लखनऊ वाली भाभी की चुदाई का तूफान
लखनऊ, वो शहर जहाँ हर गली, हर चौराहा इश्क़ और जुनून की कहानियाँ बुनता है। यहाँ की हवा में मोहब्बत की खुशबू और रातों में हुस्न का जादू बिखरता है। यहीं मेरी मुलाकात हुई थी उर्मिला भाभी से, एक ऐसी हसीना जिसके एक इशारे पर दिल की धड़कनें थम जाएँ और जिसके कातिलाना हुस्न से रातें रंगीन हो जाएँ। उनकी टिकटॉक वीडियोज़ में वो सेक्सी अंदाज़, वो नाभि के नीचे लिपटी साड़ी, और वो चुलबुली आँखों का इशारा—हाय, कोई भी मर्द उनके सामने घुटने टेक दे! मैं, गोरखपुर का एक साधारण सा लड़का, लखनऊ में पढ़ाई के लिए आया था, मगर भाभी के हुस्न ने मुझे उनका दीवाना बना दिया।
उर्मिला भाभी कानपुर की थीं, मगर लखनऊ में उनके पति के साथ नीचे की फ्लोर पर रहती थीं। मैं ऊपरी फ्लोर पर अकेला। उनके पति बैंक में बड़े अफसर थे, मगर बिस्तर पर वो कुछ खास कमाल नहीं दिखा पाते थे। शादी के दस साल बीत गए, मगर भाभी की गोद अभी तक सूनी थी। भाभी का हुस्न दिन-ब-दिन और निखर रहा था। पहले वो सादी साड़ियाँ पहनती थीं, मगर जब से मेरी उनसे दोस्ती बढ़ी, उनका अंदाज़ बदल गया। टाइट कुर्तियाँ, डीप-नेक ब्लाउज, और कभी-कभी तो ट्रांसपेरेंट साड़ी में उनकी नाभि और कर्व्स, उफ्फ! वो हर बार टिकटॉक पर अपने कातिलाना पोज़ देतीं, तो मेरा दिल धक-धक कर उठता। उनकी वो नशीली हँसी, वो चुलबुला अंदाज़, और वो सेक्सी नैन—हाय, मैं तो बस खो सा जाता था।
भाभी का दिल और मेरा जुनून
भाभी को मैं बहुत पसंद था। शायद वो जानती थीं कि मैं उनकी हर अदा का कायल हूँ। वो अक्सर मुझे अपने घर बुलातीं, कभी चाय के बहाने, कभी कुछ काम के लिए। उनकी बातों में एक अजीब सी मिठास थी, जो मुझे उनके और करीब ले जाती थी। एक दिन मैंने उनके घर में झगड़ा सुना। उनके पति उनसे कह रहे थे, “आजकल तुम बड़ी सज-धज कर रहती हो, ब्यूटी पार्लर के चक्कर लगाती हो, मगर रात को मेरे साथ नखरे करती हो। आखिर बात क्या है?” भाभी चुप थीं, मगर उनकी आँखों में एक चमक थी, जो मुझे देखकर और बढ़ जाती थी। मुझे अहसास हो गया कि भाभी का दिल अब मुझ पर आ रहा है।
वो दिन मेरे लिए किसी सपने से कम नहीं था, जब भाभी के पति गाँव गए। जमीन के बँटवारे का मसला था, तो उन्हें रातों-रात जाना पड़ा। भाभी घर पर अकेली थीं। रात के करीब दस बजे होंगे, मैं अपने कमरे में प्रोजेक्ट फाइल्स पर काम कर रहा था। तभी दरवाजे पर दस्तक हुई। मैंने खोला तो सामने भाभी खड़ी थीं। एक पतली सी सिल्क की मैक्सी में, जिसमें उनका हर कर्व साफ नजर आ रहा था। उनके बाल खुले थे, और होंठों पर लाल लिपस्टिक की चमक। वो बिना कुछ बोले अंदर आईं और दरवाजा बंद कर लिया। मेरे दिल की धड़कनें तेज हो गईं।
“मुझे तुमसे कुछ जरूरी बात करनी है,” भाभी ने धीमी, नशीली आवाज में कहा। उनकी आवाज में वो कामुकता थी, जो किसी को भी पागल कर दे।
“हाँ, हाँ, बोलिए ना,” मैंने हकलाते हुए जवाब दिया।
“किसी को कुछ पता नहीं चलना चाहिए,” उन्होंने मेरी आँखों में देखते हुए कहा। उनकी आँखों में हवस और प्यास साफ दिख रही थी।
मैंने सहमति में सिर हिलाया, मगर मेरे दिल में तूफान उठ रहा था।
वो रात, वो जादू
अचानक, भाभी ने अपनी मैक्सी उतार दी। मैं सन्न रह गया। सामने था उनका गोरा, निखरा हुआ बदन। बड़ी-बड़ी चूचियाँ, जो काले रंग की लेस वाली ब्रा में कैद थीं। उनकी पतली कमर, गहरी नाभि, और उनकी साफ-सुथरी चूत, जिसके आसपास एक भी बाल नहीं था। वो 30 की थीं, मगर लग रही थीं 20 साल की हसीना। मेरे मुँह से बस एक ही बात निकली, “भाभी, आप तो स्वर्ग की अप्सरा हो!”
“देखने से क्या होगा, चोदो मुझे,” भाभी ने सीधे कहा। उनकी आवाज में वो जुनून था, जो मेरे अंदर आग लगा रहा था। “बस, किसी को बताना नहीं। लड़कों की यही प्रॉब्लम होती है, चुदाई के बाद सबको बता देते हैं। मैं नहीं चाहती कि मेरी इज्जत मिट्टी में मिले।”
“नहीं, भाभी, ये बात मेरे और आपके बीच ही रहेगी,” मैंने वादा किया। मेरी आवाज में भी अब वही हवस झलक रही थी।
भाभी ने अपने हाथ फैलाए, और मैं उनके गर्म बदन से लिपट गया। उनकी देह की गर्मी मुझे पागल कर रही थी। उनकी साँसें मेरे कानों में कामुक संगीत की तरह गूंज रही थीं। वो बोलीं, “लेट जाओ।” मैं बिस्तर पर लेट गया। भाभी ने मेरी पैंट और जांघिया एक झटके में उतार दिया। मेरा लंड, जो पहले से ही तनकर खड़ा था, उनकी नजरों के सामने था। वो मेरे लंड पर थूककर उसे चूसने लगीं। उनकी गर्म जीभ मेरे लंड के टोपे पर ऐसे घूम रही थी, जैसे कोई कारीगर अपनी कला दिखा रहा हो। वो मेरे निप्पल्स को भी चाटने लगीं, और मैं उनके बूब्स को जोर-जोर से दबाने लगा।
“इनको दबाने से कुछ नहीं होगा, मेरे निप्पल्स को चूसो,” भाभी ने कामुक आवाज में कहा। मैंने उनकी ब्रा उतारी। उनके गुलाबी निप्पल्स मेरे सामने थे, जैसे दो छोटे-छोटे गुलाब। मैंने उन्हें मुँह में लिया और चूसने लगा। भाभी “आह्ह… उह्ह… और जोर से…” की सिसकारियाँ लेने लगीं। फिर वो मेरे होंठों को चूसने लगीं, और मैं भी उनके रसीले होंठों का स्वाद लेने लगा। उनकी जीभ मेरी जीभ से टकरा रही थी, और वो हर पल और कामुक होती जा रही थीं।
चूत की चाट और चुदाई का तूफान
भाभी लेट गईं और अपने पैर फैला दिए। उनकी चूत गुलाबी और गीली थी, जैसे कोई फूल सुबह की ओस में भीगा हो। “देखने से क्या होगा, चाटो इसे,” भाभी ने हुक्म दिया। मैंने अपनी जीभ उनकी चूत पर रखी और लपलपाते हुए चाटने लगा। उनका सफ़ेद, गर्म रस मेरी जीभ पर आ रहा था, और मैं उसे चूस रहा था। भाभी की सिसकारियाँ अब और तेज हो गई थीं। “हाय… और चाटो… उफ्फ… मार डाला तूने…” वो अपने कूल्हे उठा-उठाकर मेरे मुँह में अपनी चूत रगड़ रही थीं। मैंने उनकी चूत के दाने को हल्के से काटा, और वो “आह्ह… हाय…” कहकर तड़प उठीं।
मेरा लंड अब और बर्दाश्त नहीं कर पा रहा था। मैंने उसे उनकी चूत पर सेट किया और एक जोरदार धक्का मारा। भाभी की चीख निकल गई, “आह्ह… धीरे, मेरे राजा!” मैंने लंड बाहर निकाला और फिर से एक धक्का मारा। इस बार वो “हाय… मार डाला…” कहकर सिसकारी। फिर क्या, मैंने उनकी कमर पकड़ी और जोर-जोर से धक्के मारने शुरू कर दिए। भाभी भी अपनी गांड उठा-उठाकर चुदवाने लगीं। “चोदो… और जोर से… फाड़ दो मेरी चूत को… आज मुझे जन्नत दिखा दो…” उनकी बातें मुझे और उत्तेजित कर रही थीं।
मैंने उन्हें पलटकर डॉगी स्टाइल में चोदा। उनके बूब्स को दबाया, उनकी गांड पर हल्के-हल्के थप्पड़ मारे। उनकी चूत को फिर से चाटा और उनकी गांड में उंगली डाली। वो हर पल और कामुक होती जा रही थीं। मैंने उन्हें बिस्तर के किनारे पर लिटाया और उनके पैर अपने कंधों पर रखकर चोदा। उनकी सिसकारियाँ कमरे में गूंज रही थीं। “हाय… और जोर से… मेरे राजा… मुझे आज माँ बना दो…” उनकी बातें सुनकर मेरा जोश और बढ़ गया।
करीब डेढ़ घंटे तक मैंने उन्हें अलग-अलग पोजीशन्स में चोदा। कभी मिशनरी, कभी काउगर्ल, कभी डॉगी—हर पोज में भाभी की चूत मेरे लंड की दीवानी हो रही थी। आखिरकार, मैं झड़ने वाला था। “भाभी, कहाँ छोड़ूँ?” मैंने पूछा।
“अंदर ही छोड़ दो, मेरे राजा… मुझे तुम्हारा बच्चा चाहिए,” भाभी ने कामुक आवाज में कहा। मैंने अपना सारा माल उनकी चूत में छोड़ दिया, और वो भी उसी वक्त झड़ गईं। हम दोनों की साँसें तेज थीं, मगर चेहरों पर संतुष्टि की चमक थी।
वो रात और उसका वादा
चुदाई के बाद भाभी मेरे सीने पर सिर रखकर लेट गईं। उनकी साँसें अभी भी तेज थीं। “आज पहली बार मुझे चुदाई का असली मजा मिला,” उन्होंने धीरे से कहा। “मेरे पति मुझे कभी संतुष्ट नहीं कर पाए। तुमने आज मुझे जन्नत दिखा दी। जब तक तुम लखनऊ में हो, मेरी प्यास बुझाते रहना।”
“भाभी, आप चिंता मत करो। मैं रोज मूठ मारकर वक्त बर्बाद करता हूँ। अगर मेरा लंड आपके काम आए और आप माँ बन जाओ, तो इससे बड़ी खुशी मेरे लिए क्या होगी?” मैंने कहा और उनके बूब्स सहलाने लगा।
उस रात के बाद, जब भी मौका मिलता, मैं और भाभी एक-दूसरे में खो जाते। कभी उनके घर, कभी मेरे कमरे में, हमारी रातें जुनून और हवस से भरी होती थीं। भाभी की हर अदा, हर सिसकारी, और हर धक्के में एक नया जुनून था। लखनऊ की वो रातें मेरे लिए किसी जन्नत से कम नहीं थीं। और हाँ, भाभी ने मुझसे वादा लिया कि ये बात हमेशा हमारे बीच रहेगी। मैंने भी वादा निभाया, मगर इस कहानी को HotSexStory.xyz पर लिखकर अपने दिल का बोझ हल्का कर लिया।