हॉट पड़ोसन हेमलता भाभी की चुदाई की कहानी
मेरी पड़ोसन हेमलता भाभी, हाय! क्या बताऊँ, वो तो बस एक हुस्न की मल्लिका हैं। तीन बच्चों की माँ होने के बावजूद उनकी काया ऐसी कि मानो अभी-अभी 18वां जन्मदिन मनाया हो। उनकी आँखों में वो शरारत, वो चंचलता, और वो गुलाबी होंठों की मुस्कान, जो किसी का भी दिल चुरा ले। उनके नए मकान में शिफ्ट होने की खबर से मोहल्ले में हलचल सी मच गई थी। मैं तो बस बहाना ढूंढता रहता था कि कब उनकी एक झलक मिल जाए।
एक दिन, मैं उनके नए घर के सामने से गुजर रहा था। तभी भाभी की नजर मुझ पर पड़ी। “अरे, राज! इधर आओ ना!” उनकी मीठी आवाज ने मुझे जैसे बांध लिया। मैं थोड़ा हिचकिचाया, लेकिन उनके बुलाने का लहजा ऐसा था कि टाल नहीं सका। उनके नए घर में कदम रखते ही मेरी नजरें उनके चेहरे पर टिक गईं। वो साड़ी में थीं, लाल रंग की साड़ी, जो उनकी गोरी कमर को और भी निखार रही थी।
हम बैठे, और बातों का सिलसिला शुरू हुआ। पुराने मोहल्ले की बातें, वो पुरानी गलियां, वो छोटी-मोटी गपशप। तभी भाभी ने अचानक पूछा, “वो जो तुम्हारी पुरानी वाली भाभी थी ना, उसका क्या हुआ?” मैंने हंसते हुए कहा, “अरे, वो तो अब मेरे साथ थोड़ा ज्यादा ही close हो गई हैं।” मेरी बात सुनकर भाभी की आँखों में एक चमक सी आई। उन्होंने मेरा हाथ पकड़ लिया और धीमी, गहरी आवाज में बोलीं, “राज, मैं भी तुमसे कुछ चाहती हूँ।”
मेरा दिल जोर-जोर से धड़कने लगा। “क्या, भाभी?” मैंने पूछा, मेरी आवाज में थोड़ी सी घबराहट थी। वो मेरे और करीब आईं, उनकी सांसें मेरे चेहरे को छू रही थीं। “मैं तुम्हें पुराने घर से ही पसंद करती थी। कई बार तुम्हें बाथरूम में नहाते देखा। उस दिन तो…” वो रुकीं, उनकी आँखें शरम से झुक गईं, “उस दिन तुम्हारा… वो… 7 इंच का… मैं तो बस दीवानी हो गई थी।”
मैं हैरान था। भाभी इतनी बेबाकी से बोल रही थीं। “भाभी, आपने कभी बताया नहीं?” मैंने कहा। वो हल्के से हंसी और बोलीं, “क्या बताती? बस चुपके-चुपके तुम्हें देखती थी। भैया का तो… बस 4 इंच का है। रात को दो-तीन धक्के मारकर सो जाते हैं, और मैं सारी रात तड़पती रहती हूँ। कई बार तो छत पर जाकर तुम्हें ढूंढती थी, लेकिन तुम कभी आए ही नहीं। फिर मैं अपनी चूत में उंगली डालकर खुद को शांत करती थी।”
उनकी बातें सुनकर मेरे बदन में आग सी लग गई। मैंने कहा, “भाभी, सच बताऊँ, मैं भी आप पर मरता हूँ।” ये सुनते ही उनकी हंसी छूट पड़ी। तभी मैंने उनका हाथ पकड़ लिया। वो मेरे हाथ को अपने मुलायम, गर्म boobs पर ले गईं। मैंने हल्के से दबाया, और वो सिसक पड़ीं। मैंने उन्हें kiss करना शुरू किया। उनके होंठ इतने रसीले थे कि मैं खो सा गया। वो भी मेरा साथ देने लगीं, जैसे बरसों की प्यास बुझ रही हो।
मैंने उन्हें गोद में उठाया और बेडरूम में ले गया। उनकी साड़ी का पल्लू सरक गया, और उनकी गहरी नाभि मेरे सामने थी। मैंने उनकी साड़ी में हाथ डाला, उनके boobs को छुआ। “भाभी, आपके boobs तो छोटे से हैं?” मैंने मजाक में कहा। वो हंसी और बोलीं, “हाँ, क्योंकि भैया इन्हें दबाते ही कहाँ हैं? रात को बस साड़ी ऊपर करके दो मिनट में फ्री हो जाते हैं। मैं तो तड़पती रहती हूँ। तुम आज मेरी सारी प्यास बुझा दो।”
मैंने उनकी साड़ी खींच दी। वो अब सिर्फ ब्लाउज और पेटीकोट में थीं। मैं उन्हें देखता ही रह गया। उनकी जवानी अभी भी वैसी ही थी, जैसे कोई 18 साल की लड़की। “भाभी, आपने ये figure कैसे maintain किया?” मैंने पूछा। वो हंस पड़ीं, “अरे, figure की चक्कर में मत पड़ो, अपना असली काम करो।”
मैंने उनके ब्लाउज के बटन खोले, और उनके boobs मेरे सामने थे। मैंने उन्हें जोर-जोर से दबाना शुरू किया। वो सिसकियां लेने लगीं, “हाँ… ऐसे ही… थोड़ा और जोर से…” मैंने उनकी ब्रा उतारी और उनके निप्पल्स को चूमा। वो पागल सी हो गईं। “राज, तुम भी अपने कपड़े उतारो,” उन्होंने कहा। मैंने अपनी पैंट उतारी, और भाभी ने मेरी शर्ट के बटन खोल दिए।
अब हम दोनों पूरी तरह नंगे थे। भाभी ने मेरा लंड पकड़ा और उसे नापने लगीं। “हाय, ये तो सचमुच 7 इंच का है। भैया का तो बस 4 इंच… आज तो मजा आएगा।” वो मेरे लंड को सहलाने लगीं, और फिर उसे अपने मुंह में ले लिया। उनकी गर्म सांसें, उनकी जीभ का जादू, मैं तो पागल हो गया। कुछ ही पलों में मैं उनके मुंह में झड़ गया।
“अरे, इतनी जल्दी?” भाभी ने हंसते हुए कहा। “कोई बात नहीं, मैं तुम्हें फिर से गरम कर देती हूँ।” वो फिर से मेरे लंड को चूसने लगीं। मैं जल्दी ही फिर से तैयार हो गया। मैंने अपना लंड उनकी चूत पर रगड़ना शुरू किया। वो जोर-जोर से सांस लेने लगीं, “हाय… डाल दो… और मत तड़पाओ…”
मैंने हल्का सा धक्का मारा, मेरा लंड उनकी चूत में 2 इंच तक गया। वो चीख पड़ीं, “हाय, कितना मोटा है… भैया का तो ऐसा नहीं…” मैंने जोश में आकर और जोर से धक्का मारा। वो उछल पड़ीं, उनकी गर्दन इधर-उधर होने लगी। “थोड़ा और जोर से…” वो चिल्लाईं। मैंने एक आखिरी धक्का मारा, और मेरा पूरा लंड उनकी चूत में समा गया।
वो नीचे से धक्के देने लगीं, और मैं भी पूरे जोश में था। कमरा उनकी सिसकियों और मेरी सांसों की आवाज से गूंज रहा था। “हाँ… राज… ऐसे ही… चोदो मुझे…” वो चिल्ला रही थीं। 15 मिनट तक मैं उन्हें उछाल-उछाल कर चोदता रहा। तभी मुझे लगा कि मैं झड़ने वाला हूँ। “भाभी, मैं…” मैंने कहा।
“रुको!” भाभी ने कहा, और मुझे अपने ऊपर से हटाया। “आज मैं तुम्हें पूरा मजा दूँगी।” वो मेरे ऊपर चढ़ गईं और मेरे लंड को अपनी चूत में ले लिया। वो ऊपर-नीचे होने लगीं, उनके boobs मेरे सामने उछल रहे थे। मैंने उनके boobs पकड़े और जोर-जोर से दबाए। वो और तेजी से उछलने लगीं।
“हाय… राज… मैं झड़ने वाली हूँ…” वो चीखीं, और उनकी चूत ने मेरे लंड को जकड़ लिया। उसी पल मैं भी झड़ गया। हम दोनों एक-दूसरे की बाहों में पड़े रहे, हमारी सांसें अभी भी तेज थीं।
“राज, तुमने मेरी सारी प्यास बुझा दी,” भाभी ने कहा, और मेरे होंठों पर एक लंबा kiss किया। “अब जब भी मौका मिले, मेरी आग को शांत करना।”
मैंने हंसते हुए कहा, “भाभी, ये तो बस शुरुआत है।”