माँ की चुदाई

सेक्सी धोबन और उसका बेटा-19

Sexy Dhoban Aur Uska Beta-19

माँ ने सिसकरते हुए धक्के लगाना जारी रखा और अपने एक हाथ को लौरे के जड़ के पास ले जाकर देखने लगी कि पूरा लंड अंदर गया है कि ऩही. जब उसने देखा कि पूरा का पूरा लंड उसकी बुर में घुस चुका है तब उसने अपनी चूतडों को उछालते हुए एक तेज धक्का मारा और मेरे होंठो का चुम्मा ले कर बोली “कैसा लग रहा है बेटा, अब तो दर्द ऩही हो रहा है ना”
“ऩही माँ अब दर्द ऩही हो रहा है, देखो ना मेरा पूरा लौड़ा तुम्हारे बुर के अंदर चला गया है”

“हा बेटा अब दर्द ऩही होगा अब तो बस मज़ा ही मज़ा है, मेरे बुर के पानी के गीलेपन से तेरी चमडी उलटने में अब आसानी हो रही है इसलिए तुझे अब दर्द ऩही हो रहा होगा, बल्कि मज़ा आ रहा होगा, क्यों बेटा बोल ना मज़ा आ रहा है या ऩही अपनी माँ के बुर में लौड़ा पेल के, अब तो तुझे पता चल रहा होगा कि चुदाई क्या होती है बेटा , ले मज़े चुदाई का और बता कि तुझे कैसा लग रहा है माँ की चूत में लौड़ा घुसाने में ”
“हाय मा, सच में गजब का मज़ा आ रहा है, ओह माँ तुम्हारी चूत कितनी कसी हुई है मेरा लंड तो इसमे बड़ी मुश्किल से घुसा है जबकि मैने सुना था कि शादी शुदा औरतो की चूत ढीली हो जाती है”
“बेटा ये तेरी माँ की चूत है, ये ढीली होने वाली चूत ऩही है”

कह कर माँ ने लंड को पूरे सुपाडे तक खींच कर बाहर निकाला और फिर उपर से गांड का ज़ोर लगा के एक ज़ोरदार शॉट मार का पूरा लंड एक ही बार में गपक से अपनी बुर के अंदर लील लिया. माँ अब तेज तेज शॉट लगा के पूरा का पूरा लंड अपनी बुर में एक ही बार में गपक से लील लेती थी. उसने मेरा उत्साह बढ़ते हुए कहा ” आबे साले नीचे क्या औरतो की तरह से पड़े रह कर चुदवा रहा है अपना गांद उछल उछल के तू भी धक्का मार साले माधरचोद. , चोद अपनी माँ को, ऐसे पड़े रहने से थोड़े ही मज़ा आएगा, देख मेरी चूत कैसे तेरे सारे लंड को एक ही बार में निगल रही है, तेरा लंड मेरी बुर के दीवारो को कुचालता हुआ कैसे मेरी बुर के जड़ तक ठोकर मार रहा है, बहिनचोद, तू भी नीचे से धक्का मार मेरे राजा और बता कि कैसा लग रहा है माँ की चुदाई करने में, मज़ा आ रहा है या ऩही माँ की बुर चोदने में”

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मैने भी नीचे से गांद उछल कर धक्का मारना शुरू कर दिया. और माँ के चूतडों को अपने हथेलियों के बीच दबोच कर बोला “हाँ मा, बहुत मज़ा आ रहा है, सच में इतना मज़ा तो जिंदगी में कभी ऩही आया, ओह तुम्हारी बुर में मेरा लंड एकदम कसा कसा जा रहा है और ऐसा लगता है जैसे कि मैने किसी गरम भट्टी में अपने लंड को डाल दिया है, ओह कितना गरम है तेरी बुर माँ ,,,,,,,और ज़ोर से मारो धक्का और ले लो अपने बेटे का लंड अपनी बुर में ऊऊओह साली मज़ा आ गया.. तू भी कम कुतिया नहीं है..” कह कर मैने अपनी एक उंगली को माँ के गांड के दरार पर लगा कर उसको हल्का सा उसके गांड में डाल दिया.

माँ का जोश मेरी इस हरकत पर दुगुना हो गया और वो अपनी चूतडों को और तेज़ी के साथ उछालने लगी और कहने लगी “हाय माधरचोद , माँ की गांड में उंगली डालता है, बेटीचोद तेरी माँ को चोदु, साले गांडू ले, और ले मेरी बुर का धक्का अपने लंड पर, तोड़ दूँगी साले तेरा लंड गांडू , बहिनचोद. , ले साले , मुँह क्या देख रहा है, चुची दबा साले मुँह में लेकर चूस और चुदाई का मज़ा ले, है कितने वर्षो के बाद ऐसी चुदाई का आनंद मिल रहा हाईईईईईईईईई ओह ऊऊऊऊऊओह ह,”
मैने माँ के आदेश पर उसकी चुचियों को अपने हाथो में थाम लिया और उसकी एक चुचि को खींच कर उसके निपल से अपने मुँह को सटा कर चूसते हुए दूसरी चुची को खूब ज़ोर ज़ोर से मसलने लगा. माँ अब अपने गांड को पूरा उछल उछाल कर मेरे लंड को अपनी गरम बुर में पेलवा रही थी. उसकी चूत एकदम अंगीठी की तरह से गरम हो चुकी थी और खूब पानी चू रही थी मेरा लंड उसकी चूत के पानी से भीग कर सटासट उसकी बुर के अंदर बाहर हो रहा था. माँ के मुँह से गलियों की बौछार हो रही थी.

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वो बोल रही थी “साले माधरचोद…. चोद मेरी बुर को दम लगा के, है कितना मज़ा आ रहा है, तेरे बाप से अब कुछ ऩही होता रे , अब तो तू ही मेरी चूत की आग को ठंडी करना,,,,,,, मैं तुझे चुदाई का बादशाह बना दूँगी,,,,,,, ,,तेरे उस भडुए माधरचोद बाप को छुने भी ऩही दूँगी अपनी बुर, तू चोदियो मेरी बुर को और मेरी आग ठंडी करियो, कहाँ था रे बहनचोद ..? अब तक तू अब तक तो मैं तेरे लंड का कितना पानी पी चुकी होती… चोद रे लौंडे .. चोद, अपनी गांड तक का ज़ोर लगा दे चोदने में आज, आज अगर तूने मुझे खुश कर दिया तो फिर मैं तेरी गुलाम हो जाउंगी ”

मैं माँ की चुचियों को मसलते हुए अपनी गांद को नीचे से उछलता जा रहा था . मेरा लंड उसकी कसी बुर में गॅप गप…फच फ़च की आवाज़ करता हुआ अंदर बाहर हो रहा था. हम दोनो की साँसे तेज हो गई थी और कमरे में चुदाई की मादक आवाज़ गूँज रही थी. दोनो के बदन से पसीना चु रहा था और सांसो की गर्मी एक दूसरे के बदन को महका रही थी. माँ अब शायद थक चुकी थी. उसके धक्के मरने की रफ़्तार अब थोड़ी धीमी हो गई थी और अब वो हांफने भी लगी थी.

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थोडी देर तक हांफते हुए वो धक्का लगाती रही फिर अचानक से पस्त हो कर मेरे बदन के ऊपर गिर गई और बोली “ओह मैं तो थक गई रे , इतने में आम तौर पर मेरा पानी तो निकल जाता है पर आज नये लंड के जोश में मेरा पानी भी ऩही निकल रहा, ओह मज़ा आ गया, आज से पहले ऐसी चुदाई कभी ऩही की, पर थक गई रे मैं तो, अब तो तुझे मेरे उपर चढ़ कर धक्का मारना होगा तभी चुदाई हो पाएगी साले” कह कर वो अपने पूरे शरीर का भर मेरे बदन पर दे कर लेट गई.

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मेरी साँसे भी तेज चल रही थी मगर लंड अब भी खड़ा था. दिल में चुदाई की ललक बरकरार थी और अब तो मैने चुदाई भी सीख ली थी. मैने धीरे से माँ के चुतद को पकड कर नीचे से ही धक्का लगाने का प्रयास किया और दो तीन छोटे छोटे धक्के मारे मगर क्यों कि माँ थक गई थी इसलिए वो उसी तरह से लेटी रही.

कहानी जारी है……