Aunty Sex StoryFamily Sex Stories

मामी और मेरी वासना का अंजाम-2

Mami Aur Meri Vasna Ka Anjam-2

मैंने उन्हें बांहों में भर कर सीने से लगा लिया. उन्होंने भी मुझे कस के जकड़ लिया और हम दोनों का जबर्दस्त आलिंगन हुआ. मैंने अपनी मामी के आंसुओं को पी लिया, गालों पर भर मुँह के चुम्बन किया, उनके होंठों पर अपने होंठों की छाप छोड़ी. अपनी नाक से उनकी नाक को रगड़ कर सांसें एक कर दी.

मैं उनके नाक से छोड़ी गयी सांसों को अपने सीने में भरने का जतन कर रहा था. ठीक यही सब पूरी गर्म जोशी से मामी की ओर से भी हो रहा था.

कंपकंपाती ठंड में, खाली घर के बंद कमरे में, बिस्तर पर मेरे हाथों में मेरे ख्वाबों की मल्लिका मेरी मामी का नग्न शरीर था और उनकी कोमल चूत में मेरा कठोर व सख्त लंड घुसा हुआ था. मेरे 80 किलो के शरीर के भार से बिस्तर पर मेरे नीचे दबी मेरी मामी हिल भी नहीं पा रही थीं. ऊपर से उनकी चूत में खम्भे सा गहराई तक गड़ा मेरा घोड़े जैसा लंड उनकी हालत पतली किए हुए था.

वो कुछ बोल नहीं पा रही थीं. मामी अपना हाथ मेरी पीठ पर फेर रही थीं. उनके टाइट दूध का तना हुआ निप्पल मेरे सीने में गड़ रहा था. हम दोनों कुछ मिनट के लिए इसी स्थिति में जड़ से हो गए.

फिर मामी ने रूंधे गले से, तेज धार से आंसू बहाते हुए, बिलख-बिलख कर रोते हुए मुझसे कहा- अब बस करो.. मेरी जान लोगे क्या? छोड़ दो रौनक मैं आगे भी काम आऊँगी.
मगर ये तो मेरी चोदनपट्टी का ट्रेलर भी नहीं, सिर्फ पोस्टर था. अभी तो मैंने सिर्फ मुहूर्त निकाला था. चुदाई तो अभी बाकी थी मेरे दोस्त. मैं मामी के ऊपर से उठ कर लंड चूत में डाले-डाले ही जमीन पर खड़ा हो गया. मामी चूत में लंड भरे-भरे ही बिस्तर पर लेटी रहीं. मैंने मामी के दोनों पैर हाथ में लेकर उसे फैला दिया.

अब शुरू हुआ अंधाधुन, फ्री हिट, सुपर चुदाई का दौर. मैंने आधा लंड बाहर खींचा, तो मामी ने राहत की सांस ली. दूसरे ही पल पूरा लंड जोर के धक्के के साथ पहले से भी ज्यादा अन्दर तक घुसेड़ दिया. आधा लंड बाहर निकालता फिर पूरा लौडा़ झटके के साथ अन्दर डाल देता. लंड को चुत में निकालने डालने का यह क्रम बिना रुके लगातार आधे घंटे तक चलता रहा. इस दौरान मामी रोतीं, चिल्लातीं और मुझसे दया के लिए गिड़गिड़ाती रहीं. लेकिन मुझे इससे कोई फर्क नहीं पड़ा. मैं उन्हें चोद-चोद कर शान्त माहौल में उनकी सिसकारियों और करुण क्रंदन का निर्दयता पूर्वक आनन्द ले रहा था.

Hindi Sex Story :  साले के बीवी की चुदाई

हमारे हवस की कश्ती जिस सैलाब में तैर रही थी, उसमें तूफान आ चुका था. हम दोनों एक दूसरे को झकझोरते हुए और मदमस्त चुदाई के बाद चरम पर पहुंच चुके थे. मामी का पूरा शरीर अकड़ गया, उनका पैर ऐंठ गया. मेरे लंड की नसें मामी की योनि की दीवारों के घर्षण से फटने सी लगीं. लंड मामी की बुर के अन्दर और विकराल रूप धारण करता हुआ एक इंच अधिक मोटा व 2 इंच ज्यादा लंबा हो गया था.

मामी अब बिस्तर पर हर शॉट के साथ उछले जा रही थीं. मैं लंड अन्दर की ओर ठूंसता, तो मामी कमर उठा कर उसे चूत में निगल लेतीं. अब वो चुदाई में भरपूर साथ दे रही थी. अकस्मात हम दोनों साथ झड़ने लगे. मेरा लंड और सख्त होकर ढीला पड़ा, तीन-चार झटकों के साथ उससे गर्म लावे का फव्वारा बह निकला. मामी की चूत में मेरे सफेद व गाढ़े वीर्य की बरसात, इन्हीं झटकों के साथ पांच-छः बार हुआ. मेरे गर्म पानी से मामी की चूत लबालब भर गयी थी. इसी के साथ-साथ मेरी मामी भी डिस्चार्ज हो कर इस चुदाई को सम्पन्न कर चुकी थीं.

कुछ हसीन लम्हों की इस कामुक यात्रा में मैं अपनी प्यारी मामी के साथ मंजिल तक पहुंच चुका था. अभी मैंने अपना लंड बाहर नहीं निकाला था दोस्तों.. न ही मामी की चूत ने उसे उगला था.

मैंने मामी से पूछा- हथियार बाहर निकालूं या आपकी चूत में ही विजय पताका लहराएं रखूं?
मामी ने मुस्कान के साथ मेरे माथे पर चुम्बन किया और कहा- तलवार को म्यान में ही रहने दो.

हम दोनों एक दूसरे से चिपक गए. आलिंगन के दौरान हमने एक दूसरे को अनगिनत चुम्बन किए. औरत स्नेह, ममता, वात्सल्य, आत्मीयता और अपनत्व, का अथाह सागर होती है. किसी पुरुष से शारीरिक संबंध के बाद उसका प्रेम और अपनत्व अत्यंत प्रगाढ़ हो जाता है. फिलहाल मैं अपनी मामी के साथ हमबिस्तर होकर इसी घनिष्ठ प्यार को महसूस कर रहा था.

Hindi Sex Story :  माँ की बहन को चोद डाला

हम एक दूसरे से सटे हुए दो जिस्म एक जान हो गए थे. मामी के बांहों का घेरा, उनका स्नेहिल स्पर्श, उनके शरीर की गर्मी, उनकी भीनी-भीनी मादक सी महक और उनकी सांसों का थकान से लेना और मेरे चेहरे पर छोड़ना. इन बातों ने मुझे उनका दीवाना बना दिया था. मामी को मन भरके चोदने के बाद भी मैं उनके आगोश से बाहर नहीं निकल पाया था. मेरा लंड अभी भी पूरी शिद्दत से उनकी चूत की गहराई नाप रहा था. काफी देर तक हम दोनों एक दूसरे को गले लगाए बिस्तर पर उलटते-पलटते रहे. कभी मामी नीचे, मैं ऊपर.. तो कभी मामी ऊपर मैं नीचे. चुम्बनों का अविराम दौर तो चल ही रहा था. मैं एक गाल पर चूमता तो मामी दोनों गाल पर. फिर मैं एक कदम और आगे होंठों तक पहुंचता तो मामी भी जम कर साथ देतीं.

हम दोनों की नींद तो जैसे उड़ सी चुकी थी. हम इस रात को सोकर जाया नहीं करना चाहते थे. नियति के संयोग से मिली इस रात के साथ को, मैंने मामी के साथ जी भर कर जिया. हम पूरी रात एक दूसरे को छेड़ते, पुचकारते रहे. मामी ने करवट बदली, खुद ऊपर से नीचे आ गयीं और मुझे नीचे से अपने ऊपर कर लिया. मैं भी मामी के ऊपर फैल कर पसर गया.

अब मामी ने हाथ में चादर ले कर उसे फैला कर हम दोनों को ओढ़ा दिया और बोली- थैंक्यू रौनक, अपनी मामी को जो खुशी आज तुमने दी है, इसके लिए मैं लम्बे समय से छटपटा रही थी.
मामी से यह सुन कर मैं चकरा गया क्योंकि वह दो औलादों की मां हैं और मेरे मामा घर में उनके साथ ही रहते हैं.

फिर उन्होंने बताया कि शराब की बुरी लत के कारण मामा अपना पौरुष बहुत पहले ही खो चुके हैं और मामी की ओर बिल्कुन ध्यान नहीं देते थे.
अब मुझे समझ आया कि पहली बार सेक्स मैं कर रहा था लेकिन चुद मेरी मामी क्यों इस तरह रही थीं, जैसे कभी लंड ही न मिला हो?

उस रात हम सुबह तक जागते रहे और चादर के अन्दर ही चुलबुलाते हुए एक दूसरे को तंग करते हुए बातें करते रहे.

Hindi Sex Story :  मेरी चूत की ओपनिंग सेरेमनी भांजे के लंड से-3

हमने एक पल के लिए भी एक दूसरे से खुद को अलग नहीं होने दिया. बस अपने बदन से बदन को ऐसे लिपटाए, चिपकाए और चिपटे रहे कि बीच में हवा के लिए भी जगह नहीं थी.

मामी ने मेरा हाथ अपने सर पर रख कर मुझसे कसम खिलवाई कि मैं ऐसे ही उनसे जिन्दगी भर जिस्मानी ताल्लुकात बनाए रखूंगा. हमारे बीच मामी और भांजे का रिश्ता है, मामी मुझसे बारह साल बड़ी हैं. हम दोनों पति पत्नी नहीं हैं, फिर भी हम एक दूसरे के लिए बने हैं. क्योंकि यह रिश्ता दिल से दिल का है, जिसे समाज ने नहीं, हमने खुद बनाया है.

समाज के नजरिये से मेरी मामी रंडी हो चुकी हैं. लेकिन इस सवाल का जवाब किसी के पास नहीं है कि अगर यह संबंध मुँह काला करना है, तो फिर इसके बाद से मामी के चेहरे पर चमक क्यों आ गयी?

उस दिन के बाद से मौका मिलते ही निरंतर कई रातें मामी मेरे साथ बिता चुकी हैं. हम हर बार पहले से भी बेहतर और मजेदार सेक्स करते है. सेक्स के बाद मुझे अपराधबोध कभी नहीं होता क्योंकि मामी के होंठों की मुस्कान, उनके चेहरे पर तृप्ती का भाव मुझे सकून देता है.

अपनी प्रिय महिला की खुशी ही एक पुरुष को सबसे ज्यादा सकून देती है. मैं इसी आनन्द को इस वक्त भरपूर महसूस कर रहा हूं. अब मामी पूरे कान्फीडेंस के साथ मुझसे बेझिझक पूरी रात अलग-अलग पोजीशन से खूब चुदती हैं. वो बिना शर्माए हर यौन इच्छा मुझसे बताती हैं और मैं उनको पूर्ण रूप से संतुष्ट करता हूं.

महिला-पुरुष के लिए यही सबसे बेहतर स्थिति होती है.

बस दोस्तो, इतनी सी थी हमारी चोदनलीला. आप मुठ तो जरूर मार चुके होंगें, अब लंड हिला कर पैंट में रखिये और आस पास की भाभी, चाची या मेरी तरह मामियों की चूत में अपने लंड का आसरा तलाशिए और अपनी चूतचालीसा हमारे लिए जरूर लिखिएगा.