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जवानी की आग में साली के साथ चुदाई की हॉट कहानी

पढ़िए एक तड़पते जीजा और उसकी हॉट साली रिंकु की चुदाई की रोमांचक कहानी। जवानी की आग, टाइट चूत और मस्त लंड की इस सेक्सी कहानी में जानिए कैसे जीजा ने अपनी साली को चोदकर तृप्त किया।

जवानी के जोश में बिना औरत के दिन काटना, और ऊपर से एक नन्हे बच्चे की जिम्मेदारी, सचमुच दिल तोड़ने वाला था। लेकिन मेरी छोटी साली रिंकु ने अपनी ममता भरी गोद में बच्चे को समेटकर घर को संभाल लिया। दीदी के गुजरने के बाद, माँ के कहने पर रिंकु कुछ दिन मेरे पास रहने आई थी। रिंकु की खूबसूरती तो पहले से ही कमाल थी, लेकिन जवानी के उभरते निखार ने उसे और हॉट बना दिया। उसका फिगर, वो कसी हुई कमर, और टाइट कपड़ों में छुपी वो छोटी-छोटी चूचियां… हाय! मेरा मन हर बार उसे देखकर ललच जाता।

बिना औरत के मेरा जीवन वीरान सा हो गया था, लेकिन तन और मन में सेक्स की आग धधक रही थी। रातें काटना जैसे जंग जीतने से कम नहीं था। रिंकु की वो कमसिन जवानी, वो मासूम चेहरा, और वो टाइट बदन देखकर मेरा लंड बार-बार बेकाबू हो जाता। लेकिन वो मेरी साली थी, ये सोचकर मैं खुद को रोक लेता। फिर भी, मन में एक शैतानी ख्वाहिश जागती—उसे नंगी करके अपनी बाहों में भर लूं, उसकी छोटी-छोटी चूचियों को मुंह में लेकर चूसूं, और उसकी टाइट चूत में अपना मोटा लंड डालकर जमकर चोदूं।

एक दिन मैं अपने दोस्त के साथ एक इंग्लिश मूवी देखने गया। मूवी थी तो पूरी हॉट—नंगापन और सेक्स सीन की भरमार। हर सीन में मेरा लंड तन जाता, और सेक्स का बुखार मेरे दिमाग पर चढ़ गया। घर लौटते वक्त मूवी के वो चुदाई सीन बार-बार आंखों के सामने घूम रहे थे, और हर बार रिंकु का चेहरा उनमें घुस जाता। मैंने ठान लिया—आज चाहे जो हो, अपनी साली को चोदूंगा।

घर पहुंचा तो रिंकु ने ही दरवाजा खोला। उसकी टाइट टी-शर्ट में उभरी चूचियां और स्कर्ट के नीचे की मुलायम जांघें देखकर मेरा लंड फनफनाने लगा। वो बोली, “जीजू, क्या हुआ? ऐसे क्यों देख रहे हैं?” मैंने बहाना बनाया, “कुछ नहीं रिंकु, बस थोड़ा सिर दर्द कर रहा है।” वो चिंता में बोली, “दवा ली आपने?” मैंने कहा, “नहीं, अभी नहीं,” और अपने कमरे में जाकर लुंगी पहनकर बिस्तर पर लेट गया।

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थोड़ी देर बाद रिंकु आई, “जीजू, कुछ चाहिए?” मन तो किया कि कह दूं, “हां, मुझे तुम्हारी चूत चाहिए!” लेकिन मैंने खुद को रोका और कहा, “रिंकु, मेरी जांघों में दर्द है, जरा तेल से मालिश कर दे।” वो बोली, “ठीक है जीजू,” और तेल लेकर आ गई। मेरे बगल में बैठकर उसने मेरी जांघों पर तेल लगाना शुरू किया। उसके नाजुक हाथों का स्पर्श पाते ही मेरा लंड खड़ा हो गया।

मैंने कहा, “रिंकु, जांघों के ऊपर भी थोड़ा मालिश कर दे।” उसने लुंगी ऊपर उठाई, और मैंने जानबूझकर पैर हिलाया ताकि मेरा तना हुआ लंड बाहर आ जाए। रिंकु की नजर मेरे लंड पर पड़ी तो वो शरमा गई। उसने लुंगी से ढकने की कोशिश की, लेकिन मैंने मौका लिया और कहा, “क्या हुआ रिंकु?” वो बोली, “जीजू, आपका… वो… दिख रहा है।” मैंने मस्ती में कहा, “अरे, जब तूने देख ही लिया तो शरम कैसी? थोड़ा तेल लगाकर इसकी भी मालिश कर दे।”

रिंकु घबरा गई, “छी जीजू, ये क्या कह रहे हैं?” मैंने भावुक कार्ड खेला, “देख रिंकु, ये भी तो शरीर का हिस्सा है। तुम्हारी दीदी इसकी रोज मालिश करती थी। अब वो नहीं है तो ये बेचारा अनाथ हो गया। तू नहीं समझेगी तो कौन समझेगा?” मेरी बातों ने उसे पिघला दिया। वो बोली, “ठीक है जीजू, मैं आपका दुख नहीं देख सकती।”

उसने तेल लिया और मेरे लंड को अपने नाजुक हाथों से पकड़ लिया। हाय! उसका स्पर्श ऐसा था कि मेरे बदन में बिजली दौड़ गई। मैंने उसकी कमर पकड़कर उसे अपने पास खींच लिया और कहा, “बस ऐसे ही सहलाती रह, बहुत मजा आ रहा है।” थोड़ी देर में मेरा मन और बेकाबू हुआ। मैंने उसे अपनी बाहों में खींच लिया, उसकी चूचियां मेरी छाती से टकराईं। मैंने उसके गुलाबी होंठों को चूमना शुरू कर दिया।

रिंकु कसमसाई, “जीजू, ये क्या कर रहे हैं?” मैंने कहा, “रिंकु, आज मुझे मत रोको। मुझे तुमसे प्यार करने दे।” वो बोली, “लेकिन जीजू, क्या कोई जीजा अपनी साली को ऐसे प्यार करता है?” मैंने कहा, “साली तो आधी घरवाली होती है। जब तूने घर संभाला है, तो मुझे भी अपना बना ले।” मेरी बातों ने उसे हल्का सा कन्विंस कर दिया।

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मैंने उसकी टी-शर्ट के अंदर हाथ डाला और उसकी छोटी-छोटी चूचियों को सहलाने लगा। उसके निप्पल को चुटकी में लेकर मसला तो वो सिसकारियां लेने लगी, “आह… जीजू, ये क्या कर रहे हैं… बहुत मजा आ रहा है।” मैंने उसकी टी-शर्ट उतारी और उसकी एक चूची को मुंह में लेकर चूसने लगा। दूसरी चूची को मैं धीरे-धीरे दबा रहा था। रिंकु अब पूरी मस्ती में थी, “ओह जीजू… और चूसो… हाय… बहुत अच्छा लग रहा है।”

मैंने कहा, “रिंकु, अब मेरा लंड चूस, और ज्यादा मजा आएगा।” उसने मेरे लंड को मुंह में लिया और आइसक्रीम की तरह चूसने लगी। मैं तो सातवें आसमान पर था। मैंने उसकी स्कर्ट और पैंटी उतार दी, और उसकी चिकनी चूत को देखकर पागल हो गया। मैंने उसकी जांघों के बीच मुंह डाला और उसकी चूत को चाटने लगा। रिंकु का बदन कांपने लगा, “हाय जीजू… ये क्या कर रहे हैं… मेरी चूत में आग लग रही है… ओह… मैं पागल हो जाऊंगी।”

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हम दोनों 69 पोजीशन में एक-दूसरे को चूस रहे थे। रिंकु की चूत गीली हो चुकी थी, और मेरा लंड भी फटने को तैयार था। मैंने कहा, “रिंकु, अब और नहीं सहा जाता। अपनी टांगे फैला, मैं तुम्हारी चूत में लंड डालकर चोदना चाहता हूं।” वो डर गई, “नहीं जीजू, मेरी चूत बहुत छोटी है, आपका लंड बहुत मोटा है। मेरी चूत फट जाएगी।”

मैंने उसे प्यार से समझाया, “डर मत रिंकु, मैं धीरे-धीरे करूंगा। तुझे कोई तकलीफ नहीं होगी।” वो बोली, “मुझे आप पर भरोसा है जीजू, लेकिन फिर भी डर लग रहा है।” मैंने वैसलीन ली, उसकी चूत और अपने लंड पर लगाई, और धीरे से उसकी चूत पर लंड रगड़ने लगा। रिंकु मस्ती में चिल्लाने लगी, “ओह जीजू… और रगड़ो… बहुत मजा आ रहा है… अब लंड डाल दो… मेरी चूत की आग बुझा दो।”

मैंने उसकी टांगें पकड़ीं और एक जोरदार धक्का मारा। रिंकु चीख पड़ी, “आआह… मर गई जीजू… निकालो… बहुत दर्द हो रहा है।” उसकी चूत से रस निकल रहा था। मैंने उसे हौसला दिया, “बस थोड़ा और सह ले, पहली बार ऐसा होता है।” मैं धीरे-धीरे धक्के मारता रहा। करीब 15 मिनट बाद उसका दर्द कम हुआ, और वो मस्ती में अपनी कमर हिलाने लगी।

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अब वो सिसकारियां ले रही थी, “हाय जीजू… अब मजा आ रहा है… और चोदो… आपका लंड बहुत मस्त है।” मैंने स्पीड बढ़ा दी। उसकी चूत गीली होकर फच-फच की आवाज करने लगी। हम दोनों मस्ती के चरम पर थे। अचानक रिंकु चिल्लाई, “जीजू… कुछ हो रहा है… आआह… मैं झड़ रही हूं।” उसी वक्त मेरा भी क्लाइमेक्स आ गया, और मेरा ढेर सारा वीर्य उसकी चूत में भर गया।

हम दोनों एक-दूसरे से चिपककर हांफ रहे थे। रिंकु ने मेरे होंठों को चूमा और बोली, “जीजू, आपने मुझे आज वो सुख दिया जो मैंने कभी नहीं सोचा था। अब रोज मुझे ऐसे ही चोदना।” मैंने उसकी चूचियों को चूमते हुए कहा, “रिंकु, तुमने मुझे तृप्त कर दिया। आज से तू मेरी साली भी है और घरवाली भी।” देर रात तक हम एक-दूसरे को चूमते-चाटते रहे, और कब नींद आ गई, पता ही नहीं चला।