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हम दोनों बहनो को जीजा ने चोदा रजाई के अंदर

पढ़ें खुशी और प्रिया की हॉट सेक्स स्टोरी, जहाँ जीजा ने रजाई के अंदर दोनों बहनों की जवानी को रंगीन किया। चूत चुदाई, चूचियाँ चूसने और नंगे मजे की सच्ची कहानी!

मैं खुशी, 22 साल की जवान हसीना, और मेरी छोटी बहन प्रिया, 21 की, हम दोनों की जवानी ऐसी कि कोई देखे तो उसकी आँखें ठहर जाएँ। हमारी फिगर, हमारी चाल, हमारे गोल-मटोल चूचे, और टाइट चूतड़—सब कुछ ऐसा कि मर्दों के दिल में आग लग जाए। फिर हमारी बड़ी दीदी कविता, 24 की, जिनकी शादी पिछले साल हुई। उनके पति, हमारे जीजू, यार क्या माल हैं! हॉट, कमीने, और वो नजर—जो सीधे दिल और जिस्म को भेद देती है। शादी के बाद से ही जीजू की नजर हम दोनों बहनों पर थी। पहले तो उनकी हरकतें हमें अजीब लगती थीं, लेकिन धीरे-धीरे उनका वो छेड़ना, चुटकी काटना, और चूचियों को दबाना—सब में एक मस्त मज़ा आने लगा। कविता दीदी को ये सब बिल्कुल पसंद नहीं था, और सही भी था। कौन बीवी बर्दाश्त करेगी कि उसका मर्द उसकी बहनों पर लाइन मारे?

जीजू का स्टाइल ही निराला था। जब वो मेरे चूतड़ों पर चुटकी काटते, तो दर्द के साथ एक गुदगुदी सी सिहरन होती थी। कई बार तो ऐसा लगता कि वो मेरी पैंटी के अंदर हाथ डालकर मेरी चूत को सहला देंगे। लेकिन मम्मी का सख्त पहरा! मम्मी को शायद जीजू की हरकतों का अंदाज़ा था। वो जानती थीं कि उनका दामाद हरामीपन में कोई कसर नहीं छोड़ता। फिर भी, जब मौका मिलता, जीजू का हाथ मेरी ब्रा के अंदर चला जाता। मेरे निप्पल्स को वो ऐसे मसलते, जैसे कोई जादूगर अपनी कला दिखा रहा हो। मेरी चूत गीली हो जाती, और मन करता कि जीजू को पकड़कर अपनी चूत में उनका लंड ठूँस लूँ।

अब मैं आपको उस रात की कहानी सुनाती हूँ, जब जीजू ने हम दोनों बहनों की जवानी का ऐसा रंग चढ़ाया कि आज भी याद करके चूत में आग लग जाती है। बात उस दिन की है जब जीजू कोलकाता से दुर्गापुर हमसे मिलने आए। वो दिल्ली में दीदी के साथ रहते हैं, लेकिन उस दिन अचानक हमारे पास चले आए। शाम के 7 बजे पहुंचे। उसी दिन मम्मी-पापा भिलाई गए थे, मेरे लिए लड़का देखने। वो अगले दिन लौटने वाले थे। जैसे ही जीजू को पता चला कि घर में कोई बड़ा नहीं है, उनकी आँखों में शरारती चमक आ गई। और सच कहूँ, हम दोनों बहनों के दिल में भी लड्डू फूटने लगे। हमारी जवानी तो लपलपा रही थी, और मौका भी ऐसा कि कोई रोकने-टोकने वाला नहीं!

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रात 8 बजे हम तीनों पास के सिनेमा हॉल में मूवी देखने गए। जीजू बीच में थे, और हम दोनों बहनें उनकी बगल में। हॉल की अंधेरी लाइट्स में जीजू ने अपना जादू शुरू कर दिया। मेरी चूचियाँ दबाते, प्रिया की चूचियाँ मसलते। कभी मेरी जाँघों पर हाथ फेरते, तो कभी प्रिया की कमर सहलाते। ढाई घंटे की मूवी में तो हम दोनों की चूत गीली हो चुकी थी। मन कर रहा था कि जीजू का पैंट का ज़िप खोलकर उनका लंड सीधे मुँह में ले लूँ, या उनकी गोद में बैठकर पूरा लंड अपनी चूत में ठूँस लूँ। लेकिन हॉल में इतनी हिम्मत कहाँ? फिर भी, जीजू ने हम दोनों को इतना गरम कर दिया कि हमारी साँसें तेज़ हो गई थीं। 11 बजे तक हम घर लौट आए। खाना बाहर ही खा लिया था।

अब सोने की बारी थी। लेकिन दिक्कत ये थी कि घर में सिर्फ़ एक रजाई थी। बाकी ट्रंक में थी, और उसकी चाबी मम्मी ले गई थीं। ठंड की रात थी, तो हम तीनों ने एक ही रजाई में सोने का फैसला किया। बीच में जीजू, और दोनों साइड हम बहनें। रजाई के अंदर घुसते ही माहौल गरम हो गया। जीजू पहले प्रिया की तरफ मुड़े। थोड़ी देर बाद प्रिया के मुँह से “आह… आह… आह…” की सिसकारियाँ निकलने लगीं। मैंने रजाई हटाई तो देखा, प्रिया टॉपलेस थी। उसकी गोल-मटोल, रसीली चूचियाँ खुली थीं, और जीजू उसके निप्पल्स को चूस रहे थे। मैंने गुस्से में कहा, “जीजू, ये गलत है! मैं बड़ी हूँ, पहले मुझसे करो!” प्रिया तुरंत बोली, “दीदी, मेरा जोश चढ़ गया है, प्लीज़ मज़ा खराब मत करो!” जीजू हँसे और बोले, “खुशी, प्रिया, टेंशन मत लो। रात हमारी है, घर में कोई नहीं। क्यों ना हम तीनों मिलकर फुल मस्ती करें? दोनों को एक साथ चोदूँगा!”

ठंड बढ़ रही थी। हम फिर रजाई में घुस गए। मैंने अपने सारे कपड़े उतार दिए—टॉप, ब्रा, पैंटी, सब। प्रिया ने भी एक-एक करके अपनी सारी ड्रेस उतार दी। फिर हम दोनों ने मिलकर जीजू के कपड़े उतारे। जीजू की छाती, उनके सिक्स-पैक ऐब्स, और वो तना हुआ लंड—यार, क्या माल था! अब हम तीनों एक रजाई में बिल्कुल नंगे थे। जीजू मेरी चूचियाँ दबाते, कभी प्रिया के निप्पल्स चूसते। हम तीनों एक-दूसरे को पागलों की तरह किस कर रहे थे। जीजू का लंड तनकर लोहे की रॉड जैसा हो गया था। उनकी उंगलियाँ मेरी चूत में थीं, और दूसरा हाथ प्रिया की चूत को सहला रहा था। हम दोनों की सिसकारियाँ रजाई के अंदर गूँज रही थीं।

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फिर जीजू प्रिया के ऊपर चढ़ गए। प्रिया के दोनों पैर फैलाए, और अपना मोटा लंड उसकी चूत पर रखकर ज़ोर का धक्का मारा। लंड अंदर नहीं गया, और प्रिया की चीख निकल गई। वो दर्द से कराहने लगी। मैंने प्रिया को सहलाया, उसकी चूचियाँ दबाईं, और जीजू ने फिर से कोशिश की। इस बार लंड पूरा अंदर चला गया। प्रिया की चूत तंग थी, लेकिन जीजू ने ज़ोर-ज़ोर से धक्के मारने शुरू कर दिए। प्रिया की “आह… आह… जीजू… और ज़ोर से…” की आवाज़ें मुझे और गरम कर रही थीं। मैंने अपनी चूत जीजू के मुँह पर रख दी। वो प्रिया को चोद रहे थे और मेरी चूत चाट रहे थे। उनकी जीभ मेरी चूत के दाने को ऐसे चूस रही थी जैसे कोई कैंडी हो। मैं प्रिया की चूचियाँ मसल रही थी, और वो मेरे निप्पल्स को चूस रही थी।

फिर मेरी बारी आई। मैं लेट गई, और जीजू मेरे ऊपर चढ़ गए। पहले उन्होंने मेरी चूत में दो उंगलियाँ डालीं, और मेरे क्लिट को रगड़ा। मैं “आह… जीजू… फक मी…” की सिसकारियाँ ले रही थी। प्रिया जीजू की गांड पर अपनी चूचियाँ रगड़ रही थी। फिर जीजू ने अपना लंड मेरी चूत में डाला। यार, वो मोटा लंड मेरी चूत को फाड़ता हुआ अंदर गया। जीजू ने ज़ोर-ज़ोर से धक्के मारने शुरू किए। मेरी चूचियाँ उछल रही थीं, और प्रिया उन्हें पकड़कर चूस रही थी। जीजू का लंड मेरी चूत की गहराइयों को छू रहा था। मैं चिल्ला रही थी, “जीजू, और ज़ोर से… फाड़ दो मेरी चूत को!”

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रात भर यही खेल चला। कभी वो मुझे चोदते, कभी प्रिया को। कभी हम दोनों की चूत को चाटते, तो कभी हम दोनों उनके लंड को चूसते। जीजू ने हमें हर पोज़िशन में चोदा—डॉगी स्टाइल, मिशनरी, 69, सब कुछ। हम दोनों बहनों की चूत को जीजू ने रात भर रजाई के अंदर फाड़ डाला। बीच-बीच में हम तीनों एक-दूसरे को किस करते, चूचियाँ चूसते, और गंदी-गंदी बातें करते। जीजू कहते, “खुशी, तेरी चूत तो जन्नत है… प्रिया, तेरे चूचे तो रसीले आम जैसे हैं…” और हम दोनों हँसते हुए उनकी तारीफ़ करते।

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सुबह जीजू को जाना था। लेकिन जाने से पहले उन्होंने एक बार फिर हम दोनों को चोदा। पहले प्रिया की चूत में लंड डाला, फिर मेरी चूत में। दोनों की चूचियाँ दबाईं, चूसीं, और फिर अपना माल हमारी चूचियों पर छोड़ दिया। हम दोनों ने उनके लंड को चाटकर साफ़ किया। जीजू हँसते हुए बोले, “खुशी, प्रिया, तुम दोनों की जवानी ने मुझे पागल कर दिया। अगली बार फिर आऊँगा, और तुम दोनों की चूत को और रंगीन करूँगा।” फिर वो निकल गए।

उस रात के बाद हम दोनों बहनों की जवानी को जीजू ने ऐसा रंग दिया कि आज भी याद करके चूत गीली हो जाती है। प्रिया और मैं अब भी उस रात की बातें करती हैं, और सोचती हैं कि अगली बार जीजू आएँ, तो और क्या-क्या मज़े करेंगे। वो रात हमारी ज़िंदगी की सबसे हॉट और सेक्सी रात थी, और जीजू ने हमें वो सुख दिया जो हम कभी नहीं भूलेंगी।