मौसी की चुदाई की कामुक कहानी
हाय, मैं फिर हाज़िर हूँ अपनी एक और सच्ची, दिल को छू लेने वाली कहानी के साथ। ये बात उस वक़्त की है जब मैं 11वीं में पढ़ता था, उम्र थी मेरी 18 साल। मेरी सबसे छोटी मौसी, जो सिर्फ़ 19 साल की थी, हमारे घर आई थी। मेरे मम्मी-पापा दोनों जॉब करते थे, और सुबह वो अपने ऑफ़िस निकल जाते थे। ऐसे में घर पर सिर्फ़ मैं और मेरी मौसी रह जाते थे। मौसी का फिगर, हाय… क्या बताऊँ! 34 की चूचियाँ, 24 की पतली कमर, और 36 की भरी-पूरी गांड। उसे देखकर मेरा दिल मचल जाता था, और मन करता था कि बस उसकी चूचियों को कसकर दबा दूँ, उसकी गोरी-चिकनी जांघों को सहलाऊँ। लेकिन डर भी लगता था कि कहीं मौसी मम्मी को न बता दे।
वो दिन, जब सब कुछ बदल गया
एक दिन मैं स्कूल नहीं गया और घर पर ही था। दोपहर का वक़्त था, और हम दोनों मेरे बेड पर लेटे हुए थे। मौसी गहरी नींद में थी, और उसका सेक्सी बदन मेरे बगल में था। उसकी साँसें धीरे-धीरे चल रही थीं, और उसकी चुन्नी थोड़ी सरक गई थी, जिससे उसकी चूचियों की गहरी लकीर साफ़ दिख रही थी। मेरा मन बेकाबू हो रहा था। मैंने धीरे से अपना एक हाथ उसकी चूचियों पर रख दिया। हल्के-हल्के सहलाने लगा। उसकी सॉफ्ट चूचियाँ मेरे हाथों में जैसे मखमल थीं। मौसी ने कोई हरकत नहीं की, तो मेरी हिम्मत और बढ़ गई।
मैंने हौसला जुटाया और अपना दूसरा हाथ उसकी सलवार के ऊपर से उसकी चूत पर रख दिया। हल्के-हल्के सहलाने लगा। उसकी चूत गर्म थी, और मुझे लग रहा था कि मेरा लंड अब फट जाएगा। मौसी अभी भी चुप थी, लेकिन मुझे लग रहा था कि वो जाग रही है और मज़ा ले रही है। मैंने और हिम्मत की, और उसकी कुरती में हाथ डालकर उसकी ब्रा के ऊपर से उसकी चूचियाँ दबाने लगा। वो अब धीरे-धीरे करवट ले रही थी, जैसे मज़ा ले रही हो। मैंने मौका देखकर उसकी ब्रा का हुक खोल दिया, और उसकी सलवार का नाड़ा भी ढीला कर दिया।
मौसी की मादक सिसकारियाँ
मेरे हाथ अब उसकी नंगी चूचियों पर थे। उसकी चूचियाँ इतनी टाइट और कड़क थीं कि मेरा लंड पैंट में तड़प रहा था। मैंने धीरे से उसकी चूत को सहलाया, और अब उसकी साँसें तेज़ हो रही थीं। उसके मुँह से हल्की-हल्की “आह… आह…” की आवाज़ें आने लगीं। अचानक मौसी ने अपनी आँखें खोलीं और मुझे ऐसी सेक्सी नज़रों से देखा कि मेरा दिल धक-धक करने लगा। वो मुझसे लिपट गई, और हम दोनों फ्रेंच किस करने लगे। उसका मुलायम होंठ मेरे होंठों पर था, और उसकी जीभ मेरी जीभ से खेल रही थी।
उसका एक हाथ मेरे लंड पर था, और वो उसे पैंट के ऊपर से ही सहलाने लगी। मेरा लंड अब पूरी तरह से टनटना गया था, 7 इंच का लोहे जैसा सख्त। मौसी ने मेरी पैंट खोली और मेरा लंड बाहर निकाला। उसने उसे अपने मुलायम हाथों में लिया और चूमने लगी। फिर धीरे से अपने मुँह में ले लिया। हाय… उसकी गर्म जीभ मेरे लंड पर थी, और वो उसे ऐसे चूस रही थी जैसे कोई लॉलीपॉप हो। मैं तो सातवें आसमान पर था।
69 का मज़ा और चूत की चटाई
मैंने मौसी से कहा, “मौसी, मैं तुम्हारी चूत चाटना चाहता हूँ।” वो मुस्कुराई और हम 69 की पोज़िशन में आ गए। मैंने उसकी सलवार पूरी तरह उतार दी, और उसकी चिकनी, गुलाबी चूत मेरे सामने थी। मैंने अपनी जीभ उसकी चूत पर रखी और चाटने लगा। पहली बार मैं किसी चूत को चाट रहा था, और उसका नमकीन स्वाद मुझे पागल कर रहा था। मौसी मेरे लंड को चूस रही थी, और मैं उसकी चूत को। थोड़ी देर में मौसी ने अपना पानी छोड़ दिया, और मैंने उसे चाट-चाटकर साफ़ कर दिया।
मौसी अब बेकाबू हो रही थी। उसने कहा, “अब और बर्दाश्त नहीं होता। जल्दी से अपना लंड मेरी चूत में डाल दे, नहीं तो मैं मर जाऊँगी।” मैंने उसे सीधा लिटाया और अपना लंड उसकी चूत पर सेट किया। एक ज़ोरदार धक्का मारा, और मेरा लंड 3 इंच अंदर चला गया। मौसी चीख पड़ी, “हाय… मर गई!” मैंने उसे चुप कराने के लिए उसके होंठों पर किस करना शुरू किया और एक और धक्का मारा। इस बार मेरा पूरा लंड उसकी चूत में समा गया।
चुदाई का तूफ़ान
मौसी दर्द से चिल्ला रही थी, तो मैं थोड़ा रुका। मैं उसके ऊपर लेटा रहा, और उसकी चूचियों को चूसने लगा। थोड़ी देर बाद जब वो शांत हुई, मैंने धीरे-धीरे धक्के लगाने शुरू किए। अब उसे भी मज़ा आने लगा था, और वो अपनी गांड उठा-उठाकर मेरा साथ दे रही थी। उसकी सिसकारियाँ कमरे में गूँज रही थीं, “आह… और तेज़… चोद मुझे…” मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी और ज़ोर-ज़ोर से उसकी चुदाई करने लगा। उसकी चूत इतनी टाइट थी कि मेरा लंड हर धक्के में और सख्त हो रहा था।
थोड़ी देर में हम दोनों झड़ गए। मैंने अपना सारा माल उसकी चूत में छोड़ दिया, और हम दोनों नंगे ही एक-दूसरे से लिपटे रहे। 10 मिनट बाद मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया। मैंने मौसी से कहा, “इसे फिर से चूसो।” उसने मेरा लंड अपने मुँह में लिया और चूसने लगी। मैं उसकी बड़ी-बड़ी चूचियों को दबा रहा था। उस दोपहर मैंने मौसी की चूत को 4 बार चोदा। हर बार वो और सेक्सी हो रही थी।
रोज़ की चुदाई और ननिहाल का मज़ा
जब तक मौसी हमारे घर रही, मैं हर दोपहर उसकी जमकर चुदाई करता। उसकी शादी के बाद ये सिलसिला रुका, लेकिन जब मैं ननिहाल जाता, तो वहाँ भी मौसी को चोदता था। वो कहानी फिर कभी सुनाऊँगा। मेरी ये कहानी आपको कैसी लगी, ज़रूर बताना।