पड़ोस की शीला भाभी की रसीली चूत की चुदाई
हाय दोस्तों, मैं हूँ संजय, बारीपदा, ओडिशा से। ये मेरी सबसे हॉट और रियल स्टोरी है, जो मेरे दिल की गहराइयों से निकली है। बात उस दौर की है जब मैं 19 साल का जवान लड़का था, और मेरे पड़ोस में रहती थीं शीला भाभी। शीला भाभी, जिनकी उम्र महज 25 साल थी, मगर उनकी कातिलाना फिगर और हुस्न ऐसा कि कोई भी मर्द बस देखता रह जाए। उनके बड़े-बड़े बूब्स, पतली कमर और गोल-मटोल चूतड़ देखकर मेरा दिल हर बार बेकाबू हो जाता था। उनका हसबैंड हार्डवेयर की दुकान चलाता था और रात को देर से घर लौटता था। शीला भाभी अक्सर हमारे घर माँ से मिलने आती थीं। जब भी उनकी नजर मुझ पर पड़ती, उनकी आँखों में एक शरारती चमक और होंठों पर सेक्सी स्माइल खेलने लगती। उनकी वो नजाकत भरी बातें और इशारों से भरी मुस्कान मेरे जिस्म में आग लगा देती थी।
वो दोपहर, जब सब शुरू हुआ
एक दिन दोपहर का वक्त था। माँ किचन में व्यस्त थीं, और मैं हॉल में टीवी देख रहा था। तभी शीला भाभी हमारे घर आईं। उन्होंने एक किताब मेरी ओर बढ़ाई और धीमी, सेक्सी आवाज में बोलीं, “संजय, इसे पढ़ो और आज शाम को मेरे घर आना। मेरे हसबैंड आज लेट आएंगे।” उनकी बातें सुनकर मेरे दिल की धड़कनें तेज हो गईं। वो पलटकर चली गईं, और उनकी चाल में वो नशा था कि मैं बस देखता रह गया। मैंने किताब खोली तो देखा, उसमें हॉट और इरॉटिक स्टोरीज थीं, कुछ पेजों पर ब्लू पिक्चर्स भी थीं। मेरा दिमाग घूम गया। मैं समझ गया कि आज रात कुछ खास होने वाला है।
शाम को मैंने खुद को तैयार किया। अच्छा परफ्यूम लगाया, बाल संवारे और दिल में एक अजीब सी हलचल लिए उनके घर की ओर चल पड़ा। डर भी था कि कहीं कोई देख न ले, मगर भाभी की वो सेक्सी आवाज और इशारा मेरे दिमाग में बार-बार घूम रहा था। मैंने उनके घर का दरवाजा खटखटाया। भाभी ने तुरंत दरवाजा खोला। वो लाल रंग की ट्रांसपेरेंट सिल्क साड़ी में थीं, जिसमें उनकी कर्व्स और भी ज्यादा हॉट लग रही थीं। उनकी डीप क्लीवेज और गोरी कमर साफ दिख रही थी। मुझे देखकर वो हल्के से हंसीं और बोलीं, “आ गए मेरे राजा? देर तो नहीं की ना?” उनकी आवाज में वो सेक्सी पुकार थी, जो मेरे जिस्म में करंट दौड़ा रही थी।
वो रात, जब हदें टूटीं
भाभी ने मुझे अंदर बुलाया और दरवाजा लॉक कर दिया। कमरे में हल्की रोशनी थी, और माहौल में एक अजीब सा जादू। वो मेरे पास आईं और अपनी गहरी आँखों से मुझे देखते हुए बोलीं, “संजय, तुम मुझे बहुत अच्छे लगते हो। तुम्हारी वो जवान मस्ती, तुम्हारा स्टाइल… मुझे पागल कर देता है।” उनकी बातें सुनकर मेरा खून गर्म होने लगा। अचानक उन्होंने मेरा हाथ पकड़ा और मेरे लंड पर रख दिया। धीरे-धीरे मसलते हुए वो बोलीं, “क्या बात है, संजय… इतना हार्ड?” मेरा 7 इंच का लंड पल में टाइट हो गया। भाभी ने उसे देखा और शरारती अंदाज में बोलीं, “वाह! इतना बड़ा और मोटा लंड? संजय, तुम तो रियल मर्द हो!”
उनकी बातें मेरे जिस्म में आग लगा रही थीं। फिर वो बोलीं, “आज रात तू मेरा मेहमान है। मेरे हसबैंड को आने में टाइम है, और मैं तुझसे वो सब कुछ चाहती हूँ जो एक औरत को चाहिए।” मैं थोड़ा डर रहा था, मगर भाभी का टच मेरे सारे डर को उड़ा रहा था। उन्होंने मेरी पैंट खोली और मेरा लंड बाहर निकाल लिया। फिर बिना देर किए, वो घुटनों के बल बैठ गईं और मेरे लंड को अपने गर्म, रसीले मुँह में ले लिया। उनका जीभ मेरे लंड पर जादू कर रही थी। वो कभी चूसतीं, कभी जीभ से चाटतीं, और कभी गहरे गले तक ले जातीं। मैं सातवें आसमान पर था। उनकी सिसकारियाँ और वो हल्की-हल्की “म्म्म…” की आवाजें कमरे में गूंज रही थीं।
अंधेरे में और भी बेकाबू
तभी अचानक लाइट चली गई। अंधेरे में भाभी और भी वाइल्ड हो गईं। उन्होंने मेरे सारे कपड़े उतार दिए और खुद भी अपनी साड़ी खोल दी। उनकी नंगी बॉडी देखकर मेरे होश उड़ गए। उनके बड़े, रसीले बूब्स, टाइट निप्पल्स और गोल-गोल चूतड़ मेरे सामने थे। मैंने उनका पेटी उतारा तो उनकी चूत देखकर पागल हो गया। इतनी गोरी, रसीली और क्लीन शेव्ड चूत! मैंने बिना देर किए उनकी चूत को चाटना शुरू कर दिया। मेरी जीभ उनकी चूत के दाने को छू रही थी, और भाभी सिसकारियाँ ले रही थीं, “आह्ह्ह… संजय… और जोर से… उफ्फ्फ… तू तो जादूगर है!” उनकी आवाजें मुझे और उकसा रही थीं। मैंने उनकी चूत को 15 मिनट तक चाट-चाटकर और गीला कर दिया। वो बार-बार अपनी कमर हिलाकर मेरे मुँह में अपनी चूत रगड़ रही थीं।
चुदाई का तूफान
अब बर्दाश्त नहीं हो रहा था। मैंने भाभी को बिस्तर पर लिटाया। वो पूरी तरह तैयार थीं, उनकी चूत गीली और गर्म थी। मैंने अपना 7 इंच का लंड उनकी चूत पर रखा। भाभी ने अपनी टांगें मेरी कमर के चारों ओर लपेट लीं और मुझे जोर से अपनी ओर खींच लिया। मेरा पूरा लंड एक ही झटके में उनकी चूत में समा गया। भाभी के मुँह से निकला, “आह्ह्ह… संजय… कितना मोटा और गर्म है तेरा लंड!” मैंने जोर-जोर से धक्के मारने शुरू किए। उनकी चूत इतनी गीली थी कि मेरा लंड आसानी से अंदर-बाहर हो रहा था। मैं उनके बूब्स को जोर-जोर से मसल रहा था, उनके निप्पल्स को चूस रहा था। भाभी की सिसकारियाँ कमरे में तूफान ला रही थीं, “उफ्फ्फ… जोर से… और जोर से… फाड़ दे मेरी चूत… आह्ह्ह…”
लगभग 25 मिनट तक मैंने उन्हें अलग-अलग पोजीशन में चोदा। कभी मिशनरी, कभी डॉगी, तो कभी वो मेरे ऊपर चढ़कर अपनी कमर हिला-हिलाकर मेरा लंड ले रही थीं। उनकी चूत मेरे लंड को कसकर पकड़ रही थी। मैंने महसूस किया कि मेरा डिस्चार्ज होने वाला है। भाभी को भी अंदाजा हो गया। उन्होंने मुझे और जोर से दबाया और बोलीं, “अंदर ही छोड़ दे, संजय… मुझे तेरा गर्म माल चाहिए…” मैंने तेजी से धक्के मारे और अपना सारा माल उनकी चूत में छोड़ दिया। भाभी मजे से चिल्ला रही थीं, “आह्ह्ह… उफ्फ्फ… कितना गर्म है… और दे मुझे!”
वो आखिरी पल
जब मैंने अपना लंड बाहर निकाला, तो उनकी चूत ने उसे कसकर पकड़ रखा था। मैं पूरी तरह थक गया था, मगर भाभी की आँखों में अभी भी वासना की चमक थी। उन्होंने मुझे गले लगाया और बोलीं, “संजय, तुमने मुझे जन्नत की सैर करा दी। कल फिर आना, जब मैं तुम्हें इशारा करूँ।” उनकी वो सेक्सी आवाज और गर्म साँसें मेरे कानों में गूंज रही थीं।
तो दोस्तों, कैसी लगी मेरी शीला भाभी की चुदाई की कहानी? ये रात मेरे लिए जिंदगी का सबसे हॉट एक्सपीरियंस थी। अगर कोई भाभी, लड़की या आंटी मुझसे बात करना चाहती है, तो मुझे कॉन्टैक्ट करें।