रात-दिन चली देवर भाभी की जबरदस्त चुदाई
Devar bhabhi kee jabardast chudai
अरविंद (भाभी का पति) को इस बात का बिल्कुल भी पता ना था कि उसका भाई और उसकी बीवी दोनों के शारीरिक संबंध चल रहे हैं। दोनों की चुदाई दिन-रात चलती रहती है,किचन से लेकर, बाथरूम तक प्रचंड चुदाई चलती ही रहती थी।
हसीन और जवान रात थी अरविन्द सो रहा था और उसका भाई उसकी बीवी के साथ चुम्मा चाटी कर रहा था। पति बगल में ही लेटा हुआ था और देवर भाभी की चुम्मा चाटी चल रही थी
उसकी बीवी बहुत ही हसीन जवान और खूबसूरत होने के साथ-साथ वासना से भरी औरत है। अरविंद का छोटा भाई विवेक उसके अपनी भाभी के साथ नाजायज संबंध चल रहे थे।
अरविंद सो रहा था अपनी बीवी के साथ तो विवेक रात को वही पहुंच गया। और भाभी को चूमने लगा वह भाभी के गरम-गरम गालो को चाटने लगा।
भाभी दबी आवाज में – तुम यहां क्या कर रहे हो?!
विवेक – भाभी तुम्हारे बिना एक रात भी नहीं रह सकता हूं मैं!
और विवेक भाभी को चूमने लगा और उनके होंठों को अपने होंठों से चूसने लगा। उसे जरा भी डरना लगा कि भैया पड़ोस में ही लेटे हुए हैं वह पूरी तरह से अंतर्वासना में डूबा हुआ था। वो भाभी के बड़े-बड़े स्तनों को दबा रहा था और उन्हें चूसे जा रहा था। और साथ मे भाभी के दूध भी चाट रहा था और उनको अपने दांतो से मरोड़ रहा था।
भाभी – आ… आ… अम्म…..
फिर विदेश में भाभी की नाइटी ऊपर की और अपना लंड भाभी की चूत में घुसा दिया। और फिर देवर भाभी की जबरदस्त चुदाई चालू हो गई। भाभी दर्द के मारे चीख़ ना पड़े, तो विवेक ने उनका मुंह दाब रखा था और भाभी को चोदे जा रहा था।
वो भाभी की चूत को दबा दबा कर चोद रहा था क्योंकि उनका सेक्सी और हॉट बदन विवेक को बहुत ही अच्छा लगता था। वह रात भर भाभी की चुदाई करता है और जब उसका मन भर गया तब वह सुबह होने से पहले अपने कमरे में चला जाता है।
“अगले दिन”,
देवर भाभी की जबरदस्त चुदाई किचन में
भैया सुबह की न्यूज़ देख रहे हैं और अपना नाश्ता कर रहे हैं। उनकी प्यारी बीवी उनके लिए खाना पका रही है। तभी अचानक पीछे से विवेक आ जाता है, और भाभी को अपनी बाहों में ले लेता है।
भाभी विवेक को कोहनी मार कर दूर कर देती है।
विवेक दबी आवाज में – भाभी क्या हुआ?!!
भाभी – तुमने जो कल रात हरकत की थी, उससे हम पकड़े जा सकते हैं।
विवेक – मैं क्या करूं? मैं आपके बिना एक रात भी नहीं गुजार सकता, मुझ से रहा नहीं गया तो मैं चला आया, आपको चोदने के लिए।
भाभी – वह ठीक है, लेकिन तुम्हें थोड़ा ख्याल भी रखना चाहिए, आगे से यह सब मत करना।
विवेक हसते हुए – क्या मत करना, आप को प्यार करना या आपको चोदना??
भाभी – सोते हुए जब मैं अपने पति के पास लेटी हूं, तो मेरी चुदाई मत करना।
विवेक – ठीक है भाभी, मैं नहीं करूंगा.. परंतु अभी की गारंटी में नहीं ले सकता।
और उसने भाभी को अपनी बाहों में पकड़ लिया कसकर और उनके बड़े बड़े स्तनों को दबाने लगा।
उसने भाभी की साड़ी ऊपर करी और उनकी गांड पर अपना लंड रगड़ने लगा।
भाभी – क्या कर रहे हो तुम? अरविंद सामने ही बैठे न्यूज़ देख रहे हैं।
विवेक – भैया न्यूज़ में खोए पड़े हैं उन्हें कुछ नहीं पता चल रहा।
भाभी – अपना काम करती रही और विवेक ने अपना लंड भाभी की चूत में घुसा दिया। वह अपनी भाभी को अपनी सेक्सी भाभी को खड़े-खड़े ही पीछे से चोदने लगा। अपनी भाभी को दबा दबा कर चोदा जा रहा था जिसे टेबल हिलेने की आवाज आने लगी।
तो अरविंद ने पीछे मुड़कर देखा,
फट से विवेक साइड में खड़ा हो गया और भाभी अरविंद को देख कर मुस्कुराने लगी,
अरविंद ने भी भाभी के चेहरे को देख कर मुस्कुराया और फिर न्यूज़ देखने लग गया।
और विवेक फिर अपनी भाभी की चूत में लंड डालकर उनकी चूत की चुदाई करने लग गया।
और कुछ ही क्षण में भाभी और विवेक दोनों को चरम सुख की प्राप्ति होने वाली थी। विवेक का माल निकलने वाला था उसने अपना लंड बाहर निकाल लिया और सारा माल भाभी को नीचे बैठाकर उनके मुंह में डाल दिया।
फिर,
देवर भाभी की जबरदस्त चुदाई बाथरूम में।
इतनी कामुक और वासना से भरी जुदाई करने के बाद भाभी नहाने के लिए चली गई।
और हमेशा की तरह भैया अपने काम पर चले गए नाश्ता-पानी करके।
परंतु हरामि विवेक, उसकी अंतर्वासना तो जैसे शांत ही नहीं हो रही थी। और भाभी इतनी ज्यादा सुंदर, आकर्षक सेक्सी और हॉट थी, जिन्हें देखकर कोई भी अपना आपा खो दे। विवेक शिलाजीत भी खाता था, जिससे उसकी मर्दाना शक्ति बरकरार रहती थी और लंबे समय तक रहती थी। विवेक जब भी अपनी भाभी को देखता था उसका लंड तो डंडे की तरह खड़ा हो जाता था।
और भाभी बाथरूम में नंगी नहाने के लिए गई थी यह मौका विवेक कैसे छोड़ देता। भैया भी घर पर नहीं है। जब भाभी पानी को अपने बदन से गुजरने दे रही थी और अपने सेक्सी शरीर को धो रही थी। तभी विवेक भी उनके साथ नहाने के लिए पहुंच गया।
भाभी – तुम कितने बड़े जानवर हो… अभी तक तुम को संतुष्टि नहीं मिली है।
विवेक – भाभी आपको भी तो कहां संतुष्टि मिली है, आप की हवस तो मुझसे भी ज्यादा है
तभी तो आप हर बार तैयार हो जाती हो,
और इसी जरूरत को पूरा करने के लिए ही तो मैं दमदार शिलाजीत खाता हूं ताकि अपनी भाभी को कामुक आनंद के साथ पूरी संतुष्टि भी दे सकू।
भाभी – ओह्ह!!! विवेक तुम कितने अच्छे हो…
विवेक और भाभी फव्वारे से चलते हुए पानी में गले लग गए और दोनों के जिस्म एक जान बन गये। दोनों में चुम्मा चाटी चालू हो गई और दोनों एक दूसरे को अपना वासना इच्छा प्रदान करने लगे। विवेक भाभी के नरम-नरम होंठों को चूस रहा था और भाभी विवेक की जबान को चूस रही थी।
विवेक अपने मुंह में पानी भरकर भाभी के मुंह में उगल रहा था और भाभी को पिला रहा था। फिर वह भाभी के दूध चाटने लगा और उन्हें दबा दबा कर पीने लगा। भाभी के बड़े-बड़े चूची को दबाते दबाते हुए भाभी के पेट तक पहुंच गया और फिर वह भाभी की योनि तक पहुंच गया।
भाभी की योनि को अपने गीले होठों से चाटने और चूसने लगा। फिर वह वासना ऊर्जा से भर गया और उसने भाभी की चूत में खड़े-खड़े लंड घुसा दिया।
भाभी – क्या कर रहे हो, मेरे लिए कुछ नया है
विवेक – भाभी जी आपकी इच्छाओं को और संतुष्टि मिलेगी।
और विवेक भाभी की गोल बड़ी नरम गांड को सहारा बनाकर, भाभी की चूत की चुदाई करने लगा दबा-दबा कर। वो खड़े होकर भाभी को चोदे ही जा रहा था और उनके चुचियों को भी पी रहा था। फिर, उसने भाभी को घुमाके और पीछे से चोदने लगा। विवेक ने भाभी को बाथरूम के फर्श पर लेटा दिया और उनकी चुदाई करने लगा। दोनों चुदाई का मजा बढ़ाने के लिए एक से एक तरकीबें लगा रहे थे और नए-नए कामसूत्र पोजीशन ट्राई कर रहे थे।
फिर भाभी विवेक के लंड के ऊपर बैठ गई और अपनी गांड को विवेक के लंड पर कूदने लगी। भाभी अपनी बड़ी गांड को जोर-जोर से विवेक के लंड पर मार रही थी। विवेक और भी ज्यादा उत्तेजित हो रहा था उसने भाभी की गांड को थोड़ा सा ऊपर किया।
और बंदूक की तेजी से भाभी की गांड की खुदाई करने लगा। उनको जोर-जोर से दबा-दबा कर थप्पड़-थप्पड़ चोदे ही जा रहा था।
विवेक भाभी मजा आ रहा है? भाभी….
भाभी – हां!! विवेक.. तुम्हारा लंड मेरी पूरी चुदाई कर रहा है… बहुत मजा आ रहा है!!!
लगता है जो तुमने शिलाजीत खाते हो, वह कुछ ज्यादा ही असर कर रही है!!
विवेक भाभी की गांड पर थप्पड़ मारते हुए बोला – आज मैं, तुम्हें झोरूँगा नहीं, तुम्हें मैं अपनी पूरी ताकत दिखाऊंगा जो मैंने इतने समय से बचा कर रखी है।
और उसने भाभी को घोड़ी बनाया और उनकी गांड में अपना अंगूठा घुसा दिया। और फिर उसने अपना लंड भी भाभी की चूत में घुसा दिया। एक ही समय पर भाभी की गांड में अंगूठा और भाभी की चूत में लंड, जिससे भाभी की अंतर्वासना चरम सीमा पर जा रही थी।
भाभी की जबान बाहर निकल आई थी, उनकी आंखें ऊपर झड़ गई थी विवेक की जबरदस्त चुदाई से!
भाभी – ऊह… ओह… ओह… आ! आ!! विवेक तुमने तो मुझे रंडी बना दिया है!!!!!!
आ, आ, आह.. विवेक तुम्हरा लुंड मेरी कितनी देर से चुदाई कर रहा है।
और वह भाभी की चुदाई करता ही रहा उनकी चूत को भी चोदता रहा और उनकी गांड के अंदर उंगली में अंदर बाहर करता रहा। बाथरूम में भाभी की चुदाई करते हुए शाम हो गई थी। भैया भी घर आने वाले थे। लेकिन विवेक का मजबूत लंड तो शांत ही नहीं हो रहा था, वह शाम तक भी भाभी की चुदाई कर रहा था।
भाभी पूरी तरह से बौखलाई हुई थी और कह रही थी – बस करो!! विवेक बस करो!!! तुमने मेरी चूत और मुझे दोनों को थका दिया है।
विवेक सांसे भरते हुए – भाभी बस थोड़ा और… और मेरा सारा माल निकलने वाला है।
भाभी जल्दी करो.. मैं बहुत थक गई हूं…!! इतनी कामुकता तो मैंने पूरी जिंदगी में महसूस नहीं करी।
विवेक – आ.. आ.. भाभी.. मेरा.. माल.. निकलने.. वाला है…. अपना मुँह जल्दी से मेरे लंड के पास लाओ।
भाभी जल्दी से उठी और विवेक के लंड के पास अपना मुंह खोलकर घुटनों पर आ गई।
भाभी – अपनी भाभी के मुंह में, अपना सारा माल डाल दो देवर जी!!!
विवेक – आ…. भाभी में झूत रहा हूं…. भाभी बस मेरा निकलने ही वाला है!!
और विवेक ने अपना सारा माल भाभी के मुंह पर निकाल दिया उसने अपने तत्तो की बूंद-बूंद की मलाई, भाभी के मुंह पर डाल दी।
फिर पूरा लंड भाभी के मुंह में घुसा कर बचा कुछा भी उसने भाभी के मुंह में निचोड़ दिया।
विवेक – आह… भाभी.. भाभी… भाभी… मज़ा आ गया! मेरी शिलाजीत काम कर गई।
भाभी – हां! देवर जी!! तुमने तो मेरी जानवरो की तरह चुदाई करि है। तुमने कल रात से लेकर आज शाम तक कम से कम 20 बार मेरा चरमसुख करवा दिया है। इतनी कामुकता, तो मैंने अपनी पूरी जिंदगी में महसूस नहीं करी जितनी तुमने 2 दिन में करा दी।