मनीषा की संजीव और विवेक के साथ थ्रीसम चुदाई की सच्ची कहानी
हाय फ्रेंड्स, आप सभी कैसे हैं? उम्मीद है आप सभी अच्छे ही होंगे। फ्रेंड्स, मेरा नाम मनीषा शर्मा है। मेरी हाइट 5.5 इंच है। मेरे दो गोल-गोल चूचे हैं और गांड ज्यादा नहीं, पर सेक्सी है। मेरा रंग गोरा है।
चलो, ज्यादा देर न करते हुए स्टोरी पर आते हैं।
ये बिल्कुल सच्ची घटना है। मेरा एक बॉयफ्रेंड है जिसका नाम संजीव है। वो दिल्ली में रहता है। मैं भी दिल्ली से हूँ। वो मेरा बचपन का बहुत ही अच्छा दोस्त था। वो कई बार मेरे लिए बहुत सारे गिफ्ट्स लाता था। वैसे तो मैं एक नंबर की चुदने वाली लड़की हूँ। और सच बताऊँ तो संजीव मुझे मन ही मन प्यार करता था और इसी का फायदा मैं उठाती थी। एक दिन उसने मुझे अपनी फ्रेंड की कार में मिलने बुलाया और मैं मिलने पहुँच गई। उसने मुझे पिकअप किया, फिर हम दोनों निकल गए और एक शांत जगह पर ले गया। मैंने बोला, “संजीव, ये कहाँ?”
“रोक लो गाड़ी,” मैंने कहा। उसने मेरी आँखों में देखा। मैंने रेड कलर की ड्रेस पहनी थी, बहुत सेक्सी दिख रही थी। मैंने देखा था कि संजीव का लंड अब खड़ा हो गया है। मैंने बोला, “संजीव, क्या हुआ है तुमको? ऐसे क्यों देख रहे हो?” उसने कहा, “मनीषा, मैं तुमको हग करना चाहता हूँ।” मैंने बोला, “नहीं, मुझे घर जाना है।” उसने कहा, “मनीषा, आज एक किस दे दो प्लीज़।” उसने रिक्वेस्ट की, लेकिन मैं नहीं मानी। फिर अचानक से मैंने देखा कि मेरे नीचे चूत से बहुत पानी आने लगा था। मैं समझ गई थी कि आज मैं सेक्स करने वाली हूँ। फिर उसने मुझे बोला, “मनीषा, एक बार हग करना है।” मैं मान गई। जैसे ही संजीव ने मुझे हग किया, अचानक से उसने मेरे बूब्स पकड़ लिए। मैं सहन नहीं कर पाई, मैं बेहोश सी होने लगी थी। तभी अचानक से उसने मेरी पैंट खोल दी। फिर मैं शर्म नहीं कर पाई और मैं उसका साथ देने लगी।
तभी अचानक से उसने मेरी चूत में उंगली डाल दी। मैं तो जैसे पूरी पानी-पानी हो गई। संजीव समझ गया था कि मुझे सेक्स चढ़ गया है। फिर उसने मेरा हाथ अपनी पैंट के ऊपर रख दिया और अपना लंड निकाल दिया। मैं उसका लंड देखकर पागल सी हो गई। संजीव का लंड इतना बड़ा, 7 इंच का। उसने बोला, “चूसो।” मैं तो हूँ ही चुदक्कड़। मैंने तुरंत उसका लंड अपने मुँह में ले लिया और चूसने लगी। फिर उसने मुझे 3 घंटे तक मेरी चूत का मज़ा लिया। 20 मिनट तक चूत को चुसवाकर मैंने 3 बार उसके मुँह में झड़ गई। संजीव मेरा सारा पानी पी गया। “आआआआआआआआ…”
फिर मैंने बोली, “संजीव, तुम मेरे दोस्त हो। क्या मैं तुमसे एक बात बोलूँ? फ्रेंड्स, मैंने वैसे काफी सेक्स किया है। मेरा मन था कि एक बार एक साथ 2 लंड का मज़ा लिया जाए।” तभी मैंने उससे बोला, “संजीव, एक बात बोलनी है।”
संजीव: “हाँ बोल बेबी।”
मैं: “संजीव, मुझे आप चोदना चाहते हो तो एक काम करोगे?”
संजीव: “हाँ बेबी, बताओ ना, बिल्कुल करूँगा।”
मैं: “संजीव, मुझे थ्रीसम सेक्स करना है। एक बार चूत में और गांड में अपनी लंड डलवाकर देखना है कि कैसा लगता है। तुम मेरे दोस्त हो, समझोगे। तुम भी चोद लेना।”
संजीव: “ये क्या बोल रही हो मनीषा, ऐसा क्यों?”
मैं: “बेबी, तुम रोज चोदना, लेकिन एक बार प्लीज़।”
संजीव बोला, “ठीक है बेबी।” तभी मैंने अपने एक्स-बॉयफ्रेंड विवेक को कॉल किया। उसको मैंने सिधे बोला, “मैं तुम्हारे हाईवे पर वेट कर रही हूँ। मैंने ओयो बुक कर दिया है। आजाओ, लास्ट टाइम है आपके साथ करना है। करो, नहीं करना मत करो।” तभी विवेक हाँ कर देता है। मैंने प्लान बना लिया। संजीव गाड़ी सीधा ओयो में ले गया। 2000 रुपये अडजस्ट किए और दे दिए, 3 लोग के लिए। तभी कुछ खाने को भी लिया। फिर हम रूम में चले गए। संजीव टॉयलेट में चला गया। तभी अचानक से विवेक आ गया। उसने मुझे बेड पर देखा, सीधे आकर मुझे बाहों में भर लिया। मुझे जोरे-जोरे से किस करने लगा, बूब्स को हाथ फेरने लगा। “आआआआआ…” मैं तो पानी-पानी हो गई थी। उसने सीधे मेरे पूरे कपड़े निकाल दिए और मैंने भी उसके पूरे कपड़े निकाल दिए। मैंने विवेक का लंड चूस-चूस कर खड़ा किया। विवेक का लंड भी बहुत मोटा और बड़ा था। तभी मैं विवेक के ऊपर बैठ गई और उसका लंड पकड़कर अपनी चूत में समा लिया। उसका लंड मेरी चूत को चीरता हुआ सीधा घुस गया। “आआआआआ… विवेक… डार्लिंग, और चोदो।”
विवेक: “आआआआ… मनीषा, तेरी चूत इतनी चिकनी है, पता नहीं कितनों से चुदाई होगी। आआआ…”
तभी अचानक से मैं भूल गई थी कि संजीव भी अंदर है। मैंने पीछे मुड़कर देखा तो संजीव निकलता हुआ दिखा, मुझे चुदते हुए। तभी उसका लंड पूरा खड़ा हो गया और मेरे पीछे से गांड में पेल दिया। संजीव का लंड 7 इंच का था। इतना मज़ा आया उसका लंड लेकर, जन्नत मिल गई एकदम। विवेक बोला, “ये कौन है मनीषा?” मैंने बोला, “मेरा फ्रेंड है।” तभी वो बोलने लगा, “2 लंड लेने का मज़ा लेना चाहती है, आज तेरी चूत को देख कैसे फाड़ते हैं।” तभी अचानक विवेक के ऊपर मैं लेट गई और संजीव मेरे ऊपर। विवेक ने मेरी चूत में पूरा लंड डाल दिया था और संजीव भी चूत में ही डाल रहा था। थोड़ा चूत में घुसा, मेरे प्राण निकल गए। संजीव का लंड पूरा मेरी चूत में घुस गया। विवेक का भी चूत में था। “आआआआआआआआ… समझो जन्नत मिल गई।”
संजीव: “मनीषा, तेरी चूत इतनी मस्त है, कितनों ने चोदा है तुझे, सच बता।”
विवेक: “आआआआ… मनीषा, बता कितनों से चुदाई है।”
मैं: “आआआआ… चोदो प्लीज़, फाड़ दो मेरी चूत को आज। 2 लंड लेने का मज़ा लेने दो। वैसे विवेक, तुम्हारे दोस्त का लंड भी अपनी चूत में लिया है मैंने। आआआआ…”
ये सुनकर विवेक ने मेरी चूत में और अंदर तक डाल दिया। संजीव मेरे बूब्स पी रहा था। कभी चूत चूसता, कभी गांड। विवेक भी गांड चूसता, कभी बूब्स। दोनों ने मुझे चूत का मज़ा पूरा तरीके से दिया। “आआआआआ…”
अगर आप लड़की हो तो मैं बता दूँ, मैं भी लड़की हूँ। 2 लंड का एक बार आनंद लाइफ में ज़रूर लेना। सचमुच दुनिया की बहुत आनंद वाली चीज़ है। और आप लड़कों, आपका लंड तो मैं चूस-चूस कर लाल कर दूँगी। अब संजीव और विवेक दोनों ही मेरे बॉयफ्रेंड हैं। हम तीनों साथ में चुदाई का मज़ा लेते हैं। तो कैसी लगी मेरी सच्ची कहानी? कमेंट्स ज़रूर करना। बाय।