हिंदी सेक्स स्टोरी

दोस्ती से प्यार तक: एक गर्म सेक्स कहानी

पढ़ें एक रोमांचक सेक्स कहानी, जिसमें डेढ़ साल की दोस्ती प्यार और जुनून में बदल जाती है। रॉक गार्डन से लेकर बेडरूम तक का सफर, जहाँ कसमों और भरोसे के बीच अंतरंग पल शुरू होते हैं।

हमारी दोस्ती को डेढ़ साल हो चुका था, लेकिन मैंने उसे अब तक छुआ तक नहीं था। एक दिन जब हम रॉक गार्डन गए थे, तो मैंने उसे बस एक किस ही की। लेकिन जब मैंने उसके सीने पर हाथ रखने की कोशिश की, तो वो गुस्सा हो गई और कम से कम एक महीने तक मुझसे बात नहीं की। आखिरकार, मैंने एक दिन उसे मनाया और कहा, “ये सब तो चलता रहता है।” उसने जवाब दिया, “मुझे ये सब अच्छा नहीं लगता।” मैंने कहा, “अच्छा नहीं लगता तो नहीं करूँगा।” उस दिन के बाद हम मिलते तो थे, लेकिन बात सिर्फ किस तक ही सिमट कर रह गई। पर अब मुझसे सब्र नहीं हो रहा था, और मैं उसके साथ और करीब आने की प्लानिंग करने लगा।

फिर एक बार गर्मियों में जब मैं उससे मिलने गया, उसने कहा, “आज तुम ऑफिस से छुट्टी ले लो, आज बैठकर बातें करेंगे।” मैंने ऑफिस फोन करके बोल दिया कि आज नहीं आऊँगा। इसके बाद हम कुछ देर उसके कॉलेज में ही बैठे रहे। फिर मैंने पूछा, “कहीं चलते हैं?” वो मान गई, पर उस वक्त दोपहर के 12 बज रहे थे। उस टाइम न तो हमें फिल्म का टिकट मिलना था, न ही हम किसी गार्डन में जा सकते थे, क्योंकि मुंबई में ज्यादातर सिनेमाघरों में 11:45 तक शो शुरू हो जाते हैं, और गार्डन में इतनी गर्मी होती है कि वहाँ जाना मुमकिन नहीं था। फिर मैंने कहा, “मेरे रूम पर चलते हैं।” वो मना करने लगी, बोली, “मुझे डर लगता है कि कहीं कुछ हो गया तो?” मैंने उसे तसल्ली दी और कहा, “अगर तुम्हें मुझसे प्यार है और भरोसा है, तो चल सकती हो, वरना मैं ऑफिस चला जाऊँगा और तुम घर जाओ।” इस पर वो बोली, “तुम मेरी कसम खाओ कि तुम कुछ गलत नहीं करोगे।” मैंने उसकी कसम खा ली, और वो तैयार हो गई। रास्ते में मैं सोचता रहा कि कसम तो खा ली, पर उसे कैसे मनाऊँगा।

जब हम मेरे रूम पर पहुँचे, मैंने दरवाजा बंद करना शुरू किया। वो बोल पड़ी, “दरवाजा क्यों बंद कर रहे हो?” मैंने कहा, “अगर कोई देख लेगा तो क्या कहेगा कि ये कौन है?” और मैंने दरवाजा बंद कर दिया। इसके बाद मैं बेड पर उसके साथ बैठ गया, और हम बातें करने लगे। बात करते-करते मैंने उसके कंधे पर हाथ रखा और उसके होंठों पर किस करने लगा, जैसा हम सिनेमाघरों में या परदे के पीछे करते थे। पर ये किस 15 मिनट तक चलती रही। मैंने उसके सीने पर हाथ फेरना शुरू किया, उसने कोई ऐतराज़ नहीं किया। धीरे-धीरे मैं उसकी कमर से होता हुआ उसकी सलवार के ऊपर से नीचे की तरफ हाथ फेरने लगा। अब मेरे होंठ उसके होंठों को चूम रहे थे, एक हाथ उसके सीने पर था, और दूसरा नीचे। फिर मैंने धीरे-धीरे उसकी गर्दन और उसके बाद उसके सीने को कमीज के ऊपर से चूमना शुरू किया। उसके मुँह से अजीब-सी आवाजें आने लगीं। मैं समझ गया कि अब वो गरम हो चुकी है। इसके बाद मैंने धीरे से एक हाथ उसकी कमीज के अंदर डाला और उसकी ब्रा के ऊपर से उसके सीने को दबाने लगा।

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फिर मैंने उसकी कमीज उतार दी। वो कुछ नहीं बोली, क्योंकि वो पूरी तरह गरम हो चुकी थी। उसने काली लेस वाली सेक्सी ब्रा पहनी थी और अपने हाथों से अपने सीने को छुपाने की कोशिश करने लगी। मैंने टाइम वेस्ट न करते हुए उसे फिर से किस करना शुरू किया और उसकी ब्रा के ऊपर से उसके सीने को सहलाता रहा। फिर उसकी पीठ पर हाथ ले जाकर मैंने उसकी ब्रा का हुक खोल दिया। अब वो मेरे सामने पूरी तरह टॉपलेस थी। मैंने उसे बेड पर लिटाया और उसके सीने को चूमने लगा। 20 मिनट तक ऐसा करने के बाद मैंने उसकी सलवार की तरफ हाथ बढ़ाया, उसका नाड़ा खोला, और फिर से उसके सीने को चूमना शुरू रखा। उसके मुँह से अजीब-अजीब आवाजें निकल रही थीं। मुझे लगा कि कहीं पड़ोसी सुन न लें, तो मैंने उसके सीने को चूमते हुए सीडी का बटन ऑन कर दिया। अब म्यूज़िक तेज़ बजने लगा, और बाहर किसी को कुछ सुनाई नहीं दे रहा था। फिर मैंने धीरे-धीरे उसकी सलवार उतारनी शुरू कर दी। सलवार उतारने के बाद मैंने उसकी काली पैंटी के ऊपर से नीचे को चूमना शुरू किया। वो और तेज़ी से सिसकारियाँ भरने लगी। धीरे-धीरे मैंने उसकी पैंटी भी उतार दी और उसे नीचे चूमने लगा।

अब वो मेरे सामने पूरी तरह नंगी पड़ी थी और कुछ बोल भी नहीं रही थी। मैंने करीब 10 मिनट तक उसे नीचे चूमा। जैसे ही वो झड़ने वाली थी, मैंने चूमना बंद कर दिया। वो बिना पानी की मछली की तरह तड़पने लगी और खुद अपनी उंगलियों से करने लगी। मैंने उसके दोनों हाथ कसकर पकड़ लिए। वो मुझसे गिड़गिड़ाने लगी, “प्लीज़, मेरे नीचे को चूमो।” मैंने कहा, “पहले तो तुम मना करती थीं, आज क्यों नहीं अड़ रही हो?” वो फिर गिड़गिड़ाने लगी। मैंने कहा, “मैं तुम्हें एक शर्त पर चूमूँगा। पहले तुम्हें मेरा चूमना होगा।” वो मान गई। मैंने उसे मेरे कपड़े उतारने को कहा। उसने जल्दी-जल्दी मेरे कपड़े उतार दिए और मेरे 7 इंच के लंड को देखकर बोली, “ये मेरे मुँह में कैसे आएगा?” मैंने कहा, “मैं बताता हूँ।” मैंने थोड़ा-सा उसके मुँह में डाला। फिर धीरे-धीरे वो खुद आगे बढ़ी और पूरा मुँह में लेकर चूमने लगी। उसका एक हाथ मेरे नीचे खेल रहा था, और मैं उसके सीने के साथ खेल रहा था। थोड़ी देर चूमने के बाद वो बोली, “अब तुम मेरे नीचे को चूमो।” मैंने कहा, “चलो, 69 की पोज़िशन में आ जाओ।” वो बोली, “वो क्या होती है?” मैंने उसे समझाया कि 69 क्या होती है। फिर हम दोनों 69 की पोज़िशन में आ गए और एक-दूसरे को चूमने लगे। बीच-बीच में मैं उसमें उंगली भी डाल रहा था। वो कह रही थी, “दर्द होता है।” 10 मिनट बाद वो झड़ गई, और मैंने उसका रस पी लिया। मुझे अच्छा लगा, और मैं उसे चूमता रहा। इसके बाद वो फिर गरम हो गई। जैसे ही मैंने चूमना बंद किया, वो फिर गिड़गिड़ाने लगी, “चूमो ना।”

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मैंने कहा, “अब मैं चूम नहींूगा, बल्कि तुममें अपना डालूँगा।” वो बोली, “इतना बड़ा मेरे अंदर कैसे आएगा? मुझे तुम्हारी उंगली से भी दर्द होता है, तो ये कैसे बर्दाश्त करूँगी?” मैंने कहा, “डरने की ज़रूरत नहीं है। थोड़ा दर्द होगा, फिर तुम भी मज़े लोगी।” मैंने कहा, “औरतों का छेद बहुत बड़ा होता है। यहाँ से इतना बड़ा बच्चा निकल जाता है, तो मेरा तो आराम से आ जाएगा।” इसके बाद मैंने तेल लिया, थोड़ा अपने ऊपर लगाया और बाकी उसकी होंठों को हटाकर वहाँ लगा दिया। मैंने अपना पहले अंदर डालने की बजाय बाहर ही रगड़ना शुरू किया। थोड़ी देर में वो चिल्ला उठी, “प्लीज़ अंदर करो।”

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मैंने थोड़ा-सा अंदर किया, तो वो दर्द से चीखने लगी। मैंने उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिए और अपने को वहीँ रखकर हल्का-हल्का हिलाने लगा। जब वो मज़े लेने लगी, मैंने एक जोर का झटका दिया। मेरा पूरा उसमें चला गया, और वो दर्द से तड़पने लगी। लेकिन मेरा सब्र अब टूट चुका था। मैं उसकी परवाह न करते हुए ऊपर-नीचे करने लगा। वो थोड़ी देर दर्द महसूस करती रही, पर बाद में वो भी मज़े लेने लगी। उसके मुँह से आवाज़ें आने लगीं, “आह्ह्ह… ओह्ह्ह… और जोर से करो, फरहान। और अंदर करो।” मैंने कहा, “क्यों, ये सब तो तुझे अच्छा नहीं लगता था? अब मज़ा आ रहा है ना? आज तो तेरी पूरी फाड़ दूँगा।” करीब 15 मिनट तक करने के बाद मेरा निकलने वाला था। (इस बीच वो दो बार झड़ चुकी थी।) मैंने उससे पूछा, “मेरा निकलने वाला है। अंदर छोड़ूँ या बाहर?” उसने कहा, “बाहर ही छोड़ना, मैं प्रेग्नेंट नहीं होना चाहती।” मैंने उसमें से निकालकर उसके मुँह में डाल दिया और मुँह में करने लगा। थोड़ी देर में मेरा निकल गया। उसका मुँह मेरे रस से भर गया। कुछ वो निगल गई, बाकी बाहर उसके चेहरे से होता हुआ उसकी गर्दन पर गिर गया। इसके बाद मैं थोड़ी देर उसके ऊपर लेट गया, उसे किस करता रहा और अपने रस को उसके सीने पर मलता रहा।

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15 मिनट आराम करने के बाद हम दोनों उठे। अब शाम होने लगी थी, और उसे घर भी जाना था। हमने अपने आपको फ्रेश किया। मैं उसे उसके घर के पास छोड़कर आ गया। घर आकर मैंने उसकी ब्रा और हमारे रस से खराब हुई बेडशीट को साफ किया।