कॉलेज के दिनों में रेखा के साथ हॉट चुदाई की सच्ची कहानी
पढ़ें अनुराग की सच्ची सेक्स स्टोरी, जिसमें कॉलेज के लिए शहर आने पर उसकी मुलाकात 35 साल की सेक्सी रेखा से हुई। गोरे बदन, 36-30-38 फिगर वाली रेखा के साथ चूत और गांड की चुदाई का रोमांचक अनुभव इस हॉट कहानी में जानें।
हैलो दोस्तों, मेरा नाम अनुराग है और आज मैं आपके सामने अपनी एक सच्ची कहानी लेकर आया हूँ, जो मेरे साथ घटी एक हॉट और सेक्सी घटना है। यह बात तब की है जब मैंने कॉलेज में एडमिशन लिया था। दोस्तों, 12वीं तक की पढ़ाई मैंने अपने गाँव में की थी, लेकिन गाँव में आगे की पढ़ाई का कोई साधन नहीं था, इसलिए मुझे कॉलेज के लिए पास के शहर जाना पड़ा। मैंने एक अच्छे कॉलेज में एडमिशन ले लिया और ये मेरा पहला मौका था जब मैं घर से बाहर निकला था। मेरे घरवाले थोड़े टेंशन में थे और मैं भी थोड़ा नर्वस था।
तभी मेरी मौसी, जो आगरा में रहती हैं, मम्मी से मिलने आईं। बातों-बातों में जब उन्हें पता चला कि मेरा एडमिशन शहर में हो गया है, तो उन्होंने कहा, “अनुराग के रहने का इंतजाम मैं करवा दूँगी। मेरी छोटी ननद रेखा वहाँ रहती है, उसके पति बैंक मैनेजर हैं।” ये सुनकर घरवालों की चिंता थोड़ी कम हुई। मौसी ने कहा, “कल हम रेखा के घर चलेंगे, उससे मिल लेंगे और अनुराग का रहना भी फिक्स हो जाएगा।” अगले दिन पापा, मम्मी, मौसी और मैं शहर के लिए निकल पड़े।
रास्ते में मौसी ने बताया कि रेखा की शादी को 9 साल हो गए हैं, लेकिन उसे अभी तक कोई बच्चा नहीं हुआ। उसका घर बहुत बड़ा है और पति के ऑफिस जाने के बाद वो अकेली रहती है। मेरे वहाँ रहने से उसका अकेलापन भी दूर हो जाएगा। जब हम रेखा के घर पहुँचे, तो सचमुच उनका बंगला शानदार था। रेखा ने बड़े प्यार से हमारा स्वागत किया और मौसी की बात सुनकर खुश हो गई। उसने कहा, “मैं कब से चाहती थी कि कोई घर पर रहे। मेरी अपनी औलाद नहीं है, तो अनुराग को अपने बेटे की तरह रखूँगी।” फिर मेरे घरवाले मुझे वहाँ छोड़कर चले गए।
दोस्तों, रेखा 35 साल की थी, गोरी, भरे हुए बदन वाली और बेहद खूबसूरत। उसकी हाइट 5.7 थी और फिगर साइज़ लगभग 36-30-38। उसकी सूरत और बॉडी किसी फिल्म की हिरोइन जैसी थी। शाम को उसका पति मुकेश ऑफिस से आया। वो भी स्मार्ट और अच्छे स्वभाव का था। उसने मुझे मेरा कमरा दिखाया। सामान सेट करते वक्त रेखा आई और बोली, “बेटा, नहाकर नीचे आ जाओ, कुछ खा लो।” मैं नहाने गया और नहाते वक्त मेरा लंड खड़ा हो गया। मैंने मूठ मार ली, क्योंकि रेखा को देखकर मन थोड़ा गरम हो गया था, पर अभी उसकी चूत लेने का ख्याल नहीं आया था।
नहाकर नीचे गया, खाना खाया और ढेर सारी बातें कीं। मैं खुश था कि मुझे रहने के लिए अच्छी जगह मिल गई, पर मुझे क्या पता था कि यहाँ चूत का मजा भी मिलेगा। रात को सो गया और सुबह 10 बजे उठा। कॉलेज के लिए लेट हो गया था, तो जल्दी नहाकर नीचे गया। वहाँ कोई नहीं था। मुकेश ऑफिस जा चुका था और रेखा कहीं दिख नहीं रही थी। मैंने आवाज़ लगाई, पर जवाब नहीं आया। इंतज़ार करते-करते 20-25 मिनट बीत गए, तो मैंने सोचा घर घूम लूँ। सारे कमरे देखे, पर एक कोने वाला कमरा छूट गया था।
उस कमरे में गया तो मेरी आँखें फटी रह गईं। रेखा सो रही थी, गुलाबी जालीदार मैक्सी में। हवा से मैक्सी उसके पैरों से हटकर पेट तक आ गई थी। उसके गोरे, चिकने पैर देखकर मेरा लंड तन गया। मैंने कंट्रोल किया और दरवाजा खटखटाया, पर वो नहीं उठी। उसे जगाने के लिए पास गया, तो वो अचानक उठ बैठी और बोली, “क्या हुआ, तुम यहाँ कैसे?” मैं सकपका गया और बोला, “आपको जगाने की कोशिश कर रहा था, आप गहरी नींद में थीं।” उसने बताया कि दवाई की वजह से उसे नींद आ गई थी।
एक हफ्ता बीत गया और उस दिन रेखा के गोरे पैर देखने के बाद मेरा मन उसे चोदने को बेकरार रहने लगा। मुझे लगने लगा था कि वो भी मेरे लंड का स्वाद लेना चाहती है। एक दिन मौका मिल ही गया। मुकेश को ऑफिस के काम से 2 हफ्ते के लिए बाहर जाना पड़ा। अब घर पर सिर्फ हम दोनों थे। अगले दिन सुबह चाय पीते वक्त रेखा ने पूछा, “अनुराग, सच बताओ, तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड है?” मैंने शरमाते हुए कहा, “नहीं, मुझे लड़कियों से शर्मिंदगी होती है।” उसने पूछा, “लड़कियों में तुम्हें क्या पसंद है?” मैं सोच में पड़ गया। हिम्मत करके बोला, “जो पसंद है, वो ऐसे नहीं बता सकता।” उसने कहा, “पेपर पर लिख दो।” मैंने कहा, “अगर बुरा न मानो तो बता दूँ।” उसने हँसकर कहा, “बता दो।” मैंने कहा, “मुझे उनके बूब्स बहुत अट्रैक्ट करते हैं।”
रेखा ने घूरकर कहा, “सूरत से सीधा लगता है, पर बड़ा तेज़ है तू,” और मुस्कुराती हुई चली गई। उसकी बातों ने मेरा मूड गरम कर दिया। मैं रूम में गया, दरवाजा बंद किया और मूठ मारने लगा। जल्दबाज़ी में दरवाजा पूरी तरह बंद नहीं हुआ। मेरा लंड उस दिन बहुत टाइट था। तभी आहट हुई। देखा तो रेखा चाय लेकर खड़ी थी। मैं घबरा गया। उसने गुस्से से कहा, “ये क्या कर रहे हो? कपड़े क्यों नहीं पहने?” मैंने लंड दबाया, पर वो फनफनाता हुआ हाथ से छूट गया। रेखा ने कहा, “शर्म करो, इसे कंट्रोल करो। मुकेश से शिकायत करूँगी।” वो चली गई। मैं डर गया, कपड़े पहने और नीचे जाकर माफी माँगने लगा।
वो मुस्कुराई और बोली, “एक सवाल का जवाब दे, तो कुछ नहीं बताऊँगी।” मैंने कहा, “पूछो।” उसने कहा, “18 साल का है, कभी सेक्स किया?” मैंने कहा, “नहीं, बूब्स भी नहीं देखे।” वो हँसी और बोली, “इतना मोटा लंड हाथ से ही किया?” मैं खुश हो गया कि शायद आज चूत मिले। उसने इशारा किया और बाथरूम की ओर चली। बोली, “मेरा एक काम करेगा?” मैंने कहा, “जो बोलोगी, करूँगा।” उसने मेरी पैंट नीचे सरकाई, लंड पकड़ा और बोली, “बाप रे, इतना मोटा! मुकेश का तो 4 इंच का पतला है। 9 साल से सेक्स का मज़ा नहीं लिया।” मैंने पूछा, “शादी से पहले?” वो बोली, “12वीं से चुदाई शुरू की। मेरा टीचर मुझे चोदता था। उसका लंड भी तेरे जैसा था।”
उसने मेरा लंड मुँह में लिया और चूसने लगी। मैं स्वर्ग में था। वो इतना चूसी कि मेरा निकलने वाला था। मैंने कहा, “निकाल लूँ?” पर वो चूसती रही। मैंने उसके मुँह में झड़ दिया। उसने सारा माल पी लिया और लंड साफ कर दिया। फिर बोली, “अब तेरी बारी।” मैंने कहा, “इसे फिर से तैयार करो।” वो चूसने लगी, पर अचानक रुक गई और बोली, “मैं अकेली मेहनत करूँ?” मैंने पूछा, “क्या करूँ?” उसने कहा, “मेरी चूत चूसो, मैं तेरा लंड।” मैं अनाड़ी था। उसने 69 पोज़िशन सिखाई। उसकी चूत गरम थी, पानी बह रहा था। वो पागल हो गई और बोली, “जल्दी लंड डालो।”
मैंने लंड उसकी चूत पर रखा और एक झटके में पूरा अंदर घुसा दिया। चूत की गर्मी से मैं पागल हो गया। मैंने उसे ताबड़तोड़ चोदा। वो चिल्लाई, “और तेज़, ओह्ह और ज़ोर से!” 10 मिनट बाद उसने मुझे जकड़ लिया और नीचे से धक्के देने लगी। वो झड़ गई, पर मैं चोदता रहा। उसने कहा, “लंड मुँह में डालो।” मैंने ऐसा किया और फिर झड़ गया। उसने सारा माल पी लिया।
उसके पति के आने तक मैंने उसे रोज़ चोदा। एक दिन मैंने उसकी गांड मारने की सोची। उसे गर्म करके लंड उसकी गांड में घुसा दिया। वो चिल्लाई, “उईई माँ, निकालो!” पर मैंने नहीं रुका। बाद में उसे मज़ा आने लगा। मैंने उसकी गांड और चूत दोनों का मज़ा लिया। 7 दिन में उसने मुझे थका दिया। एक दिन में 6 बार चोदा होगा। दोस्तों, ये थी मेरी सेक्सी कहानी।