्मीद की किरण दिखाई दी और मैं उसके साथ रहने लगा। वह बातें काफी कम करती थी। कुछ दिन तो मैं चुपचाप सोता रहा, मगर एक दिन मैं उसे चोदने का प्लान बनाने लगा। उसकी बातें मुझे बेहद आकर्षित करती थीं।

मैंने अपने दोस्तों से बात की और उन्होंने मुझे हिम्मत करके ट्राई करने की सलाह दी। उस रात जब वह सोई पड़ी थी, तो मैंने उसके बड़े-बड़े स्तनों पर हाथ फेरने लगा।

मुझे बहुत मज़ा आ रहा था। मैं 10 मिनट तक उसके स्तनों के साथ खेलता रहा। फिर मैंने उसकी टांगों को सहलाना लगा और थोड़ी देर बाद उसके पैंटी के अंदर से उसकी टांगों पर हाथ फेरने लगा। हिम्मत करते करते मेरा हाथ उसकी गरम गरम चूत पर पहुँच गया।

क्या मज़ेदार चूत थी उसकी। पर एकदम अचानक वह जाग पड़ी। ये सब देख कर वह हैरान रह गई। मैं डर गया, अगर इसने दीदी को बता दिया तो मेरा क्या होगा। मैंने उससे माफ़ी मांगने लगा।

तब उसने हँस कर कहा, “वो तो कब से अपनी फुद्दी देने के लिए बेकरार है, मगर वादा करो कि किससे बोलोगे नहीं।” मैंने वादा कर दिया और उसे लिप किस करने लगा।

लिप किस के बाद मैंने उसके मुँह में अपनी जीभ डाल दी और उसकी जीभ को 10 मिनट तक चुसता रहा। फिर मैंने उसका ब्रा और ब्लाउज़ खोल दिया और पागलों की तरह उसके स्तनों को चूसने लगा।

वह बहुत गरम हो गई और मुझे जोर-जोर से दबाने लगी। “प्लीज़ अपना लंड डालो,” उसने कहा। मैंने उसका पैंटी उतारी और उसकी चूत देख कर मैं हैरान हो गया।

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“तो एक कुआरी लड़की की चूत लग रही थी,” मैंने कहा। “मगर उस पर काफी बाल थे।”

“इनको शेव नहीं करती,” उसने कहा। “किसके लिए शेव करोगे?”

मैंने उसे शेविंग किट लाने को कहा और उसके चूत के बाल शेव किए। शेव करने के बाद हम 69 पोजिशन में सकिंग करने लगे।

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उसने मेरा लंड चूपा रही थी और मैं उसकी चूत को चूस रहा था। थोड़ी देर बाद मैंने उसकी टांगें खोली और अपना लंड उसकी चूत में डाला।

जब मैंने ज़ोर से झटका मारा तो उसकी आंखों से पानी आ गया। फिर मैंने उसे चोदता रहा। कुछ देर बाद मैंने उसको डॉगी स्टाइल में चोदा। वह ज़ोर-ज़ोर से बोल रही थी, “मैं जा रही हूँ, मैं जा रही ह

ूँ,” और एक दम से वह डिस्चार्ज हो गई।

थोड़ी देर बाद मैंने भी अपना पानी उसके अंदर छोड़ दिया। फिर हम बाथरूम में नहाने चले गए। उस रात मैंने उसको 3 बार चोदा। यह सिलसिला 3 साल चलता रहा।

मैं उसे रोज़ चोदता था। वह गर्भनिरोधक गोलियाँ खाने लगी थी। उसके चेहरे पर मुस्कान आ गई थी और अब वह हर समय खुश रहती थी। फिर मेरी पढ़ाई पूरी हो गई और मैं वापस अपने घर आ गया।

अब जब भी मैं दीदी के घर जाता हूँ, तो उसकी रोज़ चुदाई करता हूँ।