Wife Sexमाँ की चुदाई

मेरे मम्मी-पापा की रसीली चुदाई

मेरा नाम अमन है, और आज मैं आपको अपने मम्मी-पापा की उस रसीली चुदाई की कहानी सुनाने जा रहा हूँ, जिसे देखकर मेरे दिल की धड़कनें थम सी गई थीं। वो पल मेरे जीवन का सबसे हसीन और कामुक लम्हा था, जो मेरे दिमाग में आज भी ताज़ा है।

ये बात तब की है जब मैं स्कूल में पढ़ता था। हम तीनों—मैं, मम्मी और पापा—एक ही कमरे में सोया करते थे। रात का समय था, करीब 12 बजे। मैं केवल चड्डी में सो रहा था। अचानक एक हल्की-सी हलचल ने मेरी नींद तोड़ दी। मैंने आँखें खोलीं और देखा कि बगल में पापा पूरी तरह नंगे लेटे थे। उनका मज़बूत, नंगा बदन चाँदनी रात में चमक रहा था। पास ही मम्मी थीं, वो भी बिल्कुल नंगी, उनकी मुलायम त्वचा रेशम-सी चमक रही थी।

पापा मम्मी को बेतहाशा चूम रहे थे। उनकी उंगलियाँ मम्मी की चूत के साथ खेल रही थीं, धीरे-धीरे उसे सहलाते हुए। मम्मी की सिसकारियाँ कमरे में गूँज रही थीं—आह्ह… उह्ह…। पापा ने धीरे से मम्मी के भरे हुए दूध अपने मुँह में ले लिए और उन्हें चूसने लगे। उनकी उंगलियाँ अब चूत को मसल रही थीं। पापा ने मम्मी के कान में फुसफुसाया, “मेरी जान, तेरी चूत इतनी मुलायम है, इसे तो मैं सारी रात मसलता रहूँ।” मम्मी शरमा रही थीं, पर उनकी आँखों में वो कामुक चमक थी, जो मज़े की गवाही दे रही थी।

थोड़ी देर बाद पापा नीचे सरक गए और मम्मी की चूत को चाटने लगे। उनके दोनों हाथ मम्मी के दूध को मसल रहे थे, और मम्मी की सिसकारियाँ अब और तेज़ हो गई थीं—आह्ह… ओह्ह…। मम्मी की पायल हल्की-हल्की छनछन कर रही थी, जो उस माहौल को और भी रसीला बना रही थी। पापा ने मम्मी को बैठाया और बोले, “अब मेरे लंड को प्यार करने की बारी है, मेरी रानी।” मम्मी ने शरमाते हुए कहा, “अरे, धीरे से… अमन बगल में सो रहा है।” पापा हँसे, “अरे, थोड़ा-सा मज़ा लेने से क्या होगा? चूस दे ना, वरना चुदाई कैसे होगी?” मम्मी ने मुस्कुराते हुए कहा, “ठीक है, जल्दी से चोद लो। कल सुबह जब अमन स्कूल जाएगा, तब जी भरके चोद लेना।”

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मम्मी ने पापा का मोटा, तना हुआ लंड अपने मुलायम होंठों के बीच लिया और चूसने लगीं। उनकी जीभ लंड के सिरे पर ऐसे घूम रही थी जैसे वो कोई लॉलीपॉप चाट रही हों। फिर मम्मी लेट गईं, और पापा ने उनका कमर पकड़कर अपनी तरफ खींचा। पापा ने लंड को मम्मी की गीली चूत पर रखा और धीरे-धीरे धक्के मारने शुरू किए। कमरा उनकी चुदाई की आवाज़ों से भर गया—थप-थप-थप। पापा मम्मी को चूमते हुए चोद रहे थे, और मम्मी की पायल की छनछन उस रसीले माहौल को और मादक बना रही थी।

अचानक पापा ने स्पीड बढ़ा दी। वो मम्मी के दूध मसलते हुए ज़ोर-ज़ोर से धक्के मारने लगे। मम्मी की टाँगें हवा में थीं, और वो सिसकार रही थीं, “आह्ह… मेरे राजा… और ज़ोर से…”। पापा का पसीना मम्मी के नंगे बदन पर टपक रहा था। थोड़ी देर बाद पापा झड़ गए और मम्मी के ऊपर ही ढेर हो गए। दोनों नंगे, एक-दूसरे से लिपटे हुए सो गए।

अगले दिन मैं स्कूल चला गया, पर मेरे दिमाग में वही रात की चुदाई घूम रही थी। मम्मी की सिसकारियाँ, पापा का नंगा बदन, और वो रसीला माहौल—सब कुछ मेरे कानों में गूँज रहा था। अगली रात मैं फिर वैसा ही मज़ा देखने को बेताब था, पर उस रात पापा ने सिर्फ़ मम्मी की चूत में उंगली की और दोनों सो गए। मगर अगले दिन स्कूल की छुट्टी थी, और मैंने सोच लिया कि अब दिन में उनकी चुदाई देखूँगा।

सुबह 8 बजे मैं बाहर खेलने के बहाने निकल गया। मम्मी से कहा कि दोपहर तक लौटूँगा, पर आधे घंटे में ही मैं चुपके से घर की छत पर आ गया। वहाँ से मैंने मम्मी-पापा को ढूँढना शुरू किया। करीब 10 बजे मैंने देखा कि मम्मी और पापा कमरे में नंगे बैठे थे। पापा केला खा रहे थे, और मम्मी उनकी गोद में बैठी थीं। मम्मी ने माथे पर सिंदूर, गले में माला, चूड़ियाँ, और पायल पहन रखी थी। उनकी चिकनी, मुलायम गांड और साफ़ चूत देखकर मेरा दिल धक-धक करने लगा। वो किसी अप्सरा से कम नहीं लग रही थीं।

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पापा ने मम्मी को चूमना शुरू किया। फिर मम्मी नीचे झुकीं और पापा का लंड चूसने लगीं। वो इतने प्यार और मज़े से चूस रही थीं जैसे कोई पेशेवर रंडी हो। पापा मम्मी की गांड सहलाते हुए बोल रहे थे, “चूस मेरी रानी, और ज़ोर से चूस।” वो कभी मम्मी की चूत मसलते, कभी उनकी गांड को प्यार से सहलाते। मम्मी की सिसकारियाँ कमरे में गूँज रही थीं।

फिर पापा ने मम्मी की कमर पकड़ी और उनकी चूत अपने मुँह में ले ली। दोनों अब 69 की पोज़ीशन में थे। पापा ने अपनी उंगली मम्मी की गांड में डाली और फिंगरिंग शुरू कर दी। मम्मी समझ गईं और तुरंत कुत्तिया बन गईं। पापा ने उनकी कमर पकड़ी और लंड डालकर ताबड़तोड़ चुदाई शुरू कर दी। कमरा थप-थप की आवाज़ों से गूँज उठा। पापा कभी मम्मी के बाल खींचते, कभी उनकी गांड को प्यार से सहलाते। मम्मी चिल्ला रही थीं, “चोदो मेरे राजा… फाड़ दो मेरी चूत… आह्ह… और ज़ोर से!” उनकी पायल की छनछन और चूड़ियों की खनक उस माहौल को और रसीला बना रही थी।

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थोड़ी देर बाद पापा का लंड बाहर निकला। मम्मी तुरंत बैठ गईं और पापा का लंड फिर से मुँह में ले लिया। पापा ने मम्मी के बाल पकड़े और उनके मुँह में चोदने लगे। फिर पापा ने अपना सारा पानी मम्मी के मुँह में छोड़ दिया। मम्मी ने उसे पी लिया और लंड को चाट-चाटकर साफ़ कर दिया।

इसके बाद मम्मी पापा के ऊपर चढ़ गईं और उन्हें चोदने लगीं। दोनों एक-दूसरे को बेतहाशा चूम रहे थे। मैंने देखा कि पापा का लंड फिर से खड़ा हो गया। मम्मी ने उसे थोड़ा और चूसा, और अब वो फिर से चुदाई के लिए तैयार था। तभी पापा बेड से उतरे और मम्मी को खरगोश की तरह पोज़ीशन में लाया। पापा ने मम्मी की गांड के छेद पर थोड़ा थूका और लंड डालकर गांड चोदने लगे। शुरू में धीरे-धीरे, फिर तेज़ी से। वो मम्मी की गांड को प्यार से सहलाते, कभी उनके दूध मसलते। मम्मी सिसकार रही थीं, “आह्ह… मेरे राजा… और ज़ोर से…।”

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थोड़ी देर बाद पापा झड़ गए और मम्मी की गांड में पानी छोड़ दिया। मैंने देखा कि मम्मी की गांड से सफ़ेद पानी चूत तक बह रहा था। फिर दोनों नहाने चले गए। मैं भी चुपके से दरवाजे से अंदर आ गया।

ये थी मेरे मम्मी-पापा की वो रसभरी, कामुक चुदाई, जिसने मेरे दिल में एक अलग ही आग जला दी। उनकी वो सिसकारियाँ, वो रसीला माहौल, और वो बेतहाशा प्यार—सब कुछ आज भी मेरे दिमाग में बस्ता है।