सेक्सी मामी के साथ चुदाई की रात
Sexy Mami ke Saath Chudai ki Raat
मेरा नाम किरण है, और मैं बेलगाम, कर्नाटक से हूँ। अगर कोई आंटी या भाभी मुझसे मिलना चाहे, तो धारवाड़, हुबली, या बेलगाम में कॉल कर सकती हैं। मैं वादा करता हूँ, हमारा रिश्ता पूरी तरह से सीक्रेट रहेगा। मुझसे संपर्क करने के लिए मेल करें, मैं आपको मेरा नंबर दे दूँगा। ये कहानी बिल्कुल सच्ची है, उस वक्त की जब मैं 12वीं में था। मेरी मौसी का नाम कोमल है, और उनका फिगर… उफ्फ! बस क्या कहूँ, एकदम मस्त और सेक्सी। तब वो 36 साल की थीं, और उनका हुस्न देखकर कोई भी पागल हो जाए। उनके बूब्स बड़े, रसीले, और उनकी गांड का तो जवाब ही नहीं। मामा जी हमेशा अपने कपड़े के बिजनेस के चलते बाहर रहते थे। हम दोनों एक ही गाँव में रहते थे, और जब भी मामा जी बाहर जाते, मौसी अकेली हो जाती थीं।
ये बात तब की है जब मामा जी मुंबई गए थे, 5 दिन के लिए। उस रात सिर्फ मैं और मौसी घर पर थे। हम दोनों बैठकर बातें करने लगे। मेरी पुरानी आदत थी कि मैं बचपन से ही मौसी की गोद में सिर रखकर, उनकी टांगों पर लेटकर बातें करता था। उनकी साड़ी की सिलवटें, उनकी मुलायम त्वचा का स्पर्श, और उनकी खुशबू… मेरे दिल में कुछ और ही हलचल मचा रही थी। बातों-बातों में मौसी ने पूछा, “पढ़ाई कैसी चल रही है?” मैंने कहा, “ठीक है।” फिर वो हँसते हुए बोलीं, “लड़कियों के पीछे भागना कम कर, तेरे मामा ने बताया है तेरा कारनामा।” मैं थोड़ा शरमा गया और चुपचाप टीवी देखने लगा। मौसी उठीं और बोलीं, “जल्दी सो जा,” और वो अपने कमरे में सोने चली गईं।
उनके घर में सिर्फ एक ही बेडरूम था। मेरा मन कुछ और ही सोच रहा था। मौसी के साथ कुछ अंतरंग पल बिताने की ख्वाहिश मेरे दिल में कुलबुला रही थी। मैं भी उनके पास जाकर लेट गया। रात के करीब 12:30 बजे मेरी नींद खुली। मौसी गहरी नींद में थीं, उनकी साँसें धीरे-धीरे चल रही थीं। मैंने धीरे से अपना हाथ उनके ब्लाउज के ऊपर रखा, उनके मुलायम, गर्म बूब्स को सहलाने लगा। मेरा दिल जोर-जोर से धड़क रहा था। अचानक उनकी नींद खुल गई। उन्होंने मेरा हाथ हटाया और गुस्से में बोलीं, “ये क्या कर रहा है?” मैं डर गया, लेकिन उनके चेहरे पर गुस्सा कम और कुछ और ही था। वो उठीं, बाथरूम गईं, और वापस आकर लाइट ऑफ करके सो गईं।
मैं फिर भी हिम्मत जुटाकर उनके करीब गया। धीरे-धीरे उनके बूब्स को फिर से सहलाने लगा। मेरा लंड अब पूरी तरह से तन चुका था, मेरा 8 इंच का हथियार अब बेकाबू हो रहा था। अचानक मौसी ने मेरी अंडरवियर में हाथ डाला और मेरे लंड को सहलाने लगीं। मेरे बदन में बिजली-सी दौड़ गई। मैंने झट से उनके होंठों पर अपने होंठ रख दिए और उन्हें किस करने लगा। लेकिन मौसी ने तो मुझे चौंका दिया। वो और जोश के साथ मुझे किस करने लगीं, जैसे बरसों की प्यास बुझाना चाहती हों। किस खत्म होने के बाद वो बोलीं, “तेरे मामा ने एक साल से मेरे साथ कुछ नहीं किया। आज तू मेरी सारी ख्वाहिशें पूरी कर दे।”
उन्होंने अपनी साड़ी उतारी, ब्लाउज खोला, और ब्रा निकाल फेंकी। उनके बड़े, रसीले बूब्स मेरे सामने थे, जैसे कोई स्वर्ग से उतरे हों। मैंने भी अपने कपड़े उतार दिए। मैंने कहा, “मौसी, मेरा लंड अपने मुँह में लो।” वो थोड़ा हिचकिचाईं, बोलीं, “ये ठीक नहीं।” लेकिन मैंने कहा, “मौसी, यही तो सबसे ज्यादा मजा देता है। मैंने ब्लू फिल्म में देखा है।” मेरी बात मानकर वो तैयार हो गईं। हम 69 की पोजीशन में आ गए। वो मेरा लंड चूस रही थीं, और मैं उनकी चूत का रस चाट रहा था। क्या स्वाद था! करीब 20 मिनट बाद मेरा सारा माल उनके मुँह में छूट गया, और उनका भी पानी निकल गया। मैंने उनका सारा रस चूस लिया। वो बोलीं, “बस, अब और मत तड़पाओ। आ, मेरी चूत को फाड़ दे, इसे शांत कर दे।”
मैं उनके ऊपर चढ़ गया। जैसे ही मैंने पहला धक्का मारा, वो चिल्ला उठीं, “उई माँ!” उनकी चीख में दर्द और मजा दोनों थे। मैं रुका नहीं, जोर-जोर से धक्के मारने लगा। वो भी अपनी कमर उछाल-उछाल कर मेरा साथ दे रही थीं। करीब एक घंटे तक हम दोनों एक-दूसरे में खोए रहे। उनकी सिसकारियाँ, “आह… ओह… और जोर से… फाड़ दे…” मेरे कानों में गूंज रही थीं। आखिरकार मैं झड़ गया। हम दोनों थककर बिस्तर पर पड़े रहे, पसीने से लथपथ।
फिर हम बाथरूम गए। वहाँ मौसी ने कुछ ऐसा कहा, जिसने मुझे चौंका दिया। वो बोलीं, “मुझे तेरा रस पीना है।” मैं हैरान था, लेकिन उनकी ख्वाहिश पूरी करने के लिए मैं तैयार हो गया। हमने एक-दूसरे का रस पिया, और वो पल इतना कामुक था कि मैं आज भी उसे याद करके पागल हो जाता हूँ।
अगर कोई आंटी, भाभी, या लड़की मुझसे ऐसे ही कामुक पल बिताना चाहे, या मुझसे रस पिलवाना चाहे, तो मुझे मेल करें। मैं वादा करता हूँ, आपकी सारी ख्वाहिशें पूरी करूँगा।