मेरी हॉट मामी की कामुक कहानी
रुक्साना मामी की कामुक कहानी में पढ़ें कैसे एक बर्थडे की रात शान के साथ उनकी तड़प और जुनून भरी मुलाकात में बदल गई। गर्म चुदाई, सिसकारियां, और एक चौंकाने वाला राज़!
रुक्साना मामी, उम्र शायद 30 के आसपास, एक ऐसी औरत जो बाहर से देखने में साधारण सी मुस्लिम महिला लगती थीं। लेकिन उनके अंदर की आग, उनकी वो कामुकता, जो मैंने उस रात महसूस की, उसे शब्दों में बयां करना मुश्किल है। उनके दो बच्चे हैं—एक बेटा और एक बेटी, दोनों अभी छोटे। मैं, शान, 22 साल का नौजवान, कभी सोच भी नहीं सकता था कि मामी के साथ मेरा ऐसा रिश्ता बन जाएगा, जो मेरे दिल और जिस्म को हमेशा के लिए बदल देगा।
बर्थडे की रात
वो रात उनकी बेटी के बर्थडे की थी। उनके घर में रिश्तेदारों और मेहमानों की भीड़ थी। केक काटा गया, हंसी-मजाक हुआ, और देर रात तक सब लोग घर लौट गए। मामी ने मुझे प्यार से कहा, “शान, इतनी रात हो गई है, तुम यहीं सो जाओ।” मैंने बिना कुछ सोचे हामी भर दी। वो अपने बेडरूम में चली गईं, और मैं लिविंग रूम के सोफे पर लेट गया। रात के सन्नाटे में मेरी आंखें नींद की तलाश में थीं, लेकिन मुझे क्या पता था कि वो रात मेरी जिंदगी की सबसे कामुक रात बनने वाली थी।
आधी रात का तूफान
रात के करीब 3 बजे, मैंने महसूस किया कि कोई मेरे प्राइवेट पार्ट को सहला रहा है। मेरी नींद उड़ गई, और मैं घबरा कर उठ बैठा। सामने का नजारा देखकर मेरे होश उड़ गए। रुक्साना मामी, पूरी तरह नंगी, मेरे बगल में बैठी थीं। उनकी आंखों में एक अजीब सी चमक थी, जैसे वो भूखी शेरनी हों। उनका एक हाथ मेरे लिंग को पकड़े हुए था, और दूसरा उनकी अपनी चूत को सहला रहा था। उनका जिस्म, वो भरे-भरे स्तन, वो गहरी नाभि, और उनकी चूत की वो हल्की-हल्की खुशबू… मैं तो जैसे पागल हो गया।
मैंने घबराते हुए कहा, “मामी, ये क्या कर रही हैं?” लेकिन उन्होंने मेरी बात अनसुनी कर दी और मेरे करीब आकर बोलीं, “शान, प्लीज़… मुझे चोदो। मैं तड़प रही हूं।” उनकी आवाज़ में एक अजीब सी बेताबी थी। मैं शर्म से पानी-पानी हो रहा था, लेकिन उनके जिस्म की गर्मी ने मुझे जकड़ लिया। उन्होंने मेरा हाथ पकड़ा और अपने 39 साइज़ के भारी-भरकम स्तनों पर रख दिया। वो बोलीं, “देख, मैं कितनी प्यासी हूं। तू मुझे ऐसे अधूरा नहीं छोड़ सकता।”
कामुकता का नशा
मैंने जब उनकी नंगी देह को गौर से देखा, तो मेरे अंदर का मर्द जाग उठा। उनके स्तन, उनकी कमर, और वो चूत जो हल्के-हल्के बालों से सजी थी—सब कुछ मुझे पागल कर रहा था। मैंने उनके स्तनों को दोनों हाथों से पकड़ा और ज़ोर-ज़ोर से दबाने लगा। मामी की सिसकारियां कमरे में गूंजने लगीं, “अह्ह्ह… शान… दबा… और ज़ोर से… अह्ह्ह!”
मैंने उन्हें उठाया और उनके बेडरूम में ले गया। उनका वज़न भारी था, लेकिन मेरे जोश के आगे सब फीका पड़ गया। बेड पर लिटाते ही मैंने अपने कपड़े उतारे और अपना लिंग उनके मुंह के पास ले गया। मैंने सोचा शायद वो मना करेंगी, लेकिन मामी ने मेरे लिंग को ऐसे चूसा जैसे कोई लॉलीपॉप को मज़े लेकर चूस रहा हो। उनकी जीभ मेरे लिंग के चारों ओर घूम रही थी, और वो हर पल और गहराई में जा रही थीं। 15 मिनट तक चूसने के बाद मैंने खुद को रोका और उनकी चूत की ओर बढ़ा।
चूत की पूजा
उनकी चूत लंबी और फूली हुई थी, जैसे कोई विदेशी पोर्नस्टार की। हल्के-हल्के बाल उसकी खूबसूरती को और बढ़ा रहे थे। मैंने अपनी जीभ उनकी चूत पर रखी और चाटना शुरू किया। मामी की सिसकारियां अब चीखों में बदल गईं, “शान… चाट… मेरी चूत… अह्ह्ह… जीभ डाल दो… अह्ह्ह… चाट-चाट… मेरा पानी निकाल दे!” मैंने अपनी जीभ को और गहराई में डाला, और उनकी चूत की गर्मी ने मुझे दीवाना बना दिया। जैसे ही मैंने अपनी उंगली उनकी चूत में डाली, उनका पानी निकल गया। मैंने उसे चाट लिया, और उसका स्वाद मेरे लिए किसी अमृत से कम नहीं था।
घोड़ी बनाकर
मैंने उन्हें घोड़ी बनने को कहा। जब वो घोड़ी बनीं, तो उनकी गांड का नजारा देखकर मैं हैरान रह गया। इतनी बड़ी, गोल, और मस्त गांड मैंने पहले कभी नहीं देखी थी। मैंने उनकी गांड को चाटना शुरू किया, उनकी गांड का छेद तक नहीं छोड़ा। मामी तड़प रही थीं, “शान… अह्ह्ह… क्या कर रहा है… अह्ह्ह… चाट… और चाट!”
मैं इतने जोश में था कि बिना कुछ सोचे मैंने अपना लिंग उनकी चूत में डाल दिया और चोदना शुरू कर दिया। उनकी चूत ढीली थी, लेकिन इतनी गर्म कि मेरा लिंग जैसे पिघल रहा था। मैंने उन्हें 20 मिनट तक चोदा, और वो बार-बार चिल्ला रही थीं, “चोद मुझे, शान… अह्ह्ह… ज़ोर से… तेरा लंड… हाय… चोद-चोद… मुझे अपनी रंडी बना ले!”
पानी का खेल
जब मेरा पानी निकलने वाला था, मैंने कहा, “मामी, मैं लिंग बाहर निकाल लूं?” लेकिन उन्होंने कहा, “नहीं, मुझे तेरा पानी मेरी चूत में चाहिए।” ये सुनकर मैं हैरान हो गया, लेकिन उनकी बात मानते हुए मैंने सारा पानी उनकी चूत में निकाल दिया। फिर मैं उनके बगल में लेट गया। मामी थक चुकी थीं, लेकिन मैंने कहा, “अभी तो शुरुआत है।” मैं फिर उनकी चूत चाटने लगा। उनकी चूत से मेरा ही पानी थोड़ा-थोड़ा निकल रहा था, और उसे चाटने का मज़ा ही कुछ और था।
गांड की कोशिश
10 मिनट बाद मेरा लिंग फिर खड़ा हो गया। इस बार मैंने उनकी गांड मारने की ठानी। मैंने उनकी गांड में दो उंगलियां डालीं, और फिर लिंग डालने की कोशिश की। मामी चौंक गईं और बोलीं, “नहीं, शान, वहां नहीं!” लेकिन मेरे जोश के आगे उनकी एक न चली। मैंने ज़ोर लगाया, और 10 मिनट की कोशिश के बाद मेरा लिंग उनकी गांड में था उनको दर्द हो रहा था जिसे देखकर मैंने लिंग बाहर निकाला और उन्हें बेड पर लिटाया।
मैंने उनके होंठों को चूमा, उनके स्तनों को चूसा, और फिर उनका दर्द भूलाने के लिए उनकी चूत में लिंग डालकर ज़ोर-ज़ोर से चोदना शुरू किया। इस बार मैंने उन्हें 45 मिनट तक चोदा। उनकी सिसकारियां, उनकी चीखें, और उनका वो कामुक जिस्म—सब कुछ मुझे जन्नत की सैर करा रहा था। आखिरकार, मैंने फिर अपना पानी उनकी चूत में निकाल दिया और उनके बगल में लेट गया।
मामी का राज़
सुबह के 5 बज रहे थे। मामी अचानक बोलीं, “शान, तुझे पता है मैंने तेरा पानी अपनी चूत में क्यों लिया?” मैंने पूछा, “क्यों?” वो बोलीं, “मुझे तुझसे एक बच्चा चाहिए। मैंने तेरे मामू का पानी निकाल दिया था, क्योंकि मैं तुझसे मां बनना चाहती हूं।” ये सुनकर मेरे होश उड़ गए।
अब क्या?
सुबह मैं उनके घर से निकल आया, लेकिन अब उनके सामने जाने में मुझे शर्मिंदगी हो रही है। लिखते वक्त उनका फोन फिर आया। वो मुझे फिर बुला रही हैं, और कह रही हैं, “शान, एक बार और आ जा… मेरी प्यास अभी बाकी है।” मैं क्या करूं? मेरे दिल में शर्म भी है, और उनकी वो कामुक देह मेरे दिमाग में बार-बार घूम रही है।