चुदाई की कहानियाँ

आंटी के घर में शादीशुदा किरण के साथ चुदाई

हाय दोस्तों, मैं फिर से हाजिर हूँ एक नई कहानी लेकर, जो आपके दिल और दिमाग में आग लगा देगी। उम्मीद है ये कहानी आपको उतना ही मजा देगी जितना मुझे इसे लिखने में आया। पहले अपने बारे में बता दूँ—मेरा नाम शेरू है, दिल्ली का रहने वाला हूँ। मेरी हाइट 5 फीट 9 इंच है, रंग न गोरा न सांवला, बस देसी स्टाइल में परफेक्ट। बॉडी नॉर्मल है, लेकिन चेहरा ऐसा कि लड़कियाँ एक बार देखें तो दोबारा जरूर पलटें।

अब ज्यादा बोर न करते हुए सीधे कहानी पर आता हूँ। ये बात उन दिनों की है जब मैं अपना बिजनेस करता था। दिल्ली की भागदौड़ में तन्हाई मेरी जिंदगी का हिस्सा बन चुकी थी। दिनभर काम, रात को खालीपन। एक दिन यूं ही बोरियत में मैंने एक अनजान नंबर डायल कर लिया। दूसरी तरफ से एक औरत की आवाज आई। मैं तो बस सुनते ही खो गया। “हेलो, कौन?” उसने पूछा। मैंने देसी स्टाइल में जवाब दिया, “शेरू बोल रहा हूँ, आपकी नई दोस्ती का इंतजार कर रहा हूँ।” वो हंसी और बोली, “शेरू कौन? मैं तो तुम्हें जानती भी नहीं!” मैंने कहा, “बस दिल ने कहा, आपसे दोस्ती करनी है।” उसने कॉल काट दिया।

मैं अपने काम में व्यस्त हो गया, लेकिन उसकी आवाज मेरे दिमाग में घूमती रही। कुछ दिन बाद फिर वही नंबर डायल किया। इस बार उसने थोड़ा गुस्से में पूछा, “कहाँ से मिला मेरा नंबर?” मैंने मस्ती में कहा, “जब से आपको चांदनी चौक की गलियों में देखा, तब से बस यही नंबर दिल में बजा।” वो बोली, “मैं तो कभी चांदनी चौक गई ही नहीं!” और फिर कॉल कट। लेकिन इस बार मुझे लगा, बात बन सकती है।

कुछ दिन बाद फिर तन्हाई ने सताया। मैंने हिम्मत करके उसे कॉल किया। इस बार उसका लहजा बदला हुआ था। “क्या चाहते हो?” उसने पूछा। मैंने कहा, “बस आपसे दोस्ती।” वो बोली, “मैं शादीशुदा हूँ।” मैंने हंसते हुए कहा, “तो क्या हुआ? दोस्ती तो बनती है।” आखिरकार उसने हामी भर दी और मुझे मिलने के लिए कहा। जगह थी करोल बाग, जहाँ वो अपने बच्चों को स्कूल छोड़ने आई थी। उसके दो बच्चे थे—एक 6 साल का, दूसरा 4 साल का।

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मैं अपनी बाइक लेकर करोल बाग पहुंचा। स्कूल के बाहर खड़ा था, दिल जोर-जोर से धड़क रहा था। मैंने उसे कॉल किया, उसने कहा, “मैं स्कूल के गेट पर हूँ, आ जाओ।” दोस्तों, उस वक्त मेरी हालत ऐसी थी कि पसीना और घबराहट में डूबा हुआ था। फिर हिम्मत करके मैं उस गली में गया। जैसे ही उसे देखा, मेरे होश उड़ गए। किरण (नाम बदला हुआ) थी वो—लंबी, सांवली, भरा हुआ बदन, और आंखें ऐसी कि बस डूब जाओ। उसने मुझे देखा और इशारा किया, “रुक जाओ।”

मैं रुक गया। उसने कहा, “देख लिया मुझे?” मैंने कहा, “हाँ, और अब तो बस देखता ही रहूँगा।” उसने हल्की सी स्माइल दी और कहा, “अब SMS पर बात करेंगे।” मैंने ओके कहा और वहाँ से निकल लिया। रास्ते में उसकी स्कूल से छुट्टी हो गई थी। वो अपने बच्चों के साथ ऑटो का इंतजार कर रही थी। मैंने कहा, “मैं ड्रॉप कर दूँ?” उसने मना किया, लेकिन मेरे जिद करने पर मान गई। बच्चों को आगे बिठाया, वो पीछे बैठी। उसका बदन मेरी पीठ से टच हो रहा था, और दोस्तों, वो फीलिंग मैं क्या बताऊँ! मैंने उसे घर के पास उतारा और बाय बोलकर चला गया।

इसके बाद हमारी रोज बात होने लगी। धीरे-धीरे बातें प्यार से सेक्स तक पहुंचीं। एक दिन मैंने उसे मिलने बुलाया। उसने हाँ कर दी। मैं उसे करोल बाग से पिक किया और एक आइसक्रीम पार्लर ले गया। सुबह के 10:30 बजे थे, पार्लर खाली था। हमने आइसक्रीम ऑर्डर की। जैसे ही वेटर गया, मैंने मौका देखा और अपनी पैंट की जिप खोलकर लंड बाहर निकाला। उसका हाथ पकड़ा और अपने लंड पर रख दिया। वो चौंकी, लेकिन फिर हल्के से हिलाने लगी। एक हाथ से आइसक्रीम खा रही थी, दूसरे से मेरा लंड हिला रही थी। दोस्तों, वो सीन इतना हॉट था कि मैं हवा में उड़ रहा था। तभी दो कपल्स आए, उसने झट से हाथ हटा लिया और मैंने भी जिप बंद की।

हमने जल्दी-जल्दी आइसक्रीम खत्म की और निकल पड़े। कुछ दिन बाद मैंने फिर उसे मिलने बुलाया। इस बार उसने कहा, “घर पर गेस्ट हैं, कल मिलूँगी।” मैंने इंतजार किया। अगले दिन सुबह 9:30 बजे मैं उसके घर के पास पहुंचा। उसे पिक किया और फिर वही आइसक्रीम पार्लर। लेकिन इस बार पार्लर में पहले से 4 कपल्स थे। मुझे गुस्सा आया, लेकिन मैंने कंट्रोल किया। हमने जल्दी से आइसक्रीम खाई और मैंने कहा, “आज तुझे नहीं छोड़ूँगा।” वो हंसी और बोली, “देखते हैं।”

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मैं उसे सीधे अपनी आंटी के घर ले गया। आंटी मेरी बात मानती थीं। मैंने उनसे कहा, “हमें थोड़ा अकेले में बात करनी है, कोई प्रॉब्लम?” आंटी ने कहा, “कोई दिक्कत नहीं, AC ऑन कर लेना।” मैंने पहले से ही कंडोम का पैकेट रखा हुआ था। हम कमरे में गए, मैंने AC ऑन किया और लाइट ऑन की। किरण बोली, “लाइट क्यों ऑन की? ऑफ करो।” मैंने लाइट ऑफ की और उसे पकड़कर किस करने लगा। दोस्तों, वो किस इतना जंगली था कि हम दोनों पागल हो गए। वो भी मुझे उतनी ही शिद्दत से किस कर रही थी।

तभी बाहर से आंटी की आवाज आई, “शेरू, बालकनी का दरवाजा बंद कर लो!” हम दोनों अलग हुए। मैंने दरवाजा बंद किया और फिर से किरण की आँखों में देखा। उसने मुझे किस किया और बोली, “पता नहीं आज क्या हो गया है मुझे।” मैंने उसके 34 साइज के बूब्स दबाने शुरू किए, जो कपड़ों के ऊपर से ही इतने सॉफ्ट लग रहे थे। फिर मैंने उसकी कुर्ती उतारी, ब्रा भी। हल्की रोशनी में उसका बदन चमक रहा था। मैं उसके बूब्स चूसने लगा, वो मेरे बालों में उंगलियाँ फेर रही थी।

फिर मैंने उसकी सलवार उतारी, वो बिना पैंटी के थी। मैंने अपने कपड़े उतारे और उसकी बॉडी को चूमने लगा। जैसे ही मैंने उसकी चूत पर किस किया, वो सिहर उठी और मुझे अपनी तरफ खींचकर फिर से लिप्स पर किस करने लगी। वो इतनी गर्म हो चुकी थी कि उसी वक्त झड़ गई। फिर वो उठी और मेरी बॉडी को चूमने लगी। ऊपर से नीचे तक, जैसे ही वो मेरे लंड के पास पहुंची, मैंने कहा, “इसे भी प्यार करो।” उसने हंसकर कहा, “सब्र करो।” फिर उसने मेरा लंड मुँह में लिया और चूसने लगी। दोस्तों, मैं तो सातवें आसमान पर था।

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थोड़ी देर बाद मैंने उसे लिटाया, कंडोम निकाला और उसने बड़े प्यार से मेरे लंड पर चढ़ाया। मैंने उसकी चूत पर लंड रखा और एक ही झटके में अंदर डाल दिया। वो चिल्लाई, “आराम से!” मैंने स्पीड कम की और साथ में उसके बूब्स चूसने लगा। फिर वो भी मूड में आ गई। उसने अपनी टांगें मेरी कमर पर लपेट लीं और मैं धक्के लगाने लगा। वो सिसकारियाँ ले रही थी, “आह… और जोर से… और!” मैंने कहा, “मैं झड़ने वाला हूँ।” उसने कहा, “नहीं, रुको, हम साथ में झड़ेंगे।”

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मैंने पूरी ताकत लगा दी। 10-12 धक्कों के बाद मैं झड़ गया, और वो भी। हम दोनों वैसे ही लेटे रहे। थोड़ी देर बाद वो उठी, वॉशरूम गई, कपड़े पहने और बोली, “अब चलो, बच्चों की छुट्टी होने वाली है।” मैंने टाइम देखा, 2 बज रहे थे। हम सुबह 10 बजे से घूम रहे थे। वो घबरा गई। मैंने आंटी से कहा, “हम जा रहे हैं।” आंटी बोली, “खाना खाकर जाओ।” लेकिन किरण ने मना कर दिया।

मैंने बाइक स्टार्ट की और स्कूल की तरफ भागा। रास्ते में किरण बोली, “जल्दी चलो!” मैंने इतनी तेज बाइक चलाई कि कंट्रोल ही मुश्किल हो रहा था। स्कूल पहुंचे तो कोई नहीं था। हम घबरा गए। तभी एक बच्चे ने बताया, “बाजी, आपके बच्चे मस्जिद गए हैं।” हम मस्जिद पहुंचे, बच्चों को लिया और किरण ने कहा, “अब तुम जाओ, SMS पर बात करेंगे।” मैं वहाँ से निकल गया।

दोस्तों, ये थी मेरी और किरण की चुदाई की कहानी। अगर कुछ गलत लगा हो तो माफ करना। अगला पार्ट जल्दी लाऊँगा। तब तक के लिए, बाय!