भाई-बहन की चुदाई

कजिन साविता की टाइट चूत: भैया के साथ पहली बार सेक्स

पढ़ें साविता और उसके भैया की गर्मागर्म सेक्स कहानी, जहां ड्राइंग रूम में टीवी के बहाने शुरू हुई शरारत ने रात को और भी रंगीन बना दिया। पहली बार चुदाई, गीली चूत, और नशीले पलों की पूरी डिटेल्स!

शाम का वक्त था, और हम सब एक साथ डिनर टेबल पर बैठे थे। मेरा ध्यान बार-बार साविता की ओर जा रहा था। उसका नाइट सूट इतना टाइट था कि उसकी 34-28-34 की फिगर हर किसी को बेकरार कर दे। खासकर उसकी चूचियां, जो नाइट सूट से बाहर निकलने को बेताब थीं। दोस्तों, उसकी चूचियां बिल्कुल अपनी मम्मी जैसी थीं—वो हर मर्द को तड़पाने वाली। डिनर खत्म होने के बाद निशा और नितिन, जो साविता के छोटे भाई-बहन थे, बोले, “भैया, चलो ना ऊपर रूम में कुछ मजेदार गेम खेलते हैं।” लेकिन मेरा मन तो कहीं और ही भटक रहा था। मैंने मौसी से कहा, “मौसी, आप और मौसाजी इन दोनों को लेकर ऊपर जाइए, मैं बस थोड़ा टीवी देख लूंगा।” मौसी ने हंसकर कहा, “ठीक है, बेटा।” फिर मौसाजी ने साविता को मेरी खातिरदारी करने का इशारा करते हुए कहा, “साविता, भैया को अपनी सारी नई मूवी सीडीज दिखा देना।” साविता ने शरारती अंदाज में कहा, “ओके, पापा।”

अब हम दोनों ड्राइंग रूम में दीवान पर साथ बैठे थे। टीवी ऑन था, और साविता ने पूछा, “भैया, आपको कौन सी मूवी देखनी है?” मैंने उसकी आंखों में देखते हुए कहा, “कोई ऐसी मूवी लगा दो, जो बड़े लोग देखते हैं।” वो हंसकर बोली, “क्या मतलब?” मैंने आंख मारते हुए कहा, “वही, जो शादी के बाद लोग रात को चुपके से देखते हैं।” मेरी बात सुनकर वो शरमा गई और बोली, “धत्त! तुम तो बहुत गंदे हो!” उसकी हंसी और शरम से मैं समझ गया कि वो भी तैयार है। बस थोड़ी सी हिम्मत और चाहिए थी। उसने कहा, “भैया, मेरे पास ऐसी कोई सीडी नहीं है।” मैंने तुरंत कहा, “कोई बात नहीं, मैं मार्केट से ले आता हूं।” मैं उठकर बाहर जाने लगा, और उसकी आंखों में एक शरारती चमक और मुस्कान थी, जो मुझे और उकसा रही थी।

मार्केट में काफी जद्दोजहद के बाद मुझे एक हिंदी ब्लू फिल्म की सीडी मिली। घर वापस आकर मैंने साविता से कहा, “लो, सीडी ले आया। स्टार्ट करो, मैं बस ड्रेस चेंज कर लूं।” उसने कहा, “ठीक है, भैया।” उसने मुझे मौसाजी का पायजामा और कुर्ता लाकर दिया। मैंने जैसे ही अपनी पैंट उतारी, उसकी नजर मेरे बदन पर टिक गई। मैंने मुस्कुराते हुए उसकी तरफ देखा, और वो शरमाकर नजरें चुराने लगी। ड्रेस चेंज करने के बाद हम फिर दीवान पर बैठ गए, और मूवी शुरू हो गई।

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मूवी का पहला सीन ही इतना हॉट था कि कमरे का माहौल गर्म हो गया। एक लड़की बाथरूम में नहा रही थी, और तभी एक लड़का अंदर आकर उसके साथ छेड़छाड़ करने लगा। साविता का चेहरा लाल हो रहा था, और उसकी सांसें तेज। मैंने मौका देखकर उसका हाथ पकड़ लिया। उसका बदन कांप रहा था, जैसे कोई बिजली का करंट दौड़ गया हो। मैंने अनजान बनते हुए पूछा, “अरे, साविता, तुम्हें क्या हुआ? तुम्हारा बदन तो कांप रहा है। लाओ, मैं तुम्हारी हार्टबीट चेक करता हूं।” इतना कहते ही मैंने अपना हाथ उसके नाइट सूट के अंदर डाल दिया और उसकी मुलायम चूची को दबाने लगा। वो चौंककर बोली, “पुनीत, ये क्या कर रहे हो? मैं तुम्हारी बहन हूं। अगर कोई आ गया तो बहुत बुरा होगा।”

मैंने उसे इमोशनल करते हुए कहा, “साविता, तुम मेरी बहन हो, ये मेरी मजबूरी है। लेकिन मैं तुम्हें बचपन से जान से ज्यादा प्यार करता हूं। तुम्हारे बिना मेरा दिल नहीं लगता।” मेरी बात सुनकर वो इमोशनल हो गई और मुझसे लिपटकर बोली, “आई लव यू, पुनीत। तुमने ये सब पहले क्यों नहीं बताया?” मैंने कहा, “हम शादी तो नहीं कर सकते, लेकिन थोड़ी सी मस्ती तो कर सकते हैं ना?” वो शरमाते हुए बोली, “अगर मैं प्रेगनेंट हो गई तो?” मैंने उसे भरोसा दिलाया, “मेरी जान, मैं ऐसा कुछ नहीं होने दूंगा। तुम मुझपर भरोसा करो।” उसने मुस्कुराते हुए कहा, “ठीक है।”

अब हमारे बीच कोई दूरी नहीं थी। मैंने टीवी ऑफ कर दिया ताकि सारा ध्यान सिर्फ साविता पर रहे। मैंने उसे दीवान पर लिटाया और उसके बगल में लेट गया। उसके रसीले होंठों को चूसने लगा, और वो भी मेरी जीभ के साथ खेलने लगी। उसका गर्म बदन मेरे बदन से टच हो रहा था, और मजा इतना था कि मैं बयान नहीं कर सकता। मैंने अपना कुर्ता और बनियान उतार फेंका। अब मैं सिर्फ पायजामे में था। साविता के नाइट सूट के बटन खोलने शुरू किए, और वो शरमाकर सिमटने लगी। उसका जवान बदन पहली बार किसी के सामने नंगा हो रहा था। नाइट सूट हटते ही उसकी चूचियां ब्रा में कैद दिखीं, जो आधी से ज्यादा बाहर थीं। मैंने ब्रा के ऊपर से ही उन्हें चूमना शुरू कर दिया। मेरा हाथ उसके ट्राउजर की ओर बढ़ा, और उसने मेरे इशारे पर अपने चूतड़ थोड़ा ऊपर उठाए। मैंने उसका ट्राउजर निकाल फेंका।

उफ्फ! उसकी गोरी, मोटी जांघें देखकर मेरा लंड पायजामा फाड़ने को तैयार था। मैंने झट से अपना पायजामा और अंडरवियर उतार फेंका। साविता ने मेरा खड़ा लंड देखा और डरते हुए बोली, “पुनीत, ये इतना बड़ा लंड मेरी चूत में कैसे जाएगा? मैंने तो आज तक इसमें एक उंगली भी नहीं डाली।” मैंने उसे चूमते हुए कहा, “मेरी जान, बस देखती जा, तेरा दीवाना क्या करता है।” मैंने उसकी ब्रा का हुक खोला, और वो मुझसे और चिपट गई। उसकी नंगी चूचियां मेरी छाती से टकरा रही थीं। मैंने उसकी ब्रा एक तरफ खींचकर निकाल दी। उसकी दूध जैसी गोरी चूचियां और पिंक निप्पल देखकर मेरा मन किया कि उन्हें काट लूं। मैंने उसके निप्पल को मुंह में लिया और चूसने लगा। वो सिसकारियां लेने लगी, “आह्ह… पुनीत… क्या कर रहे हो…” उसके हाथ मेरे बालों में घूम रहे थे, और मैं उसकी चूचियों को बेतहाशा चूस रहा था।

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थोड़ी देर बाद मैं उसके पैरों की ओर आया और उसकी पैंटी को अपने दांतों से खींचकर निकाल दिया। उसकी चूत पर घने बाल थे। मैंने मजाक में कहा, “साविता, तुम अपनी चूत कभी शेव नहीं करती?” वो शरमाकर बोली, “कभी ध्यान ही नहीं गया।” मैंने कहा, “कोई बात नहीं, अगली बार मैं साफ कर दूंगा।” मैंने अपनी जीभ उसकी चूत पर फिरानी शुरू की। वो सिहर उठी और बोली, “पुनीत, ये क्या कर रहे हो?” मैंने पूछा, “क्यों, मजा नहीं आ रहा?” उसने सिसकारी लेते हुए कहा, “मजा तो बहुत आ रहा है… आह्ह…” उसकी सिसकारियां पूरे रूम में गूंज रही थीं। मैंने अपनी जीभ उसकी चूत में घुसा दी, और वो “आह्ह… पुनीत… बस करो… मैं मर जाऊंगी…” चिल्लाने लगी। उसकी चूत गीली हो चुकी थी, और मैं समझ गया कि वो एक बार झड़ चुकी है।

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अब मैं उसे चोदने की तैयारी में था। मैंने उसकी गांड के नीचे एक तकिया लगाया, जिससे उसकी चूत और उभर आई। मैंने उसकी टांगें फैलाईं और अपने लंड को उसकी चूत पर रखा। उसकी गर्म चूत ने मेरे लंड में जैसे आग लगा दी। जैसे ही मैंने लंड अंदर डालना शुरू किया, वो दर्द से चीख पड़ी और हटकर बैठ गई। बोली, “पुनीत, इतना दर्द मैं नहीं सह सकती। ये लंड मेरी चूत में नहीं जाएगा।” मैंने उसे समझाया, “जान, पहली बार सबको दर्द होता है, लेकिन बाद में मजा आएगा। जरा सोच, अगर तुम्हारी मम्मी ने चुदाई से मना किया होता, तो तुम पैदा कैसे होती?” वो मेरी बात समझ गई और बोली, “ठीक है, लेकिन थोड़ा तेल लगा लो।”

हमने तेल ढूंढा, लेकिन मिला नहीं। फिर फ्रिज से मलाई निकालकर मैंने अपने लंड और उसकी चूत पर लगा दी। मैंने फिर पोजीशन ली और लंड डालना शुरू किया। लंड का सुपारा अंदर जाते ही उसकी चीख निकली। मैंने उसके होंठों को अपने होंठों से सील कर दिया और धीरे-धीरे धक्के मारने लगा। थोड़ी देर बाद उसे भी मजा आने लगा, और उसने अपने चूतड़ उछालने शुरू कर दिए। रूम में “थप-थप” की आवाज गूंज रही थी। उसकी उंगलियां मेरी गांड पर घूम रही थीं, और कभी-कभी वो मेरी गांड में उंगली डालने की कोशिश करती, जिससे मेरा जोश और बढ़ जाता। मेरा पूरा लंड उसकी चूत में जड़ तक था, और मेरे अंडे उसकी गांड से टकरा रहे थे। मैं झड़ने वाला था, इसलिए मैंने लंड निकालकर उसकी चूत का पानी उसके पेट पर झाड़ दिया।

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मैंने देखा उसकी चूत से खून निकल रहा था, और मेरा लंड भी लाल था। साविता ने मुझे गले लगाते हुए कहा, “पुनीत, तुमने आज मेरी सील तोड़कर मुझे लड़की से औरत बना दिया। आई लव यू।” वो मेरे लंड को सहलाते हुए बोली, “मुझे कभी भूल तो नहीं जाओगे?” मैंने कहा, “नहीं जान, मैं तो तुम्हारी शादी के बाद भी तुम्हें चोदना चाहूंगा।” हम देर तक एक-दूसरे को चूमते, सहलाते रहे। फिर साविता बोली, “चलो, अब ऊपर चलते हैं, नहीं तो मम्मी-पापा शक करेंगे।” उसे क्या पता था कि ये सारा प्लान उसकी मम्मी का ही था। मैं मन ही मन मुस्कुरा रहा था…