हिंदी सेक्स स्टोरी

शादी में पंजाबी भाभी की हॉट सेक्स कहानी

ये कहानी मेरे जीवन की एक ऐसी रात की है, जिसने मेरी सोच और जिंदगी को पूरी तरह बदल दिया। मैं, एक 22 साल का लड़का, जो उस वक्त तक वर्जिन था, एक ऐसी घटना में फंस गया, जिसने मुझे न सिर्फ शारीरिक सुख की गहराइयों में ले गया, बल्कि मेरे मन को भी एक नई उड़ान दी। ये दिसंबर की ठंडी रातों की बात है, जब मैं अपने दोस्त की बहन की शादी में लुधियाना गया था। मेरी ये कहानी पूरी तरह सच्ची है, और मैं इसे आपसे हिंदी में, थोड़े हिंग्लिश टच के साथ, उसी सेक्सी और नेचुरल फ्लो में शेयर कर रहा हूँ, जो उस पल में मैंने महसूस किया।

मैं बठिंडा से हूँ, और मेरा दोस्त, जो लुधियाना में रहता है, ने मुझे अपनी बहन की शादी के लिए एक हफ्ते पहले बुलाया। उसने कहा, “यार, थोड़ी हेल्प चाहिए।” मैं बिना देर किए निकल पड़ा। जब मैं उसके घर पहुंचा, तो वहाँ सिर्फ चार लोग थे—वो, उसकी माँ, उसकी बीवी प्रियंका, और उसकी बहन सानिया। सानिया को देखते ही मेरे होश उड़ गए। वो किसी बॉलीवुड एक्ट्रेस से कम नहीं थी—गोरी, लंबे बाल, कातिलाना आँखें, और 36D की परफेक्ट फिगर। उसकी स्माइल में एक अजीब सी मस्ती थी, जो मुझे तुरंत भा गई।

पहली मुलाकात में ही सानिया ने मुझसे मजाक शुरू कर दिया। “मेरी फ्रेंड्स पूछती हैं, ये हैंडसम लड़का कौन है?” उसने हँसते हुए कहा। मैंने भी मस्ती में जवाब दिया, “तो तुम्हें मैं कैसा लगा?” वो हँसी, और बात यहीं खत्म हो गई। लेकिन अगले कुछ दिनों में वो मेरे साथ और बोल्ड हो गई। वो अकेले में मुझसे नॉटी बातें करती, मेरी गर्लफ्रेंड के बारे में पूछती, और जब मैंने कहा कि मेरे पास कोई नहीं है, तो उसकी आँखों में एक चमक सी आई।

शादी में दो दिन बाकी थे। घर में रिश्तेदारों की भीड़ थी, और हम सब छत पर डांस कर रहे थे। रात को सब वहीं सो गए। सानिया मेरे पास ही लेटी थी। मैं उसे देख रहा था—उसकी सलवार-कमीज में उसका फिगर और भी सेक्सी लग रहा था। उसकी नाभि, उसके कर्व्स, सब कुछ मुझे पागल कर रहा था। मेरे अंदर एक अजीब सी हलचल शुरू हो गई। मेरा लंड टाइट होने लगा। मैंने हिम्मत जुटाई और धीरे-से अपना हाथ उसकी नाभि पर रखा। वो सो रही थी, या शायद मुझे ऐसा लगा।

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मेरा दिल जोर-जोर से धड़क रहा था। मैंने धीरे-धीरे अपना हाथ उसकी छाती की ओर बढ़ाया। उसकी ब्रा के ऊपर से मैंने उसके बूब्स को टच किया—36D, सॉफ्ट और फर्म। मैंने हल्के-हल्के उन्हें दबाना शुरू किया। डर भी लग रहा था कि कोई देख न ले, या वो चिल्ला न दे। लेकिन वो नहीं जागी। मैं और बोल्ड हो गया। मैंने उसकी कमीज़ में हाथ डाला, उसकी ब्रा को हल्का सा खींचा, और उसके बूब्स को चूसने लगा। उसका निप्पल पिंक था, जो मेरे चूसने से लाल हो गया। मैंने उसकी सलवार में भी हाथ डाला। उसकी पैंटी के ऊपर से उसकी चूत को टच किया। वो पूरी तरह बालों से भरी थी। मैंने उसकी सलवार को थोड़ा नीचे किया और अपनी उंगली उसकी चूत में डाल दी। वो गीली थी, और मेरी उंगली आसानी से अंदर चली गई।

तभी अचानक किसी के जगने की आहट हुई। सुबह के 6 बज चुके थे। मैं डर गया और अपना हाथ हटा लिया। लेकिन उस रात का मजा मेरे दिमाग में बस गया।

अगले दिन सानिया की स्माइल में कुछ अलग था। दोपहर को जब हम अकेले थे, उसने मुझसे सेक्स की बात शुरू की। मैंने मजाक में कहा, “शादी के बाद तू सब टेस्ट कर लेगी।” उसका जवाब सुनकर मेरे होश उड़ गए। उसने कहा, “प्रैक्टिस तो कल रात ही हो गई।” मैंने हैरानी से पूछा, “क्या तू जाग रही थी?” उसने मुस्कुराते हुए कहा, “पूरी रात नहीं सोई, तुझसे कुछ सीख रही थी।” मैंने पूछा, “मजा आया?” वो शरमाते हुए बोली, “बहुत मजा आया, तभी तो करवा रही थी। लेकिन शर्म के मारे कुछ बोली नहीं।”

मैंने कहा, “आज शर्माना मत।” उस रात मैं बस इंतज़ार कर रहा था।

रात को डांस के बाद हम फिर छत पर सोने गए। मैं और सानिया पास-पास लेटे थे। थोड़ी देर बाद मैं उसकी चादर में घुस गया। मैंने उसकी सलवार नीचे की, और हैरानी की बात—उसने आज पैंटी नहीं पहनी थी। उसने कहा, “कोई दीवार नहीं चाहिए थी, इसलिए आज चड्डी नहीं पहनी।” उसने मेरा हाथ अपनी चूत पर रखा और बोली, “आज पूरा मजा देना, कल की तरह बीच में मत छोड़ देना। आज मैंने बाल भी साफ कर दिए हैं।”

मैंने उसकी कमीज़ और ब्रा उतारी। उसके बूब्स को चूसना शुरू किया। वो इतने टेस्टी थे, और उसका निप्पल अब और सख्त हो गया था। मैं उसे हर जगह चूम रहा था। वो भी मेरे लंड को मेरे शॉर्ट्स के ऊपर से पकड़ रही थी। मैंने कहा, “इसे बाहर निकाल।” वो थोड़ा शरमाई, लेकिन फिर उसने मेरा लंड बाहर निकाला। वो रॉक हार्ड था। मैंने कहा, “इसे चूमो।” उसने मना किया, लेकिन मैंने उसे नीचे से चूमना शुरू किया—उसके पैरों से, घुटनों से, जांघों से, और फिर उसकी साफ चूत पर। मैंने उसे इतनी जोर से चूसा कि वो पागल हो गई। वो चिल्ला रही थी, “प्लीज, मुझे चोदो, अंदर आ जाओ, मैं झड़ रही हूँ!”

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उसने भी मेरा टी-शर्ट उतारा और मेरे सीने को चूमने लगी। मैंने उसकी टांगें खोलीं, और बिना कुछ कहे उसने मेरा लंड चूसना शुरू कर दिया। वो इतनी जोर से मोअन कर रही थी कि मैं और उत्तेजित हो गया। फिर मैंने उसे लिटाया और अपना लंड उसकी चूत में डाला। वो वर्जिन थी, और थोड़ा दर्द हुआ, लेकिन कुछ देर बाद मैं पूरा अंदर था। कुछ स्ट्रोक्स के बाद मैं झड़ने वाला था। मैंने कहा, “मैं झड़ रहा हूँ, निकालूँ?” उसने कहा, “नहीं, अंदर ही झड़ो। दो दिन बाद मेरी सुहागरात है, किसी को शक नहीं होगा।”

हम दोनों एक साथ झड़े। वो रात हमने पूरी रात चूमते और चोदते बिताई।

सानिया की शादी हो गई, और मैं सोच रहा था कि अब मेरा गेम खत्म। लेकिन मेरे दोस्त ने मुझे कुछ दिन और रुकने को कहा, क्योंकि उसे सानिया को उसके ससुराल ले जाना था। घर में अब सिर्फ मैं, मेरे दोस्त की माँ, और उसकी बीवी प्रियंका थीं।

एक रात प्रियंका ने मुझसे कहा, “छत पर सो जाओ।” मैं और वो छत पर थे। बातों-बातों में उसने कहा, “आज तुझे नींद नहीं आएगी, क्योंकि आज तू अकेला है।” मैंने पूछा, “क्यों?” उसने मुस्कुराते हुए कहा, “मुझे सब पता है। मैं हर रात देखती थी।” मैं शॉक्ड था।

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रात को जब मैं सो रहा था, मुझे महसूस हुआ कि कोई मेरे सीने पर हाथ फेर रहा है। मैंने आँख खोली तो प्रियंका मेरे पास थी। उसकी साँसें मेरी पीठ पर महसूस हो रही थीं। मैंने हिम्मत की और उसकी छाती पर हाथ रखा। वो बोली, “रुक क्यों गए? आओ ना, प्लीज।” उसने अपनी ब्लाउज़ और ब्रा खोली और कहा, “मेरे बूब्स चूसो, ये तुम्हारे लिए हैं।”

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उसने मेरा लंड बाहर निकाला और उसे चूसने लगी। उसने बताया कि उसके पति को ओरल सेक्स पसंद नहीं, और वो इसके लिए तरस रही थी। उसने कहा, “आज मेरी प्यास बुझा दो। मेरी चूत चाटो, और मुझे तुम्हारा लंड चूसने दो।” हम 69 पोजीशन में आए, और वो मेरे लंड को इतनी जोर से चूस रही थी कि मैं झड़ गया। उसने मेरा सारा कम पी लिया।

फिर उसने कहा, “मेरी गांड मारो। मैंने कभी नहीं करवाया, लेकिन मेरी फ्रेंड कहती है कि इसमें बहुत मजा आता है।” मैंने उसकी गांड मारी, और वो भी एक नया अनुभव था।

अगले दिन मुझे थोड़ा गिल्ट फील हुआ, लेकिन प्रियंका ने कहा, “इसमें सॉरी की क्या बात? मर्द और औरत एक-दूसरे के लिए बने हैं। सेक्स हमारी जरूरत है।” उसने वादा किया कि वो अपनी बहन को भी मेरे लिए राजी करेगी। मैंने कहा, “लेकिन हमारी कास्ट अलग है।” उसने हँसते हुए कहा, “कास्ट शादी के लिए चाहिए। मैंने कब कहा कि मैं तुम्हारी शादी करवाऊँगी?”

अगले दिन मेरा दोस्त सानिया के साथ वापस आया, लेकिन मैंने कुछ नहीं किया। मैंने बठिंडा के लिए रिजर्वेशन कर लिया और अगले दिन अपने शहर लौट आया। लेकिन मेरे दिमाग में वो रातें, वो अनुभव, और वो औरतें आज भी बसी हैं।

तो ये थी मेरी कहानी। एक ऐसी कहानी, जिसने मुझे सिर्फ शारीरिक सुख ही नहीं, बल्कि औरतों की चाहत और उनकी गहराइयों को समझने का मौका दिया। अगर आपको मेरी कहानी पसंद आई, तो मुझे जरूर बताएं। खासकर पंजाब की लड़कियाँ, भाभियाँ, आपका मैसेज मेरा इंतज़ार कर रहा है। मेरा वादा है, आपकी हर बात कॉन्फिडेंशियल रहेगी।