Bhabhi Sex

हिमाचल की रात: भाभी और देवर की कामुक मुलाकात

मेरा नाम सुनीता है। मैं हिमाचल की हसीन वादियों में रहती हूँ, जहाँ की ठंडी हवाएँ और खूबसूरत नज़ारे मेरे दिल को हमेशा सुकून देते हैं। आज मैं आपको एक ऐसी कहानी सुनाने जा रही हूँ, जो मेरे दिल के किसी कोने में अब भी धड़कती है। ये कहानी है मेरे और मेरे देवर के बीच की उस रात की, जब हमारी नज़दीकियाँ हदें पार कर गईं। उस वक़्त मैं 35 साल की थी, जवानी का वो दौर जहाँ जिस्म में आग और मन में बेकरारी हर पल साथ रहती थी। मेरा देवर, राहुल, मुझसे कुछ साल छोटा था, लेकिन उसका कसरती बदन, चौड़ा सीना और वो गहरी आँखें किसी को भी दीवाना बना सकती थीं। उसका स्टाइल, उसकी हँसी, और वो बिंदास अंदाज़ मुझे हमेशा से पसंद था। हम दोनों में अच्छी बॉन्डिंग थी, मज़ाक-मस्ती, हल्की-फुल्की छेड़खानी तो आम बात थी। लेकिन उस दिन, कुछ ऐसा हुआ कि सारी हदें टूट गईं।

बात उस दिन की है जब मैं शहर से शॉपिंग करके लौटी। मैंने एक नई नेट वाली ब्रा खरीदी थी, जो इतनी सेक्सी थी कि उसे देखकर ही मेरे मन में शरारत जाग उठी। घर पहुँची तो देखा राहुल ड्राइंग रूम में सोफे पर बैठा है। उसकी टाइट टी-शर्ट में उसका मस्कुलर बदन साफ झलक रहा था। उसने मुझे देखते ही मुस्कुराकर पूछा, “भाभी, क्या लाई हो? दिखाओ तो!” मैंने हँसते हुए कहा, “अरे, कुछ नहीं, बस यूं ही!” लेकिन उसकी नज़रों में वो शरारत थी, जो मुझे और चिढ़ाने लगी। मैंने लिफाफा छुपाने की कोशिश की, पर वो कहाँ मानने वाला था! उसने झपट्टा मारकर लिफाफा छीन लिया और उसमें से ब्रा निकालकर देखने लगा। उसकी आँखों में एक अजीब सी चमक थी, और वो मुझे ऐसे घूर रहा था जैसे मैं कोई अनछुआ खजाना हूँ। मेरे गाल शर्म से लाल हो गए, और मैं फटाफट बेडरूम में भाग गई।

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बेडरूम में जाकर मैंने खुद को शीशे में देखा। मेरे जिस्म में एक अजीब सी सिहरन दौड़ रही थी। मैंने सोचा, क्यों ना ये ब्रा ट्राई करके देखूँ? मैंने कपड़े उतारे और वो नई ब्रा पहन ली। शीशे में खुद को देखकर मैं खुद पर फिदा हो गई। मेरी 34 साइज़ की ब्रेस्ट उस नेट वाली ब्रा में और भी कातिलाना लग रही थी। तभी मेरे दिमाग में एक शरारती ख्याल आया। क्यों ना राहुल से पूछूँ कि ब्रा कैसी लग रही है? बस, मैंने हिम्मत जुटाई और उसे आवाज़ लगाई, “राहुल, ज़रा इधर आओ ना! देखकर बताओ ये ब्रा कैसी है?”

वो बेडरूम में आया और मुझे उस हालत में देखकर उसकी आँखें फटी की फटी रह गईं। उसकी नज़रें मेरे जिस्म पर ऐसी टिकीं, जैसे वो मुझे निगल जाएगा। उसने धीरे से मेरे पास आकर कहा, “भाभी, ये क्या? इतना हॉट लुक तो मैंने कभी सोचा भी नहीं था!” उसकी आवाज़ में वो कामुकता थी, जो मेरे जिस्म में आग लगा रही थी। मैंने हँसते हुए कहा, “अच्छा, अब तारीफ छोड़ो और बताओ कैसी लग रही हूँ?” वो मेरे और करीब आया, और उसकी गर्म साँसें मेरे गले पर महसूस होने लगीं। उसने मेरी पीठ पर हाथ रखा और धीरे से मेरे कंधे को चूम लिया। मेरे पूरे बदन में करंट सा दौड़ गया। उसने मेरे कान में फुसफुसाया, “भाभी, तुम्हारा ये गोरा बदन और ये परफेक्ट ब्रेस्ट… अब तक कहाँ छुपा रखा था?”

मैंने शरारत भरे अंदाज़ में कहा, “अच्छा, अगर इतना ही शौक है तो सामने से चूमो ना!” बस, फिर क्या था! उसने मुझे अपनी बाहों में खींच लिया और मेरी ब्रा के ऊपर से ही मेरी ब्रेस्ट को चूमना शुरू कर दिया। उसकी गर्म होंठों की हर छुअन मेरे जिस्म में सनसनी पैदा कर रही थी। मैं बेकाबू हो रही थी। उसने धीरे से मेरी ब्रा को साइड किया और मेरे नंगे जिस्म को चूमने लगा। उसकी जीभ मेरे निप्पल्स पर फिसल रही थी, और मैं सिसकारियाँ ले रही थी। मेरा एक हाथ अपने आप उसकी जींस की तरफ बढ़ा, और मैंने उसका 7 इंच का टूल पकड़ लिया। वो इतना मोटा और सख्त था कि मेरे मुँह से “उफ्फ!” निकल गया।

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मैंने जल्दी से अपने पेटीकोट का नाड़ा खींचा और उसका लंड अपनी चूत के पास ले जाकर रगड़ने लगी। उसकी गर्माहट मेरे जिस्म में आग लगा रही थी। मैंने उसे बेड पर धक्का दिया और एक झटके में उसके ऊपर चढ़ गई। मैंने उसका लंड पकड़ा और अपनी चूत की तरफ सेट किया। एक धक्के में मैंने उसे पूरा अंदर ले लिया। “आह्ह!” मेरे मुँह से सिसकारी निकली। मैं ऊपर-नीचे होने लगी, और वो मेरी ब्रेस्ट को ज़ोर-ज़ोर से दबा रहा था। उसकी हर हरकत मुझे और पागल कर रही थी। दो मिनट में ही मैं झड़ गई, लेकिन राहुल का लंड अभी भी खड़ा था, जैसे वो कह रहा हो कि अभी तो बस शुरुआत है।

मैं हाँफते हुए साइड में लेट गई और उससे कहा, “राहुल, ये तो बस ट्रेलर था। जिस दिन भैया घर पर नहीं होंगे, उस दिन पूरी रात तुझे ऐसा मज़ा दूँगी कि तू कभी नहीं भूलेगा!” उसने मुझे एक गहरी चुम्मी दी और कहा, “भाभी, मैं इंतज़ार करूँगा।”