दीदी की जवानी का नशा
पढ़ें रोहन और उसकी बड़ी बहन नेहा की सच्ची सेक्स स्टोरी। लॉकडाउन में घर पर शुरू हुई उनकी गुप्त शारीरिक संबंधों की कहानी, जिसमें जिज्ञासा से लेकर हवस तक का रोमांच है। भाई-बहन की चुदाई और अगली बार मम्मी की कहानी का इंतजार करें!
हाय दोस्तों, मेरा नाम रोहन है। मैं महाराष्ट्र के सांगली शहर का रहने वाला हूँ। हमारे घर में कुल पांच लोग हैं—मैं, मेरी बड़ी बहन नेहा, मम्मी, पापा और दादाजी। नेहा मुझसे तीन साल बड़ी है। हमारे घर में जगह की कमी थी, बस तीन कमरे थे। एक में मम्मी-पापा, दूसरे में दादाजी और तीसरे में मैं और नेहा सोते थे। बचपन से ही हम दोनों एक ही कमरे में सोते आए थे। कभी-कभी छोटी-मोटी नोकझोंक भी हो जाती थी, लेकिन बड़े होने के बाद सब ठीक हो गया।
जब मैं बारहवीं में था, तब नेहा आगे की पढ़ाई के लिए पुणे चली गई। वो अब सिर्फ छुट्टियों में ही घर आती थी। फिर एक दिन मेरी जिंदगी में ऐसा मोड़ आया, जिसने सब कुछ बदल दिया। ये कहानी तब की है, जब मैं 18 साल का था। बारहवीं की परीक्षाएं खत्म हो चुकी थीं और मेरे पास ढेर सारा खाली वक्त था। उस दौरान मैं दिन-रात फोन पर समय बिताने लगा। धीरे-धीरे मुझे कुछ गलत वीडियो देखने की लत लग गई।
पहले तो मैं बस आम वीडियो देखता था, लेकिन एक दिन गलती से मुझे एक ऐसा वीडियो दिखा जिसमें भाई-बहन के बीच अनैतिक रिश्ते को दिखाया गया था। मैं हैरान रह गया। क्या ऐसा सच में हो सकता है? उस वीडियो में लड़की पहले अपने भाई को मना करती है, लेकिन बाद में खुशी-खुशी सब मान लेती है। वो वीडियो मुझे अजीब सा आकर्षक लगा। फिर क्या, मैं ऐसे ही वीडियो ढूंढने लगा। मन में सवाल उठने लगे कि क्या सच में भाई-बहन ऐसा सोच सकते हैं?
जिज्ञासा बढ़ी तो मैंने इंटरनेट पर इस बारे में खोजबीन शुरू की। मुझे कई ऐसी कहानियाँ मिलीं, जिनमें सगे भाई-बहनों के बीच शारीरिक संबंधों की बात थी। ये सब पढ़कर मेरा दिमाग भटकने लगा। मेरे मन में भी अपनी बड़ी बहन नेहा के लिए गलत खयाल आने लगे। मैं खुद को रोकना चाहता था, लेकिन वो विचार बार-बार दिमाग में घूमने लगे।
नेहा उस वक्त पुणे में थी और मुझे उससे मिलने का मौका सिर्फ छुट्टियों में ही मिलता था। फिर अचानक 2020 में कोरोना का कहर फैल गया। नेहा के कॉलेज में कुछ छात्रों को वायरस हो गया, जिसके चलते कॉलेज और हॉस्टल बंद कर दिए गए। मजबूरन उसे दो हफ्तों के लिए घर आना पड़ा। ये खबर सुनकर मेरा दिल जोर-जोर से धड़कने लगा। मुझे लगा कि शायद ये मौका है अपने मन की गंदी चाहत को पूरा करने का।
अगले दिन नेहा घर पहुँच गई। उसने हरे रंग का कुर्ता और पायजामा पहना था। उसका बदन इतना आकर्षक लग रहा था कि मेरी नजरें उससे हट ही नहीं रही थीं। पहले मैं उसे एक भाई की नजर से देखता था, लेकिन अब मेरे मन में कुछ और ही चल रहा था। घर पहुँचते ही मम्मी ने उससे कहा, “नेहा, अब तुम दादाजी के कमरे में सो जाओ।” शायद मम्मी को लग रहा था कि हम दोनों अब बड़े हो गए हैं, इसलिए एक कमरे में नहीं सोना चाहिए। लेकिन नेहा ने मना कर दिया। उसने कहा, “नहीं मम्मी, दादाजी रात में बहुत खर्राटे लेते हैं। मैं रोहन के साथ अपने कमरे में ही सोऊँगी।” ये सुनकर मेरे मन में लड्डू फूटने लगे।
रात हुई। खाना खाने के बाद नेहा थकान की वजह से जल्दी सोने चली गई। मैं भी थोड़ी देर बाद कमरे में गया। वो गहरी नींद में थी। उसकी साँसें शांत थीं और उसका शरीर मेरी तरफ था। मैंने हिम्मत जुटाई और धीरे से उसके करीब गया। उसकी कमर पर हाथ रखा तो एक अजीब सा सुकून मिला। मेरा दिल जोर-जोर से धड़क रहा था। मैंने हल्के से उसकी कमर को दबाया। तभी अचानक उसकी नींद टूट गई। वो उठ बैठी और बोली, “रोहन, ये क्या कर रहे हो?”
मैं घबरा गया। जल्दी से बहाना बनाया, “कुछ नहीं दीदी, बस देख रहा था कि तुम सोई हो या नहीं।” वो नींद में थी, इसलिए ज्यादा कुछ नहीं बोली और फिर सो गई। लेकिन मुझे डर लग रहा था कि कहीं उसे शक न हो जाए। अगले कुछ दिन मैं चुप रहा। फिर देश में लॉकडाउन लग गया। अब नेहा लंबे वक्त तक घर पर ही रहने वाली थी। मेरे पास अब ढेर सारा समय था।
एक दिन मेरे सब्र का बाँध टूट गया। मैं फिर से वैसी कहानियाँ पढ़ने लगा। मेरा मन बेकाबू हो गया। मैं कमरे में गया जहाँ नेहा पढ़ाई कर रही थी। मैं जानबूझकर उसके सामने लेट गया ताकि वो मेरी हालत देख ले। उसने एक नजर मुझ पर डाली और गुस्से में कमरा छोड़कर चली गई। मुझे एहसास हुआ कि वो मुझसे नाराज है। लेकिन मेरे दिमाग पर हवस सवार थी।
रात को खाने के बाद मैं उसकी हर हरकत को गौर से देख रहा था। उसकी हँसी, उसका बोलना—सब कुछ मुझे उकसा रहा था। वो समझ गई थी कि मेरी नजरें कहाँ हैं। खाना खत्म होने के बाद वो सोने चली गई। मैं भी कमरे में गया। वो सो रही थी। उसका खूबसूरत शरीर देखकर मैं खुद को रोक न सका। मैंने धीरे से उसका पायजामा नीचे सरकाया। पहली बार मैं इतने करीब से किसी को देख रहा था—वो भी अपनी बहन को।
मैंने उसकी चूत को छुआ और धीरे-धीरे चाटने लगा। मुझे मजा आ रहा था। तभी अचानक उसकी नींद खुल गई। उसने मुझे धक्का दिया और जोर से चिल्लाई, “ये क्या कर रहे हो?” मैं डर गया। उसने मुझे थप्पड़ जड़ दिया। लगा कि अब सब खत्म हो गया। लेकिन तभी उसकी नजर मेरे खड़े लंड पर पड़ी। वो मुझे देखने लगी। शायद उसे भी कुछ हुआ। वो मेरे पास आई और अचानक मेरे होंठों को चूम लिया। फिर पीछे हट गई।
मैं समझ गया कि अब मौका है। मैंने उसे फिर से चूमा और वो भी मेरा साथ देने लगी। मैंने उसके कपड़े उतार दिए। उसका नंगा बदन देखकर मेरा लंड और सख्त हो गया। मैं उसके बूब्स चूसने लगा। वो सिसकारियाँ भरने लगी। फिर उसने कहा, “बस कर रोहन, कितना चूसेगा?” मैं रुक गया। अब उसने मेरा लंड मुंह में लिया। मुझे स्वर्ग का एहसास हो रहा था।
करीब आधे घंटे तक हम एक-दूसरे के साथ खेलते रहे। फिर मैंने उसकी चूत में अपना लंड डाला। वो जोर से चिल्लाई, “रोहन, निकालो! बहुत दर्द हो रहा है।” लेकिन मैं नहीं रुका। मैं उसे जोर-जोर से चोदने लगा। थोड़ी देर बाद मैंने अपना सारा माल उसके अंदर छोड़ दिया।
उस रात हम नंगे ही सो गए। सुबह वो ठीक से चल भी नहीं पा रही थी। उसने कहा, “रोहन, ये दर्द मुझे पसंद आया। लेकिन अब रात को करेंगे।” उस दिन हमने फिर से 69 पोजीशन में मजा लिया। लॉकडाउन तक हम हर रात एक-दूसरे के साथ वक्त बिताते रहे। फिर वो पुणे चली गई। अब उसकी कमी खलती है। मेरी नजर अब मम्मी पर है। वो कहानी अगली बार सुनाऊँगा।
आपको मेरी कहानी कैसी लगी? मुझे बताइए।