हॉट तीन सालीयों के साथ जीजाजी की चुदाई की कहानी
मैं आपको एक ऐसी कहानी सुनाने जा रहा हूँ जो न सिर्फ सच्ची है, बल्कि इतनी सेक्सी और रोमांचक है कि आप इसे पढ़ते ही खो जाएंगे। यह कहानी है एक जीजाजी और उनकी तीन सालीयों की, जिनके साथ मैंने अनगिनत लम्हे बिताए। कहानी में मसाला, जुनून और वो आग है जो हर पाठक के दिल में आग लगा देगी।
मेरा नाम है कुमार, उम्र 31 साल, वजन 52 किलो, हाइट 5.7 फीट, और मेरा लंड 7 इंच का, न ज्यादा मोटा, न पतला, बस परफेक्ट। मेरी शादी फरवरी 2010 में हुई थी, और अब मैं एक बच्चे का बाप हूँ। मेरी बीवी स्मार्ट है, सेक्सी है, और हमारी सेक्स लाइफ पूरी तरह संतुष्ट करने वाली है। लेकिन ये कहानी मेरी बीवी की तीन कजिन सिस्टर्स की है, जो मेरी सालीयाँ हैं। इनका नाम है- सबसे बड़ी नीता (22 साल), उससे छोटी अमृता (20 साल), और सबसे छोटी सोनिया (18 साल)। तीनों की अपनी-अपनी खासियत है, जो किसी का भी दिल और दिमाग हिला दे।
ये कहानी शुरू होती है साल 2011 से, जब नीता 18 साल की थी। उसका फिगर था 36-28-36, हाइट 5.2 फीट, गोरा रंग, और चेहरे पर ऐसी कशिश कि कोई भी उसे देखकर पागल हो जाए। नीता का चेहरा ऐसा था कि उसकी एक मुस्कान ही लंड को सलामी देने पर मजबूर कर दे। मई के महीने में, नीता के एग्जाम खत्म होने के बाद उसका फोन आया कि वो मेरे घर आना चाहती है। मेरी बीवी ने कहा, “जाओ, नीता को ले आओ, उसका एग्जाम हो गया है।” मेरी संडे की छुट्टी थी, तो मैंने नीता को फोन करके कहा कि मैं संडे को लेने आ रहा हूँ।
संडे की सुबह मैं अपनी कार से नीता को लेने निकल पड़ा। वो मेरे शहर से 250 किमी दूर रहती थी। रास्ते में चार घंटे की ड्राइव थी, और हम दोनों खूब बातें करते रहे। चूंकि वो मेरी साली थी और मैं उसका जीजाजी, तो बातों में मस्ती, मजाक और थोड़ा-सा फ्लर्टिंग भी था। घर पहुंचते-पहुंचते नीता की सारी शर्म छू-मंतर हो चुकी थी। घर पर मेरी बीवी नीता से मिलकर बहुत खुश थी, और दोनों इतनी बातों में मग्न हो गईं कि मुझे भूल ही गईं। रात को खाना खाने के बाद हम अपने कमरे में गए। मेरे पास तीन कमरों का घर है, लेकिन बीवी ने नीता को अपने साथ ही सुलाने का फैसला किया। बेड पर पोजीशन ऐसी थी- मैं किनारे, फिर मेरी बीवी, फिर हमारा छोटा बच्चा, और आखिर में नीता।
पहले चार दिन तो ऐसे ही निकल गए। मैं नीता को कभी-कभार छेड़ देता था, लेकिन मेरे दिमाग में उसे चोदने का कोई खयाल नहीं था। पांचवें दिन बीवी ने कहा, “नीता अपनी नाइटी भूल आई है, इसे सोने में दिक्कत हो रही है। मार्केट से इसके लिए नाइटी ले आओ।” मार्केट मेरे घर से 2 किमी दूर थी, और रात के 9 बज चुके थे। मैंने सोचा कार की बजाय बाइक से जाऊंगा, ताकि नीता को करीब से फील कर सकूं। मैंने नीता को बाइक पर बिठाया और मजाक में कहा, “नीता, मुझे अच्छे से पकड़ लेना, कहीं गिर न जाना।” उसने मुझे हल्के से पकड़ा, लेकिन मैंने कहा, “अरे, और जोर से!” उसने पूरी ताकत से मुझे पकड़ लिया, और उसके 36 इंच के बूब्स मेरी पीठ पर ऐसे दबे कि मेरा लंड तुरंत खड़ा हो गया। मैंने फिर मजाक किया, “नीता, कुछ चुभ रहा है!” वो हंसते हुए बोली, “धत्त, जीजाजी, आप भी बड़े बेशर्म हो!” मार्केट पहुंचकर उसने नाइटी खरीदी, और वापसी में भी उसने मुझे उसी तरह कसकर पकड़ा। उसके बूब्स का प्रेशर मेरे दिमाग में आग लगा रहा था।
घर पहुंचते ही नीता मेरी नजरों से नजरें चुराने लगी, और मैं मन ही मन मुस्कुरा रहा था। मेरे दिमाग में अब प्लान बन रहा था कि आज रात नीता के बूब्स का मजा कैसे लिया जाए। मैंने रात को देर तक जागने का नाटक किया और नीता से बातें करता रहा। बीवी ने कहा, “अब सो जाओ,” लेकिन मैंने कहा, “नींद नहीं आ रही, मैं नीता से बात करके टाइम पास कर लूंगा।” थोड़ी देर बाद बीवी सो गई, और मैं नीता के पास सरक गया। बीवी के सोने के 15-20 मिनट बाद मैंने कमरे की लाइट ऑफ कर दी और सोने का नाटक करने लगा। मेरा पूरा ध्यान नीता पर था।
थोड़ी देर बाद, जब कमरा पूरी तरह शांत हो गया, मैंने धीरे से करवट बदली और अपना चेहरा नीता की तरफ किया। फिर धीरे से अपना हाथ उसकी कमर पर रखा। मुझे नहीं पता था कि वो सो रही है या जाग रही है, लेकिन मुझे यकीन था कि वो जवानी की आग में तप रही है। दो मिनट तक कोई हलचल नहीं हुई, तो मैंने अपना हाथ थोड़ा ऊपर किया। मेरा हाथ उसके बूब्स को छूने लगा। फिर भी कोई हलचल नहीं हुई। मैंने हिम्मत करके अपना हाथ उसके बूब्स पर रख दिया और उसकी प्रतिक्रिया का इंतजार करने लगा। दो मिनट और बीत गए, कोई जवाब नहीं आया। मैं समझ गया कि नीता जाग रही है, लेकिन वो इसका मजा ले रही है।
मेरा हौसला बढ़ गया। मैंने धीरे-धीरे उसके बूब्स सहलाने शुरू किए। उसकी सांसें तेज हो रही थीं, लेकिन वो चुप थी। फिर मैंने उसकी नाइटी में हाथ डाला और उसके होंठों तक पहुंच गया। यार, क्या बताऊं, उसके होंठ इतने मुलायम थे कि जैसे शहद में डूबा गुलाब। मैंने उसके होंठों को सहलाया, फिर उसकी नाइटी को थोड़ा ऊपर करने के लिए उसे इशारा किया। वो समझ गई और थोड़ा ऊपर हो गई। मेरा हाथ अब उसके बूब्स तक पहुंच गया। उसने ब्रा पहनी थी, लेकिन मुझे तो उसके नंगे बूब्स चाहिए थे। मैंने उसकी ब्रा का हुक खोल दिया। दोस्तों, 18 साल की लड़की के 36 इंच के बूब्स जब आपके हाथ में आते हैं, तो क्या फीलिंग होती है, ये वही समझ सकता है जो इसे महसूस कर चुका हो। मैं तो पागल हो गया। उसके बूब्स दबाते हुए मेरा 7 इंच का लंड लोहे की रॉड बन चुका था।
आग दोनों तरफ लग चुकी थी। नीता पूरी तरह मदहोश थी, और मैं भी रुकने के मूड में नहीं था। मैंने उसका हाथ पकड़ा और अपने अंडरवियर में डाल दिया। उसने मेरा लंड पकड़ लिया, और जिस तरह उसने उसे दबाया, मुझे लगा कि ये पहली बार नहीं है। मेरा शक सही था, क्योंकि आगे की कहानी से आपको भी पता चलेगा। मैंने उसकी पैंटी नीचे सरकाई और उसकी चूत पर हाथ रखा। क्या मुलायम बालों से सजी चूत थी! मैंने उसकी चूत को सहलाया, और उसका पूरा शरीर अकड़ने लगा। वो मुझे ऊपर आने का इशारा करने लगी। मैं समझ गया और उसके ऊपर चढ़ गया। मेरा लंड उसकी चूत पर था, हमारे सीने एक-दूसरे से मिले हुए थे, और होंठ एक-दूसरे को छू रहे थे। मैंने उसके होंठों को अपने होंठों में दबा लिया और चूसने लगा। मुझे इतना मजा आ रहा था कि मैं भूल गया कि सेक्स में चुदाई भी होती है।
नीता इतनी गर्म हो चुकी थी कि उसने मेरा लंड पकड़ा और खुद ही अपनी चूत में डालने लगी। मैंने निशाना लगाया और एक ही झटके में मेरा पूरा लंड उसकी चूत में घुस गया। मैं समझ गया कि ये नीता की पहली बार नहीं थी। लंड अंदर जाने के बाद मुझे थोड़ा सुकून मिला, लेकिन तभी मुझे खयाल आया कि मैं बिना कंडोम के एक कुंवारी लड़की को चोद रहा हूँ। अगर कुछ हो गया तो? मैंने फटाफट अपना लंड बाहर निकाला। नीता कुछ समझ नहीं पाई, लेकिन मैं उसे बता भी नहीं सकता था।
हालांकि, हम दोनों की वासना की आग को शांत करना जरूरी था। मैं तो अपनी बीवी के साथ कर सकता था, लेकिन नीता का क्या? मैं नीता के बगल में लेट गया और उसके होंठों को फिर से चूसने लगा। साथ ही, मैंने उसकी चूत में दो उंगलियां डाल दीं और प्यार से सहलाने लगा। नीता समझ गई कि मैंने लंड क्यों निकाला। वो भी इस सिचुएशन का मजा लेने लगी। करीब 10 मिनट बाद उसने पानी छोड़ दिया और मुझे जोर से अपनी छाती से भींच लिया। नीता शांत हो चुकी थी, लेकिन मैं तो अभी भी गर्म था। अब मेरी बारी थी।
नीता ने मेरे लंड को अपने हाथ से ऊपर-नीचे करना शुरू किया, लेकिन मेरा इरादा कुछ और था। मैंने उसके हाथ से लंड निकाला और उसे नीचे सरकने का इशारा किया। मैं खुद ऊपर सरक गया, ताकि मेरा लंड उसके मुंह के सामने आए। नीता समझ गई और बिना किसी विरोध के मेरा लंड अपने मुंह में ले लिया। उसके होंठ मेरे लंड पर ऐसे जादू कर रहे थे कि मैं जन्नत में पहुंच गया। करीब 10 मिनट बाद मुझे लगा कि मैं झड़ने वाला हूँ। मैंने अपना लंड उसके मुंह से निकाला और बाथरूम में जाकर फ्रेश हो गया।
वापस आकर मैंने नीता की चूत पर एक किस दी, उसके बूब्स पर एक किस दी, और उसके होंठों पर एक लंबा किस किया। फिर मैं अपनी बीवी के बगल में जाकर सो गया। अगले दिन मैंने मार्केट से कंडोम लिया और अगली सात रातों तक, जब तक नीता मेरे घर थी, मैंने उसे जमकर चोदा। खास बात ये थी कि हमारी सारी चुदाई बिना एक शब्द बोले हुई। सारा काम इशारों में हुआ।
अब तक मैं नीता को कई बार चोद चुका हूँ। कोई हफ्ता ऐसा नहीं जाता जब हम फोन पर बात न करें। मुझे नीता बहुत याद आती है, खासकर उसके होंठ। मैं हमेशा मौके तलाशता रहता हूँ कि कब नीता के पास जाऊं, और जो भी मौका मिलता है, उसे मिस नहीं करता।