ब्लैक ब्रा में सेक्सी सलमा आंटी के साथ की चुदाई की रात
पढ़िए विनय और सेक्सी सलमा आंटी की सच्ची और हॉट सेक्स कहानी, जो मुंबई की गलियों में घटी। 38 साल की सलमा आंटी की अधूरी जवानी और विनय के कातिलाना लुक ने कैसे एक कामुक हादसे को जन्म दिया, जानिए इस गुदगुदाने वाली कहानी में।
नमस्ते दोस्तों, ये मेरी एक सच्ची और मस्त कहानी है, जो आपके दिल को गुदगुदाएगी और रातों को गर्म कर देगी। मेरा नाम विनय है, मैं मुंबई का रहने वाला हूँ, उम्र 22 साल, और मेरा लुक इतना कातिलाना है कि लड़कियाँ और आंटियाँ मुझ पर फिदा हो जाती हैं। ये कहानी मेरे और मेरे सामने वाली सेक्सी सलमा आंटी की है, जिनके साथ मेरा एक हसीन और कामुक हादसा हुआ। सलमा आंटी का नाम सुनते ही मेरे दिल में आग सी लग जाती है। उनकी उम्र 38 साल है, लेकिन वो किसी 25 साल की हॉट मॉडल से कम नहीं। उनका फिगर 34-28-42, गोरी-चिट्टी स्किन, कर्ली बाल जो उनके कंधों पर लहराते हैं, और उनकी वो कातिलाना आँखें जो किसी को भी घायल कर दें। उनकी 10 साल की एक बेटी है, और उनके शौहर दुबई में होटल में जॉब करते हैं, साल में एक-दो बार ही घर आते हैं। सलमा आंटी का वो सेक्सी बदन और अधूरी जवानी की प्यास मुझे हर रात तड़पाती थी।
बात करीब एक महीने पहले की है। एक सुबह, करीब 8:30 बजे, मैं अपनी छत पर टहल रहा था। तभी मेरी नजर सलमा आंटी के घर की खिड़की पर पड़ी। वो सिर्फ ब्लाउज और पेटीकोट में थीं, अपनी अलमारी में कुछ ढूंढ रही थीं। उनका गोरा बदन, वो कर्वी कमर, और ब्लाउज में कैद उनके भरे हुए चूचे देखकर मेरा लंड तन गया। मुझे लगा शायद वो चेंज करेंगी, लेकिन वो बाथरूम की ओर चली गईं। मैंने छत की दूसरी साइड से उनकी खिड़की की ओर देखा, और जो नजारा देखा, वो मेरे होश उड़ा गया। सलमा आंटी नहा रही थीं, उनका गीला बदन, साबुन से ढके चूचे, और उनकी चूत की हल्की झलक ने मुझे पागल कर दिया। मैं सोचने लगा, “काश, मैं इनकी चूत में अपना लंड पेल सकूँ।” 15-20 दिन तक यही सिलसिला चला। मैं हर सुबह उनकी खिड़की की ओर ताकता, और उनके नहाते हुए हसीन नजारे को अपनी आँखों में कैद कर लेता। लेकिन एक दिन किस्मत ने पलटी मारी। सलमा आंटी ने मुझे देख लिया। उनकी गुस्से भरी नजरें मुझ पर पड़ीं, और उन्होंने स्लाइडिंग विंडो जोर से बंद कर दी। मैं डर के मारे काँप गया, सोचा अब तो गया काम से।
उसी शाम मैं दोस्तों के साथ खेलने जा रहा था, तभी सलमा आंटी ने मुझे फिर से गुस्से से घूरा। मैंने डरते-डरते “सॉरी” बोला और वहाँ से भाग लिया। अगले दिन मम्मी ने मुझे एक टिफिन देकर कहा, “जा, सलमा आंटी को दे आ।” मैं मना भी न कर सका। दिल में डर था, लेकिन मजबूरी में उनके घर गया। उनका दरवाजा खुला था, मैं सीधा अंदर चला गया। और जो देखा, वो मेरे लिए जन्नत का नजारा था। सलमा आंटी सिर्फ ब्लैक ब्रा और पैंटी में खड़ी थीं, हाथ में एक ब्लैक गाउन था। मुझे देखते ही उन्होंने अपने चूचों को छुपाने की कोशिश की। मैं पसीने-पसीने हो गया, “सॉरी” बोलकर मुँह नीचे कर लिया। लेकिन आंटी ने मुझे सोफे पर बैठने को कहा। थोड़ी देर बाद वो ब्लैक गाउन पहनकर बाहर आईं। यार, वो क्या कयामत लग रही थीं! गाउन उनके कर्व्स को और हाइलाइट कर रहा था, उनकी गोरी थाइस और वो गहरी नाभि देखकर मेरा लंड पैंट में तंबू बना रहा था।
वो मेरे सामने खड़ी हो गईं और गुस्से से बोलीं, “मैं तुम्हारी मम्मी को बता दूँगी कि तुम कितने बदतमीज हो गए हो। मेरी बाथरूम की खिड़की में झाँकते हो, शर्म नहीं आती?” मैं डर के मारे काँपने लगा, उनके सामने गिड़गिड़ाने लगा, “प्लीज आंटी, मम्मी को मत बताइए, मैं सॉरी बोलता हूँ।” मैंने उनके पैर पकड़ लिए, रोते हुए माफी माँगी। आंटी चुप रहीं। मैं फिर बोला, “प्लीज, दोबारा ऐसा नहीं होगा।” तभी अचानक आंटी हँस पड़ीं और बोलीं, “ऊपर देखो, विनय।” मैंने जैसे ही ऊपर देखा, मेरी साँसें थम गईं। आंटी ने अपनी नाइटी कमर तक उठा रखी थी। उनकी गोरी-गोरी थाइस, और ब्लैक पैंटी में छुपी उनकी चूत की हल्की सी झलक ने मुझे बेकाबू कर दिया। मेरा लंड फूलकर लोहे की रॉड बन गया। मैं कुछ बोल पाता, उससे पहले आंटी ने मेरा हाथ पकड़ा और अपनी चूत पर रख दिया। वो अपने होंठों पर जीभ फेरते हुए मुस्कुराईं। उनकी आँखों में वो कामुक चमक थी, जो बता रही थी कि वो मेरे लंड से अपनी चूत की आग बुझाना चाहती हैं।
मैंने हिम्मत जुटाई और उनके चूचों पर हाथ रख दिया, धीरे-धीरे सहलाने लगा। आंटी बस मुस्कुराती रहीं, कुछ बोलीं नहीं। मैंने उनकी नाइटी उतार दी। अब वो सिर्फ ब्लैक ब्रा और पैंटी में मेरे सामने अपनी जवानी का जलवा दिखा रही थीं। मैंने उनकी ब्रा खींचकर उतार फेंकी। यार, उनके गोल-गोल चूचे देखकर मेरे मुँह में पानी आ गया। वो थोड़े लंबे, लेकिन बिल्कुल टाइट थे। उनके एरोला 1 इंच के थे, और निप्पल फूले हुए, जैसे रसीले मोनैका। मैंने उन्हें अपनी बाहों में लिया, उनके चूचों को दोनों हाथों से मसलने लगा। आंटी भी मुझे जकड़कर खड़ी थीं। मैंने उनके होंठ अपने होंठों में लेकर चूसने लगा। उनकी साँसें गर्म थीं, और वो मेरे होंठों को ऐसे चूस रही थीं जैसे भूखी शेरनी। मैंने एक हाथ उनकी पैंटी में डाला, उनकी चूत को सहलाया। वो पहले से ही गीली थी। मैंने एक उंगली उनकी चूत में डाल दी और अंदर-बाहर करने लगा। आंटी की सिसकारियाँ निकलने लगीं, “उफ्फ, विनय, और करो…”
मैंने उनकी पैंटी उतार दी। अब हम दोनों मदरजात नंगे एक-दूसरे के सामने थे। आंटी ने मेरे लंड को देखा और बोलीं, “हाय राजा, तुम्हारा लंड तो बड़ा मस्त है। कोई भी औरत इसे अपनी चूत में लेने के लिए तरसेगी।” मैंने उन्हें बाहों में भरा और पूछा, “आप मेरे लंड को अपनी चूत में चाहती हैं?” आंटी ने सेक्सी अंदाज में कहा, “अरे, मैं तो कब से तुम्हारे लंड की सवारी करना चाहती हूँ। अब जल्दी से चोदो मुझे, मेरी चूत में आग लगी है।” वो मेरे पास आईं, मेरा लंड हाथ में लिया और प्यार से सहलाने लगीं। मैंने उनका एक चूचा मुँह में लिया और चूसने लगा, दूसरा चूचा मसलने लगा। आंटी अब फुल मूड में थीं। उन्होंने मुझे बेड पर पटक दिया और मेरे लंड को ध्यान से देखने लगीं। फिर बोलीं, “तुम्हारा लंड तो बड़ा सेक्सी है, विनय। आज मेरी चूत इसकी सैर करेगी। पहले मुझे इसका टेस्ट लेना है।”
मैंने कहा, “आंटी, आप मेरे लंड का स्वाद लो, मैं भी आपकी चूत का मजा लूँगा। चलो, 69 में मस्ती करते हैं।” हम बेड पर लेट गए, मैंने आंटी को अपने ऊपर खींच लिया। उन्होंने मेरे लंड के सुपारे को चूमा, फिर उसे मुँह में लेकर चूसने लगीं। उनकी जीभ मेरे लंड पर जादू कर रही थी। मैंने उनके पैर फैलाए, उनकी झांटों वाली चूत मेरे सामने थी, गीली और लंड माँग रही थी। मैंने एक उंगली उनकी चूत में डाली, फिर जीभ से उनकी चूत को चाटने लगा। आंटी चिल्लाईं, “हाय विनय, और चाटो, मेरी चूत को खा जाओ!” मैंने उनकी चूत में जीभ घुसेड़ दी, उनका रस चाटने लगा। वो इतनी गर्म हो गई थीं कि उनकी चूत ने गरम रस छोड़ दिया। मैंने सारा रस पी लिया। उधर, आंटी मेरे लंड को चूस रही थीं। मैं उनके मुँह में झड़ गया, और उन्होंने मेरा सारा माल गटक लिया।
आंटी का चेहरा अब कामवासना से चमक रहा था। वो बोलीं, “चूत चुसाई में तो मजा आया, अब चुदाई का टाइम है। जल्दी से अपना लंड तैयार करो और मेरी चूत में पेलो।” वो बेड पर लेट गईं, अपनी टाँगें उठाईं, उनकी चूत मेरे सामने थी। मैं उनके ऊपर चढ़ा, आंटी ने मेरा लंड अपनी चूत पर सेट किया। मैंने एक धक्का मारा, मेरा पूरा लंड उनकी गीली चूत में समा गया। पहले मैंने धीरे-धीरे चोदा, फिर स्पीड बढ़ाई। आंटी सिसकारियाँ ले रही थीं, “आह्ह, उफ्फ, और तेज, विनय, फाड़ दो मेरी चूत!” उनके चूचे हर धक्के के साथ उछल रहे थे, वो नजारा मेरे लिए जन्नत था।
थोड़ी देर बाद मैंने उन्हें घोड़ी बनाया। उनकी XXL गांड ऊपर उठी, उनके चूचे लटक रहे थे। मैंने उनकी गांड पर हाथ फेरा, लंड उनकी चूत में डाला, और उनके चूचों को पकड़कर जोर-जोर से धक्के मारने लगा। आंटी भी अपनी गांड पीछे धकेल रही थीं, “हाय, और तेज, चोदो मुझे!” काफी देर चुदाई के बाद आंटी झड़ गईं। मैं भी क्लाइमेक्स पर था। मैंने कहा, “आंटी, मैं झड़ने वाला हूँ।” उन्होंने कहा, “अंदर ही निकाल दो, राजा।” मैंने उनके अंदर अपना सारा माल छोड़ दिया। थककर मैं उनके ऊपर लेट गया। आंटी ने मेरे लंड को चाटकर साफ किया।
फिर हम बाथरूम गए, वहाँ भी एक राउंड चुदाई हुई। कपड़े पहनकर मैं घर लौटा, लेकिन सलमा आंटी और मेरी चुदाई का सिलसिला अब भी चलता है। कभी उनके घर, कभी होटल में, हम अपनी जवानी के मजे लूटते हैं। ये थी मेरी और सलमा आंटी की सेक्सी कहानी, जो मेरे दिल में आग लगाती है।