बस के सफर में अमृता की चुदक्कड़ कहानी
पढ़ो एक जवान लड़के और अमृता के बीच बस में हुई हॉट और मसालेदार मुलाकात की कहानी। मुंबई की इस सेक्सी स्टोरी में रोमांस, जुनून और छुपा आकर्षण है जो दिल को छू जाएगा!
हाय दोस्तों, मैं हूँ तुम्हारा दोस्त, मुंबई का रहने वाला, और आज मैं तुम्हें अपनी ज़िंदगी का वो हॉट और मसालेदार एक्सपीरियंस सुनाने जा रहा हूँ, जो मेरे दिल-ओ-दिमाग पर छाया हुआ है। मैं अक्सर सेक्सी स्टोरीज पढ़ता हूँ, खासकर लड़कियों की स्टोरीज मुझे इतना एक्साइट कर देती हैं कि बस पूछो मत! तो चलो, बिना टाइम वेस्ट किए, सीधे स्टोरी पर आता हूँ।
बात उस दिन की है जब मैं अहमदाबाद से मुंबई 2+2 डीलक्स बस में वापस आ रहा था। मैं अपनी सीट पर पहुँचा तो देखा कि विंडो सीट पर एक 27-28 साल की लड़की बैठी थी। गोरी-चिट्टी, मस्त फिगर, और वो सेक्सी स्माइल—हाय, मेरा तो दिल धक-धक करने लगा। वो विंडो से अपने हसबैंड से बात कर रही थी। जैसे ही मैं अपनी सीट पर बैठा, उसके हसबैंड ने मुझसे पूछा, “भाई, आप मुंबई में रहते हो?” मैंने कहा, “हाँ, बिल्कुल।” वो बोला, “मेरी वाइफ पहली बार अकेले जा रही है, जरा ख्याल रखना।” मैंने स्माइल के साथ कहा, “अरे, बिल्कुल, टेंशन मत लो।” उसकी वाइफ ने भी मेरी तरफ देखकर एक कातिलाना स्माइल दी, जो मेरे दिल में आग लगा गई।
बस चल पड़ी। थोड़ी देर बाद वो मुझसे बातें करने लगी। “आप मुंबई में कहाँ रहते हो? क्या करते हो? शादी हो गई?” वगैरह-वगैरह। उसका नाम था अमिता, और उसकी आवाज़ में वो सेक्सी अंदाज़ था, जो किसी को भी पागल कर दे। बातों-बातों में पता चला कि वो अपने छोटे भाई की शादी के लिए मुंबई जा रही थी। थोड़ी देर बाद मैं थकान की वजह से सो गया। नींद में मेरा सिर धीरे-धीरे उसके कंधे पर चला गया। मैं शॉक होकर उठा और सॉरी बोलने लगा, तो उसने बड़े प्यार से कहा, “अरे, कोई बात नहीं, तुम अपना सिर मेरे कंधे पर रखो, मुझे अच्छा लगेगा।” इतना कहकर उसने मेरा हाथ पकड़ा और अपनी जांघ पर रख दिया। यार, उसकी जांघ इतनी सॉफ्ट थी कि मेरा लंड तुरंत टाइट होने लगा। वो अब मुझसे एकदम चिपककर बैठी थी, और उसका हाथ मेरी जांघ पर हल्के-हल्के फिसल रहा था।
मैं उसकी नीयत भाँप गया। धीरे से मैंने अपना हाथ उसके कंधे पर रखा, और वो बस मेरी तरफ देखकर स्माइल दी। अब माहौल गरम होने लगा था। बस में हल्का अंधेरा था, और हमारी सीट थी सेकंड लास्ट, तो कोई डिस्टर्ब करने वाला भी नहीं था। मैंने हिम्मत करके उसे अपनी तरफ खींच लिया। उसने मेरा हाथ पकड़ा और अपना सिर मेरे कंधे पर टिका दिया। मैं अब पागल सा हो रहा था। बिना टाइम वेस्ट किए, मैंने अपना हाथ उसकी जांघ पर रखा और धीरे-धीरे सहलाने लगा। उसकी साँसें तेज़ होने लगीं, और वो भी अब गरम हो चुकी थी। अचानक उसने अपना सिर मेरी गोद में रख दिया। मैं उसके पूरे बदन पर हाथ फेरने लगा—उसकी कमर, उसकी जांघें, और वो मस्त, गोल-मटोल गांड! हाय, मैं बार-बार उसकी गांड दबा रहा था, और बाहर से ही अपनी उंगली अंदर-बाहर कर रहा था।
इतने में उसने मेरा दूसरा हाथ पकड़ा और सीधे अपने बूब्स पर रख दिया। यार, वो बूब्स इतने सॉफ्ट और भरे-भरे थे कि मैं तो बस खो सा गया। मैंने धीरे-धीरे उसके बूब्स दबाना शुरू किया। ज़िंदगी में पहली बार मैं किसी लड़की को इस तरह छू रहा था, और वो फीलिंग—उफ्फ! वो भी मज़े ले रही थी, उसकी आँखें बंद थीं और होंठों पर एक शरारती स्माइल। मैंने अब उसकी चूत को बाहर से सहलाना शुरू किया। उसने चूड़ीदार पहना था, लेकिन उसकी चूत की गर्मी मुझे साफ महसूस हो रही थी। वो सिसकियाँ लेने लगी, और मैं धीरे से झुककर उसके रसीले होंठ चूसने लगा। मेरा लंड अब पूरी तरह से टाइट हो चुका था।
मैं बार-बार उसकी गांड दबाता, उसके होंठ चूसता, और एक बार तो मैंने अपना मुँह उसके बूब्स पर रख दिया और ऊपर से चूसने लगा। एक हाथ से उसका दूसरा बूब दबा रहा था। तभी बस एक हॉल्ट पर रुकी। हम दोनों तुरंत नॉर्मल हो गए, जैसे कुछ हुआ ही न हो। उसने हँसते हुए कहा, “मैं टॉयलेट जाकर आती हूँ, लगता है पैंटी गीली हो गई है।” मैं भी नीचे उतरा और उसका इंतज़ार करने लगा।
जब वो वापस आई, मैंने कहा, “अमिता, तुम्हारा फिगर देखकर तो अभी के अभी तुम्हें चोदने का मन कर रहा है।” उसने शरारती स्माइल के साथ कहा, “हम्म, मुझे भी।” मैंने पूछा, “मुंबई कितने दिन के लिए आई हो?” उसने बताया, “5 दिन, भाई की शादी के लिए।” मैंने कहा, “मुझे अपना एड्रेस दो, मैं मिलने आऊँगा।” उसने कहा, “तुम मुझे अपना नंबर दो, मैं फोन करूँगी, और हम बाहर मिलेंगे।” मैंने उसे अपना नंबर दे दिया।
वापस बस में बैठे। उसने धीरे से मेरे कान में कहा, “मैंने ब्रा निकाल दी है।” यार, ये सुनते ही मैंने जोर से उसके बूब्स दबाने शुरू कर दिए। बिना ब्रा के वो और भी सॉफ्ट और सेक्सी लग रहे थे। मैंने धीरे से उसकी लेगिंग का नाड़ा खोल दिया। वो कुछ नहीं बोली, बस मज़े ले रही थी। मैंने अपना हाथ अंदर डाला और उसकी चूत को सहलाने लगा। वो पूरी तरह से गीली थी। मैं उसके होंठ चूसते हुए अपनी बीच वाली उंगली उसकी चूत में डाल दी और अंदर-बाहर करने लगा। उसकी सिसकियाँ और तेज़ हो गईं। थोड़ी देर बाद वो झड़ गई, और उसकी बॉडी हल्की-हल्की काँप रही थी।
अब बारी मेरी थी। मैंने उसका हाथ पकड़ा और अपने लंड पर रख दिया। उसने बाहर से ही उसे रगड़ना शुरू किया। मुझसे अब रहा नहीं गया। मैंने धीरे से अपनी ज़िप खोली और कोई देखे नहीं, इस तरह अपना लंड बाहर निकाल लिया। वो उसे पकड़कर हिलाने लगी। मैंने कहा, “मुँह में लो ना।” उसने शरारत से कहा, “बाद में, अभी बस यहीं तक।” मैं उसके पूरे बदन पर हाथ फेर रहा था—उसकी गांड, उसके बूब्स, उसकी कमर—सब कुछ इतना सेक्सी था कि मैं बस खो गया। थोड़ी देर बाद मैंने भी फव्वारा छोड़ दिया।
सारी रात हम ऐसे ही मज़े लूटते रहे। कभी मैं उसके बूब्स दबाता, कभी वो मेरे लंड को सहलाती। सुबह जब बस मुंबई पहुँची, उसने कहा, “मैं तुम्हें ज़रूर फोन करूँगी।” लेकिन यार, आज कई दिन हो गए, उसका कोई कॉल नहीं आया। मैंने गलती कर दी कि उसका नंबर नहीं लिया। खैर, जो हुआ, वो मेरी ज़िंदगी का सबसे हॉट एक्सपीरियंस था।
तो दोस्तों, आपको मेरी ये स्टोरी कैसी लगी? प्लीज़ मुझे मेल करके बताओ। और हाँ, अगर कोई लड़की या औरत (40 से कम उम्र) मुंबई में सेफ और सिक्योर सेक्स का मज़ा लेना चाहती है, तो बेझिझक मुझे मेल करो। मैं वेट कर रहा हूँ!