गावं की गर्म भाभी की चुदाई
पढ़ें एक रोमांचक हिंदी देवर-भाभी सेक्स स्टोरी, जिसमें राहुल अपनी खूबसूरत और सेक्सी भाभी सुमन के साथ गांव में अंतरंग पलों को साझा करता है। यह सच्ची कहानी प्यार, वासना और गुप्त रिश्ते की है।
हैलो दोस्तों, कैसे हो आप लोग? दोस्तों मेरा नाम राहुल है और मैं ठाणे का रहने वाला हूँ, जो मुंबई के पास है। तो चलिए, मैं अपनी कहानी शुरू करता हूँ।
ये हिंदी देवर-भाभी सेक्स स्टोरी इसी साल की है, जब मैं अपने गांव गया था। गांव पहुँचते ही ढेर सारे लोग मेरी मम्मी से मिलने आए, क्योंकि हम सब काफ़ी लंबे समय बाद वहाँ गए थे। गांव में मैं इधर-उधर घूमने निकल जाता था। पास के एक गांव में मेरी एक भाभी रहती थी, जिसका नाम सुमन है। उसकी उम्र 29 साल है और वो दिखने में बहुत खूबसूरत और शर्मीली है। वो सबके साथ घुलमिल कर रहती थी और सबसे प्यार से बात करती थी। उसका दिल बहुत साफ़ था, उसमें ज़रा भी घमंड नहीं था। उसका एक बच्चा है, जिसका नाम राज है।
सुमन मेरी दूर की भाभी लगती थी। मैं रोज़ उसके घर जाता और 1-2 घंटे वहाँ टाइम स्पेंड करता। मेरे मन में कभी भी भाभी के बारे में कोई गलत ख्याल नहीं आया था, लेकिन ना जाने कैसे मेरा दिल भाभी की तरफ़ खिंच गया। फिर जो नहीं होना चाहिए था, वो हो गया। एक दिन जब मैं भाभी के घर जा रहा था, तो मैंने भाभी को बाथरूम में सिर्फ़ ब्लाउज़ और पेटीकोट में जाते हुए देख लिया। मैं धीरे-धीरे बाथरूम के पास गया और दरवाज़े की झिरी से भाभी को ब्लाउज़ और पेटीकोट उतारते हुए देखा। उनके बड़े-बड़े बूब्स साफ़ नज़र आ रहे थे। उनके बूब्स का साइज़ 34 था और उनकी चूत पर एक भी बाल नहीं था। उनकी चूत एकदम चिकनी और गुलाबी लग रही थी। ये देखते ही मेरा लंड तन गया। मेरा लंड 8 इंच का है। फिर मैंने वहीं खड़े-खड़े लंड हिलाना शुरू कर दिया और देखते ही देखते मेरे लंड से पानी निकल गया। इसके बाद मैं चुपके से रूम में गया और उनके बच्चे के साथ खेलने लगा। जब भाभी नहाकर बाहर आईं, तो काली साड़ी में वो कयामत लग रही थीं। मैं उन्हें सामने के शीशे में मेकअप करते, बाल बनाते और पाउडर लगाते हुए देखता रहा।
अचानक उनकी नज़र मुझ पर पड़ी और वो बोलीं, “घूर-घूर कर क्या देख रहे हो?” मैंने कहा, “भाभी, आप इस काली साड़ी में बहुत सुंदर और सेक्सी लग रही हो।” उन्होंने मुझे एक स्माइल दी और बोलीं, “सुंदर तो मैं हूँ ही, तभी तो आपके भैया ने मुझसे शादी की, वरना कहाँ वो मुझसे शादी करते।” मैंने कहा, “वो तो सही बात है।” फिर भाभी मेरे लिए चाय लाईं और हम दोनों चाय पीते हुए इधर-उधर की बातें करने लगे। अचानक भाभी ने कहा, “राहुल, एक बात पूछूँ तो नाराज़ नहीं होगे?” मैंने कहा, “बोलिए भाभी, आप मुझसे बड़ी हैं, इसमें नाराज़ होने की क्या बात है।” फिर भाभी ने पूछा, “क्या मुंबई में तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड है?” मैंने कहा, “नहीं भाभी।” उन्हें यकीन नहीं हुआ। मैंने फिर कहा, “भाभी, सच कह रहा हूँ, मेरी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है।”
भाभी बोलीं, “तुम इतने साल से मुंबई में हो और तुम्हारी एक भी गर्लफ्रेंड नहीं है?” मैंने कहा, “नहीं है।” काफ़ी समझाने के बाद भाभी को यकीन हो गया। फिर मैंने पूछा, “भाभी, आपकी शादी से पहले आपकी लाइफ में कोई बॉयफ्रेंड था?” भाभी ने कहा, “नहीं, लेकिन कॉलेज में एक लड़का मेरे पीछे था। मैंने उसे सिर्फ़ एक अच्छा दोस्त माना और कहा कि हम ज़िंदगी भर सिर्फ़ दोस्त रहेंगे, बॉयफ्रेंड-गर्लफ्रेंड नहीं। वो मान गया।” मैंने पूछा, “और कोई नहीं था क्या?” उन्होंने कहा, “नहीं।” फिर भाभी ने मुझसे पूछा, “क्या मैं सच में इतनी सुंदर और सेक्सी हूँ कि तुमने मेरी इतनी तारीफ की?” मैंने कहा, “भाभी, आप तारीफ के लायक हो, इसलिए मैंने की।”
उन्होंने मुझे थैंक्स कहा और किचन में जाकर खाना लाईं। हम दोनों खाने लगे। खाते वक़्त मेरी नज़र बार-बार उनके बूब्स पर जा रही थी। वो समझ गईं, लेकिन कुछ नहीं बोलीं। थोड़ी देर बाद उन्होंने कहा, “क्या देख रहे हो? चुपचाप खाना खाओ।” खाना खत्म होने के बाद हम दोनों और उनका बच्चा आराम करने लगे। तभी भाभी बोलीं, “खाना खाते वक़्त तुम घूर-घूर कर क्या देख रहे थे?” मैं डर गया और चुप रहा। वो बोलीं, “इस उम्र में ऐसा होता है, लेकिन मैं तुम्हारी भाभी हूँ।” मैंने कहा, “भाभी, आप भी एक औरत हो और मैं एक मर्द। औरत और मर्द के बीच चूत और लंड का रिश्ता होता है। वैसे भी, भैया तो आपकी चुदाई महीनों से नहीं करते। मुझे पता है आप काफ़ी दिनों से प्यासी हो।” भाभी बोलीं, “वो कैसे?” मैंने कहा, “जब आप बाथरूम में नहा रही थीं और चूत में उंगली कर रही थीं, तभी मैं समझ गया कि आपकी चूत को लंड की ज़रूरत है।” भाभी बोलीं, “अगर हमारे रिश्ते की बात किसी को पता चल गई तो?” मैंने कहा, “किसी को कुछ नहीं पता चलेगा। मैं कुछ दिनों के लिए आया हूँ, फिर चला जाऊँगा। जब तक हूँ, आपकी प्यास बुझाता रहूँगा।” भाभी बोलीं, “ठीक है, किसी को मत बताना।” मैंने प्रॉमिस किया।
फिर हम दोनों एक-दूसरे से चिपक गए और 15 मिनट तक एक-दूसरे के होंठ चूमते रहे। इसके बाद हम दोनों नंगे हो गए। भाभी ने मेरा मोटा, 8 इंच का लंड देखा तो खुश हो गईं और बोलीं, “इसके पापा का भी इतना मोटा और लंबा नहीं है।” वो मेरा लंड चूसने लगीं। मुझे जन्नत का मज़ा आ रहा था। 10 मिनट बाद मैं उनके बूब्स चूसने लगा। वो “सीईईईई… अह्ह्ह” की आवाज़ें निकालने लगीं और कहने लगीं, “चूसो मेरे निप्पल, चूसो।” फिर मैं उनकी चूत में जीभ डालकर चाटने लगा। वो सिसकियाँ लेने लगीं, “अह्ह्ह… माँ… मर गई… ऊऊऊ…” उनकी आवाज़ बढ़ने लगी। मैंने उनके होंठ चूमकर उनकी आवाज़ दबा दी। 20 मिनट चूत चाटने के बाद उनकी चूत से पानी निकल गया। मैंने सारा पानी पी लिया। फिर हम 69 पोज़िशन में आ गए। मैं उनकी चूत चाटने लगा और वो मेरा लंड चूसने लगीं।
थोड़ी देर बाद मैंने उनकी चूत में ज़ोर से लंड डाला। वो “उईई माँ, मर गई” कहकर चीखीं। मैं 5 मिनट शांत रहा, फिर धीरे-धीरे लंड अंदर-बाहर करने लगा। उन्हें मज़ा आने लगा। वो “ऊईई… आह्ह्ह” की आवाज़ें निकाल रही थीं और कह रही थीं, “और ज़ोर से चोदो, मैं सालों से प्यासी हूँ। आज मेरी प्यास बुझा दो।” 20 मिनट चुदाई के बाद मैंने उनकी चूत में वीर्य छोड़ दिया। फिर मैंने कहा, “भाभी, मैं आपकी गांड मारना चाहता हूँ।” वो खुश हो गईं और मेरा लंड चूसने लगीं। मैंने उनकी गांड में तेल डाला और चोदना शुरू किया। वो “ऊऊ… ईईई… आआअ” की आवाज़ें निकाल रही थीं। 10 मिनट बाद मैंने उनकी गांड में वीर्य छोड़ दिया।
जब तक मैं गांव में था, रोज़ भाभी की चुदाई करता रहा। आज वो प्रेग्नेंट हैं। भैया को लगता है कि उनका बच्चा है, लेकिन हमें पता है कि पेट में मेरा बच्चा है। इस फरवरी में भाभी एक महीने के लिए हमारे यहाँ आ रही हैं। मैं उनका इंतज़ार कर रहा हूँ कि कब वो आएँगी और कब मैं फिर से उनकी चुदाई करूँगा।