First Time SexTeenage Girl Sex

कुंवारी चूत की तड़प

पढ़िए राज और बबिता की हवस भरी सेक्स कहानी, जहां कानपुर में मामा के घर एक कुंवारी चूत की तड़प ने लिया रोमांचक मोड़। इशारों से शुरू हुई ये कहानी कैसे पहुंची चरमसुख तक, जानें!

मेरा नाम राज है, और मैं एक ऐसा लड़का हूं जो हमेशा अपनी ख्वाहिशों को दिल में दबाकर रखता था। लेकिन हर जवान दिल की तरह मेरी भी एक तमन्ना थी—एक कुंवारी चूत का स्वाद लेने की। मैं शांत स्वभाव का हूं, ज्यादा बोलता नहीं, लेकिन दो साल पहले मेरी जिंदगी ने ऐसा करवट लिया कि मैं बदल गया। ये कहानी उस बदलाव की है, जब मैं अपने मामा के घर कानपुर गया था।

मेरे मामा के पड़ोस में एक लड़की रहती थी—नाम था बबिता। उम्र? शायद 20-21 की होगी। उसका फिगर? उफ्फ, 32-26-30 का, ऐसा कि बस देखते ही दिल धड़कने लगे। उसकी जवानी को मैं पहले भी निहार चुका था, लेकिन इस बार मेरे इरादे कुछ और थे। मैं अब उसे पटा लेने का कॉन्फिडेंस रखता था।

पहली मुलाकात, वो इशारा

एक दिन मैं मामा के घर के गेट पर खड़ा था। सामने बबिता अपने गेट पर थी। वो मुझे देख-देखकर मुस्कुरा रही थी, जैसे कोई सिग्नल दे रही हो। मेरी नजर उसकी आंखों से टकराई, और उसने इशारे से कुछ कहा। मैंने भी इशारे में पूछा, “क्या हुआ?” उसने हंसते हुए जवाब दिया, “कुछ नहीं।” लेकिन उसकी आंखों में वो शरारत थी, जो मेरे दिल को बेकरार कर गई।

अचानक उसने इशारा किया—छत पर आने का। मेरे तो जैसे होश उड़ गए। मैंने सोचा, “राज, आज तो तेरी किस्मत चमक गई!” बिना देर किए मैं छत पर पहुंचा। वो पहले से वहां थी, अपनी साड़ी के पल्लू को उंगलियों में लपेटते हुए। आसपास कोई नहीं था। मैंने मौका देखा और उसके घर की दीवार फांदकर अंदर कूद गया।

Hot Sex Story :  देसी कॉलेज गर्ल चुदाई मेरे घर पर आकर

वो थोड़ा घबरा गई, लेकिन मेरी आंखों में वो हवस देखकर शायद उसे भी कुछ-कुछ होने लगा। उसके घर में सिर्फ उसकी दादी थी, जो नीचे रहती थी। ऊपर बस एक रूम था, जहां उसके भाई-भाभी रहते थे, लेकिन उस दिन वो खाली था।

बातों से शुरू, तड़प तक

पहले तो हम इशारों में बातें करते रहे। फिर जब लगा कि कोई नहीं है, मैंने उससे खुलकर बात शुरू की। शाम से रात हो गई, और हमारी बातें अब शराफत से हटकर कुछ और रंग लेने लगीं। मैंने उसकी आंखों में वो तड़प देखी, जैसे वो भी मेरे लंड की भूखी हो। मैंने सेक्सी बातें शुरू कीं—उसके फिगर की तारीफ, उसके होंठों की नरमी। वो सुनकर शरमा रही थी, लेकिन उसकी सांसें तेज हो रही थीं।

मैंने पूछा, “क्या हुआ, बबिता?” वो खामोश रही। मैं उसके करीब गया, उसका चेहरा अपने हाथों में लिया और उसके रसीले होंठों को चूम लिया। वो बस खामोश थी, लेकिन उसकी सांसों से मुझे उसकी हां मिल गई। मैंने उसकी चूचियों को हल्के से दबाया। वो सिसकारी भरी, “ओह्ह, आराम से, प्लीज।” लेकिन मेरी तो जैसे जिंदगी का सबसे बड़ा मौका था। मैं कहां रुकने वाला था?

रूम में वो गर्म पल

मैं उसे उसके भाई के रूम में ले गया। वहां मैंने उसके कपड़े उतारने शुरू किए। उसकी ब्रा हटते ही उसकी चूचियां सामने आईं—गोरी, नरम, और इतनी मस्त कि मेरे होश उड़ गए। मैंने उन्हें जोर-जोर से दबाना शुरू किया। वो सिसकियां ले रही थी, लेकिन उसकी आंखों में भी वही हवस थी।

Hot Sex Story :  सेक्सी मामी के साथ चुदाई की रात

फिर मैंने अपने कपड़े उतारे। वो मेरे 9 इंच के लंड को देखकर डर गई। बोली, “हाय दैया, इतना बड़ा? मैं तो मर जाऊंगी!” मैंने हंसते हुए कहा, “पहले थोड़ा दर्द होगा, फिर मजा आएगा।” मैंने उसकी चूत में उंगली डाली, उसे गर्म करने के लिए। वो तड़पने लगी, जैसे कोई मछली बिना पानी के।

मैंने पास पड़ी हेयर ऑयल की बोतल देखी। तेल लिया, उसकी चूत पर लगाया, फिर अपने लंड पर। सेंटर से सेंटर मिलाकर मैंने हल्का सा झटका मारा। वो चिल्लाई, “ओई मां, मर गई!” मैं रुक गया, उसके होंठ चूमने लगा। थोड़ी देर बाद फिर एक झटका। इस बार 5 इंच अंदर गया। वो दर्द से कराह रही थी, लेकिन मैं अब रुक नहीं सकता था।

धक्कों का तूफान

एक जोरदार धक्के के साथ मेरा पूरा लंड उसकी कुंवारी चूत में समा गया। वो चीखी, “आईई, मर गई!” लेकिन मैंने कहा, “अब मजा आएगा।” थोड़ी देर बाद उसे भी मजा आने लगा। वो कमर उठा-उठाकर मेरा साथ देने लगी। मैं जोर-जोर से धक्के मार रहा था, और वो “आह्ह, उफ्फ, ईई” की आवाजें निकाल रही थी। उसके होंठ इतने रसीले थे कि मैं बार-बार उन्हें चूस रहा था।

यह कहानी आप Hotsexstory.xyz में पढ़ रहे।

फिर मैंने उसे घोड़ी बनाया। पीछे से उसकी चूत में लंड डाला तो वो और जोर से सिसकारी। उसकी कमर को पकड़कर मैंने धक्के मारे, एक से बढ़कर एक। मजा दोगुना हो रहा था। फिर मैं बेड पर लेट गया और उसे मेरे लंड पर बैठने को कहा। वो धीरे-धीरे मेरे लंड पर बैठी, और पूरा लंड अंदर ले लिया। अब वो खुद धक्के देने लगी, और मैं नीचे से साथ दे रहा था।

Hot Sex Story :  कमसिन चूत की गर्मी का इलाज मोटा लंड

चरमसुख का पल

मुझे लगा कि मैं झड़ने वाला हूं। मैंने और जोर से धक्के मारे, और आखिर में उसे लिटाकर उसकी चूचियों पर झड़ गया। थककर मैं उसके बगल में लेट गया। वो भी थक चुकी थी। उसने अपनी चूचियां साफ कीं और मेरे पास लेट गई।

आधे घंटे बाद मैं फिर से उसके होंठ चूमने लगा। लेकिन टाइम हो रहा था, उसके भाई के आने का वक्त था। हमने जल्दी से कपड़े पहने। उसने पूछा, “कब जा रहे हो?” मैंने कहा, “2-4 बार और ये मजा लेने के बाद।” वो बोली, “कल 2 बजे आना, दादी को शक न हो।”

तीन दिन का जुनून

अगले तीन दिन मैंने उसे रोज चोदा। वो भी पूरी शिद्दत से चुदवाती रही। अब काफी टाइम हो गया है, मैं मामा के यहां नहीं गया। लेकिन बबिता के फोन आते रहते हैं। मैंने सोच लिया है, जल्दी जाऊंगा। और जब वापस आऊंगा, तो अपनी नई कहानी जरूर सुनाऊंगा।

आपको ये कहानी कैसी लगी? जरूर बताएं!