हॉट टीचर के साथ राहुल की चुदाई कहानी
हाय दोस्तों, मेरा नाम राहुल है। मैं 20 साल का हूँ, 6 फीट लंबा, मज़बूत बदन वाला एक जवान लड़का। आज मैं आपको अपनी ज़िंदगी का वो लम्हा सुनाने जा रहा हूँ, जिसने मेरी रातों की नींद और दिन का चैन छीन लिया था। ये कहानी है मेरी हॉट और सेक्सी टीचर की, जिसके साथ मैंने वो पल जिए जो मैं कभी नहीं भूल सकता। अगर आपको मेरी कहानी पसंद आए, तो मुझे ज़रूर बताएं।
बात एक साल पुरानी है। मैं अपनी एक टीचर, जिनका नाम शालिनी मैम था, के पास ट्यूशन पढ़ने जाता था। शालिनी मैम कोई साधारण टीचर नहीं थीं। वो थीं एकदम हुस्न की मलिका। उनका फिगर था 40-30-38, जो किसी को भी पागल कर दे। वो इंग्लैंड में पली-बढ़ी थीं, इसीलिए उनकी सोच और स्टाइल बिल्कुल मॉडर्न था। वो हमेशा टाइट वेस्टर्न कपड़े पहनती थीं – कभी डीप नेक टॉप, कभी मिनी स्कर्ट, तो कभी टाइट जींस। उनके भरे हुए कर्व्स और गोरी चमकती त्वचा को देखकर मेरा ध्यान पढ़ाई से हटकर बस उनकी खूबसूरती पर चला जाता था। उनके बड़े-बड़े बूब्स और गोल-मटोल हिप्स को देखते हुए मैं किताबों में खोने की बजाय उनकी ख्वाहिशों में खो जाता था।
शालिनी मैम का पति भी एक टीचर था, लेकिन वो ज़्यादातर टूर पर बाहर रहता था। मैम अकेले घर पर रहती थीं, और शायद यही वजह थी कि वो मेरे साथ थोड़ा फ्रैंक थीं। एक साल पहले मेरे टेस्ट में बहुत कम मार्क्स आए। मैम ने मुझे बुलाया और पूछा, “राहुल, क्या बात है? तुम पढ़ाई में ध्यान क्यों नहीं दे रहे?” उनकी हिंदी इतनी साफ और मधुर थी कि सुनकर ही दिल खुश हो जाता था। मैंने शरमाते हुए कहा, “मैम, दिल नहीं लगता पढ़ाई में।” वो मुस्कुराईं और बोलीं, “फिर मैं तुम्हारा दिल लगाऊंगी, राहुल।”
उस दिन के बाद मैम ने और भी हॉट कपड़े पहनने शुरू कर दिए। कभी टाइट टॉप जिसमें उनके बूब्स उभरकर सामने आते, कभी शॉर्ट ड्रेस जिसमें उनकी गोरी जांघें चमकतीं। मैं तो बस उन्हें घूरता रहता। एक दिन क्लास के दौरान मैं किताब की जगह उनके बूब्स को ताक रहा था। अचानक मेरी नज़र उनसे मिली। मैंने सोचा अब डांट पड़ेगी, लेकिन वो बस मुस्कुराईं और मेरी तरफ देखने लगीं। फिर अचानक बोलीं, “राहुल, आज पढ़ाई छोड़ो। कुछ और करते हैं।” उनकी आवाज़ में एक अजीब सी कामुकता थी।
मैं तो जैसे सपने में था। उनके बोलने से पहले ही मेरा हाथ अपने आप उनके मुलायम बूब्स पर चला गया। वाह! क्या एहसास था। इतने सॉफ्ट और भरे हुए कि मैं खुद को रोक ही नहीं पाया। मैंने धीरे-धीरे उनके टॉप को उतारा। उनकी ब्लैक लेस वाली ब्रा देखकर मेरा दिल ज़ोर-ज़ोर से धड़कने लगा। मैंने ब्रा का हुक खोला और उसे अपने मुँह से खींचकर उतार दिया। उनके गुलाबी निपल्स मेरे सामने थे। मैंने बिना देर किए उन्हें चूसना शुरू कर दिया। मैम की सिसकारियां कमरे में गूंजने लगीं, “आह्ह… राहुल… और…”
अब वो पूरी तरह नंगी थीं। मैंने उनके शरीर के हर हिस्से को चूमा – उनके होंठ, उनकी गर्दन, उनके बूब्स, उनकी कमर, उनकी जांघें, यहाँ तक कि उनके पैरों को भी। उनका गोरा बदन चमक रहा था, और उनकी सिसकारियां मुझे और जोश दिला रही थीं।
अब मैम की बारी थी। उन्होंने मेरे कपड़े उतारे और मेरे 8 इंच के लंड को अपने नाज़ुक हाथों में लिया। वो उसे सहलाने लगीं, फिर धीरे-धीरे अपने होंठों से चूमने लगीं। मैं कुर्सी पर बैठा था, और वो मेरे सामने झुककर मेरे लंड को चूस रही थीं। उनकी जीभ का जादू मुझे पागल कर रहा था। 15 मिनट बाद मैं झड़ गया, लेकिन मैम रुकी नहीं। दो मिनट बाद वो फिर शुरू हो गईं। इस बार वो 35 मिनट तक चूसती रहीं। वो चाहती थीं कि मैं उन्हें लंबे वक्त तक चोदूं।
फिर वो बेड पर लेट गईं। मैंने फिर से उनके बूब्स को चूसना शुरू किया। उनके बूब्स का स्वाद ऐसा था जैसे मैं किसी जन्नत में था। उनकी जांघों को चूमते हुए मैं उनकी चूत तक पहुंचा। हम 69 की पोजीशन में आ गए। उनकी चूत इतनी गीली थी कि मेरा लंड और सख्त हो गया। 15 मिनट बाद मैम चिल्लाईं, “राहुल, अब और इंतज़ार नहीं होता। डाल दो!”
मैंने अपना लंड उनकी चूत के मुँह पर रखा और एक ज़ोरदार धक्का मारा। वो चीखीं, “आह्ह्ह!” मैंने एक और धक्का मारा, और मेरा लंड पूरा अंदर चला गया। वो फिर चीखीं, “आह्ह… और जोर से!” मैं अब धीरे-धीरे अंदर-बाहर करने लगा। क्या मज़ा था! थोड़ी देर बाद हमने पोजीशन बदली। मैं कुर्सी पर बैठ गया, और वो मेरे लंड पर बैठ गईं। मैं उनके बूब्स चूस रहा था, और वो मेरे लंड पर उछल रही थीं।
हम दोनों अब पूरी तरह जंगली हो चुके थे। हम पोजीशन बदल-बदलकर सेक्स कर रहे थे। कभी मिशनरी, कभी डॉगी, कभी वो मेरे ऊपर। वो चिल्ला रही थीं, “Fuck me harder, Rahul! Eat my pussy! Fuck me more!” इस बीच वो चार बार झड़ चुकी थीं। मैं भी दो बार झड़ चुका था, लेकिन मेरा जोश कम नहीं हुआ। मैंने उन्हें करीब 70 मिनट तक चोदा। हर पोजीशन में उनकी चूत को रगड़ा।
जब मैं झड़ने वाला था, मैंने उनके बूब्स को मुँह में लिया और ज़ोर-ज़ोर से चूसा। मैम ने कहा, “अंदर मत झड़ना!” फिर उन्होंने मेरा लंड अपने मुँह में लिया और सारा कम पी गईं। हम दोनों थककर बेड पर लेट गए। वो शांत और संतुष्ट दिख रही थीं। दो घंटे की ट्यूशन की जगह हमने जो किया, वो मेरे लिए जन्नत से कम नहीं था।
उनके बूब्स, जिनके लिए मैं दिन-रात तरसता था, मेरे सामने थे। क्या नज़ारा था! उस साल मेरे एग्जाम में अच्छे मार्क्स आए। इस खुशी में हमने फिर से सेक्स किया। अब हम अक्सर मिलते हैं और वो पल दोहराते हैं। मेरे लिए ये सपने के सच होने जैसा है।