माँ की चुदाई

सेक्सी धोबन और उसका बेटा-11

Sexy Dhoban Aur Uska Beta-11

इस पर माँ मुस्कुराते हुए पूछा ” तो तू और क्या करना चाहता है, तेरा पानी तो ऐसे ही निकलेगा ना और कैसे निकलेगा”
“ऩही मा, पानी ऩही निकलना मुझे”
“तो फिर क्या करना है”
“माँ , देखना है”
“क्या देखना है रे”
“माँ , ये देखना है” कह कर मैने एक हाथ सीधा माँ के बुर पर रख दिया.
“बदमाश, ये कैसी तमन्ना पल ली तूने”
” माँ बस एक बार दिखा दो ना”
“इधर आ , मेरे पैरो के बीच में अभी तुझे दिखाती हूँ . पर एक बात जान ले तू पहली बार देख रहा है देखते ही तेरा पानी निकल जाएगा समझा”

फिर माँ ने अपने हाथो से पेटिकोट के निचले भाग को पकड़ा और धीरे धीरे उपर उठाने लगी. मेरी हिम्मत तो बढ़ ही चुकी थी मैने धीरे से माँ से कहा “ओह माँ ऐसे ऩही” ”
माँ- “तो फिर कैसे रे, कैसे देखेगा”
“माँ , पूरा खोल के दिखाओ ना”
“पूरा खोल के से तेरा क्या मतलब है”
” पूरा कपड़ा खोल के, मेरी बड़ी तमन्ना है की मैं तुम्हारे पूरे बदन को नंगा देखूं ”
माँ ने मेरे लंड को फिर से अपने हाथो में पकड़ लिया और मुठियाने लगी. इस पर मैं बोला “ओह छोड़ दो माँ , ज्यादा करोगी तो अभी निकल जाएगा”
“कोई बात ऩही अभी निकल ले . अगर पूरा खोल के दिखा दूँगी तो फिर तो तेरा देखते ही निकल जाएगा, पूरा खोल के देखना है ना अभी”, इतना सुनते ही मेरा दिल तो बल्लियों उछलने लगा.
“हाँ माँ , सच में दिखाओगी ना?”
“हाँ दिखाउंगी , मेरे राजा बेटा, ज़रूर दिखाउंगी , अब तो तू पूरा जवान हो गया है और, काम करने लायक भी हो गया है, अब तो तुझे ही दिखना है सब कुछ और तेरे से अपना सारा काम करवाना है मुझे.

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माँ और तेज़ी के साथ मेरे लंड को मुठिया रही थी और बार बार मेरे लंड के सुपाडे को अपने अंगूठे से दबा भी रही थी.

माँ बोली “अभी जल्दी से तेरा निकल देती हू फिर देख तुझे कितना मज़ा आएगा, अभी तो तेरी ये हालत है की देखते ही झर जाएगा, एक पानी निकल दे फिर देख तुझे कितना मज़ा आता है”
“ठीक है माँ निकाल दो एक पानी, मैं भी तेरी चूची दबाऊं ?”
” अब आया ना लाइन पर. पूछता क्या है, दबा ना, दबा मेरी चुचियों को . इस से तेरा पानी जल्दी निकलेगा, क्या भयंकर लौड़ा है, पता ऩही इस उमर में ये हाल है, जब इस छोकरे के लंड का, तो पूरा जवान होगा तो क्या होगा”
मैने अपने दोनो हथेलियो में माँ की चुचिया भर ली और उन्हे खूब कस कस के दबाने लगा.

ग़ज़ब का मज़ा आ रहा था. ऐसा लग रहा था जैसे की मैं पागल हो जाउंगा . दोनो चुचिया किसी अनार की तरह से सख़्त और गुदाज़ थी. उसके मोटे मोटे निपल भी ब्लाउज के उपर से पकड़ में आ रहे थे. मैं दोनो निपल के साथ साथ पूरी चूची को ब्लाउज के उपर से पकड़ कर दबाए जा रहा था. माँ के मुँह से अब सिसकारिया निकलने लगी थी और वो मेरा उत्साह बढाते जा रही थी.

“हाँ बेटा, शाबाश… ऐसे ही दबा मेरी चुचियों को, है क्या लंड है, पता ऩही घोड़े का है या सांड का, ठहर जा अभी इसे चूस के तेरा पानी निकलती हूँ ” कह कर वो नीचे की तरफ झुक गई जल्दी से मेरा लंड अपने होंठो के बीच क़ैद कर लिया और सुपाडे को होंठो के बीच दबा के खूब कस कस के चूसने लगी जैसे कि पीपे लगा के कोई कोका-कोला पीता है. मैं उसकी चुचियो को अब और ज्यादा ज़ोर से दबा रहा था, मेरी भी सिसकारिया निकलने लगी थी, मेरा पानी अब छूटने वाला ही था.
“रे मेरी माँ निकला रे निकला मेरा निकल गया ओह माँ सारा सारा का सारा पानी तेरे मुँह में ही निकल गया रे”. माँ का हाथ अब और तेज गति से चलने लगा ऐसा लग रहा था जैसे वो मेरे पानी को गटागट पीते जा रही है. मेरे लंड के सुपरे से निकले एक-एक बूँद पानी चूस जाने के बाद माँ ने अपने होंठो मेरे को मेरे लंड पर से हटा लिया और मुस्कुराती हुई मुझे देखने लगी और बोली कैसा लगा.

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मैने कहा “बहुत अच्छा ..
और बिस्तर पर एक तरफ लुढ़क गया. मेरे साथ साथ माँ भी लुढ़क के मेरे बगल में लेट गई और मेरे होंठो और गालो को थोड़ी देर तक चूमती रही.थोड़ी देर तक आँख बंद कर के पड़े रहने के बाद जब मैं उठा तो देखा की माँ ने अपनी आँखे बंद कर रखी है और अपने हाथो से अपने चुचियों को हल्के हल्के सहला रही थी. मैं उठ कर बैठ गया और धीरे से माँ के पैरों के पास चला गया. माँ ने अपना एक पैर मोड़े रखा था और एक पैर सीधा कर के रखा हुआ उसका पेटिकोट उसके जाँघों तक उठा हुआ था. पेटिकोट के उपर और नीचे के भागो के बीच में एक गैप सा बन गया था.

उस गैप से उसकी झाँट अंदर तक नज़र आ रही थी. उसकी गुदज जाँघों के उपर हाथ रख के मैं हल्का सा झुक गया और अंदर तक देखने के लिए. हालाँकि अन्दर रोशनी बहुत कम थी परंतु फिर भी मुझे उसके काले काले झाटों के दर्शन हो गये. झाटों के कारण चूत तो ऩही दिखी परंतु चूत की खुशबु ज़रूर मिल गई. तभी माँ ने अपनी आँखे खोल दी और मुझे अपने जाघों के बीच झकते हुए देख कर बोली “हाय दैया… उठ भी गया तू मैं तो सोच रही थी अभी कम से कम आधा घंटा शांत पडा रहेगा, और मेरी जाँघों के बीच क्या कर रहा है? , देखो इस लड़के को बुर देखने के लिए दीवाना हुआ बैठा है,”

फिर मुझे अपने बाँहो में भर कर मेरे गाल पर चुम्मि काट कर बोली “मेरे लाल को अपनी माँ का बुर देखना है ना, अभी दिखती हू मेरे छोरे , है मुझे ऩही पता था कि तेरे अंदर इतनी बेकरारी है बुर देखने की”
मेरी भी हिम्मत बढ़ गई थी ” माँ जल्दी से खोलो और दिखा दो”
“अभी दिखती हू, कैसे देखेगा, बता ना”
“कैसे क्या माँ , खोलो ना बस जल्दी से”

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कहानी जारी है……